Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 6 अन्तराष्ट्रीय संगठन Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 6 अन्तराष्ट्रीय संगठन
Bihar Board Class 12 Political Science अन्तराष्ट्रीय संगठन Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
निषेधाधिकार (वीटो) के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। इनमें प्रत्येक के आगे सही या गलत का चिह्न लगाएँ।
(क) सुरक्षा परिषद् के सिर्फ स्थायी सदस्यों को ‘वीटो’ का अधिकार है।
(ख) यह एक तरह की नकारात्मक शक्ति है।
(ग) सुरक्षा परिषद् के फैसले से असंतुष्ट होने पर महासचिव ‘वीटो’ का प्रयोग करता है।
(घ) एक ‘वीटो’ से भी सुरक्षा परिषद् का प्रस्ताव नामंजूर हो सकता है।
उत्तर:
(क) सही
(ख) सही
(ग) गलत
(घ) सही
प्रश्न 2.
संयुक्त राष्ट्र संघ के कामकाज के बारे में नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। इनमें से प्रत्येक के सामने सही या गलत का चिह्न लगाएँ।
(क) सुरक्षा और शांति से जुड़े सभी मसलों का निपटारा सुरक्षा-परिषद् में होता है।
(ख) मानवतावादी नीतियों का क्रियान्वयन विश्वभर में फैली मुख्य शाखाओं तथा एजेंसियों के मार्फत होता है।
(ग) सुरक्षा के किसी मसले पर पांचों स्थाई सदस्य देशों का सहमत होना उसके बारे में लिए गए फैसले के क्रियान्वयन के लिए जरूरी है।
(घ) संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के सभी सदस्य संयुक्त राष्ट्र संघ के बाकी प्रमुख अंगों और विशेष एजेंसियों के स्वतः सदस्य हो जाते हैं।
उत्तर:
(क) सही
(ख) सही
(ग) सही
(घ) गलत
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा तथ्य सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता के प्रस्ताव को ज्यादा वजनदार बनाता है?
(क) परमाणु क्षमता
(ख) भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ के जन्म से ही उसका सदस्य है।
(ग) भारत एशिया में है।
(घ) भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था।
उत्तर:
(घ) भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था।
प्रश्न 4.
परमाणु प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग और उसकी सुरक्षा से संबद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी का नाम है –
(क) संयुक्त राष्ट्रसंघ, निरस्त्रीकरण समिति
(ख) अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा समिति
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ख) अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी
प्रश्न 5.
विश्व व्यापार संगठन निम्नलिखित में से किस संगठन का उत्तराधिकारी है?
(क) जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ
(ख) जनरल एरेंजमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ
(ग) विश्व स्वास्थ्य संगठन
(घ) संयुक्त राष्ट्र संघ विकास कार्यक्रम
उत्तर:
(क) जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ
प्रश्न 6.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें।
(क) संयुक्त राष्ट्र संघ का मुख्य उद्देश्य …………….. है।
(ख) संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे बड़ा पद ………….. का है।
(ग) संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में ………………. स्थायी और ………. अस्थाई सदस्य हैं।
(घ) ………………. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव हैं।
(च) मानवाधिकारों की रक्षा में सक्रिय दो स्वयंसेवी संगठन ……………. और …………… हैं।
उत्तर:
(क) शांति स्थापना
(ख) महासचिव
(ग) 5,10
(घ) बान की मून
(च) एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच।
प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्र संघ की मुख्य शाखाओं और एजेंसियों का सुमेल उनके काम से करें –
उत्तर:
(1) – (ग)
(2) – (ङ)
(3) – (घ)
(4) – (ख)
(5) – (च)
(6) – (ब)
(7) – (क)
(8) – (छ)
(9) – (झ)
(10) – (ज)
प्रश्न 8.
सुरक्षा परिषद् के कार्य क्या हैं?
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् के कार्य निम्नलिखित हैं –
- यह विश्व में शांति स्थापित करने के लिए उत्तरदायी है और किसी भी मामले पर जो विश्व शांति के लिए खतरा बना हुआ हो पर विचार कर सकती है।
- यह किसी भी देश द्वारा भेजी गई किसी भी शिकायत पर विचार करती है और उस मामले या झगड़े का निर्णय करती है।
- सुरक्षा परिषद् अपने प्रस्तावों या निर्णयों को लागू करवाने के लिए सैनिक कार्यवाही भी कर सकती है। इराक के विरुद्ध सैनिक कार्यवाही का निर्णय सुरक्षा परिषद् ने लिया था।
- यह महासभा के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के जजों की नियुक्ति भी करती है।
प्रश्न 9.
