Bihar Board Class 11 Economics Solutions Chapter 1 अर्थशास्त्र में सांख्यिकी परिचय Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 11 Economics Solutions Chapter 1 अर्थशास्त्र में सांख्यिकी परिचय
Bihar Board Class 11 Economics अर्थशास्त्र में सांख्यिकी परिचय Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निम्नलिखित कथन सही हैं अथवा गलत? इन्हें तदनुसार चिह्नित करें –
(क) सांख्यिकी केवल मात्रात्मक आँकड़ों का अध्ययन करती है।
(ख) साख्यिकी आर्थिक समस्याओं का समाधान करती है।
(ग) आँकड़ों के बिना अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का कोई उपयोग नहीं है।
उत्तर:
(ख) सही है शेष
(क) एवं
(ग) गलत हैं
प्रश्न 2.
उन क्रिया-कलापों की सूची बनाएँ, जो जीवन के सामान्य कारोबार के अंग होते हैं? क्या ये आर्थिक क्रिया-कलाप हैं –
उत्तर:
- बैंक में नौकरी करना
- अध्यापक के द्वारा पाठशाला में पढ़ाना
- डॉक्टर के द्वारा रोगी का इलाज करना
- टैक्सी ड्राइवर
- भुगतान के बदले वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना
- विद्युत बोर्ड के द्वारा बिजली की आपूर्ति करना
- जल बोर्ड द्वारा पानी की आपूर्ति करना
- किसान के द्वारा खेत में हल चलाना
- लाभ कमाने के लिए दुकानदार के द्वारा वस्तुओं को बेचना
प्रश्न 3.
सरकार और नीति-निर्माता आर्थिक विकास के लिए उपयुक्त नीतियों के निर्माण के लिए सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग करते हैं। दो उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए?
उत्तर:
आर्थिक विकास के लिए सरकार तथा नीति-निर्देश बनाने वाले उचित नीतियाँ बनाते हैं। इन नीतियों के निर्माण के लिए वे सांख्यिकीय आँकड़ों का प्रयोग करते हैं।
यह तथ्य निम्नलिखित उदाहरणों से स्पष्ट है –
1. वर्तमान समय में विश्वभर में तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही है। अतः सरकार को अब यह निर्णय लेना है कि सरकार विदेशों से कितनी मात्रा में तेल का आयात करे। इस बात का निर्णय लेने के पहले यह देखना पड़ेगा कि वर्ष 2010 में तेल का घरेलू उत्पादन कितना होगा और उस समय तेल की कितनी माँग होगी। बिना सांख्यिकी के सरकार इस मद में तथ्य नहीं जान पाएगी। अतः विदेशों से कितना तेल आयात करना है, इसका निर्णय नहीं लिया जा सकेगा, जब तक हमें तेल की वास्तविक मांग का पता नहीं चलेगा।
2. विकास का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सांख्यिकी का योगदान महत्त्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए; आँकड़ों के अभाव में हम इस बात का निर्णय नहीं ले सकते हैं कि हमारा खाद्यान्नों का उत्पादन कितना होना चाहिए। हम साधनों को देखते हुए कितनी अतिरिक्त रोजगार के अवसर उत्पन्न कर सकते हैं।
प्रश्न 4.
आपकी आवश्यकताएँ असीमित हैं तथा उनकी पूर्ति करने के लिए आपके पास संसाधन सीमित हैं। दो उदाहरणों द्वारा इसकी व्याख्या करें।
उत्तर:
अन्य व्यक्तियों की तरह मेरी भी आवश्यकताएँ असीमित हैं और उनकी संतुष्टि के लिए साधन सीमित हैं। इस बात की पुष्टि मैं निम्नलिखित दो उदाहरणों द्वारा करता हूँ –
1. मुझे 2,000 रुपए महीना जेब खर्च मिलता है और मेरी आवश्यकताएँ बहुत हैं-जैसे क्रिकेट का सामना खरीदना, सिनेमा देखना। 2,000 रुपए में मैं अपनी सारी आवश्यकता पूरी नहीं कर सकता। इन आवश्यकताओं के अतिरिक्त मुझे अपने मित्रों को उनके जन्मदिन पर उपहार भी देने पड़ते हैं। हर महीने मेरी कुछ आवश्यकताएं पूरी नहीं होती।
2. मैं संयुक्त परिवार में रहता हूँ। हम जिस भवन में रहते हैं वह कोई विशेष बड़ा नहीं है। घर में कोई ऐसा कमरा नहीं है, जिसमें अध्ययन कक्ष (study room) बना लूँ। उसी कक्ष में मेरा अलग बिस्तर है। पढ़ने-लिखने में मेरा अलग बिस्तर है। अपने क्रिकेट का सामान वहीं रखू। परंतु मैं ऐसा नहीं कर पाता, क्योंकि हमारे परिवार की आय सीमित है।
प्रश्न 5.
उन आवश्यकताओं का चुनाव आप कैसे करेंगे, जिनकी आप पूर्ति करना चाहेंगे?
उत्तर:
हम उस संतुष्ट की जानेवाली आवश्यकता का चयन करेंगे जो परमावश्यक होगी। आवश्यकताएं कई प्रकार की होती हैं –
- अनिवार्य आवश्यकता अर्थात् अस्तित्व बनाए रखने की आवश्यकता
- आरामदायक आवश्यकता तथा
- सुविधाजनक आवश्यकता। आवश्यकताओं की तीव्रता में भी अंतर होता है। हम सबसे पहले उस आवश्यकता की पूर्ति करेंगे, जिसमें सबसे अधिक तीव्रता होगी।
प्रश्न 6.
