Bihar Board 12th Biology Model Papers
Bihar Board 12th Physics Model Question Paper 2 in Hindi
परिक्षार्थियों के लिए निर्देश :
- परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।
- दाहिनी ओर हाशिये पर दिये हुए अंक पूर्णांक निर्दिष्ट करते हैं।
- इस पत्र को ध्यानपूर्वक पढ़ने के लिए पन्द्रह मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया है।
- इस प्रश्न-पत्र के दो खण्डों में है, खण्ड-अ एवं खण्ड-ब ।
- खण्ड-अ में 35 वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न के लिए 1 अंक निर्धारित है, इनका उत्तर उपलब्ध कराये गये OMR-शीट में दिये गये सही वृत्त को काले / नीले बॉल पेन से भरें। किसी भी प्रकार के व्हाइटनर/तरल पदार्थ/ब्लेड/नाखून आदि का OMR-शीट में प्रयोग करना मना है, अन्यथा परीक्षा परिणाम अमान्य होगा।
- खण्ड-ब में गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, 18 लघुउत्तरीय प्रश्न हैं, जिनमें से किन्ही 10 प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के लिए 2 अंक निर्धारित है। इसके अतिरिक्त खण्ड-ब में 06 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी दिए गए हैं, जिनमें से किन्हीं 3 प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न के लिए 05 अंक निर्धारित हैं।
- किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक-यंत्र का इस्तेमाल वर्जित है।
समय : 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक : 70
खण्ड-अ : वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 1 से 35 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गए सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। (35 × 1 = 35)
प्रश्न 1.
किसमें जनक कोशिका दो भाग में विभक्त होकर नए जीवों को जन्म देती है ?
(a) मोनेरा
(b) प्रोटिस्टा
(c) (a) और (b) दोनों में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों में
प्रश्न 2.
द्विखंडन किसमें पाया जाता है ?
(a) अमीबा में
(b) पारामीशियम में
(c) (a) और (b) दोनों में
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) और (b) दोनों में
प्रश्न 3.
जेम्यूल्स (Gemmules) बनते हैं ?
(a) स्पंज में
(b) हाइड्रा में
(c) पेनिसिलियम में
(d) किसी में नहीं
उत्तर:
(a) स्पंज में
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में कोई एक पुरुष में पाया जाता है
(a) गर्भाशय
(b) भग
(c) लेबिया मेंजोरा
(d) काउपर ग्रंथि
उत्तर:
(d) काउपर ग्रंथि
प्रश्न 5.
मेंडल के प्रयोगों में विकसित लक्षणों की जोड़ी को क्या कहते हैं ?
(a) जीन
(b) फीनोटाइप
(c) जीनोटाइप
(d) ऐलील
उत्तर:
(d) ऐलील
प्रश्न 6.
F,पीढ़ी के संकर पौधे को जब समयुग्मजी अप्रभावी जनक से क्रॉस कराया जाता है तो इसे क्या कहते हैं ?
(a) बैक क्रॉस
(b) टेस्ट क्रॉस
(c) एकसंकर क्रॉस
(d) द्विसंकर क्रॉस
उत्तर:
(b) टेस्ट क्रॉस
प्रश्न 7.
विभिन्न प्रकार के RNA से प्रोटीन संश्लेषण की क्रिया को कहते हैं ?
(a) ट्रांसलोकेशन
(b) ट्रांसक्रिप्सन
(c) ट्रांसफॉरेमेशन
(d) ट्रांसलेशन
उत्तर:
(d) ट्रांसलेशन
प्रश्न 8.
कानों पर बाल की बहुलता का जीन पाया जाता है
(a) X – क्रोमोसोम पर
(b) Y – क्रोमोसोम पर
(c) लिंग निर्धारणीय क्रोमोसोम पर
(d) अलिंगी क्रोमोसोम पर
उत्तर:
(b) Y – क्रोमोसोम पर
प्रश्न 9.
केवल अफ्रीका में ही पाये जाते हैं
(a) जिराफ
(b) जेब्रा
(c) गोरिल्ला
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी
प्रश्न 10.
रेबीज का टीका किसने प्रचलित किया ?
(a) जेनर
(b) पाश्चर
(c) डार्विन
(d) लैमार्क
उत्तर:
(b) पाश्चर
प्रश्न 11.
निम्नांकित में कल्याण सोना किसका किस्म है ?
(a) धान की
(b) गेहूँ की
(c) मक्का की
(d) मटर की
उत्तर:
(b) गेहूँ की
प्रश्न 12.
अंगुलिकाएँ किस जीव से संबंधित है ?
(a) मुर्गी
(b) मधुमक्खी
(c) मछली
(d) रेशम कीट
उत्तर:
(c) मछली
प्रश्न 13.
मानव रक्त में कोलेस्ट्रॉल स्तर को घटाने में सहायक स्टैटिन तैयार होता है
(a) जीवाणु से
(b) शैवाल से
(c) विषाणु से
(d) यीस्ट से
उत्तर:
(d) यीस्ट से
प्रश्न 14.
निम्नलिखित में कौन जैव उर्वरक है ?
(a) साइनोबैक्टीरिया
(b) माइकोराइजा
(c) सहजीवी जीवाणु
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी
प्रश्न 15.
DNA को देखने के लिए प्रयोग किया जाता है।
(a) इथीडियम ब्रोमाइड
(b) एनीलीन ब्लू
(c) सेफ्रेनीन
(d) फास्ट ग्रीन।
उत्तर:
(a) इथीडियम ब्रोमाइड
प्रश्न 16.
कवक को किस जाइम से संसाधित किया जाता है ?
