Bihar Board 12th Physics Model Papers
Bihar Board 12th Physics Model Question Paper 3 in Hindi
परिक्षार्थियों के लिए निर्देश :
- परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दें।
- दाहिनी ओर हाशिये पर दिये हुए अंक पूर्णांक निर्दिष्ट करते हैं।
- उत्तर देते समय परीक्षार्थी यथासंभव शब्द-सीमा का ध्यान रखें।
- इस प्रश्न-पत्र को ध्यानूपर्वक पढ़ने के लिये 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया गया है।
- यह प्रश्न-पत्र दो खण्डों में है, खण्ड-अ एवं खण्ड-ब ।
- खण्ड-अ में 35 वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं, सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक के लिए एक अंक निर्धारित है, इनके उत्तर उपलब्ध कराये गये ओ एम आर-शीट में दिये गये वृत्त को काले/नीले बॉल पेन से भरें। किसी भी प्रकार का व्हाइटनर/तरल पदार्थ/ब्लेड/नाखून आदि को ओ एम आर पत्रक में प्रयोग करना मना है, अन्यथा परीक्षा परिणाम अमान्य होगा।
- खण्ड-ब में 18 लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं प्रत्येक के लिये दो अंक निर्धारित है, जिनमें से किन्हीं 10 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है।
इनके अतिरिक्त इस खण्ड में 06 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं प्रत्येक के लिये 5 अंक निर्धारित है, जिनमें से किन्हीं 3 प्रश्नों का उत्तर देना है। - किसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक यंत्र का उपयोग वर्जित है।
समय 3 घंटे 15 मिनट
पूर्णांक : 70
खण्ड-अ : वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 1 से 35 तक के प्रत्येक प्रश्न के साथ चार विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से एक सही है। अपने द्वारा चुने गए सही विकल्प को OMR शीट पर चिह्नित करें। (35 × 1 = 35)
प्रश्न 1.
कूलम्ब बल है :
(a) केन्द्रीय बल
(b) विद्युत बल
(c) दोनों (a) तथा (b)
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(c) दोनों (a) तथा (b)
प्रश्न 2.
परिपथ का गुण जो विद्युतीय ऊर्जा को ताप में बदलता है, कहलाता है
(a) प्रतिरोध
(b) धारा
(c) वोल्टता
(d) विद्युत वाहक बल
उत्तर-
(a) प्रतिरोध
प्रश्न 3.
व्हीटस्टोन ब्रीज में भुजा प्रतिरोध PQ,R एवं S हो तो संतुलन की स्थिति में
(a) P+Q=R+S
(b) \(\frac{P}{Q}=\frac{R}{S}\)
(c) \(Q P=\frac{S}{R}\)
(d) इनमें
(b) \(\frac{P}{Q}=\frac{R}{S}\)
प्रश्न 4.
किसी धातु का ताप बढ़ने पर उसका प्रतिरोध
(a) बढ़ता है
(b) घटता है
(c) नियत रहता है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) बढ़ता है
प्रश्न 5.
एक आदर्श वोल्टमीटर का प्रतिरोध होता है
(a) अनन्त
(b) शून्य
(c) 50000Ω
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) अनन्त
प्रश्न 6.
समान आवेश के 2 कण A तथा B समान विभवान्तर में त्वरित होने के बाद एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करके तथा R1 एवं R2 त्रिज्याओं के क्रमशः वृत्तीय मार्गों को बनाते हैं तो A एवं B के द्रव्यमानों का अनुपात है :
उत्तर-
(c) \(\left(\frac{R_{1}}{R_{2}}\right)^{2}\)
प्रश्न 7.
एम्पियर छोटा मात्रक है
(a) शक्ति का
(b) आवेश का
(c) ऊर्जा का
(d) विभवान्तर का
उत्तर-
(b) आवेश का
प्रश्न 8.
चुम्बकीय फ्लक्स का S.I. मात्रक होता है
(a) हेसला
(b) हेनरी
(c) वेबर
(d) जूल-सेकेन्ड
उत्तर-
(c) वेबर
प्रश्न 9.
डायनेमो का कार्य सिद्धान्त आधारित है।
(a) धारा के उष्मीय प्रभाव पर
(b) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर
(c) प्रेरित चुम्बकत्व पर
(d) प्रेरित विद्युत पर
उत्तर-
(b) विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर
प्रश्न 10.
तप्त तार आमीटर मापता है प्रत्यावर्ती धारा का
(a) उच्चतम मान
(b) औसत मान
(c) मूल औसत वर्ग धारा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(b) औसत मान
प्रश्न 11.
ट्रांसफार्मर का क्रोड बनाने के लिये सबसे उपयुक्त पदार्थ निम्नलिखित में से कौन है
(a) मुलायम इस्पात
(b) ताँबा
(c) स्टेनलेस स्टील
(d) अलनीको
उत्तर-
(a) मुलायम इस्पात
प्रश्न 12.
