Bihar Board Class 10 Social Science Solutions Geography भूगोल : भारत : संसाधन एवं उपयोग Chapter 2 कृषि Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 10 Social Science Geography Solutions Chapter 2 कृषि
Bihar Board Class 10 Geography कृषि Text Book Questions and Answers
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
(क) भारत के दो सबसे महत्वपूर्ण अनाजों के नाम बतायें।
उत्तर-
धान एवं गेहूँ।
(ख) भारत में कौन से प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते हैं ?
उत्तर-
ज्वार, बाजरा एवं रागी।
(ग) भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताओ।
उत्तर-
आम, संतरा, केला।
(घ) हमारे देश की सबसे प्रमुख रोपण फसल कौन-सी है ?
उत्तर-
चाया
प्रश्न 2.
अंतर बताओ :
(क) नकदी और रोपण फसल
उत्तर-
वैसी फसल जिसके उत्पादन को सीधे बाजार में बेचकर नकद पैसा प्राप्त किया जाता है नकदी फसल कहलाती है। जैसे-आम, केला, लीची इत्यादि। वैसी फसल जिसे एक बार लगाकर कई वर्षों तक उत्पादन प्राप्त किया जाता है, रोपण कृषि कहलाती है। जैसे–चाय, कॉफी।
(ख) व्यापारिक और निर्वाहक कृषि।
उत्तर-
वैसी कृषि जिसे मुख्यतः व्यापारिक उद्देश्य के लिए उगाया जाता है, व्यापारिक कृषि कहलाती है। जैसे-चाय, कॉफी, रबर इत्यादि।
वैसी कृषि जिसका मुख्य उद्देश्य होता है जीवन का निर्वहन करना, निर्वाहक कृषि कहलाती है जैसे-धाना
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से पत्येक के लिए एक शब्द लिखो: ।
(क) हमारे देश में मानसून के आरंभ में बोई जाने वाली और शरद ऋतु में काटी जाने वाली फसल।
उत्तर-
खरीफ फसला
(ख) वर्षा के पश्चात जाड़े में बोई जाने वाली और वसंत में काटी जाने वाली फसलें।
उत्तर-
रबी फसला
(ग) भूमि जिसे खेती करके छोड़ दिया गया है ताकि उर्वरता लौट सके और उसपर पुनः खेती हो सके।
उत्तर-
चालू परती भूमि।
(घ) कारखाने के उत्पादन से मिलती-जुलती वैज्ञानिक तथा व्यापारिक ढंग से की जाने वाली एक फसली खेती।
उत्तर-
चाया
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
(क) भारत में उपजने वाली दो खांद्य; नकदी एवं रेशेवाली फसलों का नाम लिखें। ।
उत्तर-
दो खाद्य फसल-धान, गेहूँ। . दो नकदी-फसल-आम, संतरा दो रेशेवाली फसल-कपास, जूट।
(ख) उपर्युक्त फसलों के उत्पादन करने वाले दो प्रमुख राज्यों का नाम लिखो।
उत्तर-
खाद्य फसल उत्पादन राज्य-धन-पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, गेहूँ पंजाब, उत्तर प्रदेश। नकदी फसल उत्पादक राज्य आम-उ. प्र., आंध्रप्रदेश संतरा-महाराष्ट्र, मेघालया रेशेवाली फसल उत्पादक राज्य कपास—महाराष्ट्र, गुजरात
जूट-पश्चिम बंगाल।
(ग) भारत में उपजाई जाने वाली वर्षाधीन फसलों के नाम लिखो।
उत्तर-
धान, गेहूँ, जूट, ज्वार इत्यादि। . . कारण बताओ।
(क) कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी में अधिकांशतः होती है।
उत्तर-
भारत में कपास की खेती दक्कन प्रदेश की काली मिट्टी वाले क्षेत्र में अधिक की जाती है क्योंकि काली मिट्टी में अधिक समय तक नमी को धारण करने की क्षमता होती है जो . कपास की फसल के लिए जरूरी है।
(ख) गन्ने की उपज उत्तरी भारत की अपेक्षा दक्षिण भारत में अधिक है ?
उत्तर-
दक्षिण भारत में गन्ने के उत्पादन के लिए उत्तर भारत से अधिक अनुकूल परिस्थितिय, उपलब्ध हैं। साथ ही दक्षिण भारत में उत्पन्न गन्ने का रस अधिक मीठा होता है जबकि उत्तर . भारत में इसकी मिठास कम होती है।
(ग) भारत कपास का आयात एवं निर्यात दोनों करता है ?