आप अर्थशास्त्र का अध्ययन क्यों करना चाहते हैं? कारण बताइए?
उत्तर:
वर्तमान में हमारा देश गंभीर आर्थिक समस्याओं जैसे-महँगाई, जनसंख्या में तीव्र वृद्धि, बेरोजगारी, गरीबी आदि से जूझ रहा है। अर्थशास्त्र में इन समस्याओं के हल को खोजने का प्रयास किया जाता है। इसके अतिरिक्त अर्थशास्त्र शासन की आर्थिक नीतियों का भी निरंतर अध्ययन करता रहता है, जिससे देश की दशा और दिशा का ज्ञान होता है। इन सभी कारणों से हम अर्थशास्त्र का अध्ययन करना चाहते हैं।
प्रश्न 7.
“सांख्यिकीय विधियाँ सामान्य बुद्धि का स्थानापन्न नहीं होती।” टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
सांख्यिकी का क्षेत्र बहुत व्यापक है। आज ज्ञान-विज्ञान की प्रत्येक शाखा में इसका प्रयोग किया जाता है। परंतु यहाँ यह उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी विधियों का प्रयोग बड़े ध्यान और सावधानी से किया जाना चाहिए। बिना सोचे-समझे सांख्यिकी विधियाँ गलत परिणाम भी दे सकती हैं। इन्हें अज्ञानतावश प्रयोग करने से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इनका प्रयोग एक अंधे मनुष्य के समान नहीं करना चाहिए जो किसी बिजली के खंभे से प्रकाश प्राप्त करने के स्थान पर सहारे का कार्य लेता है। सांख्यिकीय विधियों का प्रयोग केवल वही व्यक्ति कर सकते हैं जो समझदार तथा विशेषज्ञ हैं। यूल और केंडाल के शब्दों में-“अयोग्य व्यक्ति के हाथों में सांख्यिकीय रीतियाँ (विधियाँ) सबसे भयानक हथियार हैं।” इस बात का स्पष्टीकरण नीचे उदाहरणों से किया जा सकता है –
उदाहरण 1:
एक बार एक राज्य के किसी गाँव में एक भयानक बीमारी फैल गई। उस बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए तात्कालिक कई कदम उठाए गए। उस गाँव में सहायता के तौर पर डॉक्टर तथा दवाइयाँ भेजी गईं। एक राजनेता जो दावा करता था कि वह अच्छा सांख्यिकीय निपुण है (उसका दावा झूठा था) उस गाँव में गया। वहाँ जाकर उसने आँकड़ों का संकलन किया और इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि जहाँ पर अधिक डॉक्टर हैं वहाँ पर अधिक मृत्यु हुई है। उसने कहा कि डॉक्टर मृत्यु के लिए दोषी हैं तथा उन्हें दंड मिलना चाहिए।
उदाहरण 2:
कहते हैं कि एक व्यक्ति अपनी पत्नी तथा दो बच्चों के साथ दूसरे गाँव के लिए गया। रास्ते में एक नदी पड़ती थी। पिता को उस नदी की औसत गहराई मालूम थी। उसने अपनी तथा अपने परिवार के सदस्यों की औसत ऊँचाई की गणना की। उसके परिवार के सदस्यों। की औसत ऊँचाई नदी की औसत ऊँचाई से अधिक थी। अतः उसने सोचा कि वे नदी को सरलता से पार कर सकते हैं, परंतु नदी पार करते समय उसका छोटा बच्चा (जिसकी ऊँचाई नदी की, गहराई से कम थी) नदी में डूब गया। इसका कारण यह था कि उसने समांतर माध्य का प्रयोग सोच-समझकर नहीं किया था।
Bihar Board Class 11 Economics अर्थशास्त्र में सांख्यिकी परिचय Additional Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
मार्शल ने अर्थशास्त्र को कैसे परिभाषित किया है?
उत्तर:
मार्शल के अनुसार अर्थशास्त्र जीवन के साधारण व्यवसाय में मानव क्रियाओं का अध्ययन है।
प्रश्न 2.
जीवन के साधारण व्यवसाय से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जीवन के साधारण व्यवसाय से अभिप्राय मौद्रिक लाभ के लिए की गई क्रियाएँ जैसे-किसी कार्यालय में काम करना, टैक्सी चलाना, पाठशाला में पढ़ना इत्यादि।
प्रश्न 3.
ए. मार्शल कौन थे?
उत्तर:
ए. मार्शल आधुनिक अर्थशास्त्र के जन्मदाता में से एक थे।
प्रश्न 4.
उपभोग के अध्ययन की विषय-सामग्री क्या है?
उत्तर:
एक उपभोग को अपनी निश्चित आय से क्या खरीदना चाहिए, जबकि उसके पास क्रय की जाने वाली विभिन्न वस्तुओं की सूची है तथा उन वस्तुओं की उसे कीमत भी ज्ञात है। यही उपभोग की विषय-सामग्री है।
प्रश्न 5.
उत्पादन से क्या अभिप्राय?
उत्तर:
वस्तुओं में उपयोगिता का सृजन करना या वस्तुओं की उपयोगिता में वृद्धि करना उत्पादन कहलाता है। साधारण शब्दों में वस्तुओं का निर्माण करना ‘उत्पादन’ है।
प्रश्न 6.