(a) काइटिनेज
(b) लाइसोजाइम
(c) सेलुलोज
(d) गैलेक्टेज
उत्तर:
(a) काइटिनेज
प्रश्न 17.
प्राइमर्स का उपयोग किया जाता है
(a) पी. सी. आर में
(b) क्लोनिंग में
(c) DNA संसाधन में
(d) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(a) पी. सी. आर में
प्रश्न 18.
Bt विष का प्रभाव किस कीट वर्ग पर होता है।
(a) लेपिडॉप्टेशन में
(b) कोलियोप्टेरान में
(c) डायप्टेशन में
(d) इन सभी पर।
उत्तर:
(d) इन सभी पर।
प्रश्न 19.
किसी आबादी का स्वरूप निर्भर करता है
(a) वितरण में पर
(b) घनत्व पर
(c) जातीय रचना में पर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(d) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 20.
किन कारणों से आबादी सदा परिवर्तनशील होती है ?
(a) भौतिक
(b) जैविक
(c) (a) एवं (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) (a) एवं (b) दोनों
प्रश्न 21.
तालाबीय पारिस्थितिक तंत्र में बड़ी मछली क्या होती हैं ?
(a) उत्पादक
(b) अपघटनकर्ता
(c) प्राथमिक उपभोक्ता
(d) तृतीयक उपभोक्ता
उत्तर:
(d) तृतीयक उपभोक्ता
प्रश्न 22.
इनमें से कौन प्रथम श्रेणी के उपभोक्ता हैं
(a) मेढक
(b) जीवाणु
(c) गाय
(d) शेर 1
उत्तर:
(c) गाय
प्रश्न 23.
दूधवा राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है ?
(a) असम
(b) गुजरात
(c) उत्तर प्रदेश
(d) मध्य प्रदेश।
उत्तर:
(c) उत्तर प्रदेश
प्रश्न 24.
आम की लगभग कितनी स्पीसीज भारतवर्ष में मिलती है।
(a) 50
(b) 250
(c) 500
(d) 1000 से अधिक
उत्तर:
(d) 1000 से अधिक
प्रश्न 25.
जब हम ध्रुव से भूमध्य रेखा की ओर बढ़ते हैं तब जैव विविधता
(a) बढ़ती है
(b) घटती है
(c) स्थिर रहती है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) बढ़ती है
प्रश्न 26.
उभयचारियों की संख्या ज्यादा है
(a) मैदानी क्षेत्रों में
(b) रेगिस्तानी क्षेत्रों में
(c) पश्चिमी घाट में
(d) पूर्वी घाट में।
उत्तर:
(c) पश्चिमी घाट में
प्रश्न 27.
अधिक समय तक बार-बार विकिरणों का प्रभाव होता है
(a) त्वचा कैंसर में
(b) फेफड़ों के कैंसर में
(c) रक्त कैंसर में
(d) फ्लोरोसिस में
उत्तर:
(c) रक्त कैंसर में
प्रश्न 28.
निम्न में से कौन विषाणु जनित रोग है ?
(a) फ्लू
(b) पोलियो
(c) एड्स
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी
प्रश्न 29.
वन अवस्था अनुक्रमण के किस रूप का सूचक है ?
(a) चरमावस्था
(b) अग्रगामी
(c) परिवर्ती
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) चरमावस्था
प्रश्न 30.
अमेजन के वनों में पादपों की स्पीशीज है
(a) 10, 000
(b) 20,000
(c) 30,000
(d) 40,000
उत्तर:
(d) 40,000
प्रश्न 31.
भू-मंडल का सबसे बड़ा जैव विविधता वाला क्षेत्र है
(a) पूर्वी हिमालय
(b) भारत का पश्चिमी घाट
(c) अमेजन का वर्षा वन
(d) पश्चिमी हिमालय
उत्तर:
(c) अमेजन का वर्षा वन
प्रश्न 32.
गंगा में शव को प्रवाहित करने से क्या होता है ?
(a) घुलित ऑक्सीजन में कमी
(b) BOD में वृद्धि
(c) जीवाणुओं में वृद्धि
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(d) इनमें से सभी
प्रश्न 33.
वातावरणीय प्रदूषण में लाइकेन महत्वपूर्ण होता है
(a) नाइट्रोजन ऑक्साइड के सूचक के रूप में
(b) सल्फर डाइऑक्साइड के सूचक के रूप में
(c) वातावरण को शुद्ध करने में
(d) कार्बन मोनोक्साइड के सूचक के रूप में
उत्तर:
(b) सल्फर डाइऑक्साइड के सूचक के रूप में
प्रश्न 34.
अत्यधिक अल्कोहल लेने से शरीर का कौन-सा अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है ?
(a) फेफड़ा
(b) यकृत
(c) आमाशय
(d) स्पलीन
उत्तर:
(b) यकृत
प्रश्न 35.
एलर्जी के लक्षणों को कम करने हेतु निम्न में से किसका उपयोग किया जाता है
(a) प्रतिहिस्टैमिन
(b) एड्रिनेलीन
(c) स्टीराईड
(d) इनमें से सभी
उत्तर:
(a) प्रतिहिस्टैमिन
खण्ड-ब : गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 1 से 18 तक सभी लघु उत्तरीय कोटि के प्रश्न हैं। इस कोटि के प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है। आप किन्हीं दस (10) प्रश्नों के उत्तर दें। (10 x 2 = 20)
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
स्त्रियों की लैंगिक क्रिया से आपका क्या तात्पर्य हैं ?