किसी परिपथ में 0.15 में धारा 5.0A से शून्यतक गिरती है । यदि औसत विद्युत वाहक बल 200 V प्रेरित हो तो परिपथ का स्वप्रेरकत्व होगा
(a) 4H
(b) 3H
(c) 4mH
(d) 3mH
उत्तर-
(a) 4H
प्रश्न 13.
चुम्बकीय प्रेरण के समय के साथ बदलने से किसी बिन्दु पर उत्पन्न होता है
(a) गुरुत्वीय क्षेत्र
(b) चुम्बकीय क्षेत्र
(c) वैद्युत क्षेत्र
(d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर-
(c) वैद्युत क्षेत्र
प्रश्न 14.
निम्नांकित में महत्तम वेधन क्षमता किसकी होती है ?
(a) -किरणें
(b) कैथोड किरणें
(c) -किरणे
(d) Y-किरणें
उत्तर-
(d) Y-किरणें
प्रश्न 15.
एक गोलीय दर्पण को पानी में डुबा दिया जाता है । इसकी फोकस दूरी
(a) बढ़ जायेगी
(b) घट जायेगी
(c) अचर रहेगी
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(c) अचर रहेगी
प्रश्न 16.
एक प्रकाश किरण काँच (अपवर्तनांक = 5/3 ) से पानी (अपवर्तनांक = 4/3) में जा रही है । क्रांतिक कोण होगा
उत्तर-
(b) \(\sin ^{-1}\left(\frac{4}{5}\right)\)
प्रश्न 17.
ऑप्टिकल फाइबर किस सिद्धान्त पर काम करता है ?
(a) प्रकीर्णन
(b) अपवर्तन
(c) वर्ण विक्षेपण
(d) पूर्णआन्तरिक परावर्तन
उत्तर-
(d) पूर्णआन्तरिक परावर्तन
प्रश्न 18.
लेंस की शक्ति का मात्रक होता है
(a) लैम्डा
(b) कैण्डैला
(c) डायोप्टर
(d) वाट
उत्तर-
(c) डायोप्टर
प्रश्न 19.
सरल सूक्ष्मदर्शी से बना प्रतिबिम्ब होता है
(a) आभासी और सीधा
(b) काल्पनिक और उल्टा
(c) वास्तविक और सीधा
(d) वास्तविक और उल्टा
उत्तर-
(a) आभासी और सीधा
प्रश्न 20.
प्रकाश तरंग होती है
(a) अनुप्रस्थ तरंग
(b) अनुदैर्ध्य तरंग
(c) प्रगामी तरंग
(d) इनमें से कोई नहीं |
उत्तर-
(a) अनुप्रस्थ तरंग
प्रश्न 21.
किसी अवरोध की कोर से प्रकाश का मुड़ना कहलाता है
(a) विक्षेपण
(b) विवर्तन
(c) अपवर्तन
(d) व्यतिकरण
उत्तर-
(b) विवर्तन
प्रश्न 22.
1 मेगा इलेक्ट्रान वोल्ट ऊर्जा वाले फोटॉन का संवेग होगा
(a) 10-22kgm/s
(b) 10-26kgmls
(c) 5 x 10-22 kgm/s
(d) 7 x 10-24 kgm/s
उत्तर-
(c) 5 x 10-22 kgm/s
प्रश्न 23.
λ तरंग-दैर्ध्य वाले फोटॉन की ऊर्जा है
(a) hcλ
(b) \(\frac{h c}{\lambda}\)
(c) \(\frac{h \lambda}{c}\)
(d) \(\frac{\lambda}{h c}\)
उत्तर-
(b) \(\frac{h c}{\lambda}\)
प्रश्न 24.
जब कोई हाइड्रोजन परमाणु निम्नतम ऊर्जा अवस्था से उदीप्त होकर चतुर्थ कक्षा में आ जाता है तो यह अधिकतम कितनी वर्णक्रम रेखायें उत्सर्जित कर सकता है ?
(a) 6
(b) 4
(c) 3
(d) 1
उत्तर-
(a) 6
प्रश्न 25.
रिडवर्ग नियतांक का मात्रक है
(a) m-1
(b) m मीटर
(c) S-1 प्रति सेकेण्ड
(d) S सेकेन्ड
उत्तर-
(a) m-1
प्रश्न 26.
निम्नलिखित में कौन आवेश रहित कण है ?
(a) α-कण
(b) β-कण
(c) प्रोटॉन
(d) फोटॉन ।
उत्तर-
(c) प्रोटॉन
प्रश्न 27.
α-किरणें है
(a) विद्युत चुम्बकीय तरंग
(b) ऋण आवेशित कण
(c) धन आवेशित कण
(d) आवेश रहित कण
उत्तर-
(c) धन आवेशित कण
प्रश्न 28.
अर्द्धचालक में अशुद्धि मिलाने की क्रिया को कहा जाता है
(a) डोपिंग
(b) हाइब्रीडायजेशन
(c) अनुशीलन
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) डोपिंग
प्रश्न 29.