उत्पादन में हम क्या अध्ययन करते हैं?
उत्तर:
उत्पादन में हम इस बात का अध्ययन करते हैं कि उत्पादक बाजार के लिए किन वस्तुओं का उत्पादन करे, जब उसे लागत तथा की मतों का ज्ञान है।
प्रश्न 7.
वितरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन से प्राप्त होने वाली राष्ट्रीय आय को मजदूरी, लाभ तथा ब्याज के रूप. में बाँटने को वितरण कहते हैं।
प्रश्न 8.
हमें दुर्लभता का सामना क्यों करना पड़ता है?
उत्तर:
हमें दुर्लभता का सामना इसलिए करना पड़ता हैं, क्योंकि इच्छाओं का पूर्ति करने के लिए जो वस्तुएँ हमें चाहिए, वे सीमित मात्रा में उपलब्ध होती हैं।
प्रश्न 9.
संसाधनों की दो विशेषताएँ लिखें।
उत्तर:
- आवश्यकताओं की संतुष्टि के संसाधन सीमित हैं।
- सीमित से साधनों के वैकल्पिक प्रयोग होते हैं।
प्रश्न 10.
एक उदाहरण देकर स्पष्ट करें कि साधन के वैकल्पिक प्रयोग क्या होते हैं?
उत्तर:
भूमि एक साधन है। इसके वैकल्पिक प्रयोग हैं। भूमि पर भवन बनाया जा सकता है। इस पर रबर की खेती की जा सकती है अथवा इस पर गेहूँ की खेती भी की जा सकती है।
प्रश्न 11.
उपभोग के अध्ययन की विषय-सामग्री क्या है?
उत्तर:
आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वस्तुओं का तथा सेवाओं का उपयोग ‘उपभोग’ कहलाता है। वस्तुओं के उपभोग करने से उनकी उपयोगिता नष्ट हो जाती है या कम हो जाती है।
प्रश्न 12.
आर्थिक समस्याओं के बारे में आँकड़े एकत्रित करने से हमारा क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
आर्थिक समस्याओं के बारे में आँकड़े एकत्रित करने का उद्देश्य इन समस्याओं का सामना तथा उनके उत्पन्न होने के कारणों का वर्णन करना है।
प्रश्न 13.
अर्थशास्त्र में नीतियाँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
आर्थिक समस्याओं को सुलझाने में सहायता करने वाले उपायों को नीतियाँ कहते हैं।
प्रश्न 14.
अंग्रेजी भाषा का (Statistics) शब्द लैटिन भाषा के किस शब्द से लिया गया है?
उत्तर:
Stat Status से।
प्रश्न 15.
बहुवचन में सांख्यिकी का अर्थ है?
उत्तर:
बहुवचन में सांख्यिकी का अर्थ अंकों में व्यक्त तथ्यों से है जो व्यवस्थित रूप से एकत्रित किए गए हैं। दूसरे शब्दों में बहुवचन में सांख्यिकी का अर्थ समंक (आँकड़े) हैं।
प्रश्न 16.
समंकों से क्या अभिप्राय है।
उत्तर:
समंकों से अभिप्राय मात्रात्मक तथा गुणात्मक तथ्यों से है, जिनका अर्थशास्त्र में प्रयोग किया जाता है।
प्रश्न 17.
मात्रात्मक तथ्यों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
मात्रात्मक तथ्यों से अभिप्राय उन तथ्यों से है जो अंकों से प्रकट किए जाते हैं। उदाहरण के लिए भारत में चावल का उत्पादन 1995-96 में 769.8 लाख टन था, जो बढ़कर 2004-05 में 853.1 लाख टन हो गया।
प्रश्न 18.
समंक या आँकड़े किसे कहते हैं?
उत्तर:
आँकड़े (समंक) उन आर्थिक घटनाओं को कहते हैं, जिन्हें अंकों में प्रकट किया जा सकता है, जैसे-जनसंख्या, कीमत-वृद्धि, उत्पादन आदि के आँकड़े।
प्रश्न 19.
आर्थिक समस्या क्या है?
उत्तर:
आर्थिक समस्या मूल रूप से चयन की समस्या है, जो साधनों की दुर्लभता के कारण उत्पन्न होती है।
प्रश्न 20.
साधनों की मितव्ययिता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
साधनों की मितव्ययिता से अभिप्राय साधनों का बुद्धिमत्ता से प्रयोग करना है।
प्रश्न 21.
आर्थिक समस्या के उत्पन्न होने के मुख्य कारण कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- असीमित आवश्यकता में
- सीमित साधनों
- साधनों का वैकल्पिक प्रयोग
प्रश्न 22.
सीमित साधन से क्या अभिप्राय है? अथवा, साधनों की दुर्लभता से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
साधनों की दुर्लभता से अभिप्राय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपलब्ध साधों का उनकी माँग से कम होना है।
प्रश्न 23.
हम दुर्लभता का सामना क्यों करते हैं?
उत्तर:
क्योंकि हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उपलब्ध साधन सीमित हैं।
प्रश्न 24.
साधनों के वैकल्पिक प्रयोग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
साधनों के वैकल्पिक प्रयोग से अभिप्राय है-साधनों के विभिन्न प्रयोग। उदाहरण के लिए भूमि का प्रयोग खाद्य फसलों के लिए किया जा सकता है अथवा वाणिज्यिक फसलों के लिए या किसी अन्य उपयोग के लिए किया जा सकता है।
प्रश्न 25.
