Bihar Board Class 11th Hindi Book Solutions
Bihar Board Class 11th Hindi व्याकरण विशेषण
विशेषण
1. “विशेषण’ से क्या तात्पर्य है? इसकी परिभाषा देते हुए इसके भेदों को लिखें।
जो शब्द किसी संज्ञा-पद अथवा सर्वनाम-पद की किसी प्रकार की विशेषता सूचित करता है उसे विशेषण-पद कहते हैं।
विशेषण के भेद-विशेषण के मुख्य चार भेद हैं-
(क) सर्वनामिक विशेषण-यह, कोई
(ख) गुणवाचक विशेषण-लंबा, भला
(ग) संख्यावाचक विशेषण-दो, तीन
(घ) परिणामबोधक विशेषण-थोड़ा, ज्यादा
2. ‘विशेष्य’ और ‘विशेषण’ का अंतर सोदाहरण बताएँ।
जिस व्यक्ति, वस्तु या भाव की कुछ विशेषता बताई जाती है वह ‘विशेष्य’ कहा जाता है। एवं जिस पद के द्वारा वह विशेषता बताई जाती है उसे ‘विशेषण’ कहा जाता है। उदाहरण के लिए-राम अच्छा लड़का है।
इस वाक्य में ‘लड़का’ विशेष्य है, कारण इसकी कुछ ‘विशेषता’ बताई गई है; ‘अच्छा’ विशेषण-पद है, कारण इसी के द्वारा ‘लड़का’ की विशेषता बताई गई है।
3. ‘सार्वनामिक विशेषण’ से क्या तात्पर्य है? सोदाहरण समझाएँ।
सार्वनामिक विशेषण से तात्पर्य उन सार्वनामिक पदों से है जो संज्ञा-पदों के साथ आकर उनकी कुछ विशेषता बताते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं-
निश्चयवाचक-यह पुस्तक अच्छी है।
अनिश्चयवाचक-कोई लड़का आया था।
प्रश्नवाचक-कौन व्यक्ति था?
संबंधवाचक-जो बालक आया था, वह चला गया।
4. ‘गुणवाचक विशेषण’ से क्या तात्पर्य है? सोदाहरण समझाएँ।
गुणवाचक विशेषण से तात्पर्य उन पदों से है जो संज्ञा-पदों के काल, स्थान, आकार, रंग, दशा, गुण आदि से संबंधित विशेषताएँ अथवा न्यूनताएँ बताते हैं।
उदाहरण के लिए-
- यह पुरानी परंपरा है। (काल)
- यह सफेद कपड़ा है। (रंग)
- यह लंबा पेड़ है। (आकार)
- ऊपर घने बादल छाए थे। (दशा)
- उसका आकार गोल है। (आकार)
- उसने भला काम किया। (गुण)
5. ‘संख्यावाचक विश्लेषण’ से क्या तात्पर्य है? सोदाहरण समझाएँ।
संख्यावाचक विशेषण से तात्पर्य उन पदों से है जो संख्या-संबंधी विशेषताएँ बताते हैं। संख्यावाचक विशेषणों के दो मुख्य उपभेद कहे जा सकते हैं-‘निश्चित संख्यावाचक’ एवं ‘अनिश्चित संख्यावाचक’। पहले प्रकार के विशेषणों से वस्तु की निश्चित संख्या का बोध होता – है एवं दूसरे प्रकार के विशेषणों से वस्तु की अनिश्चित संख्या का बोध होता है।
निश्चित संख्यावाचक में, प्रयोग के अनुसार, निम्नांकित प्रकार के शब्द आते हैं।
- गुणवाचक-दो लड़के आए।
- क्रमवाचक-दूसरा लड़का तेज है।।
- आवृत्तिवाचक-उसका उत्साह दूना हो गया।
- समुदायवाचक-चारों ओर अँधेरा छाया था।
- प्रत्येकतावाचक-प्रत्येक आदमी सुख चाहता है।
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणों के उदाहरण निम्नांकित हैं-
- कुछ समाचार तो अवश्य मिलेगा।
- सब ऐसा ही समझते हैं।
6. ‘परिमाणबोधक विशेषण’ से क्या तात्पर्य है? सोदाहरण बताएँ।
परिमाणबोधक विशेषण से तात्पर्य उन पदों या सार्थक शब्दों से है जो संज्ञा-रूप में आई किसी वस्तु की माप या तौल संबंधी विशेषता बताते हैं। जैसे-
- उसे थोड़ा दूध चाहिए।
- बहुत देर हो चुकी।
- क्या इतने रुपए कम हैं?
- ज्यादा बोलना ठीक नहीं।