उत्तर-
भारत में उत्पादित कपास छोटे रेशेवाली होती है जिसकी गुणवत्ता भी कम होती है अतः ऐसे कपास को कम कीमत पर निर्यात कर उच्च गुणवत्ता एवं लम्बे रेशेवाली कपास का भारत आयात करता है।
(घ) भारत विश्व का एक अग्रणी चाय निर्यातक देश है।
उत्तर-
भारत चाय उत्पादन में विश्व का दूसरा बड़ा देश है। यह अपने कुल उत्पादन का 75% भाग निर्यात कर देता है। भारत से लगभग 20 देशों में चाय का निर्यात होता है। भारतीय चाय की गुणवत्ता अच्छी होती है जिसकी माँग विदेशों में अधिक है। इसका मुख्य आयातक देश ग्रेट ब्रिटेन है।
पारिभाषिक शब्द :
वर्धान काल : फसल के बोने, बढ़ने और पकने के लिए उपर्युक्त मौसम वाला समय।
हरित क्रांति : हमारे देश की कृषि में क्रांतिकारी विकास। इसमें मुख्यतः नए बीजों, खादों और उर्वरकों का प्रयोग तथा सुनिश्चित जलापूर्ति की व्यवस्था के फलस्वरूप कुछ अनाजों की उपज में अधिक वृद्धि हुई।
रोपण कृषिः बड़ी-बड़ी आर्थिक इकाइयों में व्यापारिक उत्पादन के लिए एक या एक से अधिक किस्म के पौधों के रोपण की पद्धति।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
शुद्ध राष्ट्रीय उत्पादन में कृषि के योगदान की चर्चा करें।
उत्तर-
भारत कषि प्रधान देश होने के कारण भारतीय कषि अर्थव्यवस्था में नींव के पत्थर की भाँति महत्व रखती है। हमारे सकल राष्ट्रीय उत्पादन का 40 प्रतिशत अंश कृषि से ही प्राप्त होता है। भारतीय कृषि को उद्योग का दर्जा प्राप्त है क्योंकि यहाँ की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर है। परन्तु स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सकल घरेलू उत्पादन में कृषि का योगदान लगातार घट रहा है।
प्रश्न 2.
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारणों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर-
भारतीय कृषि की निम्न उत्पादकता के कारण निम्न हैं
- भारतीय किसानों का अशिक्षित एवं निर्धन होना।
- कृषि का मानसून पर निर्भर होना।
- कृषि में आधुनिक कृषि तकनीकों का बहुत कम प्रयोग।
- कृषि पर जनसंख्या का अधिक दबाव।
- घटता कृषि भूमि क्षेत्र।
- खेतों का छोटा आकार।
- कृषि उत्पादों का उचित मूल्य न मिलना।
- कृषि में वाणिज्यीकरण का अभाव।
प्रश्न 3.
हरित क्रांति से आपं क्या समझते हैं ?
उत्तर-
आधुनिक कृषि प्रणालियों जैसे-उन्नत बीजों, खादों और उर्वरकों का प्रयोग तथा सुनिश्चित जलापूर्ति की व्यवस्था के द्वारा कृषि में क्रांतिकारी विकास को हरित क्रांति कहा जाता है। हमारे देश में इसकी शुरूआत 1960 के दशक में हुई थी। इसके द्वारा सर्वप्रथम गेहूँ उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई।
प्रश्न 4.
भारतीय कृषि की पाँच प्रमुख विशेषताओं को लिखिए।
उत्तर-
- यह देश की आर्थिक जीवन का प्राण है। भारत में लगभग 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
- यहाँ की कृषि मुख्यतः मानसून पर आधारित है।
- कृषि की आंतरिक एवम् अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका है।
- कई कृषिजन्य कच्चे माल उद्योगों को प्राप्त होते हैं, जैसे—कपास-सूती वस्त्रोद्योग को, . गन्ना—चीनी उद्योग को, रेशमकीट रेशम उद्योग को इत्यादि।
- राष्ट्रीय आय का 24% भाग कृषि से ही प्राप्त होता है।
प्रश्न 5.
भारत में उपजाई जानेवाली प्रमुख खाद्य एवं व्यावसायिक फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर-
भारत की, प्रमुख खाद्य फसलें धान, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, रागी, अरहर, मूंग इत्यादि। भारत की प्रमुख व्यावसायिक फसलें-चाय, काफी, रबर, गन्ना, केला इत्यादि।
Bihar Board Class 10 Geography कृषि Additional Important Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
इनमें कौन गेहूँ का प्रमुख उत्पादक नहीं है ?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) मध्य प्रदेश
(ग) तमिलनाडु
(घ) राजस्थान
उत्तर-
(ग) तमिलनाडु
प्रश्न 2.