कोई दो उदाहरण दें जिससे पता चले कि सांख्यिकी का प्रयोग विभिन्न कारकों में संबंध स्थापित करने के लिए किया जाता है।
उत्तर:
- कीमत तथा मात्रा में संबंध।
- कीमत तथा पूर्ति में संबंध।
प्रश्न 26.
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन अधिक विश्वसनीय है?
- सन् 2000 में इतना गेहूँ का उत्पादन नहीं हुआ जितनहा 2001 ई. में।
- सन् 2000 ई. में गेहूँ का उत्पादन 100 मिलियन टन था, जबकि 2001 ई. में यह 121 मिलियन टन था।
उत्तर:
2. दूसरा कथन अधिक विश्वसनीय है।
प्रश्न 27.
निम्नलिखित तथ्यों में से कौन-सा तथ्य अधिक विश्वसनीय है?
- अभी हाल के भूचाल में कश्मीर में 310 व्यक्ति मरे।
- अभी हाल के भूचाल में कश्मीर में सैकड़ों व्यक्ति मरे।
उत्तर:
पहला तथ्य अधिक विश्वसनीय है।
प्रश्न 28.
निम्नलिखित में से आपको कौन से गुणात्मक समंक मिलेंगे –
- सुन्दरता
- समझदारी
- अर्जित आय
- एक विषय में प्राप्त अंक
- गाने की योग्यता
- सीखने की कला
उत्तर:
- सुंदरता
- समझदारी तथा गाने की योग्यता
- सीखने की कला
प्रश्न 29.
वस्तु की कीमत और उसकी माँग में क्या संबंध है? अन्य बातें पूर्ववत् रहने पर एक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर उसकी माँग पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
उत्तर:
वस्तु की कीमत और उसकी माँग में विपरीत संबंध है। कीमत तथा माँग विपरीत दिशाओं में चलती है। अन्य बातें पूर्ववत् रहने पर कीमत में वृद्धि होने से उसकी माँग में कमी आएगी।
प्रश्न 30.
हम सांख्यिकी का प्रयोग किन गंभीर आर्थिक समस्याओं के विश्लेषण तथा उसके समाधान के लिए करते हैं?
उत्तर:
- कीमतों में वृद्धि
- जनसंख्या में वृद्धि
- बेरोजगारी
- निर्धनता आदि
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
आर्थिक समस्याओं के उत्पन्न होने के कारण लिखें।
उत्तर:
- असीमित आवश्यकताएँ (Unlimited Needs): मनुष्य की आवश्यकताएँ अनंत हैं। उनकी कोई गिनती नहीं। ये आवश्यकताएं बार-बार उत्पन्न होती है।
- सीमित साधन (Limited Sources): आवश्यकताओं की पूर्ति के साधन सीमित (दुर्लभ) हैं। दूसरे शब्दों में आवश्यकताओं की पूर्ति के उपलब्ध साधन दुर्लभ हैं।
- सीमित साधनों का वैकल्पिक प्रयोग (Alternative Uses of Resources): आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए साधन न केवल सीमित हैं, अपितु उनका वैकल्पिक प्रयोग भी है। एक साधन को विभिन्न रूपों में उपयोग किए जा सकते हैं।
प्रश्न 2.
एक कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या 2,500 है। क्या इसे सांख्यिकीय कहा जाएगा? तर्कयुक्त उत्तर दें।
उत्तर:
इसे सांख्यिकी नहीं कहा जाएगा। इसका कारण यह है कि सांख्यिकी तथ्यों का एक समूह है। यह एक तथ्य नहीं है। सांख्यिकी केवल तथ्यों के समूह का अध्ययन करती है। और इससे कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। विद्यार्थियों की संख्या एक तथ्य है। इससे हम कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। यदि हमें यह दिया हुआ हो कि पिछले वर्ष एक कॉलेज में 2,300 विद्यार्थी थे और इस वर्ष 2,500 विद्यार्थी हैं, तब इसे सांख्यिकी कहा जाएगा, क्योंकि यहाँ समक तथ्यों का समूह है तथा इनमें तुलना की जा सकती है।
प्रश्न 3.
सांख्यिकी के किन्हीं दो कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर:
सांख्यिकी के दो कार्य (Two functions of statistics):
सांख्यिकी के कई कार्य हैं। उनमें से दो कार्य निम्नलिखित हैं –
1. जटिल तथ्यों को सरल तथा स्पष्ट बनाना (Presenting comple facts into simple and clear form):
सांख्यिकी साधारण तथा असाधारण सभी जटिल आर्थिक तथ्यों को संक्षिप्त तथा स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है। संक्षिप्त तथा स्पष्ट रूप से प्रकट किए गए तथ्य सरलता से समझे जा सकते हैं।
2. नीति निर्धारण में सहायता करना (Helpful in the furmulation of policies):
उचित नीतियाँ निर्धारित करने में सांख्यिकी आधारभूत सामग्री प्रदान करती है। बिना पूर्ण संकलित तथ्यों के कुशल नीति निर्धारण अत्यंत कठिन है। उदाहरण के लिए यह निर्णय करना है कि भारत 2007 में कितना पेट्रोल दूसरे देशों से आयात करेगा। इसके लिए हमें यह पता लगाना पड़ेगा कि उस वर्ष देश में कितना उत्पादन होगा। इस जानकारी के बिना हम पेट्रोल के आयात के विषय में नीति नहीं बना सकते।
प्रश्न 4.