उत्तर:
स्त्रियों की लैंगिक क्रिया (Women’s Sex Action) – स्त्रियाँ भी मैथुन क्रिया में बराबर साझीदार होती हैं। किन्तु इनमें तीव्र उत्साह नहीं होता। जब स्त्री उत्तेजित होती है तब उसके स्तन फूल जाते हैं, कंचुकी खड़ी हो जाती है। क्लाइटोरिस तथा लेविया की माप में वृद्धि हो जाती है। और वे कड़े हो जाते हैं, उपग्रंथियाँ स्रावन करने लगती हैं जिससे वुल्वा और योनि नम हो जाती है और शिश्न को भी नम कर देती है।
इस प्रकार जब मैथुन क्रिया चरम सीमा पर होती है तब योनि में संकुचन होने लगता है, सरविक्स (cervix) में चुषक प्रक्रिया होने लगती है जिससे शुक्राणु गर्भाशय की ओर खिंच जाते हैं। गर्भाशय तथा अण्डवाहिनियों में भी संकुचन होता है और इस प्रकार शुक्राणु गर्भाधान स्थान पर पहुँच जाते हैं।
प्रश्न 2.
किसी परिपक्व बीजांड की आंतरिक संरचना दर्शाते हुए उसका भली-भाँति संकेतित चित्र बनाइए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
यौवनारम्भ किसे कहते है ?
उत्तर:
यौवनारम्भ (Puberty) – मनुष्यों में जनन अंग नर में 13-14 वर्ष के आसपास कार्यशील हो जाते हैं। इस आयु को यौवनारम्भ आयु कहते हैं। लैंगिक परिपक्वन के दौरान नर और मादा दोनों में हार्मोनी परिवर्तन होते हैं तथा इन हार्मोनों के प्रभाव से द्वितीयक लैंगिक लक्षणों में आते हैं-आवाज का भारी होना, कंधों का चौड़ा, दाढ़ी, मूंछ निकल आना तथा बगलों और जघन क्षेत्र में बालों का आना, विशिष्ताएँ विकसित हो जाती हैं। मादाओं में द्वितीयक लैंगिक लक्षणों में आते हैं। बगलों तथा श्रोणि क्षेत्र में बालों का उगना, श्रोणि तथा कूल्हों का चौड़ा होना, स्तनों का उभार तथा रजोचक्र (menstruation) का आरंभ।
प्रश्न 4.
MTP (Medical Termination of Pregnancy) faler क्या है?
उत्तर:
MTP विधियों को सुधारक विधियाँ भी कहते हैं। इन्हें तब इस्तेमाल किया जाता है जब गर्भ ठहर गया है। गर्भपात तथा चूषण (aspiration) ऐसी दो सुधारक विधियाँ हैं जिनके द्वारा गर्भ को यांत्रिक विधि द्वारा अथवा हॉर्मोनों के उपयोग से समाप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 5.
हीमोफिलिया अधिकतर लड़कों में ही क्यों पाया जाता है?
उत्तर:
हीमोफिलिया में जीन X गुणसूत्र पर होते हैं और इसलिए यह दोष। माँ से पुत्र में पहुंचता है। माँ में दो X गुणसूत्र होते हैं जिसमें से हो सकता है कि एक X गुणसूत्र पर सामान्य जीन हो, इसलिए वह सामान्य (दोषरहित) होती है। इसी तरह उस माँ की बेटी भी सामान्य हो सकती है, क्योंकि उसमें माँ के एक दोषपूर्ण X गुणसूत्र के साथ पिता का सामान्य X गुणसूत्र आया पर दोषपूर्ण जीन मौजूद हुआ तब व्यक्ति को यह आनुवंशिक दोष हो ही जाएगा।
प्रश्न 6.
डीएनए का महत्त्व बताइए।
उत्तर:
डीएनए का महत्त्व (Significance of DNA) – डीएनए के दो मुख्य कार्य होते हैं
(i) कोशिका की सभी उपापचयी क्रियाओं का नियंत्रण – डीएनए के अणुओं में चार (A, T, C,G) प्रकार के क्षारकों का एक निश्चित क्रम होता है, जिसमें आनुवंशिक सूचना निहित रहती है। इसके द्वारा DNA कोशिका में एंजाइमों के संश्लेषण को नियंत्रित करता है। यही एंजाइम सभी जैव रासायनिक क्रियाओं पर नियंत्रण रखते हैं।
(ii) स्वयं के द्विगुणन या पुनरावर्तन (Duplication or replication) द्वारा कोशिका जनन में सहायता करना – DNA का अणु स्वयं का द्विगुणन करता रहता है जिससे DNA के एक अणु से उसी प्रकार के दो अणु बनते हैं। कोशिका के केन्द्रक में विद्यमान गुणसूत्रों के सभी DNA अणु द्विगुणित होते हैं, जिसके फलस्वरूप प्रत्येक गुणसूत्र दो सन्नति गुणसूत्रों (daughter chromosomes) में बदल जाता है।
कोशिका के विभाजन के समय इन दोनों में से एक-एक गुणसूत्र एक-एक कोशिका में पहुँच जाता है। इस प्रकार एक ही प्रकार का DNA दोनों संतति कोशिकाओं में बराबर मात्रा में पहुँच जाता है। बार-बार ऐसा होने से कोशिकाओं के विभाजन के साथ-साथ आनुवंशिक सूचना भी पीढी-दर-पीढी हस्तान्तरित होती रहती है।
प्रश्न 7.