भारत के नागरिक के रूप में सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता के पक्ष का समर्थन आप कैसे करेंगे? अपने प्रस्ताव का औचित्य सिद्ध करें।
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता-सुरक्षा परिषद् में भारत को स्थायी सदस्य के रूप में स्वीकार करना चाहिए । इस प्रस्ताव के समर्थन में कई तर्क दिये जा सकते हैं जो निम्नलिखित हैं –
- सुरक्षा परिषद् में प्रतिनिधिमूलक चरित्र का अभाव है। इसको सुरक्षा परिषद् के विस्तार से और भारत को सदस्य बनाकर ही दूर किया जा सकता है।
- सुरक्षा परिषद् में चीन के अलावा कोई विकासशील देश नही है। सुरक्षा परिषद् इनकी आवाज बुलंद करने के लिए विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व आवश्यक है।
- पिछले कुछ वर्षों से सुरक्षा परिषद् का कार्य क्षेत्र बढ़ा है इसलिए इसका विस्तार जरूरी है।
- भारत सुरक्षा परिषद् में सदस्यता की योग्यता रखता है। उसकी आबादी विश्व की संपूर्ण जनसंख्या की 20% है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
- उसने संयुक्त राष्ट्र संघ के कई क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण कार्य किया है। इसके साथ वह विश्व के फलक पर आर्थिक शक्ति बनकर उभर रहा है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में नियमित योगदान देता है। इन सब कारणों से भारत को सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्य बनाना चाहिए।
प्रश्न 10.
संयुक्त राष्ट्र संघ के ढांचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आ रही कठिनाइयों का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के ढांचे को बदलने के लिए सुझाए गए उपायों के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयाँ –
- संयुक्त राष्ट्र संघ के ढांचे को बदलने को लेकर सदस्य राष्ट्रों के बीच विवाद है। सभी राष्ट्र इस मसले पर सहमत नहीं होते।
- सुरक्षा परिषद् की सदस्यता के लिए सदस्य देश की कुछ योग्यताओं के सुझाव आये हैं जिस पर कोई देश खरा नहीं उतरता। इससे ढांचे में बदलाव कठिन हो जाता है।
- प्रतिनिधित्व के मसले को हल करने में कठिनाई है क्योंकि इसके कई आधार जैसे भौगोलिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि हैं।
- कुछ देशों का विचार है कि निषेधाधिकार को समाप्त कर दिया जाये। परंतु कठिनाई यह है कि क्या सुरक्षा परिषद् के पांचों स्थायी सदस्य इससे सहमत होंगे।
प्रश्न 11.
हालांकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और इससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है लेकिन विभिन्न देश अभी भी इसे बनाये रखना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के क्या कारण हैं।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के कारण:
यह सही है कि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और इससे उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है, लेकिन कई कारणों से विभिन्न देश इसे अभी भी बनाये रखना चाहते हैं। ये कारण निम्नलिखित हैं:
- सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् अमरीका अकेला महाशक्ति और ताकतवर देश रह गया है। शेष विश्व संयुक्त संघ के माध्यम से ही अमरीका पर अंकुश लगा सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ ही ऐसा मंच है जहां एक साथ 190 राष्ट्रों के लोग एकत्र हो सकते हैं और उन्हें एक सूत्र में पिरोया जा सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ ही ऐसी जगह है जहां देश निरंकुश अमरीकी नीतियों और रवैये के विरुद्ध आवाज उठा सकते हैं और बीच का रास्ता निकालने के लिए बाध्य कर सकते है।
- यह सही है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में कुछ कमियाँ हैं परंतु सभी देशों को इसका सहयोग करना पड़ेगा, क्योंकि इसके बिना विश्व की स्थिति निश्चित रूप से असंतुलित और खराब हो जायेगी।
- आज विभिन्न कारणों से विभिन्न देश एक-दूसरे पर निर्भर हैं। प्रौद्योगिकी के तेजी से बढ़ते आविष्कार पारस्परिक निर्भरता को बढ़ा रहे हैं। इसलिए इस अंतर्राष्ट्रीय संस्था का महत्त्व बढ़ता ही रहेगा।
- लोगों, सरकारों और विश्व बिरादरी की रक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से सहयोग प्राप्त करने के तरीके ढूंढने पड़ेंगे तभी सबका उत्तरोत्तर विकास हो सकेगा।
प्रश्न 12.
संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार का अर्थ है सुरक्षा परिषद् के ढांचे में बदलाव। इस कथन का सत्यापन करें।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार का अर्थ: सुरक्षा परिषद् के ढांचे में बदलाव:
शीतयुद्ध के पश्चात् (1989) संयुक्त राष्ट्र संघ में पर्याप्त परिवर्तन आया है, परंतु इसमें सुधार की मांगें भी उठी हैं। लगभग सभी देश विशेष रूप से सुरक्षा परिषद् के ढांचे से बदलाव चाहते हैं। बदलाव की ये मांगे निम्नलिखित हैं –
1. एक प्रमुख मांग यह है कि सुरक्षा परिषद् में स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाय ताकि समकालीन विश्व राजनीति की वास्तविकताओं को इस संगठन से बेहतर नेतृत्व मिल सके।
2. 1992 की संयुक्त राष्ट्र संघ की आम बैठक में सुरक्षा परिषद् के विषय में तीन शिकायतों का प्रस्ताव पारित हुआ –
(क) सुरक्षा परिषद् अब राजनीतिक वास्तविकताओं का नेतृत्व नहीं करता।
(ख) इसके निर्णय पश्चिमी मूल्यों और हितों से प्रभावित होते हैं।
(ग) इसमें समान प्रतिनिधित्व का अभाव है।
3. सुरक्षा परिषद् के ढांचे में परिवर्तन के लिए 1997 में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव कोफी अन्नान ने जांच की प्रक्रिया शुरू की। फलस्वरूप सुरक्षा परिषद् के स्थायी और अस्थायी सदस्यता के लिए मानदंड सुझाये गये जो विकासशील देशों के अनुरूप नहीं थे।
4. कुछ सदस्य राष्ट्रों की मांग है कि पांच स्थायी सदस्यों को दिया गया निषेधाधिकार (Veto power) समाप्त कर देना चाहिए क्योंकि यह लोकतंत्र और संप्रभु राष्ट्रों के मध्य बराबरी की धारणा से मेल नहीं खाता। इसलिए यह प्रासंगिक नहीं है।
इस प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ के सुधार में सुरक्षा परिषद् के ढांचे के बदलाव पर जोर दिया गया । इसलिए कहा जाता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में सुधार का अर्थ सुरक्षा परिषद् के ढांचे में बदलाव है।
Bihar Board Class 12 Political Science अन्तराष्ट्रीय संगठन Additional Important Questions and Answers
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर:
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन युद्ध और शांति के मामलों में सहायता करते हैं।
- ये संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं। ऐसे कार्यों में संगठन इस कार्य के लिए देशों को प्रेरित करते हैं। उदाहरण के लिए वैश्विक तापवृद्धि में देशों के सम्मिलित सहयोग की आवश्यकता होती है।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन सहयोग करने के उपाय और सूचनाएं जुटाने में मदद कर सकते हैं।
प्रश्न 2.
विश्वव्यापी तापवृद्धि क्या है?
उत्तर:
- इसके कारण विश्व के कई देशों में तापमान बढ़ जाता है। ऐसा क्लोरो फ्लोरो कार्बन कहलाने वाले कुछ रसायनों के फैलाव के कारण बढ़ रहा है।
- इससे समुद्रतल की ऊंचाई बढ़ने का खतरा होता है। ऐसा होने पर विश्व के कई समुद्रतटीय नगर डूब सकते हैं।
- सभी देशों के प्रयास से ही इस पर काबू पाया जा सकता है।
प्रश्न 3.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की क्या भूमिका है?
उत्तर:
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष वैविक स्तर की वित्त व्यवस्था की देखरेख करता है।
- यह विभिन्न देशों की मांग पर वित्तीय और तकनीकी सहायता मुहैया कराता है।
- इस कोष के 184 देश सदस्य है।
प्रश्न 4.
संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा पर कब हस्ताक्षर हुए?
उत्तर:
- धुरी शक्तियों के खिलाफ लड़ रहे 26 मित्र राष्ट्र अटलांटिक चार्टर के समर्थन में वाशिंगटन में मिले।
- उसी समय दिसंबर 1943 में संयुक्त राष्ट्र संघ की घोषणा पर हस्ताक्षर हुए।
प्रश्न 5.
अमेरिका से विश्व को क्या चिंता है?
उत्तर:
- शीतयुद्ध के पश्चात् अमरीका अकेला महाशक्ति और ताकतवर देश है। ऐसे में वह मनमाने ढंग से कार्य कर सकता है।
- क्या संयुक्त राष्ट्र संघ अमरीका की इच्छाओं-आकांक्षाओं पर नियंत्रण रख सकता है? क्या संयुक्त राष्ट्र संघ अमरीका के साथ संवाद और चर्चा में सहायता कर सकता है।
प्रश्न 6.