N -प्रकार के अर्द्धचालक में मुख्य धारावाहक होते हैं
(a) प्रोटॉन
(b) होल
(c) 4-कण
(d) इलेक्ट्रॉन
उत्तर-
(d) इलेक्ट्रॉन
प्रश्न 30.
ताप बढ़ने से अर्द्धचालक का प्रतिरोध ।
(a) बढ़ता है
(b) घटता है
(c) नियत रहता है
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(b) घटता है
प्रश्न 31.
Ph संधि डायोड का उपयोग करते हैं
(a) प्रवर्द्धक
(b) दोलन
(c) मोडुलेटा
(d) दिष्टकारी की तरह
उत्तर-
(d) दिष्टकारी की तरह
प्रश्न 32.
P-प्रकार एवं N-प्रकार का अर्द्धचालक होता है
(a) विद्युतीय उदासीन
(b) विद्युतीय धनात्मक
(c) विद्युतीय ऋणात्मक
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(a) विद्युतीय उदासीन
प्रश्न 33.
h ऊँचाई के एण्टिना से टी. वी. संकेत अधिकतम दूरी तक प्राप्त किये जा सकते हैं
उत्तर-
(a) \(\sqrt{2 / h R}\)
प्रश्न 34.
भू-तरंगों का ध्रुवण होता है
(a) किसी भी दिशा में
(b) 60° के कोण
(c) लंबवत
(d) समानान्तर
उत्तर-
(c) लंबवत
प्रश्न 35.
संचार तंत्र का भाग नहीं है
(a) प्रेषण
(b) संचरण
(c) अभिग्रहण
(d) ऊर्जा
उत्तर-
(d) ऊर्जा
खण्ड-ब : गैर-वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न संख्या 1 से 18 तक सभी लघु उत्तरीय कोटि के प्रश्न हैं। इस कोटि के प्रत्येक के लिए 2 अंक निर्धारित है । आप किन्हीं दस (10) प्रश्नों के उत्तर दें। (10 x 2 = 20 )
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
परावैद्युत शक्ति एवं. आपेक्षिक परावैद्युतांक को परिभाषित करें।
उत्तर-
आपेक्षिक परावैद्युतांक :-किसी माध्यम की आपेक्षिक परावैद्युतांक को निर्वात या वायु में दो बिन्दु आवेशों के मध्य कूलम्ब बल F तथा समान दूरी पर माध्यम में स्थित दो बिन्दु आवेशों के मध्य बल F के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है।
\(\varepsilon_{r}=\frac{F}{F_{m}}\)
परावैद्युत शक्ति (Dielectric Strength)-किसी परावैद्युत के विद्युत | विभंजन के बिना उस पर आरोपित किये जा सकने वाली विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का अधिकतम मान ही पदार्थ का परावैद्युत शक्ति कहलाता है।
प्रश्न 2.
विद्युत क्षेत्र (E) और क्षेत्र के दो बिन्दुओं के बीच विभवान्तर (V) का संबंध स्थापित करें ।
उत्तर-
E = \(-\frac{d v}{d r}\) ऋणात्मक चिह्न यह सूचित करता है कि दूरी बढ़ने पर विभव का मान घटता है ।
\(\frac{d v}{d r}\) को विभव प्रबलता भी कहा जाता है ।
प्रश्न 3.
विभवमापी के दो उपयोग को लिखें।
उत्तर-
(i) इसके द्वारा दो सेल के विद्युत वाहक बल की तुलना की जाती है। (ii) इसके द्वारा सेल के आन्तरिक प्रतिरोध का मान निकाला जाता है।
प्रश्न 4.
सीबेक प्रभाव क्या होता है ?
उत्तर-
सीबेक प्रभाव-यदि किसी ऊष्मा युग्म के एक जंक्शन को ठंढ़े में तथा दूसरे जंक्शन को पानी में रखकर गर्म किया जाता है, (जिससे दोनों जंक्शन का ताप भिन्न रहता है) तो ऊष्मायुग्म से होकर धारा प्रवाहित होती है। इसे सीबेक प्रभाव कहते हैं। इस तरह से उत्पन्न धारा को ऊष्मा विद्युत धारा कहते हैं तथा वि० वा० बल को ऊष्मा विद्युत वाहक बल (Thermo electric emf) कहते हैं।
प्रश्न 5.
विद्युत चुम्बक तथा स्थायी चुम्बक में अंतर बताइये ।
उत्तर-
विद्युत चुम्बक तथा स्थायी चुम्बक में अंतर :
विद्युत चुम्बक
(i) इसमें अल्प चुम्बकीय क्षेत्र (H) के लिए अत्यधिक चुम्बकन तीव्रता होती है
(ii) अल्प शैथिल्य हानि होती है
स्थायी चुम्बक
(i) स्थायी चुम्बक इस्पात के बनाये जाते हैं ।
(ii) इसमें अधिक शैथिल्य हानि होती है ताकि पदार्थ में अधिक ऊर्जा जमा हो सके ।
प्रश्न 5.