सांख्यिकी का बहुवचन तथा एकवचन रूप में अर्थ समझाइए।
उत्तर:
सांख्यिकी शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया जाता है – कवचन, बहुवचन –
- बहुवचन के रूप में अर्थ अंकों में व्यक्त की गई सूचना तथा अन्य आँकड़ों से होता है।
- जैसे-जनसंख्या के आँकड़े, रोजगार सम्बन्धी आँकड़े की की परिभाषा लिखिए।
प्रश्न 5.
सांख्यिकी के महत्त्वपूर्ण कार्य लिखिए।
उत्तर:
सांख्यिकी के महत्त्वपूर्ण कार्य निम्न हैं –
- सांख्यिकी जटिल तथ्यों को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करती है।
- सांख्यिकीय आंकड़ों को तुलनात्मक बनाती है, जिनसे लाभदायक परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
- सांख्यिकी पूर्वानुमान तथा उचित नीतियों के निर्णय में सहायता करती है।
- सांख्यिकी से व्यक्ति के ज्ञान तथा अनुभव में वृद्धि होती है।
- सांख्यिकी में दो या दो से अधिक तथ्यों के संबंध में भी ज्ञात किया जा सकता है।
प्रश्न 6.
सांख्यिकी की प्रमुख विशेषताएं लिखिए।
उत्तर:
सभी समंक सांख्यिकी नहीं कहला सकते हैं। जिनमें निम्नलिखित विशेषताएँ विद्यमान होती हैं –
- समंक तथ्यों के समूह होते हैं।
- समंक संख्याओं में व्यक्त किए जा सकते हैं।
- समंक अनेक कारणों से प्रभावित होते हैं।
- समंक का संकलन गणना या अनुमान विधि द्वारा किया जा सकता है।
- समंकों का संग्रहण किसी पूर्व निश्चित उद्देश्य के लिए होना चाहिए।
- समंकों को सुव्यवस्थित ढंग से एकत्र किया जाना चाहिए।
- समंक एक-दूसरे से संबंधित रूप में प्रकाशित किया जाना चाहिए।
प्रश्न 7.
सांख्यिकी अर्थशास्त्री तथा प्रशासक के लिए किस प्रकार उपयोगी है?
उत्तर:
1. अर्थशास्त्रियों के लिए उपयोगी (Useful for Economicst):
एक अर्थशास्त्री आर्थिक समूहों, जैसे-कुल राष्ट्रीय उत्पाद, उपभोग, बचत, निवेश और मुद्रा के मूल्य होने वाले परिवर्तनों के मापन के लिए समंकों पर निर्भर रहता है। आर्थिक सिद्धांतों का सत्यापन करने तथा परिकल्पनाओं की जाँच करने के लिए भी सांख्यिकीय विधियों का ही प्रयोग किया जाता है।
2. प्रशासक के लिए उपयोगी (Useful for Administrator):
एक सफल प्रशासक को उचित नीति निर्माण के लिए देश में बसने वाले लोगों की संख्या, देश की संपत्ति, आयात और निर्यात की मात्रा, औद्योगिक और कृषि उत्पादकता, श्रम स्थिति, मूल्य स्थिति आदि सभी संबंधित आँकड़ों का ज्ञान होना जरूरी है। ये सभी आँकड़े उसे सांख्यिकी से प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 8.
सांख्यिकी एक व्यापार के लिए किस प्रकार उपयोगी है?
उत्तर:
एक कुशल व्यापारी उपयुक्त आँकड़ों के आधर पर ही वस्तु की माँग का अनुमान लगाता है और क्रय-विक्रय व विज्ञापन नीतियाँ निर्धारित करता है। माँग का पूर्वानुमान लगाते समय ऋतुकालीन परिवर्तनों, व्यापार चक्रों, ग्राहकों की अभिरुचि, रीति-रिवाज, जीवन-स्तर आदि के यथेष्ट आँकड़ों को ध्यान में रखता है।
प्रश्न 9.
सांख्यिकी की प्रमुख सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर:
सांख्यिकी की प्रमुख सीमाएँ निम्नलिखित हैं –
- सांख्यिकी व्यक्तिगत इकाइयों का अध्ययन नहीं करती।
- इनमें केवल संख्यात्मक इकाइयों का अध्ययन किया जाता है।
- इसमें गुणात्मक तथ्यों जैसे-वृद्धि, व्यवस्था इत्यादि का अध्ययन नहीं किया जाता है।
- सांख्यिकी नियम केवल औसत रूप में ही सत्य है।
- सांख्यिकीय का दुरुपयोग किया जाता है।
प्रश्न 10.
“झूठ तीन प्रकार के होते हैं-झूठ, सफेद झूठ और सांख्यिकी।” इस कथन को समझाइए।
उत्तर:
सांख्यिकी को सबसे बड़ा झूठ का रूप का मानने का अभिप्राय है कि हम इसके द्वारा किसी भी सही चीज को झूठा सिद्ध कर सकते हैं। राजनीति तथा प्रशासन में सांख्यिकी का इस संदर्भ में बहुत उपयोग किया जाता है। आँकड़ों (सांख्यिकी) के आधार पर सत्ताधारी दल यह सिद्ध कर सकता है कि पंचवर्षीय योजनाओं से भारत में प्रत्येक क्षेत्र में आशातीत प्रगति हुई है जबकि विरोधी दलों के सदस्यों आँकड़ों से यह सिद्ध कर सकते हैं कि योजना काल में सामान्य व्यक्ति की स्थिति पहले से खराब हो गई है।
प्रश्न 11.