संयुक्त राष्ट्र-संघ के उद्देश्यों को लिखिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य:
- अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की स्थापना।
- विभिन्न राष्ट्रों के मध्य संबंध एवं सहयोग की वृद्धि करना।
- शांतिपूर्ण उपायों से अंतर्राष्ट्रीय विवादों को सुलझाना।
- विश्व की आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक आदि मानवीय समस्याओं के समाधान हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करना।
- इन सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति में लगे विभिन्न राष्ट्रों के कार्यों में समन्वयकारी केन्द्र के रूप में कार्य करना।
प्रश्न 7.
संयुक्त राष्ट्र संघ के सिद्धांत क्या हैं?
उत्तर:
- संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्यों की प्रभुसत्ता और समानता के सिद्धांत में विश्वास रखता है।
- सभी सदस्य राष्ट्रों का यह कर्तव्य है कि इस चार्टर के अनुसार उनकी जो जिम्मेदारियां हैं, उन्हें वे ईमानदारी के साथ निभाएँ।
- सभी सदस्य राष्ट्र अपने विवादों का निपटारा शांतिपूर्ण तरीकों से करें।
- अन्य राष्ट्रों की अखण्डता और राजनीतिक स्वाधीनता का आदर करें।
- संयुक्त राष्ट्र इस चार्टर के अनुसार कोई कार्यवाही करे तो सभी सदस्य राष्ट्रों को उसकी सहायता करनी चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र उन मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेगा जो अनिवार्य रूप से किसी राज्य के आंतरिक अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
पश्न 8.
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- महासभा या आमसभा
- सुरक्षा परिषद्
- आर्थिक सामाजिक परिषद्
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
- सचिवालय
प्रश्न 9.
राष्ट्रसंघ (League of Nations) की स्थापना कब और क्यों हुई?
उत्तर:
- संयुक्त राष्ट्र संघ राष्ट्रसंघ का उत्तराधिकारी है और इसकी स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् 1920 में हुई थी।
- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा एवं भविष्य में युद्धों को रोकने के लिए इस संगठन की स्थापना की गई।
प्रश्न 10.
संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रतीक चिह्न क्या है?
उत्तर:
- संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतीक चिह्न में विश्व का मानचित्र बना हुआ है और इसके चारों ओर जैतून की पत्तियां है।
- जैतून की पत्तियां विश्व शांति का संकेत करती हैं।
प्रश्न 11.
सुरक्षा परिषद् में कितने सदस्य होते हैं?
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् (Security Council):
सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र की कार्यपालिका के समान है। इसके 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 5 स्थायी सदस्य हैं – अमेरिका, इंगलैंड, फ्रांस, चीन और रूस। पहले सोवियत संघ इसका स्थायी सदस्य था परंतु जनवरी 1992 में सोवियत संघ की समाप्ति के बाद यह स्थान रूसी गणराज्य को दे दिया गया है। इसके अन्य 10 सदस्य महासभा के द्वारा 2 वर्ष के लिए चुने जाते हैं। भारत कई बार सुरक्षा परिषद्का सदस्य चुना जा चुका है।
प्रश्न 12.
क्या भारत कभी सुरक्षा परिषद् का सदस्य रहा है?
उत्तर:
भारत सुरक्षा परिषद् का 6 बार सदस्य चुना जा चुका है। प्रथम बार 1950 में द्वितीय बार 1967 में तथा तृतीय बार 1972 में, चतुर्थ बार 1977 में, पांचवीं बार 1984 में, छठी बार 1991 में भारत दो-दो वर्षों के लिए सुरक्षा परिषद् का सदस्य चुना गया था।
प्रश्न 13.
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय क्या है?
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय-अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र का प्रधान न्यायिक अंग है। उसका प्रधान कार्यालय हेग (हालैंड) में है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के 15 न्यायाधीश होते हैं। वे महासभा और सुरक्षा परिषद् द्वारा 9 वर्ष की अवधि के लिए चुने जाते हैं। केवल वे व्यक्ति न्यायाधीश चुने जायेंगे जिन्हें दोनों निकायों (महासभा और सुरक्षा परिषद्) में अधिकतम मत मिले हैं। इनमें से कोई भी दो न्यायाधीश एक ही राज्य के राष्ट्रिक नहीं हो सकेंगे। 9 वर्ष की अवधि के पश्चात् किसी भी न्यायाधीश को पुनः निर्वाचित किया जा सकेगा। न्यायाधीश केवल वही व्यक्ति बन सकेंगे जो अपने-अपने देशों में उच्चतम न्यायिक पदों पर नियुक्त किये जाने की योग्यताएं रखते हैं।
प्रश्न 14.
संयुक्त राष्ट्र संघ की कुछ विशेष एजेंसियों के नाम बताइए।
उत्तर:
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
- खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)
- संयुक्त राष्ट्र संघ शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF)
- अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO)
- अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU)
प्रश्न 15.