भंवर धारा किस कहते हैं ?
उत्तर-
जब किसी धातु के टुकड़े को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है अथवा किसी चुम्बकीय क्षेत्र में इस प्रकार गति करता है कि उससे बद्ध चुम्बकीय फ्लक्स में लगातार परिवर्तन हो, तो धातु के सम्पूर्ण आयतन में प्रेरित धारा उत्पन्न हो जाती है । ये धारायें धातु के ‘g’ टुकड़े की गति का विरोध करती है । इन धाराओं को भँवर धारा कहते हैं।
प्रश्न 7.
ट्रांसफॉर्मर क्या है ? परिणमन अनुपात किसे कहते हैं ?
उत्तर-
ट्रांसफॉर्मर-यह एक इस तरह का उपकरण है जो निम्न विभव पर उच्च धारा को उच्च प्रत्यावर्ती विभव पर निम्न धारा में बदलता है। यह पारस्परिक प्रेरण पर आधारित होता है । परिणमन अनुपात (Transformation Ratio)-ट्रांसफॉर्मर की द्वितीय कुंडली में घुमावों की संख्या (Ns) तथा प्राथमिक कुंडली में तार में लपेटनों की संख्या (Np) के अनुपात को परिणमन अनुपात कहते हैं । इसे k से सूचित किया जाता है ।
\(\frac{N_{s}}{N_{p}}=k\) को परिणमन अनुपात कहते हैं ।
प्रश्न 8.
विद्युत चुम्बकीय तरंगों तथा ध्वनि तरंगों में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर-
विद्युत चुम्बकीय तरंगों तथा ध्वनि तरंगों में निम्नलिखित अन्तर हैं :
विद्युत चुम्बकीय तरंगें ।
- विद्युत चुम्बकीय तरंगें अनुप्रस्थ होती हैं।
- इसके संचरण के लिए भौतिक माध्यम आवश्यक नहीं है अर्थात् ये निर्वात में भी संचरित होती हैं।
- इसमें वैद्युत तथा चुम्बकीय क्षेत्र परस्पर लम्बवत् तथा तरंग की गति की दिशा के लम्बवत् कम्पन करते हैं।
- इनकी चाल निर्वात् में 3x 108 मी./से. अर्थात् प्रकाश के वेग के बराबर यानि अत्यधिक होती है ।
ये ध्रुवण का गुण नहीं दर्शाती हैं ।
ध्वनि तरंगें
- ध्वनि तरंगें वायु में अनुदैर्घ्य होती हैं ।
- इसके संचरण के लिए भौतिक माध्यम आवश्यक है अर्थात् ये तरंगें निर्वात में संचरित नहीं होती हैं ।
- इसमें माध्यम के कण तरंग गति की दिशा में कम्पन करते हैं ।
- इनकी चाल अपेक्षाकृत बहुत कम अर्थात् 0°C पर 320 मी./से. होती है।
ये ध्रुवण का गुण भी दर्शाती हैं |
प्रश्न 9.
किसी द्वि उत्तल लेंस की वक्रता त्रिज्या क्रमशः 10 cm तथा 15 cm है । यदि इसकी फोकस दूरी 12 cm हो तो लेंस के पदार्थ का अपवर्तनांक क्या होगा ?
उत्तर-
लेंस के सूत्र से
प्रश्न 10.
क्रान्तिक कोण को परिभाषित करें तथा इसकी शर्तों को लिखें।
उत्तर-
क्रान्तिक कोण (Critical Angle) क्रांतिक कोण सघन माध्यम में वह आपतन कोण है जिसके संगत विरल माध्यम में अपवर्तन कोण 90° होता है ।
पूर्ण आन्तरिक परावर्तन की शर्ते %
(i) आपतन कोण का मान क्रांतिक कोण से बड़ा होना चाहिये ।
(ii) प्रकाश की किरण को सघन माध्यम से विरल माध्यम की ओर जाना | चाहिए ।
प्रश्न 11.
X-rays (X-किरणों) के दो गुणों को लिखें।
उत्तर-
- यह किरण चुम्बकीय क्षेत्र या विद्युतीय क्षेत्र में विक्षेपित नहीं होती है।
- यह विद्युत चुम्बकीय तरंग के वेग से गमन करती है ।
प्रश्न 12.
नाभिकीय बल के दो गुणों को लिखें ।
उत्तर-
- यह सिर्फ आकर्षण बल है ।
- यह प्रकृति में सबसे मजबूत बल है ।
- यह असंरक्षित बल है
- यह व्युत्क्रम वर्ग नियम का पालन नहीं करता है ।
प्रश्न 13.
इलेक्ट्रॉन 100 V से त्वरित होता है । उसका डी ब्रोगली तरंग-दैर्घ्य ज्ञात करें।
उत्तर-
हम जानते हैं कि
प्रश्न 13.