किस राज्य में धान के संचित क्षेत्र अधिक मिलते हैं ?
(क) पश्चिम बंगाल में
(ख) तमिलनाडु में
(ग) आन्ध्र प्रदेश में
(घ) उत्तर प्रदेश में
उत्तर-
(ख) तमिलनाडु में
प्रश्न 3.
भारत में ग्वार की सबसे अधिक खेती कहाँ होती है ?
(क) महाराष्ट्र में
(ख) गुजरात में
(ग) उत्तर प्रदेश में
(घ) तमिलनाडु में
उत्तर-
(क) महाराष्ट्र में
प्रश्न 4.
अधिक दिनों तक वर्षा का वियोग सहना किस फसल के लिए घातक होता है ?
(क) धान
(ख) गेहूँ
(ग) चाय
(घ) कपास
उत्तर-
(ग) चाय
प्रश्न 5.
किस फसल की खेती के लिए ढालू भूमि आवश्यक है ?
(क) गेहूँ
(ख) कपास
(ग) कहवा
(घ) गन्ना
उत्तर-
(ग) कहवा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
स्थानांतरी कृषि को झारखण्ड में किस नाम से पुकारा जाता है ? ।
उत्तर-
झारखण्ड में स्थानांतरी कृषि को कुरूवा के नाम से पुकारा जाता है।
प्रश्न 2.
भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक कौन थे?
उत्तर-
आचार्य विनोबा भावे भूदान आन्दोलन के प्रवर्तक थे।
प्रश्न 3.
भारत के किन राज्यों को मसालों का राज्य कहा जाता है?
उत्तर-
केरल और कर्नाटक राज्यों को मसालों का राज्य कहा जाता है।
प्रश्न 4.
रबर का पौधा किस देश से लाकर भारत में उगाया गया था? .
उत्तर-
1826 ई. में सर हेनरी विलियम ने ब्राजील के पेरू क्षेत्र से खरके बीजों को लाकर भारत में इसका उत्पादन प्रारंभ किया। .
प्रश्न 5.
ग्रामदान से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-
ग्रामदान का अर्थ होता है- भूमिदान। यानी अपनी स्वेच्छा से किसी मजबूर को दान में भूमि देना ग्रामदान या भूमिदान कहलाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
भारत में कृषि के लिए कौन-सी भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्य हैं ?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में कृषि के लिए निम्नलिखित भौगोलिक सुविधाएँ प्राप्य हैं
- भारत में कृषि के लिए विशाल भूमि-क्षेत्र है।
- भारत में कृषि का प्रतिशत भी उच्च मिलता है। .
- भारत में बहुत उपजाऊ मिट्टी उपलब्ध है।
- भारत में जलवायु की अनुकूलता पायी जाती है। .
- भारत में फसलों के लिए लम्बा वर्द्धनकाल पाया जाता है। .
अतः उपर्युक्त विचार-बिन्दुओं के आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारत में कृषि के के लिए अनुकूल भौगोलिक सुविधाएं प्राप्य हैं। इन भौगोलिक सुविधाओं के कारण ही भारत एक । कृषि प्रधान देश है।
प्रश्न 2.
भारत किन कृषि जन्य पदार्थों का निर्यात करता है ? किन्हीं पाँच का उल्लेख करें।
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ कृषि-कार्य करने के लिए अनेक भौगोलिक सुविधाएँ पायी जाती हैं। भारत में अनेक व्यावसायिक फसलों का भी उत्पादन होता है। इन व्यावसायिक फसलों के उत्पादन से न केवल यहाँ की जनता का भरण-पोषण होता है, बल्कि इनका निर्यात भी किया जाता है। इन व्यावसायिक फसलों के निर्यात से भारत को विदेशी मुफ्त
की प्राप्ति होती है।
भारत विभिन्न कृषि जन्य पदार्थों या फसलों का निर्यात करता है। इनमें से पांच इस प्रकार हैं-(i) गन्ना (ii) तेलहन (iii) तम्बाकू (iv) मसाले तथा (v) रबर। इसके अतिरिक्त भारत आलू, रबर, कपास, फलों, जूट इत्यादि का भी निर्यात करता है।
प्रश्न 3.