आर्थिक विश्लेषण में प्रयुक्त की जाने वाली सांख्यिकी विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आर्थिक विश्लेषण में प्रमुख निम्नलिखित सांख्यिकीय विधियों का उपयोग होता है –
- आँकड़ों का संकलन (Collection of Data): सांख्यिकी की पहली विधि में किसी समस्या से संबंधित आँकड़ों को एकत्रित करते हैं।
- आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data): सांख्यिकी की दूसरी विधि का संबंध के प्रस्तुतीकरण से है।
- आँकड़ों का विश्लेषण (Analysis of Data): सांख्यिकी की तीसरी विधि का संबंध आँकड़ों के विश्लेषण से है।
- आँकड़ों का निर्वाचन (Interpretation of Data): इस विधि में आँकड़ों के निष्कर्ष निकाले जाते हैं।
प्रश्न 12.
सांख्यिकी को अंकों में प्रकट तथ्यों के समूह में परिभाषित किया जाता है। कुछ उदाहरण दें।
उत्तर:
सांख्यिकी तथ्यों का समूह है। किसी एक तथ्य से संबंधित आँकड़ों को सांख्यिकी नहीं कहा जा सकता। उदाहरण के लिए, किसी व्यक्ति विशेष की आय को सांख्यिकी नहीं कहा जा सकता है। इसका कारण यह है कि इसकी तुलना नहीं की जा सकती। इसके अतिरिक्त सांख्यिकी तथ्य संख्या में व्यक्त होना चाहिए। यदि तथ्यों को गुणात्मक रूप में प्रकट किया जाता है तो वह सांख्यिकी नहीं कहलाएगी। जैसे-सुन्दरता, ईमानदारी, स्वास्थ्य आदि। राजा ने 80% अंक प्राप्त किए और मोहन ने 90% तो यह संख्या में प्रकट किए तथ्यों का समूह सांख्यिकी कहलाएगा।
प्रश्न 13.
होरेस सेक्राइस्ट के अनुसार सांख्यिकी की परिभाषा को लिखें।
उत्तर:
होरेस सेक्राइस्ट के अनुसार समंक तथ्यों के उस समूह को कहते हैं, जो अनेक कारणों – से पर्याप्त सीमा तक प्रभावित होते हैं, जो अंकों में प्रकट किए जाते हैं, यथोचित शुद्धता के अनुसार जिनकी गणना अथवा अनुमान लगाया जाता है, जिन्हें किसी-न-किसी पूर्व-निश्चित उद्देश्य के लिए एक सुव्यस्थित विधि द्वारा एकत्र किया जाता है तथा जिन्हें तुलना के लिए एक-दूसरे के संबंध में रखा जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
आर्थिक विश्लेषण में प्रयुक्त की जाने वाली सांख्यिकीय विधियों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक विश्लेषण में सांख्यिकीय उपकरणों (विधियों) का प्रयोग (Statistical methods used in economic analysis):
सांख्यिकीय सिद्धांतों का अध्ययन किया जाता है। आर्थिक विश्लेषण में प्रयोग होने वाले सांख्यिकीय उपकरण या विधियाँ निम्नलिखित हैं –
1. आँकड़ों का संकलन (Collection of Data):
आँकड़ों का संकलन एक सांख्यिकीय उपकरण है। इसके अंतर्गत हम आँकड़ों के प्रकार-प्राथमिक व द्वितीयक तथा संकलन की विधियों, संगणना विधियों और न्यायादर्श विधि का अध्ययन करते हैं। आर्थिक विश्लेषण में सर्वप्रथम तथ्यों से संबंधित आँकड़ों का संकलन किया जाता है। सांख्यिकी आँकड़े आर्थिक अनुसंधान के आधार होते हैं।
2. आँकड़ों का व्यवस्थितीकरण (Organisation of Data):
आँकड़ों को व्यवस्थित करने की विधि एक उपयोगी सांख्यिकी उपकरण है। इसके अंतर्गत आँकड़ों का वर्गीकरण तथा सारणीकरन का अध्ययन किया जाता है। इनका प्रयोग आर्थिक विश्लेषण में बहुत आवश्यक होता है, तभी वे विश्लेषण के लिए उपयोगी बनते हैं।
3. आँकड़ों का व्यवस्थितीकरण (Organisation of Data):
आँकड़ों को व्यवस्थित करने की विधि एक उपयोगी सांख्यिकीय उपकरण है। इसके अंतर्गत आँकड़ों का वर्गीकरण तथा सारणीकरन का अध्ययन किया जाता है। इनका प्रयोग आर्थिक विश्लेषण में बहुत आवश्यक होता है, तभी वे विश्लेषण के लिए उपयोगी बनते हैं।
4. आँकड़ों का विश्लेषण (Analysis of Data):
इस सांख्यिकी उपकरण का प्रयोग आर्थिक विश्लेषण में बहुत आवश्यक है। आँकड़ों के विश्लेषण की विभिन्न विधियाँ, केन्द्रीय प्रवृत्तियों की माप, सहसंबंध, सूचकांक आदि आर्थिक विश्लेषण में बहुत उपयोगी हैं।
5. आँकड़ों का निर्वचन (Interpretation of Data):
आँकड़ों के निर्वचन से अभिप्राय उन्हें अर्थ प्रदान करना है। आँकड़े अपने आप कुछ नहीं बोलते, इन्हें सही अर्थ प्रदान करना तथा इनसे सही अर्थ निकालना होता है। यह भी एक सांख्यिकीय उपकरण है, जिसका आर्थिक विश्लेषण में प्रयोग किया जाता है। यह एक कठिन कार्य है।
6. पूर्वानुमान (Forecasting):
पूर्वानुमान एक उपयोगी सांख्यिकीय उपकरण है जिसका आर्थिक विश्लेषण से संबंधित पूर्वानुमान लगा सकते हैं। इन पूर्वानुमानित आँकड़ों पर अनेक आर्थिक नीतियाँ आधारित होती हैं। उदाहरणार्थ, यह अनुमान लगाना कि दसवीं पचवर्षीय योजना के अंत तक जनसंख्या कितनी होगी और तदनुसार रोजगार आय, उत्पादकता आदि का पूर्वानुमान लगाय जा सकता है।
प्रश्न 2.