फोटो विद्युत प्रभाव क्या है ? इसका समीकरण लिखें।
उत्तर-
प्रकाश किरणों के प्रभाव से धातुओं में से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन की घटना को प्रकाश विद्युत प्रभाव कहते हैं तथा उत्सर्जित इलेक्ट्रॉन को फोटो इलेक्ट्रॉन कहते हैं।
प्रकाश विद्युत प्रभाव का समीकरण
प्रश्न 14.
लेजर प्रौद्योगिक के अनुप्रयोग को लिखें ।
उत्तर-
- इसका उपयोग Industry में होता है ।
- इसका उपयोग सर्जरी में होता है ।
- इसका उपयोग संचार व्यवस्था में होता है ।
- इसका उपयोग होलोग्राम बनाने में होता है ।
- इसका उपयोग वैज्ञानिक खोज में किया जाता है ।
प्रश्न 15.
LED के गुण (लाभ) को लिखें।
उत्तर-
- इसे आसानी से बनाया जा सकता है ।
- इसमें कम खर्च होता है ।
- यह बल्ब की अपेक्षा कम voltage पर कार्य करता है ।
- इसको जलने में समय नहीं लगता है ।
- यह एकवर्णी प्रकाश प्रज्ज्वलित करता है ।
प्रश्न 16.
शंट क्या है ?
उत्तर-
यह एक कम प्रतिरोध वाला तार होता है जिसे गैलवेनोमीटर के समानान्तर क्रम में जोड़ दिया जाता है जिसमें अधिकतम धारा शंट होकर प्रवाहित होती है तथा गैलवेनोमीटर जलने से बच जाता है ।।
प्रश्न 17.
ऐम्पियर के परिपथीय नियम को लिखें । इसके व्यंजक को लिखें।
उत्तर-
इस नियम के अनुसार, किसी बंद वक्र के परितः चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का रेखीय-समाकलन (line integral) उस बंद वक्र द्वारा घिरे क्षेत्रफल में से गुजरने वाली कुल विद्युत धारा HD गुण होता है ।
\(\oint \vec{B} \cdot \overrightarrow{d l}=\mu_{0} I\)
जहाँ μ0 = निर्वात की चुम्बकशीलता है ।
प्रश्न 18.
ट्रांसफॉर्मर का क्रोड परतदार क्यों होता है ?
उत्तर-
ट्रांसफॉर्मर का क्रोड परतदार होता है। क्योंकि क्रोड में लौह क्षय होता है । भँवर धारा के प्रेरित होने से ट्रांसफॉर्मर के क्रोड में विद्युत शक्ति की हानि होती है जिसे लौह क्षय कहा जाता है । क्रोड को परतदार होने से लौह क्षय का मान कम हो जाता है, इसलिये क्रोड परतदार होता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्नों संख्या 19 से 24 तक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है । इस कोटि के प्रत्येक प्रश्न के लिए 5 अंक निर्धारित है । आप किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दें।
(3 x 5 = 15 )
प्रश्न 19.
सिद्धान्त सहित किसी वान-डी-ग्राफ जनित्र की बनावट एवं क्रिया-पद्धति की व्याख्या करें।
उत्तर-
वान-डी-ग्राफ जनित्र (Van-de-Graff Generator)वान-डी-ग्राफ जनित्र एक स्थिर वैद्युत मशीन (Electrostatic machine) है, जिसकी रचना. 1931 ई. में प्रो० वान-डी-ग्राफ ने की। इस जनित्र द्वारा कई लाख का विभवांतर प्राप्त किया जा सकता है।
रचना-वान-डी-ग्राफ जनित्र में धातु का एक बहुत बड़ा खोखला गोला M होता है जिसकी सतह बहुत चिकनी होती है और इसका मुँह नीचे की ओर खुला रहता है । यह गोला एक ऊँचे स्तंभ S पर रखा जाता है । गोले के खुले सिरे के निकट इसकी भीतरी सतह पर एक छड़ B लगी रहती है जिसके सिरे पर दाँतदार कंघी (comb) लगी रहती है । गोले के केंद्र पर अचालक पदार्थ की एक घिरनी (pulley)p तथा इसके ठीक नीचे वैसी ही एक दूसरी घिरनी q लगी रहती है। दोनों घिरनियों पर अचालक पदार्थ, जैसे रेशम या रबर की बनी एक पट्टी (belt) चढ़ी रहती है। पूरा यंत्र धातु की एक टंकी V में रखा रहता है। इस टंकी का संबंध पृथ्वी से कर दिया जाता है तथा इसमें अधिक दाब पर हवा भरने के लिए दो टोटियों T1 और T2 की व्यवस्था रहती है। टंकी V में लगी एक डॉट D से धातु की एक छड़ का संपर्क गोले M से | रहता है।