भारत में कृषि की दो प्रमुख ऋतुएं कौन-कौन हैं ? उनमें उगायी जानेवाली फसलों को किन अलग-अलग दो नामों से पुकारा जाता है ?
उत्तर-
भारत में कृषि की दो प्रमुख ऋतुएं खरीफ और रबी ऋतुएँ हैं। इन दोनों ऋतुओं का विवेचन इस प्रकार है-
(i) खरीफ मॉनसून पूर्व की ऋतु जिसमें खेत जोतकर धान की रोपायी के लिए खेतों में बीज डाल दिए जाते हैं और वर्षा की प्रतीक्षा की जाती है। वर्षा शुरू होते ही कृषि-कार्य जोर पकड़ने लगते हैं। जून-जुलाई में फसलों की खेती आरंभ होती है और मॉनसूनी वर्षा की समाप्ति ‘तक फसलें पककर तैयार हो जाती हैं। धान, ज्वार-बाजरा, मकई, मूंगफली, जूट, कपास और अरहर
(इस दलहन को पकने में अधिक समय लगता है) की फसलों की खेती इसी ऋतु में की जाती . है। ये खरीफ फसलें कहलाती हैं।
रबी-वर्षा ऋतु के बाद और जाड़ा आरंभ होने पर जिन फसलों की खेती की जाती है, वे रबी फसलें कहलाती हैं, जैसेगेहूँ, चना, मटर, सस्सों आदि। यह ऋतु रबी की ऋतु कहलाती. है जिसमें नवंबर में बुआयी और अप्रैल-मई में इन फसलों की कटायी की जाती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्वोत्तर
प्रश्न 1.
भारतीय अर्थतंत्र में कृषि का निम्नलिखित महत्त्व है?
उत्तर-
भारतीय अर्थतंत्र में कृषि का निम्नलिखित महत्त्व है।
- भारत की 70% आबादी रोजगार और अजीविका के लिए कृषि पर आश्रित है।
- देश के सकल राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का योगदान 22% ही है। फिर भी, बहुत सारे उद्योगों को कच्चा माल कृषि उत्पाद से ही मिलता है।
- कृषि उत्पाद से ही देश की इतनी बड़ी जनसंख्या को खाद्यान्न की आपूर्ति होती है। अगर ऐसा न हो तो खाद्यान्न आयात करना पड़ेगा। आज देश खाद्यान्न में आत्म निर्भर है। इतना ही नहीं, विकट परिस्थिति के लिए खाद्यान्न का अच्छा भंडारण भी है।
- कृषि के अनेक उत्पाद में भारत विश्व में पहले, दूसरे एवं तीसरे स्थान पर है।
- अनेक कृषि उत्पाद का भारत निर्यातक है जिससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
- कृषि ने अनेक उद्योगों को विकसित होने का अवसर प्रदान किया है।
भारतीय कृषि की विशेषताएं भारत का एक बड़ा भू-भाग कृषि योग्य है। यहाँ की जलवायु और उपजाऊ मिट्टी कृषि कार्य को बढ़ावा प्रदान करते हैं।
भारत में कहीं एक फसल, कहीं दो फसल और कहीं तीन-तीन फसल तक उगाई जाती है। भारत में फसलों की अदला-बदली भी की जाती है, यहाँ अनाज की फसलों के बाद दलहन की खेती की जाती है। इससे मिट्टी में उर्वरक शक्ति बनी रहती है। यहाँ मिश्रित कृषि का भी : प्रचलन है जिसमें गेहूँ, चना और सरसों की खेती एक साथ की जाती है।
प्रश्न 2.