सांख्यिकी के प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर:
1, तथ्यों को स्पष्टता प्रदान करना (Facts are clearly presented):
सांख्यिकी का पहला कार्य है कि यह तथ्यों को आंकड़ों में प्रस्तुत करके उन्हें अधिक विश्वसनीय बना देता है। यह कहना कि वर्ष 2000 में इतना गेहूँ का उत्पादन नहीं हुआ था जितना कि 2001 में यदि इस बात को आँकड़ों में कहें कि वर्ष 2000 में गेहूँ का उत्पादन 1000 मिलियन टन था जबकि 2001 में यह 121 मिलियन टन था। दूसरा वाक्य बहुत अधिक विश्वसनीय है।
2. जटिल तथ्यों को सरल बनाना (Simplification of complex facts):
सांख्यिकी विधियाँ अनेक हैं, जैसे-माध्य, माध्यिका, अपरिकरण, जो कि जटिल तथ्यों को सरल बना देती हैं।
3. तथ्यों की तुलना को आसान करना (To make comparisn of facts easy):
विभिन्न प्रकार की सांख्यिकीय विधियाँ आँकड़ों को तुलनात्मक बनाती हैं। प्रतिशत दर और अनुपात इसमें सहायक हैं।
4. व्यक्तिगत अनुभव को बढ़ाना (To increase personal experience):
बाउले ने ठीक ही कहा है कि सांख्यिकी निस्संदेह व्यक्तिगत अनुभव को बढ़ाती है।
5. उचित नीतियों के निर्माण में सहायता करना (Helpful in making reasonable policy):
उचित नीति निर्धारण में ये आँकड़े बुनियाद का काम करते हैं।
6. उचित नीतियों के निर्माण में सहायता करना (Helpful in forecasting):
भूतकाल में एकत्रित आँकड़े आने वाले भविष्य का अनुमान लगाने में बड़े सहायक होते हैं।
7. तथ्यों के संबंधों का अध्ययन करना (To study relationship between the facts):
सांख्यिकी दो या अधिक तथ्यों के आपस के संबंधों का अध्ययन करती है।
प्रश्न 3.
सांख्यिकी की सीमाएँ क्या हैं?
उत्तर:
सांख्यिकी की प्रमुख सीमाएँ निम्नलिखित हैं –
- सांख्यिकी केवल समूह का अध्ययन करती है। व्यक्तिगत इकाइयों का इसमें अध्ययन नहीं किया जाता है।
- सांख्यिकी केवल संख्यात्मक तथ्यों का अध्ययन करती है। इसमें किसी के गुण, बुराई, भलाई का अध्ययन नहीं किया जाता।
- सांख्यिकी के नियम इतने यथार्थ नहीं होते जितने भौतिक शास्त्र या रसायन शास्त्र के नियम होते हैं। सांख्यिकी के नियम अनेक कारणों से प्रभावित होते हैं।
- सांख्यिकी समस्या का सर्वश्रेष्ठ हल नहीं बता सकती है। किसी समस्या को हल करने की अनेक विधियाँ व विधान हैं। सांख्यिकी उनमें से एक है।
- सांख्यिकी का दुरुपयोग किया जा सकता है। सांख्यिकी का सबसे बड़ा दोष यह है कि कोई भी दक्ष प्राणी इसकी विधि का गलत प्रयोग करके अपने उपयोग के अनुरूप परिणाम निकाल सकता है। इसका दुरुपयोग भी कर सकता है।
प्रश्न 4.