कार्य विधि-सबसे पहले नुकीले चालक A को किसी विद्युत-मशीन से जोड़कर इसे 10,000 से 20,000 वोल्ट तक के विभव पर आवेशित किया जाता है। नीचे वाली घिरनी १ को वामावर्त (Anti-clockwise) दिशा में एक विद्युत-मोटर द्वारा तेजी से घुमाया जाता है जिससे पट्टी (Belt)C भी उसी दिशा में घूमने लगती है। घूमती हुई पट्टी अपने रास्ते में जब चालक A के पास से होकर ऊपर की ओर जाती है तब इसके नुकीले सिरे से विद्युत पवन (Electric wind) द्वारा कुछ धन आवेश पट्टी पर चढ़ जाता है। पट्टी के अचालक होने के कारण यह आवेश चारों ओर फैल नहीं पाता है। जब पट्टी गोले M के भीतर स्थित दाँतदार कंघी B के निकट पहुँचती है तब कंघियों में नुकीले भाग की क्रिया से गोले की बाहरी सतह पर धन आवेश चला जाता है। इस प्रकार पट्टी के लगातार घूमने से गोले पर लगातार धन आवेश एकत्र होता रहता है तथा इसका धन विभव बढ़ता जाता है। इस जनित्र द्वारा कई लाख वोल्ट तक का विभव प्राप्त किया जा सकता है।
उपयोग-इसका उपयोग तीव्र एक्स-किरणें (X-rays) के उत्पादन में | तथा परमाणु-विघटन के प्रयोगों में आवेशित कणों को उच्च गतिज ऊर्जा
प्रदान करने में किया जाता है । नाभिकीय भौतिकी (Nuclear physics) के अध्ययन में इस जनित्र का कण-त्वरक (Particle accelerator) के रूप में विशेष महत्त्व है।
प्रश्न 20.
विभवमापी क्या है ? इसके द्वारा दो सेलों के विद्युतवाहक बल की तुलना कैसे की जाती है ? सचित्र वर्णन करें।
उत्तर-
विभवमापी वह उपकरण है जिसके द्वारा सेल के विद्युतवाहक बल की तुलना आन्तरिक प्रतिरोध के मापन के लिये किया जाता है ।
विभवमापी के द्वारा दो सेलों के विद्युत वाहक बल की तुलना-इसके – लिये पहले विभवमापी के तार के सिरों A तथा B के बीच एक बैट्री BI, ध
रा नियंत्रक (Rh) तथा कुंजी (r1) को चित्रानुसार जोड़ दिया जाता है । अब जिन सेलों E1 व E2 के विद्युत वाहक बलों की तुलना करनी होती है, उसके धन सिरों को बिन्दु A से और ऋण सिरों को द्विमार्गी कुंजी K2 के द्वारा शंट धारामापी G तथा जॉकी J से जोड़ देते हैं ।
अब कुंजी K1 में प्लग लगाकर तार AB में बैट्री B1 से धारा प्रवाहित करते हैं, जिसमें AB के सिरों के बीच विभवान्तर स्थापित हो जाता है । इसके बाद कुंजी K2 की सहायता से पहले सेल E1 को परिपथ में डालते हैं और जॉकी के द्वारा शून्य विक्षेप स्थिति की ज्ञात कर लेते हैं । माना कि इस सेल के लिये तार या शून्य विक्षेप की स्थिति A से l1 सेमी की दूरी पर प्राप्त होती है । तब
E1 = Kl1 ….(i)
जहाँ K तार AB की विभव प्रवणता है ।
इसी प्रकार दूसरे सेल E2 को कुंजी K2 के द्वारा परिपथ में डालकर जॉकी द्वारा शून्य विक्षेप की स्थिति ज्ञात कर लेते हैं । माना कि उसकी बिन्दु A से दूरी l2 सेमी है । तब
E2 = Kl2…(ii)
समी. (i) और (ii)
इस प्रकार दोनों सेलों के विद्युतवाहक बल की तुलना की जाती है।
प्रश्न 21.
विद्युतीय परिपथ के लिए किरचॉफ के नियमों को लिखें। किरचॉफ के नियमों का उपयोग कर एक संतुलित ह्वीटस्टोन सेतु का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर-
किरचॉफ का नियम :
प्रथम नियम-किसी बन्द विद्युत परिपथ के किसी बिन्दु (संधि) पर मिलने वाली सभी धाराओं का बीजगणितीय योग शून्य होता है। इसे संधि नियम भी कहते हैं। यह आवेश के संरक्षण नियम ΣI = 0 का पालन करता है।
द्वितीय नियम-किसी विद्युत्त परिपथ के किसी बंद भाग की धारा तथा प्रतिरोध के गुणनफल का बीजगणितीय योग, परिपथ के उस भाग में कार्यरत विद्युत वाहक बल के बीजगणितीय योग के बराबर होता है । इसे लूप का नियम भी कहा जाता है।
ΣIR = ΣE यह ऊर्जा संरक्षण के नियम पर आधारित है।
ह्वीटस्टोन सेतु (Wheatstone Bridge)-यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिसके द्वारा अज्ञात प्रतिरोध का मान निकाला जाता है।
इसमें P Q R तथा S चार प्रतिरोध एक सेतु के रूप में जुड़े होते हैं तथा धारा [ विभिन्न प्रतिरोध से होकर बँटती है। B तथा D के बीच एक गैलवेनोमीटर जोड़ दिया जाता है ।
बन्द लूप ABDA में किरचॉफ का लूप नियम लगाने पर।
I1P+ Ig – (I-I1) S = 0
जहाँ g गैलवेनोमीटर का प्रतिरोध है। बिन्दु B तथा D के समान विभव रहने पर गैलवेनोमीटर से होकर धारा प्रवाहित नहीं होती है।
इस तरह अज्ञात प्रतिरोध का मान ज्ञात होता है।
प्रश्न 22.