निम्नांकित फसल की खेती के लिए उपयुक्त दशाओं और प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों का वर्णन करें गेहूँ, कपास, गन्ना, चाय, जूट।
उत्तर-
गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फसल है। चावल की तरह ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-रबी तथा अनाज की फसल।
- वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
- तापमान-बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° सें. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
- मृदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
- उत्पादक राज्य-गेहूं की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब,भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है। ।
कपास-भारत कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद इसका स्थान है। कपास ऊष्ण तथा उपोष्ण क्षेत्रों में पैदा की जाती है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-
- फसल-खरीफ, रेशेवाली नकदी फसल।
- वर्षा- इसे 100 सेमी. के लगभग वर्षा की आवश्यकता होती है। इसके लिए अधिक तथा समान वितरित वर्षा की आवश्यकता होती है।
- तापमान-21° सें.। प्रचुर मात्रा में धूप के साथ एक समान उच्च तापमान। कपास के लिए 210 दिन पाला रहित होने चाहिए, क्योंकि पाला कपास की खेती के लिए हानिकारक है।
- मृदा-अच्छे जल निकास वाली गहरी काली मिट्टी, जिसमें नमी बनाए रखने की क्षमता हो।
- उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, हरियाणा अग्रणी राज्य हैं।
गन्ना- गन्ना, चीनी और गुड़ खान्डसारी प्रमुख स्रोत हैं। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-खरीफ तथा नकदी फसल।
- वर्षा- इसके लिए 75 से 100 सेमी. वर्षा उपयुक्त रहती है।
- तापमान-21°C-27°C
- मृदा-जलोढ़ तथा काली मृदा। गन्ने की कृषि के लिए श्रम की आवश्यकता अधिक होती है।
- उत्पादक राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक।
चाय-यह एक उष्ण तथा उपोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-खरीफ, पेय तथा नकदी फसल है।
- वर्षा-वार्षिक वर्षा 150 सेमी. से अधिक की आवश्यकता है।
- तापमान-चाय की पैदावार के लिए 20° सें. से 30° सें. के मध्य तापमान की – आवश्यकता होती है। उच्च आर्द्रता चाय की मुलायम पत्तियों के विकास के लिए अच्छी होती है।
- मृदा-गहरी तथा जल निकास वाली जलोढ़ मृदा। चाय के रोपण कृषि प्रायः ढालू भूमि पर की जाती है। चाय के लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है लेकिन उसकी जडों में पानी नहीं रुकना चाहिए। क्योंकि यह हानिकारक है।
- उत्पादक राज्य-असम, पश्चिम बंगाल के उत्तरी जिले, राँची पठार (झारखंड), उत्तरांचल की दून घाटी, तमिलनाडु तथा केरल उत्पादक राज्य हैं।
जूट-जूट उंष्ण और आर्द्र जलवायु की फसल है। इसके लिए निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं
- फसल-खरीफ, रेशेवाली तथा नकदी फसल।
- वर्षा_ इसके लिए अधिक वर्षा की आवश्यकता होती है। यह उन प्रदेशों में उगाया जाता है जहाँ 200 सें.मी. से अधिक वर्षा होती है।
- तापमान–20° सें. से 30° से. तापमान इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त रहता है।
- मृदा- जल निकास की अच्छी जलोढ़ दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।
- उत्पादक राज्य बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा और मेघालय जूट उत्पादक राज्य हैं।
प्रश्न 3.
गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों की विवेचना करें।
उत्तर-
गेहूँ-गेहूँ दूसरी महत्त्वपूर्ण खाद्य फसल है। गेहूँ शीतोष्ण फ़सल है। चावल की तरह.. ही चीन के बाद भारत गेहूँ का दूसरा उत्पादक देश है। इसकी निम्नलिखित दशाएँ उपयुक्त हैं-
- फसल- रबी तथा अनाज की फसल।
- वर्षा-75 सेमी. से कम। फसल कटते समय वर्षा हानिकारक है।
- तापमान बोते समय ठंडा तथा आर्द्र तापमान आवश्यक है। तापमान 10° सें. से 15° से. तक होना चाहिए। गेहूँ काटते समय तापमान 20° सें. से 30° सें के मध्य होना चाहिए।
- मदा-दोमट मिट्टी। जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए।
- उत्पादक राज्य गेहूँ की कृषि भारत की उत्तरी-पश्चिमी भागों तक सीमित है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, उत्तरी गुजरात तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश। अब भारत गेहूँ के निर्यात की स्थिति में है।
प्रश्न 4.