निषेधाधिकार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् में कुल 15 सदस्य होते हैं। इनमें 5 स्थायी सदस्य तथा 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। प्रक्रिया संबंधी विषयों (Procedural matters) पर कोई निर्णय तभी लिया जाएगा अब 15 में से 9 सदस्यों के सकारात्मक मत होंगे परंतु अन्य महत्त्वपूर्ण मामलों में जिनमें आर्थिक या सैनिक कार्यवाई शामिल हैं, किसी निर्णय के लिए 9 सदस्यों का बहुमत जिसमें पांचों स्थायी सदस्यों का भी मत भी अनिवार्य है । इस प्रकार किसी भी स्थायी सदस्य का नकारात्मक मत होने की स्थिति में सुरक्षा परिषद् कोई सक्षम कार्यवाई नहीं कर सकेगी । इसी को निषेधाधिकार (VETO) कहा गया है।
प्रश्न 16.
आज संयुक्त राष्ट्र (UN) का महासचिव कौन है? उनका क्या महत्त्व है?
उत्तर:
- आज संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव दक्षिण कोरिया के बान की मून हैं।
- वह संयुक्त राष्ट संघ के 8वें महासचिव हैं। उन्होंने महासचिव का पद 1 जनवरी 2007 को संभाला। 1971 के बाद इस पद पर बैठने वाले वे पहले एशियाई हैं।
प्रश्न 17.
संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मुख सुधार के बुनियादी मसले क्या हैं?
उत्तर:
- संयुक्त राष्ट्र संघ के सम्मुख बुनियादी सुधारों के दो मसले हैं –
(क) संगठन की बनावट और इसकी प्रक्रिया में सुधार। - संगठन के न्यायाधिकार में आने वाले मुद्दों की समीक्षा। लगभग सभी देश सहमत हैं कि ये दोनों प्रकार के सुधार होने चाहिए परंतु सुधारों के स्वरूप, विधि और समय पर सदस्य राष्ट्रों में सहमति नहीं है।
प्रश्न 18.
विश्व के सामने कौन-कौन सी चुनौतियां हैं?
उत्तर:
- जनसंहार
- गृहयुद्ध
- जातीय युद्ध
- आतंकवाद
- परमाण्विक प्रसार
- जलवायु में परिवर्तन
- पर्यावरण की हानि
- महामारी
प्रश्न 19.
1992 के संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में सदस्य राष्ट्रों ने सुरक्षा परिषद् की किन कमियों की ओर संकेत किया?
उत्तर:
- सुरक्षा परिषद् अब राजनीतिक सत्यताओं का नेतृत्व नहीं करता।
- इसके निर्णय पर पश्चिमी मूल्यों और हितों की छाप होती है और इन फैसलों पर कुछ देशों का दबदबा होता है।
- सुरक्षा परिषद् में बराबर का प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्रश्न 20.
भारत सुरक्षा परिषद् की संरचना में क्या परिवर्तन चाहता है?
उत्तर:
- भारत सुरक्षा परिषद् की संरचना में विस्तार चाहता है। वस्तुतः सुरक्षा परिषद् सदस्य की संख्या स्थिर रही है जबकि संयुक्त राष्ट्र की आमसभा में सदस्यों की संख्या बढ़ रही है।
- सुरक्षा परिषद् में सदस्य संख्या न बढ़ने से इसके प्रतिमूलक चरित्र की हानि हुई है। ऐसे में सुरक्षा परिषद् का विस्तार आवश्यक है।
प्रश्न 21.
अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के क्या कार्य हैं?
उत्तर:
- अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी की स्थापना 1957 में हुई। यह संगठन परमाण्विक ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देने और सैन्य उद्देश्यों में इसके इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करता है।
- इस संगठन के अधिकारी नियमित रूप से परमाण्विक सुविधाओं की जांच करते हैं ताकि नागरिक परमाणु संयंत्रों का इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए न हो।
प्रश्न 22.
एमनेस्टी इंटरनेशनल क्या है?
उत्तर:
- यह एक स्वयंसेवी संगठन है जो सम्पूर्ण विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाता है।
- यह संगठन मानवाधिकारों से संबंधित रिपोर्ट तैयार और प्रकाशित करता है।
- उसकी रिपोर्ट से कई सरकारों की किरकिरी हो जाती है, क्योंकि यह उनके दुर्व्यवहार की चर्चा करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
अंतर्राष्ट्रीय संगठन क्यों आवश्यक है?
