Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions
Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण क्रिया-पद
क्रिया-पद
1. क्रिया-पद से क्या तात्पर्य है? इसके दो. भेदों (अकर्मक क्रिया और सकर्मक क्रिया) पर सोदाहरण प्रकाश डालें।
परिभाषा-जिस पद से किसी काम का करना या होना जाना जाए उसे ‘क्रिया’ कहते हैं। क्रिया-भेद-क्रियाओं के मुख्य दो भेद माने जाते हैं
(क) सकर्मक क्रिया-वे क्रियाएँ जिनके कार्य का फल कर्ता निकलकर किसी दूसरी वस्तु पर पड़ता है, सकर्मक क्रिया कहलाती हैं।
- यथा लड़का गेंद फेंकता है।
- नौकर चिट्ठी लाएगा।
(ख) अकर्मक क्रिया-ऐसी क्रियाएँ जिनके कार्य का फल केवल कर्ता पर पड़ता है, अकर्मक क्रियाएँ कहलाती हैं। यथा-
- लड़का दौड़ता है।
- कुत्ता भौंकता है।
- सोहन सोता है।
2. ‘द्विकर्मक’ क्रिया एवं ‘प्रेरणार्थक’ क्रिया से क्या तात्पर्य है? सोदाहरण बताएँ।
(क) द्विकर्मक क्रिया-जिस क्रिया के साथ दो कर्म आते हैं उसे द्विकर्मक क्रिया कहते हैं। यथा-
- मोहन ने भाई को फल दिया।
- नौकर गाय को पानी पिलाता है।
इनमें वह कर्म जो क्रिया का अर्थ पूरा करने के लिए अत्यंत आवश्यक होता है, ‘मुख्य कर्म’ कहा जाता है। जैसे-उपर्युक्त उदाहरण में ‘फल’ और ‘पानी’। वह कर्म जो क्रिया के अर्थ को और पूर्ण बनाने के लिए आता है, ‘गौण कर्म’ कहा जाता है। जैसे-उपर्युक्त उदाहरणों में ‘गाय’ और ‘भाई’। मुख्य कर्म अक्सर पदार्थ का बोध करता है एवं गौण कर्म के साथ प्रायः ‘को’ जुटा होता है।
(ख) प्रेरणार्थक क्रिया-ऐसी क्रियाएँ, जिनके. कर्ता-पदों पर दूसरे कर्ता-पदों की प्रेरणा समझी जाती है, प्रेरणार्थक क्रियाएँ कहलाती हैं। इनमे जो कर्ता दूसरे को प्रेरणा देता है वह प्रेरक कर्ता होता है और जिसको प्रेरणा दी जाती है वह प्रेरित कर्ता कहलाता है। प्रेरणार्थक क्रियाएँ दो प्रकार की होती हैं
- प्रथम प्रेरणार्थक
- द्वितीयक प्रेरणार्थक
उदाहरण-
- मूल क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक – द्वितीय प्रेरणार्थक
- गिरना – गिराना – गिरवाना
- चलना – चलाना – चलवाना
- धोना – धुलाना – धुलवाना
(3) ‘नामधातु’ और ‘संयुक्त क्रिया’ से क्या तात्पर्य है? सोदाहरण बताएँ।
(क) नामधातु-जो धातु संज्ञा-पद या विशेषण-पद से बने होते हैं उन्हें नामधातु कहते हैं। यथा-
- संज्ञा – नामधातु
- हाथ – हथियाना
- बात – बतिया
(ख) संयुक्त क्रिया-कुछ विशेषण-कृदंतों के आगे विशेषण-अर्थ में कुछ सहायक क्रियाएँ जोड़ने से जो क्रियाएँ बनती हैं उन्हें संयुक्त क्रियाएँ कहते हैं। यथा-
- भला किया, बिका चलता है।