(a) चल कुण्डली गैलवेनोमीटर के सिद्धान्त एवं क्रिया विधि को समझाइए। धारा सुग्राहिता के लिए व्यंजक प्राप्त करें।
(b) चल कुण्डली गैलवेनोमीटर तथा चल चुम्बक गैलवेनोमीटर की तुलना करें।
उत्तर-
(a)
यह एक विद्युतीय यंत्र है जिनसे धारा का मापन किया जाता है। इस प्रकार के गैलवेनोमीटर का चल भाग धारावाही कण्डली तथा अचल भाग चुम्बक होता है। इनकी सुग्राहिता काफी अधिक होती है । अतः ये यंत्र विद्युत परिपथों में प्रवाहित होने वाली सूक्ष्म से सूक्ष्म धारा की सूचना प्रदान करने की क्षमता रखते हैं।
सिद्धांत-इसका कार्य इस तथ्य पर आधारित है कि एक कुण्डली में बहती धारा जिसको चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया है, एक ऐंठन उत्पन्न कक्षा है।
बनावट-इसमें एक कुण्डली ABCD है जिसमें कई लपेटें होते हैं। धातुई फ्रेम को कॉपर से कलई किया रहता है तथा बँधा रहता है। कुण्डली को फॉसफोरस ब्रॉन्ज की पत्ती S के द्वारा लटकाया गया है जो घोड़े की नाल की आकृति वाली चुम्बक NS से घिरा हुआ है। एक केस स्प्रिंग को कुण्डली के निचले अन्त भाग में जोड़ दिया गया है । कुण्डली का दूसरा छोर स्क्रू T2 से जोड़ दिया गया है। एक छोटे ऐनक को फॉसफोरस ब्रॉन्ज पत्ती से जोड़ दिया जाता है।
कार्य-जब ABCD में धारा प्रवाहित होती है तो इस पर बल युग्म कार्य करता है । AB मध्य बल उत्पन्न करता है तथा CD नीचे की ओर का बल, फ्लेमिंग के बाएँ हाथ के नियम से । चूँकि समतल हमेशा चुम्बकीय क्षेत्र की कुण्डली में सभी दिशाओं में समानान्तर रहता है। अतः उदग्र बाजू पर बल हमेशा कुण्डली के स्थान पर लम्बवत् रहता है।
चित्र में,
माना कि I = कुण्डली से होकर बहती धारा
B = चुम्बकीय क्षेत्र, b = कुण्डली की चौड़ाई
1 = कुण्डली की लम्बाई विक्षेप ऐंठन जो कुण्डली पर कार्य करता है,
T = NIlB x l = NIB (lb) = NIBA
जहाँ A – lb = कुण्डली का क्षेत्रफल
विक्षेप ऐंठन के कारण, कुण्डली घूमता है तथा निलंबन तार भी घूमता है। एक संतुलित ऐंठन को लटकने वाली रेशा में व्यवस्थित की जाती है। अगर कोण e से कुण्डली घूमती है तथा k वापस करने वाली ऐंठन प्रति यूनिट कोणीय मोड़ हो, तो
रेस्टोरिंग ऐंठन τ = kθ
साम्य अवस्था में,
विक्षेपण ऐंठन = रेस्टोरिंग ऐंठन
NIBA = kθ
यह गैलवेनोमीटर के लिए रेखीय स्केल को प्रदान करता है।
धारा सुग्राहिता-सूचक वाले कीलित गैलवेनोमीटर की धारा सुग्राहिता ऐम्पियर में व्यक्त की गयी वह धारा है जो कुण्डली में प्रवाहित होकर सूचक स्केल पर I से विक्षेपित करती है । गैलवेनोमीटर की धारा सुग्राहिता को यंत्र की दक्षतांक भी कहा जाता है।
(b) चल-कुण्डली गैलवेनोमीटर । चल-चुम्बक गैलवेनोमीटर
(i) इसमें काफी शक्तिशाली चुम्बक का व्यवहार होता है जिससे इस पर अगल-बगल के बाहरी चुम्बकीय चुम्बकीय क्षेत्रों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
(i) इसमें नियंत्रक क्षेत्र का पृथ्वी क्षेत्र है जिसका मान बहुत कम होता है । अत: बाहरी क्षेत्र का इस पर काफी प्रभाव पड़ता है, जिससे विक्षेप का सही प्रभाव नहीं पड़ता है।
प्रश्न 23.