उत्तर
अंतर्राष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता के कारणः
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन यथा संयुक्त राष्ट्र शांति और प्रगति के प्रति मानवता की आशा के प्रतीक होते हैं। डेग हैमरसोल्ड (संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव) ने कहा है – “संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन मानवता को स्वर्ग पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि उसे नरक से बचाने के लिए हुआ है।”
- ये संगठन देशों के बीच होने वाले तनाव और झगड़ों को रोकते हैं और उनका समाधान करते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन अंतर्राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं यथा- महामारी, विश्वव्यापी तापमान वृद्धि को देशों की सहायता से हल करते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन विभिन्न देशों को आवश्यक कार्य में सहयोग देने के लिए तैयार करते हैं।
प्रश्न 2.
महासभा के संगठन और कार्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महासभा (General Assembly):
महासभा संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च अंग है और एक प्रकार से विश्व की संसद के समान है। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य इसके सदस्य होते हैं और प्रत्येक सदस्य राष्ट्र इसमें पांच प्रतिनिधि भेजता है परंतु उनका मत एक ही होता है। प्रायः वर्ष में एक बार इसका अधिवेशन होता है। इसकी स्थापना के समय इसके सदस्यों की संख्या कुल 51 थी जो बाद में बढ़ते-बढ़ते अब 185 के लगभग है। 1992 के आरंभ में सोवियत संघ के समाप्त होने से उसके पूर्व स्वायत्त गणराज्य अब स्वतंत्र बनकर इसके सदस्य बन गए हैं –
- यह सभा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा संबंधी मामलों पर विचार करती है और निर्णय लेती है।
- यह संयुक्त राष्ट्र का बजट पास करती है।
- महासभा नए राज्यों को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाए जाने का निर्णय करती है और किसी पुराने सदस्य की सदस्यता को समाप्त करने का निर्णय ले सकती है।
- संयुक्त राष्ट्र के अन्य अंगों के सदस्यों का चुनाव महासभा द्वारा किया जाता है।
- महासभा अपना प्रधान एक वर्ष के लिए चुनती है।
- संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की नियुक्ति सुरक्षा परिषद् की सिफारिश से महासभा द्वारा की जाती है।
प्रश्न 3.
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की शक्तियों एवं कार्यों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
न्यायालय की शक्तियों और कार्य:
न्यायालय के समक्ष मामलों में केवल राज्य ही पक्षकार (Parties) हो सकेंगे, व्यक्ति नहीं। वे सभी राज्य जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य हैं, न्यायालय में जा सकेंगें। ऐसे राज्य भी अपने मामले न्यायालय में ले जा सकते हैं जो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं। उस स्थिति में उस राज्य को न्यायालय के व्यय का कुछ अंश वहन करना पड़ेगा।
1. अनिवार्य अथवा बाध्यकर अधिकार क्षेत्र:
न्यायालय उन विवादों पर विचार करता है जिनमें किसी संधि (Treaty) की व्याख्या का प्रश्न निहित है। वह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की व्याख्या करता है और किसी अंतर्राष्ट्रीय संधि के भंग किए जाने की स्थिति में हानिपूर्ति (reparation) की प्रकृति और मात्रा तय करता है।
2. ऐच्छिक अधिकार क्षेत्र:
न्यायालय का अधिकार क्षेत्र उन सभी मामलों को लेकर है जो राज्यों या सुरक्षा परिषद् द्वारा उसके समक्ष लाए जाते हैं। जब एक राज्य न्यायालय के समक्ष कोई विवाद लाता है और दूसरा राज्य उस मामले में प्रतिवादी बनना स्वीकार कर लेता है तो यह मान लिया जाता है कि दोनों राज्य अपने झगड़े का न्यायालय द्वारा समाधान चाहते हैं।
3. सलाहकारी अधिकारी क्षेत्र:
महासभा अथवा सुरक्षा परिषद् की प्रार्थना पर न्यायालय परामर्श भी देता है। संयुक्त राष्ट्र के विशिष्ट अभिकरण (Specialized Agencies) भी कानूनी प्रश्नों पर न्यायालय से सलाहकारी राय देने का अनुरोध कर सकते हैं।
प्रश्न 4.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की भूमिका का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की भूमिका:
- यह संगठन वैश्विक स्तर की वित्त व्यवस्था की देखरेख करता है।
- यह मांग के आधार पर वित्तीय तथा तकनीकी सहायता मुहैया कराता है।
- इस संगठन के 184 देश सदस्य हैं परंतु प्रत्येक सदस्य की सलाह का वजन समान नहीं है।
- अग्रणी दस सदस्यों के 55% मत हैं। ये देश अमरीका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, कनाडा, रूस, सउदी अरब और चीन हैं।
- अकेले अमरीका के पास 17.4 प्रतिशत मताधिकार हैं।
प्रश्न 5.
राष्ट्रसंघ (League of Nations) क्यों असफल हुआ?