सक्रिय तथा निष्क्रिय प्रतिरक्षा क्या है ? उदाहरण के साथ समझाइए।
उत्तर:
जब परपोषी प्रतिजनों (एंटीजेंस) का सामना करता है तो उसके शरीर में प्रतिरक्षी पैदा होते हैं। प्रतिजन, जीवित या मृत रोगाणु या अन्य प्रोटीनों के रूप में हो सकते हैं। इस प्रकार की प्रतिरक्षा सक्रिय प्रतिरक्षा (ऐक्टिव इम्युनिटी) कहलाती है।
सक्रिय प्रतिरक्षा धीमी होती है और अपनी पूरी प्रभावशाली अनुक्रिया प्रदर्शित करने में समय लेती है। प्रतिरक्षीकरण (इम्यूनाइजेशन) के दौरान जानबूझकर रोगाणुओं का टीका देना अथवा प्राकृतिक संक्रमण के दौरान संक्रामक जीवों का शरीर में पहुँचना सक्रिय प्रतिरक्षा को प्रेरित करता है। जब शरीर की रक्षा के लिए बने बनाए प्रतिरक्षी सीधे ही शरीर को दिए जाते हैं तो यह निष्क्रिय प्रतिरक्षा (पैसिव इम्युनिटी) कहलाती है।
क्या आप जानते हैं कि हाल ही में जन्मे शिशु के लिए माँ का द्ध क्यों बहत ही आवश्यक माना जाता है? दुग्धस्रवण (लैक्टेशन) के प्रारंभिक दिनों के दौरान माँ द्वारा स्रावित पीले से तरल ‘पीयूष’ (कोलोस्ट्रम) में प्रतिरक्षियों (IgA) की प्रचुरता होती है जो शिशु की रक्षा करता है। सगर्भता (प्रेग्नेंसी) के दौरान भ्रूण को भी अपरा (प्लेसेंटा) द्वारा माँ से कुछ प्रतिरक्षी मिलते हैं। ये निष्क्रिय प्रतिरक्षा के कुछ उदाहरण हैं।
प्रश्न 8.
हरित क्रांति पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
खाद्य उत्पाद को बढ़ाने के लिए कृषि के क्षेत्र में जो प्रयास किए जाते हैं तथा उसके फलस्वरूप उत्पाद में जो वृद्धि होती है, उसे हरित क्रांति कहते हैं। भारत में इस क्रांति का प्रारंभ 1960 में हुआ। हरित क्रांति को लाने में निम्नलिखित कारकों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है –
- सिंचाई के लिए उपयुक्त प्रबंध होना।
- वैज्ञानिक विधि तथा दृष्टिकोण को कृषि के क्षेत्र में उपयोग में लाना।
- अच्छे तथा अन्य गुणवत्ता वाले उर्वरकों का उपयोग।
- फसलों को खराब तथा नुकसान होने से बचाना।
प्रश्न 9.
पेय पदार्थ जैसे वाइन, बियर, ह्विस्की, ब्रांडी, फलों के रस तथा ब्रैड़ बनाने में सूक्ष्मजीवी कैसे हमारी मदर करते हैं ?
उत्तर:
सूक्ष्मजीव विशेषकर यीस्ट का प्रयोग प्राचीन काल से वाइन, बियर, ह्विस्की, ब्रांडी या रम जैसे पेयों के उत्पादन में किया जाना आ रहा है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए वही यीस्ट सैकेरोमाइसीज सैरीविसी (जो सामान्यतः ब्रीवर्स यीस्ट के नाम से भी प्रसिद्ध है) ब्रैड बनाने तथा माल्टीकृत धान्यों तथा फलों के रसों में ऐथानॉल उत्पन्न करने में प्रयोग किया जाता है। किण्वन तथा विभिन्न प्रकार के संसाधन (आसवन अथवा उसके बिना) कच्चे पदार्थों पर निर्भर करती है, वाइन तथा बियर का उत्पादन बिना आसवन के, जबकि ह्विस्की, ब्रांडी तथा रम किण्वित रस के आसवन द्वारा तैयार किए जाते हैं।
प्रश्न 10.
जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव तकनीक के क्या-क्या अनुप्रयोग हैं ?
उत्तर:
यद्यपि विकास के प्रारंभिक स्तर पर जेनेटिक इंजीनियरिंग और जैव तकनीकी का क्षेत्र विकसित है, फिर भी मनुष्य के स्वास्थ्य के क्षेत्र में और दवाइयाँ, कृषि और उद्योग में इनका योगदान महत्त्वपूर्ण है –
(i) जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से अनेक जेनेटिक व्यतिक्रम (disorder) का आरंभिक अवस्था में पहचानना और इलाज करना संभव हआ है।
(ii) बहुत से जैव तकनीकी उत्पाद दवाइयों के रूप में प्रयोग किए जाते हैं। उनमें से कुछ नीचे दिए गए हैं
- मानव इंसुलिन हॉर्मोन-मधुमेह के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है।
- इंटरफेरॉन (Interferon)-वायरस रोधी के रूप में।
- रक्त थक्का कारक (Blood clotting factor VIII) हीमोफिलिआस के उपचार में।
- टीके (Vaccines)-कई संक्रामक रोगों के निदान में।
(iii) कई बैक्टीरिया तथा सूक्ष्म जीवाणुओं में भी जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से जीन परिवर्तन किया जा चुका है, जिससे ये कई उपयोगी प्रक्रियाएँ संपन्न करते हैं।
(iv) इनकी सहायता से कच्चे पदार्थों से उपयोगी पदार्थों को प्राप्त किया जा सकता है। प्रदूषण को रोका जा सकता है।
(v) कृषि क्षेत्र में पौधों के रोगों से लड़ने की प्रतिरोधकता बढ़ाकर फसलों को उन्नत किया जा सकता है।
स्वास्थ्य और रासायनिक उद्योग में भी जेनेटिक इंजीनियरिंग की सहायता से सूक्ष्म जीव विशिष्ट कार्य कर सकते हैं।
प्रश्न 11.
जीएम पौधों का उपयोग किस प्रकार लाभदायक है ?