\(\frac{1}{f}=(\mu-1)\left(\frac{1}{r_{1}}-\frac{1}{r_{2}}\right)\) मूत्र को स्थापित करें।
उत्तर-मान लिया कि AB एक पतला लेंस है जिसकी दो सतह APB और ACB है। इसकी त्रिज्या क्रमशः R1 तथा R2 है । प्रधान अक्ष पर एक वस्तु O है, जिससे प्रकाश की किरण OM, M बिन्दु परं आपतित होती है। अपवर्तन के बाद पीछे मिलाने पर यह I बिन्दु पर मिलती है।
सतह ACB के लिए I वस्तु का काम करता है तथा इसका काल्पनिक प्रतिबिम्ब I, पर बनता है। यहाँ
CI = वस्तु की दूरी
CI1 = प्रतिबिम्ब की दूरी
चूँकि लेंस बहुत पतला है इसलिए 1 को छोड़ दिया जाता है । जहाँ t लेंस की मोटाई है।
प्रश्न 24.
हाइड्रोजन के समान परमाणुओं के स्पेक्ट्रा की व्याख्या के लिए बोर की मान्यताओं को बताइए तथा किसी परमाणु की nn स्थायी कक्षा में घूमने वाले इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर-
बोर के परमाणु मॉडल के अभिग्रहित :
(1) परमाणु में एक सूक्ष्म धनावेशित केन्द्र होता है जहाँ परमाणु का सम्पूर्ण द्रव्यमान संचित माना गया है । यह केन्द्र परमाणु का नाभिक कहलाता है।
(2) इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों ओर निश्चित त्रिज्या की स्थिर कक्षाओं में परिक्रमा करते हैं। जब तक इलेक्ट्रॉन उस कक्षा में होता है, वह ऊर्जा उत्सर्जित नहीं करता है।
इसलिए, कोश जिनमें इलेक्ट्रॉन गति करते हैं, स्थिर कोश कहलाते हैं। प्रत्येक स्थिर कोश या कक्षा की निश्चित ऊर्जा होती है।
(3) इलेक्ट्रॉन्स केवल उन्हीं कक्षाओं में परिक्रमा करते हैं, जिनमें इसके कोणीय संवेग का मान h/2π. बहुसमाकलन होता है।
अत: L= mvr = nh/2π
इसलिए परमाणु में इलेक्ट्रॉन का कोणीय संवेग क्वान्टीकृत रहता है।
यहाँ m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान, v = इलेक्ट्रॉन का वेग, r = इलेक्ट्रॉन की त्रिज्या, h = प्लांक नियतांक
n = 1, 2, 3,….. एक पूर्ण संख्या है जिसे मुख्य क्वान्टम संख्या कहते हैं ।
(4) ऊर्जा फोटॉन के रूप में केवल तब निकलती है जब इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में जाता है।
यदि Ei तथा EF क्रमशः ni तथा nfn मुख्य क्वांटम संख्या के कोणों से सम्बन्धित ऊर्जाएँ हैं (ni > nf) की फोटॉन के रूप में विकरित ऊर्जा इस प्रकार होगी
hv = Ei – EF
कक्षा में किसी इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा : किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा कक्षा में उसकी गतिज ऊर्जा तथा स्थितिज ऊर्जा के योग के बराबर होती है,
या, En = गतिज ऊर्जा + स्थितिज ऊर्जा
यदि गतिज ऊर्जा = \(\frac{1}{2} m v^{2}\)
समीकरण (ii) से हम पाते हैं, गतिज ऊर्जा = \(\)\frac{1}{2} \frac{\mathrm{Ke}^{2}}{\mathrm{r}}\(\)
स्थितिज ऊर्जा = हाइड्रोजन परमाणु के नाभिक के कारण कक्षा में स्थिर विद्युत विभव x इलेक्ट्रॉन पर आवेश
R.H.S. में ch से गुणा व भाग करने पर, हम पाते हैं
अतः किसी कक्षा में इलेक्ट्रॉन की कुल ऊर्जा ऋणात्मक होती है। ऋणात्मक ऊर्जा दर्शाती है कि इलेक्ट्रॉन व नाभिक मिलकर एक बद्ध निकाय बनाते हैं । अन्य शब्दों में, यदि ऊर्जा दी जाए तो इलेक्ट्रॉन को नाभिक से अलग किया जा सकता है। यदि n = 1, 2, 3, 4, 5, …… एक पूर्ण संख्या है तो हाइड्रोजन परमाणु में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा के निम्नलिखित मान हो सकते हैं :
अत: e की ऊर्जा के केवल निश्चित मान हो सकते हैं तथा इसकी ऊर्जा के अनिश्चित मान नहीं होंगे।