उत्तर:
राष्ट्रसंघ की असफलता के कारण:
1. प्रमुख देशों के प्रतिनिधित्व का अभाव:
राष्ट्र संघ सभी देशों का प्रतिनिधित्व नहीं करता था। स्वयं अमेरिका राष्ट्र संघ में शामिल नहीं था। ब्रिटेन तथा फ्रांस ने सोवियत रूस को राष्ट्रसंघ में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। इस प्रकार दो बड़े देशों और अन्य कई देशों के शामिल न होने से राष्ट्रसंघ असफल हुआ।
2. सेना का अभाव:
राष्ट्रसंघ के पास अपनी कोई सेना नहीं थी। वह सदस्य राष्ट्रों पर निर्भर था जो स्वार्थ की वजह से एक-दूसरे का सहयोग नहीं करते थे और सेना की सहायता नहीं करते थे।
3. संघ के सदस्यों की फासिस्टपक्षी नीति:
राष्ट्रसंघ के सदस्य फासिस्टपक्षी नीति के शिकार थे। जब 1931 ई० में जापान, इटली तथा जर्मनी की शक्ति बढ़ रही थी और युद्ध की संभावना बढ़ गई तो सोवियत रूस को खतरे में डालने के लिए इन तीनों को फ्रांस, ब्रिटेन और अमरीका ने बढ़ावा दिया। बाद में इनमें झगड़ा शुरू हो गया और वे राष्ट्र को भूल गये।
4. बड़े राष्ट्रों का अधिकार:
राष्ट्रसंघ में बड़े राष्ट्रों (फ्रांस, ब्रिटेन) को अधिक अधिकार प्राप्त थे जबकि छोटे राष्ट्रों की उपेक्षा की गई। बड़े राष्ट्रों की समस्यायें बढ़ गई जिसको राष्ट्रसंघ हल न कर सका।
प्रश्न 6.
संयुक्त राष्ट्र संघ की सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से संबंधित एजेंसियों का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से संबंधित एजेंसियां:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- संयुक्त राष्ट्र संघ विकास कार्यक्रम (UNDP)
- संयुक्त राष्ट्र संघ मानवाधिकार आयोग (UNHRC)
- संयुक्त राष्ट्र संघ शरणार्थी उच्चायोग (UNHRC)
- संयुक्त राष्ट्र संघ बाल आयात कोष (UNICEF)
- संयुक्त राष्ट्र संघ शैक्षिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
प्रश्न 7.
विश्व शांति बनाये रखने में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
विश्व शांति बनाए रखने में संयुक्त राष्ट्र संघ की भूमिका:
विश्व में शांति स्थापना में संयुक्त राष्ट्र संघ की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
- इसने विश्व की राजनीतिक समस्याओं का समाधान करके उनके बीच युद्ध को टालने का प्रयत्न किया है। इसने नहर स्वेज, कश्मीर समस्या, सोवियत संघ, कोरिया, वनमुला, कांगो, वियतनाम की समस्याओं का अत्यंत शांतिपूर्ण ढंग से समाधान किया है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ में हथियारों की बढ़ती हुई होड़ को दूर करने का प्रयत्न किया है। जेनेवा समझौते के द्वारा अणु एवं हाइड्रोजन बमों के निर्माण पर काफी रोक लगाने में संस्था सफल हुई है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने बहुत से कानून विवादों को शांत किया है।
- इस विश्व की संस्था ने साम्यवादी तथा पूंजीवादी गुटों को समाप्त किया है और शीतयुद्ध को समाप्त किया है।
- अरब देशों की समस्याओं को इसने काफी कुशलता के साथ सुलझाया है। इजराइल: फिलस्तीन की सीमा संबंधी समस्या को सुलझाने में यह संलग्न है। इस संस्था ने बहुत से दुर्बल देशों की रक्षा की है। उसने इराक की नीति को बड़ी कुशलता के साथ दबाया है।
- संयुक्त राष्ट्र संघ ने बहुत-सी प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित देशों की ठीक समय पर सहायता की है। विश्व के एकीकरण में सं० रा. संघ ने बहुत से सराहनीय कार्य किए हैं।
प्रश्न 8.