उत्तर:
- अजैव प्रतिबलों (जैसे ठंडा, सूखा, लवण, ताप) के प्रति अधिक सहिष्णु फसलों का निर्माण होता है।
- रासायनिक पीड़कनाशकों पर निर्भरता कम हो जाती है।
- कटाई के बाद होने वाले नुकसानों में कमी आती है।
- पौधों द्वारा खनिज उपयोग क्षमता में वृद्धि हो जाती है।
- खाद्य पदार्थों के पोषणिक स्तर में वृद्धि हो जाती है।
प्रश्न 12.
जलोद्भिद् पौधों में अनुकूलन के लक्षण बताएँ।।
उत्तर:
जलोद्भिद् पौधे पानी में या तो पूर्णरूपेण या आंशिक रूप से डूबे रहते हैं अतः इनमें निम्न लक्षण दिखाई देते हैं-फूले हुए पर्णवृत-जैसे आइक हॉर्निया। ये पौधे जल की सतह पर तैरते रहते हैं।
- पर्णवृतों में वायु की उपस्थिति – यह उत्पनावकता प्रदान करता है। प्रकाश-संश्लेषण के दौरान उत्पन्न (O2) का स्थानांतरण वायु कोशिका द्वारा होता है।
- अल्प-विकसित जड़ तंत्र – वुलफिया, सालबिनिया आदि स्वतंत्र रूप से तैरनेवाले जलोद्भिदों में जल अनुपस्थित होता है। हाइड्रिला में अल्पविकसित तथा निफिया में जड़ होता है।
- हवा निकास प्रणाली – जलमग्न पौधों को बाहर उपस्थित पर्णवृत्तों के द्वारा वातावरण से गैसों को बदलने में मदद करती है।
प्रश्न 13.
पारिस्थितिक दक्षता क्या है ? इसके महत्त्व को बताएँ।
उत्तर:
किसी जीव का अपने भोजन स्रोतों के दोहन तथा उस भोजन को जीवभार में परिवर्तित करने की क्षमता, पारिस्थितिक दक्षता प्रदर्शित करती है। इन अनुपातों का परिकलन, ऊर्जा प्रवाह के पथों के विभिन्न जगहों पर ऊर्जा के निर्गत से निवेश के बीच संबंध तय करता है।
दक्षता को प्रतिशत में व्यक्त करने के लिए, इन अनुपातों को 100 से गुणा किया जाता है। प्रकाश संश्लेषी दक्षता सीधी सौर विकिरण को उपयोग करने की क्षमता का मापन करती है। किसी जीव की पारिस्थितिक दक्षता को इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है
प्रश्न 14.
भारत में जैव विविधता संरक्षणी संबंधी प्रयासों पर एक व्याख्यात्मक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जैव विविधता के संरक्षण के लिए स्व-स्थाने एवं पर-स्थाने दोनों ही उपायों की आवश्यकता है। भारत में जैव विविधता के संरक्षण हेतु निम्न प्रयास किए गए हैं –
- स्व-स्थाने – इसके अंतर्गत जैवमंडल निंचय, राष्ट्रीय अभ्यारण्य, वन्य जीवाश्रम स्थल तथा अन्य सुरक्षित क्षेत्रों की स्थापना, वन तथा पर्यावरण मंत्रालय द्वारा की जाती है।
- पर-स्थाने – इसमें वनस्पति उद्यानों, चिड़ियाघर, संरक्षण स्थल एवं जीन, परागकण बीज, पौधे, ऊतक संवर्धन एवं डी. ए. ए. बैंक सम्मिलित हैं। अलिंगी प्रजनित फसलों जैसे आलू के लिए हिमांकतियीय संरक्षण कायिक जनन की जाती है।
प्रश्न 15.
अम्ल वर्षा क्या है ? इसका पौधों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
वृहत् रूप में अम्ल वर्षा उन अनेक तरीकों को कहा जाता है जिससे वायुमंडल से अम्ल धरती पर जमा होता है। अम्ल का जमाव आर्द्र या शुष्क हो सकता है।
आर्द्र जमाव – वर्षा, कुहरा या बर्फ के द्वारा अम्ल के जमाव को आर्द्र जमाव कहते हैं।
शुष्क जमाव – वायु द्वारा बहाकर लाए गए कणों तथा अम्लीय गैसों को कहते हैं जो धरती की सतहों पर बैठ जाते हैं।
नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO2), उड़नशील कार्बनिक यौगिक (VOC5) तथा (SO2) का उत्पादन कोयला (उद्योगों) तथा पेट्रोलियम (ऑटोमोबाइल) के जलने से होता है। ये गैसें हवा में अति प्रतिक्रियात्मक होती हैं। जल में घुलकर धरती पर अम्ल वर्षा के रूप में आ जाती हैं। अम्ल वर्षा का (pH) 5.6 से भी कम होता है।
पौधों पर प्रभाव –
- पादपों की पत्तियों, फूलों तथा फलों को नुकसान पहुँचाता है।
- कुल उत्पादन को कम करता है।
प्रश्न 16.
रजोनिवृत्ति (Menopause) किसे कहते हैं ?
उत्तर:
स्त्रियों में लगभग 40 वर्ष की आयु में मदचक्र अनियमित हो जाता है और धीरे-धीरे या अचानक समाप्त हो जाता है। यह स्थिति एस्ट्रोजन की कमी के कारण उत्पन्न होती है। रजोनिवृत्ति के पश्चात् स्रियाँ गर्भधारण करने में असमर्थ होती हैं इसलिए प्रजनन क्षमता भी समाप्त हो जाती है। इसके ठीक विपरीत पुरुष में शुक्राणु निर्माण अन्तिम समय तक होता रहता है किन्तु उसकी मैथुन क्षमता आयु के साथ-साथ कम होती जाती है।
प्रश्न 17.