सांख्यिकी का क्या महत्व (लाभ) है? अथवा, आर्थिक नियोजन के क्षेत्र में सांख्यिकी की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
सांख्यिकी के अनेक कार्यों के अध्ययन से स्पष्ट होता है कि सांख्यिकी का ज्ञान-विज्ञान की प्रत्येक शाखा में बहुत ही महत्त्व है।
1. सांख्यिकी व व्यापार (Statistics and business):
व्यापारी वर्ग अधिक-से-अधिक लाभ प्राप्त करना चाहता है। अत: उसे उत्पाद, क्रय, विक्रय, कीमत निर्धारण में सांख्यिकी का सहारा लेना पड़ता है। अनुमान सांख्यिकी पर निर्भर करते हैं।
2. सांख्यिकी व अर्थशास्त्र (Statistics and economics):
अर्थशास्त्र का अंग सांख्यिकी है। अर्थशास्त्र की लगभग प्रत्येक समस्या सांख्यिकीय सहायता से हल होती है। देश में फैली गरीबी, बेकारी, आय, असमानता का समाधन सांख्यिकी से ही सुलभ है।
3. सांख्यिकी तथा बैंकर (Statistics and bankers):
सांख्यिकी के बिना पूर्व अनुमान गलत हो सकते हैं। वह जनता का विश्वास खो सकता है। ऐसी हालत में सांख्यिकी से ही सुलभ ज्ञान उनके लिए आवश्यक है।
4. सांख्यिकी तथा बीमा कंपनियाँ (Statistics and insurance companies):
बीमा कंपनियाँ व्यक्तियों के जीवन आदि का बीमा करती हैं। ये जीवन की प्रत्याशा के आधार पर बीमा-दर निश्चित करती हैं। किसी कंपनी के सारे काम संभवना सिद्धांत पर आधारित होते हैं और यह सिद्धांत सांख्यिकी का है।
5. सांख्यिकी व अनुसंधान (Statistics and research):
सांख्यिकी उपकरण विधियाँ अनुसंधानकर्ता के लिए विशेष लाभदायक है। सांख्यिकी उपकरणों की सहायता से अनुसंधानकर्ता अपनी खोज में तभी सफल होगा जब उसने आँकड़े एकत्रित किए हुए हों।
6. सांख्यिकी व सरकार (Statistics and Government):
वर्तमान समय में सरकार कल्याणकारी सरकार कहलाती है। वह अधिक-से-अधिक जनसुख की भावना से शासन करती है। यातायात, कृषि, व्यापार, आयत-निर्यात, डाक-तार आदि सभी क्षेत्र आँकड़ों पर निर्भर करते हैं। देश का वार्षिक बजट तो सांख्यिकी ही है।
7. सांख्यिकी व मानव कल्याण (Statistics and human welfare):
मानव कल्याण तभी हो सकता है जब है जब उसकी समस्याएँ (गरीबी, बेकारी) हल हुई हों। उनका हल सांख्यिकी के द्वारा हो सकता है।
8. सांख्यकी व पूर्व अनुमान (Statistics and forecasting):
सांख्यिकी का प्रयोग व्यापार, ऋतु-विज्ञान, सूर्य ग्रहण, चंद्रग्रहण आदि के पूर्वानुमान लगाने के काम आता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
ऑक्सफोर्ड शब्दकोष के अनुसार सांख्यिकी शब्द का प्रयोग यदि बहुवचन में हो तो इसका अर्थ है –
(a) क्रमबद्ध एकत्रित संख्यात्मक तथ्य
(b) अप्रायोगिक विज्ञान
(c) प्रायोगिक
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) क्रमबद्ध एकत्रित संख्यात्मक तथ्य
प्रश्न 2.
रैन्डम हाउस डिक्शनरी सांख्यिकी का अर्थ बनाती है –
(a) क्रमबद्ध एकत्रित संख्यात्मक तथ्य
(b) अप्रायोगिक विज्ञान
(c) प्रायोगिक विज्ञान
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) अप्रायोगिक विज्ञान
प्रश्न 3.
सांख्यिकी आँकड़ों के विश्लेषण की विधियाँ हो सकती हैं –
(a) अविवरणात्मक या अप्रायिकतात्मक
(b) विवरणात्मक या प्रायिकतात्मक
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) विवरणात्मक या प्रायिकतात्मक
प्रश्न 4.
इस पाठ्य पुस्तक की विषय-वस्तु है –
(a) विवरणात्मक विधियाँ
(b) प्रायिकतात्मक विधियाँ
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) विवरणात्मक विधियाँ
प्रश्न 5.
जिन चरों को संख्याओं द्वारा मापा जाता है, वे कहलाते हैं –
(a) मात्रात्मक आँकड़े
(b) गुणात्मक आँकड़े
(c) मात्रात्मक व गुणात्मक दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) मात्रात्मक आँकड़े
प्रश्न 6.
गुणात्मक आँकड़ों को दर्शाया जाता है –
(a) संख्याओं में
(b) कोटियों में
(c) संख्याओं व कोटियों दोनों में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) संख्याओं में
प्रश्न 7.
अर्थशास्त्री. सांख्यिकी का प्रयोग करते हैं –
(a) मौद्रिक नीति बनाने में
(b) राजकोषीय नीति बनाने में
(c) उपभोग व उत्पादन का विश्लेषण करने में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) उपभोग व उत्पादन का विश्लेषण करने में
प्रश्न 8.
सांख्यिकी की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है –
(a) प्रायोगिक विज्ञानों में
(b) अप्रायोगिक विज्ञानों में
(c) प्रायोगिक व अप्रायोगिक दोनों विज्ञानों में
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(c) प्रायोगिक व अप्रायोगिक दोनों विज्ञानों में
प्रश्न 9.
प्रयोगात्मक आँकड़े आविष्कारक –
(a) स्वयं तैयार करता है
(b) स्वयं या गणकों से एकत्र करवाता है
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(a) स्वयं तैयार करता है
प्रश्न 10.
सांख्यिकीय संबंधों में –
(a) शत प्रतिशत शुद्धता होती है
(b) त्रुटियाँ भी हो सकती हैं
(c) (a) और (b) दोनों
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(b) त्रुटियाँ भी हो सकती हैं