भारतीय कृषि पर भूमण्डलीकरण के प्रभाव पर एक निबंध लिखें।।
उत्तर-
भूमंडलीकरण का उद्देश्य है हमारे राष्ट्रीय अर्थतंत्र का विश्व अर्थतंत्र से जुड़ना। विश्व का बाजार सबके लिए मुक्त हो। इससे अच्छे किस्म का सामान उचित मूल्य पर कहीं भी पहुंचाया जा सकेगा। भारतीय कृषि के विकास के लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी और श्रमिकों का सहारा लेकर किसान उन्नत किस्म के खाद्यान्नों तथा अन्य कृषि उत्पादों को विश्व बाजार में प्रवेश करा सकेंगे। इसमें प्रतिस्पर्धा का सामना होगा। सामना करने के लिए उन्नत तकनीकी उपायों का सहारा लेना होगा। भारतीय कृषि में अधिकाधिक विकास करने की आवश्यकता है।
भूमंडलीकरण भारत के लिए कोई नया कार्य नहीं है। प्राचीन समय से ही भारतीय सामान विदेशों में जाया करता था और विदेशों से आवश्यक सामग्री भारतीय बाजारों में बिकते थे। परंतु 1990 से वैधानिक रूप से भूमंडलीकरण और उदारीकरण की नीति अपनाने के बाद विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीक और मशीनों का प्रयोग बढ़ रहा है। साथ ही खाद्यान्नों की अपेक्षा व्यापारिक फसल के उत्पादन को बढ़ावा मिल रहा है।
Bihar Board Class 10 Geography कृषि Notes
- भारत कृषि की दृष्टि से एक संपन्न राष्ट्र है। यहाँ के 2/3 लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
- देश की 24% आय कृषि से ही प्राप्त होती है।
- कृषि योग्य भूमि को चार भागों में बाँटा जाता है
(i) शुद्ध बोया गया क्षेत्र (ii) चालू परती भूमि (iii) अन्य परती (iv) कृषि योग्य व्यर्थ भूमि।
- भारत में विश्व का सबसे अधिक पशुधन है। यहाँ विश्व की 57% भैंस तथा विश्व की 14% गाय रहती हैं।
- भारत विश्व में काजू का सबसे बड़ा निर्यातक देश है।
- मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र मिलकर भारत का 90% सोयाबीन उत्पन्न करते हैं।
- चाय की खेती की शुरुआत 1840 में अंग्रेजों ने ब्रह्मपुत्र की घाटी में किया था।
- चाय में थीन (Then) नामक एक पदार्थ होता है जिसके कारण इसे पीने से हल्की ताजगी महसूस होती है।
- भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अर्थव्यवस्था के विकास में कृषि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- भारत कृषि की दृष्टि से एक सम्पन्न राष्ट्र है। यहाँ के = लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है।
- देश की 24% आय कृषि से ही प्राप्त होती है।
- भारत की लगभग दो-तिहाई आबादी कृषिकार्यों से जुड़ी है।
- पौधों के अंकुरण के लिए कम-से-कम 6°C तापमान जरूरी है।
- देश में शुद्ध बोई गई भूमि 14 करोड़ हेक्टेयर है।
- फसलों के प्रकार (क) आई फसलें- धान, गन्ना, जूट, साग-सब्जी (ख) शुष्क फसलें मकई, ज्वार, बाजरा, महुआ
- प्राथमिक क्रिया के अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मत्स्योत्पादन एवं वानिकी कार्य शामिल है।
- स्थान बदल-बदलकर खेती करने की पद्धति को ‘स्थानांतरी कृषि’ कहा जाता है।
- खरीफ फसलें—धान, ज्वार, बाजरा, मकई, मूंगफली, जूट, कपास, अरहर।
- रबी फसलें-गेहूँ, चना, मटर, सरसों। , .
- देश में चावल का प्रतिहेक्टेयर उत्पादन 2,000 किलोग्राम है।
- रोपण कृषि में व्यापार की दृष्टि से खेती की जाती है।
- रोपण कृषि में एक ही फसल का उत्पादन किया जाता है।
- गहन या सघन कृषि में कम भूमि पर प्रतिहेक्टेयर उत्पादन अधिक लिया जाता है।
- देश में चावल का वार्षिक उत्पादन लगभग 9 करोड़ टन है।
- अमन, औस, और बोरो धान की तीन फसलें हैं।
- देहरादून का बासमती चावल स्वाद और सुगंध के लिए विख्यात है।
- गेहूँ की खेती के लिए पाला पड़ना नुकसानदायक है।
- पंजाब देश का सर्वाधिक गेहूँ उत्पादक राज्य है।
- भारत विश्व में मोटे अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- ज्वार की सबसे अधिक खेती महाराष्ट्र में होती है।
- गुजरात और राजस्थान मिलकर देश का आधा बाजरा उत्पन्न करते हैं।
- रागी का सर्वप्रमुख उत्पादक राज्य कर्नाटक है।
- चाय रोपण कृषि की फसल है।
- डार्जिलिंग क्षेत्र में उत्पादित चाय में सुगंध अधिक होती है।
- चाय का. वार्षिक उत्पादन देश में 8 लाख टन है।
- अरेबिका और रोबस्टा कहवा/कॉफी के दो प्रकार हैं।