परागकोश की संरचना का सचित्र वर्णन करें।
उत्तर:
परागकोश पुंकेसर का वह भाग होता है जिसमें परागकण होते हैं। यह द्विपालित होता है। इसकी प्रत्येक पाली में दो दीर्घाकृत स्थित कोश अर्थात् परागकोश विद्यमान होते हैं।
प्रत्येक परागकोश असंख्यक परागकण धारण करता है। परागकोश की भित्ति 4-5 परतों की बनी होती है। परिवर्धित होते हुए परागकण मध्य परतों एवं टेपीटम के उत्पादों को उपभोग में लाते हुए मात्र बाह्य त्वचा एवं अंतः त्वचा को अवशेष के रूप में छोड़ देते हैं।
प्रश्न 18.
प्रसव किस प्रकार होता है ?
उत्तर:
प्रसव पीड़ा का प्रारंभ प्रसव कहलाता है। इसका नियंत्रण अनेक प्रकार के हॉर्मोन मिलकर करते हैं
- सर्वप्रथम सर्विक्स का मुख खुल जाता है। यह पूर्ण शक्ति के साथ लगातार संकुचित होती है।
- एम्निओन के फटने से एग्नियोटिक द्रव (जल) योनि से बाहर आ जाता है।
- इसके साथ या थोड़ी देर बाद नवजात बाहर आता है।
- बाद में नाभि रज्जु को काट दिया जाता है।
- प्लेसेंटा तथा नाभि रज्जु को बाहर निकाल दिया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्नों संख्या 19 से 24 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है। इस कोटि के प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है। आप किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें। (3 x 5 = 15)
प्रश्न 19.
किसी पुष्पी पादप के जीवन-चक्र में परागण एक महत्त्वपूर्ण परिघटना है। इसके लिए उत्तरदायी कारकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
परागण, परागकणों का परोगकोश से स्थानांतरित होकर पुष्प के वर्तिकाग्र की सतह पर जमा होने की प्रक्रिया है।
एक ही पुष्प के परागकोश से पराग उसी पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरित हो जाएँ तो यह स्थिति स्वपरागण अथवा स्वमयुग्मन कहलाती है। उदाहरण-मटर, गेहूँ, धान आदि।
जब परागकण एक पुष्प के परागकोश से उसी पादप के दूसरे पुष्प तक चला जाता है तो यह सपादयीइस परागण कहलाती है। कुछ पादपों में परागकण एक पुष्प के परागकोश से दूसरे पादप के पुष्प तक पहुँचते हैं, इसे परपरागण कहते हैं। परागण किसी पुष्पी पादप के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है क्योंकि परागण के पश्चात् ही पौधे में निषेचन की प्रक्रिया संभव हो पाती है। लैंगिक जनन हेतु परागण अत्यंत आवश्यक कदम है। परागण के लिए अनेक कारक उत्तरदायी हैं।
वायु-परागण (Anemophily) – सामान्यतः एकलिंगी पौधों यथा नारियल, खजूर, मक्का, घास की विभिन्न जातियाँ, भांग आदि में परागण वायु द्वारा होता है।
इनमें परागकण बड़ी संख्या में सूक्ष्म, सपाट व शुष्क होते हैं अतः वायु की दिशा में परागकण बहुत दूरी तक गति करते हैं चीड़ के पंख-युक्त। परागकण जनक पादपों से कई सौ किलोमीटर दूर तक पाए जाते हैं।
जल-परागण (Hydrophily) – जलोद्भिद पौधों में वैलिसनैरिया, सिरैटोफिल्लम एवं जोस्टेरा आदि में नर तथा मादा पुष्प जल में तैरते हुए एक-दूसरे से मिलकर निषेचित हो जाते हैं।
जंतु-परागण (Zoophily) – मकरंद एवं सुंगधि तथा चटरन रंग कीटों को पुष्पों की ओर आकर्षित करते हैं। ऐस्टरेसी एवं लेमिएसी कुल के पुष्प मधुमक्खियों एवं तितलियों द्वारा परगित किए जाते हैं। इन्हें कीट-परागण कहते है।
चिड़ियों द्वारा पक्षी-परागण, परारा, बोतल-ब्रुश, ठाक एवं सिल्क कॉटन वृक्ष आदि में होता है।
कल्प वृक्ष अण्डसोनिया एवं काइजीलिया में परागण चमगादड़ों द्वारा संपन्न किया जाता है जिसे चमगादड़-परागण कहते हैं। .
प्रश्न 20.
मनुष्य मादा जनन-तंत्र का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मादा जनन-तंत्र में एक जोड़ी अण्डाशय एक जोड़ी अण्डवाहिनियाँ (अथवा फैलोपियन नलिकाएँ) गर्भाशय तथा योनिमार्ग आते है
अण्डाशयों में अण्डे बनते हैं तथा वे मादा लिंग हार्मोनों का स्राव करते हैं। अण्डाशय में अण्डे बनने की प्रक्रिया को अण्डजनन (oogenesis) कहते हैं। मानव मादा जनन-तंत्र में एक जोड़ी अण्डवाहिनियाँ (oviducts) अथवा फैलोपियन नलिकाएँ होती हैं। प्रत्येक अण्डवाहिनी के सामने वाला सिरा कीपाकार बन जाता है।
यह अण्डाशय से निकले अण्डों को अपने में ले लेता है। दोनों फैलापियन नलिकाएँ गर्भाशय में खुलती हैं। गर्भाशय (uterus) एक नाशपाती के आकार का, पेशीय, मोटी दीवार वाला अंग होता है। गर्भाशय का निचला सिरा योनिमार्ग में खुलता है जो बाहर की ओर एक जनन छिद्र द्वारा खुलता है।
योनिमार्ग वह अंग है जिसमें सम्भोग के दौरान शिश्न पहुँचाया जाता है और वहाँ वीर्य छोड़ दिया जाता है। यही योनिमार्ग के प्रसव के समय जन्म नलिका का काम करती है। मानव मादाओं में मूत्र मार्ग तथा जनन वाहिनी के छिद्र अलग-अलग होते हैं।
प्रश्न 21.
मृदा प्रदूषण किस प्रकार के होते हैं ? वर्णन करें।
उत्तर:
(i) अपशिष्ट – औद्योगिक अपशिष्ट, नगरीय अपशिष्ट तथा मेडिकल एवं अस्पतालों के अपशिष्ट को फेंकने से भूमि प्रदूषित हो जाती है। औद्योगिक ठोस अपशिष्ट, औद्योगिक उत्सर्जन के गिरने तथा ताप ऊर्जा संयंत्र से निकलने वाला फ्लाई आस-पास के पर्यावरण को दूषित करता है। रेडियो विकिरण पदार्थ, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र से निकल कर मृदा को संक्रमित करते हैं।
(ii) नगरीय अपशिष्ट – इसके अंतर्गत घरेलू तथा रसोई के अपशिष्ट, बाजार के अपशिष्ट, अस्पताल, पशुओं एवं पोल्ट्री के अपशिष्ट, कसाईखानों के अपशिष्ट आते हैं।
पोलिथिन बैग, प्लास्टिक शीट, प्लास्टिक तथा शीशे की बोतलें, धातु सूईयाँ आदि नगरीय अपशिष्ट के उदाहरण हैं।
(iii) कृषि रसायन – कीटनाशक, खरपतवार नाशक, अत्यधिक अकार्बनिक उर्वरक आदि मृदा के रासायनिक गुणों को बदल देते हैं।
(iv) खनन ऑपरेशन-विकृत खनन से ऊपरी भूमि का पूरी तरह नुकसान होता है तथा पूरा क्षेत्र जहरीली धातु एवं रसायन से संक्रमित हो जाता है।
प्रश्न 22.
डीएनए खंड का पृथक्करण एवं विलगन कैसे किया जाता है?
उत्तर:
डीएनए खंड का पृथक्करण एवं विलगन-प्रतिबंधन एंडोन्यूक्लिएज द्वारा डीएनए को काटने के परिणामस्वरूप डीएनए का खंडन हो जाता है। इन खंडों को एक तकनीक द्वारा अलग कर सकते हैं जिसे जेल वैद्युत का संचलन (इलेक्ट्रोफेरेसिस) कहते हैं।
चूँकि डीएनए खंड ऋणात्मक आवेशित (चार्जड) अणु होते हैं, इसलिए इन्हें विद्युत क्षेत्र में माध्यम/आधात्री द्वारा ऐनोड की तरफ बलपूर्वक भेजकर अलग कर सकते हैं। आजकल बहुत ही सामान्य रूप से उपयोग किया जाने वाला माध्यम, ऐगारोज है जो समुद्रीय घास (सी वीडस) से निकाला गया एक प्राकृतिक बहुलक (पॉलिमर) है।
डीएनए खंडो को ऐगारोज जेल के छलनी प्रभाव द्वारा उनके आकार के अनुसार अलग करते हैं। इस कारण खंड इतने छोटे आकार के होंगे, वे अधिक दूर तक जायेंगे। चित्र देखिए और अनुमान लगाइए कि जेल के किस सिरे पर प्रतिदर्श (सेंपल) लादा गया था।
चित्र : एक प्रारूपी एगारोज जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस जो असार संग्रही (पथ 1) व सार संग्रही डीएनए खंडों के समूह का स्थानांतरण प्रदर्शित करता है
(पथ 2 से 4)
पृथक्कृत डीएनए खंडों को तभी देख सकते हैं जब इस डीएनए को इथीडियम ब्रोमाइड नामक यौगिक से अभिरंजित कर पराबैंगनी विकिरणों से अनावृत्त करते हैं। (आप शुद्ध डीएनए खंडों को दृश्य प्रकाश में बिना अभिरंजित किए नहीं देख सकते।) इथीडियम ब्रोमाइड अभिरंजित (स्टेन्ड) जेल को पराबैंगनी प्रकाश से अनावृत्त करने पर डीएनए की चमकीली नारंगी रंग की पट्टी दिखाई पड़ती है (चित्र)।
डीएनए को पृथक्कृत पट्टियों को ऐगारोज जेल से काट कर निकालते हैं और जेल के टुकड़ों से निष्कर्षित। (एक्सट्रेक्ट) कर लेते हैं। इस प्रक्रिया को क्षालन (इलूसन) कहते हैं। इस। तरह से शुद्ध किए गए डीएनए को क्लोनिंग संवाहक से जोड़कर, पुनर्योगज डीएनए निर्माण में उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 23.
निम्नलिखित की परिभाषा दीजिए-(क) सतह रोगाणुनाशन (ख) उपसंवर्धन (ग) कायिक भ्रूण (घ) प्रोटोप्लास्ट (ङ) कायिक – संकर (च) बायोटेक्नोलॉजी (छ) पारजीन (ज) पारजीनी जीव (झ) प्रतिपालनीय कृषि (ञ) रोगाणुनाशक।
उत्तर:
(क) सतह रोगाणुनाशन-संवर्धन के लिए उपयोग किए जाने वाले कर्तोतकों, संवर्धन पात्रों, पोष पदार्थों एवं उपकरणों को सूक्ष्मजीवों से मुक्त करने के लिए जिस विशिष्ट प्रतिसूक्ष्मजैविक से उपचारित किए जाते हैं उन्हें सतह रोगाणुनाशन कहते हैं।
(ख) उपसंवर्धन-ऊतक संवर्धन हेतु प्रयुक्त कोशिका या ऊतक को मरने से बचाने के लिए नियमित रूप से नवनिर्मित पोष पदार्थयुक्त संवर्धन पात्रों में स्थानांतरित किया जाता रहता है। इस प्रक्रिया को उपसंवर्धन कहते हैं।
(ग) कायिक भ्रूण-किसी कायिक कोशिका से परिवर्धित होने वाले भ्रूण को कायिक भ्रूण कहा जाता है।
(घ) प्रोटोप्लास्ट-कायिक संकरण में पादप कोशिकाओं की भित्ति को पेक्टिनेस एवं सेल्युलेस एंजाइमों के मिश्रण से पाचन करवाने के पश्चात् शेष बचे जीवद्रव्य कला से घिरे कोशिकाद्रव्य प्रोटोप्लास्ट कहलाते हैं।
(ङ) कायिक संकर-दो भिन्न किस्मों या स्पीशीज की कायिक कोशिकाओं के संगलन से प्राप्त संकरों को कायिक संकर कहते हैं।
(च) बायोटेक्नोलॉजी-सूक्ष्मजीवों, जंतु एवं पादप कोशिकाओं अथवा उनके घटकों के उपयोग से मानव उपयोगी उत्पादों या सेवाओं के सृजन को बायोटेक्नोलॉजी कहते हैं।
(छ) पारजीन-आनुवंशिक, इंजीनियरी विधि से किसी जीव से वांछित जीन को विलग कर इसे किसी अन्य जीव में स्थानांतरित एवं अभिव्यक्त किए गए, उस जीन का पारजीन कहते हैं।
(ज) पारजीनी जीव-पारजीनी जीव वह जीव है जिसमें कोई पारजीन उपस्थित एवं अभिव्यक्त होता है।
(झ) प्रतिपालनीय कृषि-ऐसी कृषि पद्धति जिसमें आज की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति बिना प्रदूषण के पूरी हो तथा इससे भविष्य की पीढ़ियों द्वारा अपनी आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े।
(ब) रोगाणुनाशक-वे जैविक कारक, जिनका उपयोग खरपतवारों, कीटों एवं रोगजनकों के नियंत्रण के लिए किया जाता है रोगाणुनाशक कहलाते हैं।
प्रश्न 24.
प्रतिजैविक क्या है ? इनका उत्पादन कैसे किया जाता है ? इनकी क्रियाविधि क्या है ?
उत्तर:
प्रतिजैविक (antibiotics) वे रासायनिक पदार्थ हैं जो किसी सूक्ष्मजीवी में उपापचय के फलस्वरूप उत्पन्न होते हैं, तथा दूसरे सूक्ष्मजीवी को मार डालते हैं। सन् 1928 में सर एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने देखा कि पैनिसिलियम (Penicillium) नामक कवक से कोई ऐसा पदार्थ निकलता है जो स्टैफिलोकोक्कस ऑरियस (Staphylococcus aureus) नामक जीवाणु को मार डालता है। इस पदार्थ का नाम पेनिसिलीन (Penicillin) रखा गया।
अगले दशक में इस पदार्थ को पृथक्कृत करने में सफलता मिली। सन् 1943 में वैक्समैन (Waksman) ने स्ट्रेप्टोमाइसीन (Streptomycin) नामक प्रतिजैविक का पृथक्करण किया। तब से अनेक प्रतिजैविकों की खोज की जा सकी है और इन्हें व्यावसायिक स्तर पर उत्पादित किया जा रहा है। इनमें से कुछ प्रतिजैविक व उनके स्रोत (सूक्ष्मजीवी) निम्नलिखित हैं –
- बैसिदेसिन-बैसिलस लाइकेनिफार्मिस
- क्लोरोमाइसिटिन-स्ट्रेप्टोमाइसीज वेनिजुएली
- टेट्रासाइक्लीन-स्ट्रेप्टोमाइसीज ऑरिओफेसिएन्स
- एरिथ्रोमाइसीन-स्ट्रेप्टोमाइसीज एरिथ्रीएस।
प्रतिजैविकों का उत्पादन-जिस सूक्ष्मजीवी से प्रतिजैविक प्राप्त करना हो, तो उसे उपयुक्त संवर्धन माध्यम में उगा लेते हैं। माध्यम में सूक्ष्मजीवी के एक-समान संवर्धन के लिए माध्यम को निरंतर हिलाते रहते हैं। बाद में सूक्ष्मजीवी को छानकर या अन्य विधियों द्वारा अलग कर देते हैं तथा शेष माध्यम में से प्रतिजैविक को रासायनिक विधियों से अलग कर लेते हैं।
प्रतिजैविकों की क्रियाविधि-सभी प्रतिजैविक सभी प्रकार के जीवाणुओं, कवकों इत्यादि को नष्ट नहीं कर सकते। कुछ प्रतिजैविक अनेक सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर सकते हैं। इन्हें विस्तृत प्रतिजैविक (broad spectrum antibiotic) कहते हैं। इसके विपरीत कुछ प्रतिजैविक केवल कुछ ही सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर सकते हैं। प्रतिजैविक जीवाणुओं पर विभिन्न प्रकार से क्रिया करके नष्ट करते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
- कोशिका भित्ति को नष्ट करके
- प्रोटीन संश्लेषण में व्यवधान करके
- न्यूक्लिक अम्ल संश्लेषण में व्यवधान उत्पन्न करके।
प्रतिजैविक मुख्यतः कवकों, एक्टिनोमाइसिटीज व जीवाणुओं से प्राप्त होते हैं।