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत द्वारा निभाई गई भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत द्वारा निभाई गई भूमिका:
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसका विवेचन निम्न प्रकार से किया जा सकता है –
- संयुक्त राष्ट्र संघ का भारत प्रारंभ से सदस्य है। उसके चार्टर (संविधान) के निर्माण में भारत का सक्रिय योगदान रहा है।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से शीतयुद्ध का डटकर विरोध किया है तथा इसे समाप्त कराके ही दम लिया है।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ को समय-समय पर भारी आर्थिक सहायता प्रदान की है। वह तीसरे नंबर का आर्थिक अनुदान देने वाला देश है।
- निशस्त्रीकरण के क्षेत्र में भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की भारी सहायता की है।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के समक्ष आई विश्व समस्याओं का समाधान किया है। उसने हंगरी, कोरिया, क्यूबा, स्वेज नहर, कांगो, वियतनाम आदि विश्व समस्याओं के समाधान में हर प्रकार की आर्थिक एवं सैनिक सहायता प्रदान की है।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के साथ मिलकर प्रजाति तथा रंगभेद नीति को दूर किया है।
- चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता प्रदान कराने में भारत की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
- भारत ने सदैव संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेशों का पालन किया है। भारत ने पाकिस्तान के विरूद्ध चल रहे युद्ध को उसका आदेश मिलते ही अचानक बंद कर दिया।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा चलाई गई योजनाओं का सदैव समर्थन किया है।
- भारत का विश्व शांति स्थापना में भारी योगदान रहा है।
प्रश्न 9.
मानवाधिकार का क्या अर्थ है? भारत मानवाधिकारों का प्रबल समर्थक क्यों है?
उत्तर:
मानवाधिकार:
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना का उद्देश्य केवल विश्व शांति की स्थापना करना ही नहीं था बल्कि इसके साथ-साथ मानव की उन्नति व विकास के लिए आवश्यक अधिकारों को दिलाना भी था। इस कार्य के लिए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक व सामाजिक परिषद् ने 1946 ई० में मानव अधिकारों की समस्या को लेकर एक आयोग की नियुक्ति की। इस आयोग की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 10 दिसंबर, 1948 ई० को मानव अधिकारों का घोषणा-पत्र (Charter of Human Rights) स्वीकार किया। इस घोषणा-पत्र के द्वारा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की सरकारों से यह उपेक्षा की जाती है कि वे अपने नागरिकों के अधिकारों का आदर करेगी। मानव अधिकार वे अधिकार हैं जो कि मानव होने के नाते अवश्य ही प्राप्त होने चाहिए। ये अधिकार प्रत्येक व्यक्ति, जाति, धर्म, भाषा के भेदभाव के बिना मिलने चाहिए। भारत मानव अधिकारों का प्रबल समर्थक है। इसके तीन प्रमुख कारण निम्न हैं –
- भारत का यह मानना है कि आधुनिक युग में कोई भी स्वतंत्र व लोकतांत्रिक देश मानव अधिकारों के बिना न तो प्रगति कर सकता है और न ही उस देश में शांति स्थापित की जा सकती है।
- मानव अधिकार ऐसे अधिकार हैं जो कि मानव की उन्नति व प्रगति के लिए अति आवश्यक व महत्त्वपूर्ण हैं।
- भारत विश्व शांति तथा मानवता के उत्थान में विश्वास रखता है, इसलिए मानव अधिकार का प्रबल समर्थक है।
प्रश्न 10.
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से भारत को क्या लाभ हुए हैं?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से भारत को लाभ:
संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता से भारत को विभिन्न क्षेत्रों में अनेक लाभ हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संघ की सदस्यता के कारण भारतीयों मान को स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अनेक सुविधायें प्राप्त हुई। भारत में पेनसिलिन बनाने का कारखाना इसकी मदद से खोला गया। टी० बी० की रोकथाम के लिए बी० सी० जी० के टीके उपलब्ध हुए। इसके अतिरिक्त लगभग बीस हजार डॉलर की सहायता स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिये प्राप्त हुए। यूनेस्को से शिक्षा संस्कृति और विज्ञान के क्षेत्र में उन्नति करने के लिए जो विशेष सहायता मिली है, वह इस क्षेत्र में हमारी प्रगति को आगे बढ़ाने में विशेष सहायक हुई है।
इसकी सहायता में भारतीय विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए विदेशों में जाने और विदेशी विद्यार्थियों को भारत में आने की सुविधायें दी गयी हैं। जोधपुर में यूनेस्को की सहायता से सेन्ट्रल ग्रिड जोन रिसर्च इन्स्टीट्यूट (Central Grid Zone Research Institute) की स्थापना की गई है, जिसमें बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के उपायों पर काम हो रहा है। इसी प्रकार से अनेक संस्थायें यूनेस्कों की सहायता से विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रही हैं।
विश्व बैंक द्वारा कई सौ करोड़ रुपयों की सहायता विकास कार्यों के लिये मिली है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष विनिमय की व्यवस्था करता है जिसमें हमारे विदेशी व्यापार को बहुत अधिक प्रोत्साहन मिलता है। संयुक्त राष्ट्र विश्व शिशु आपात कोष (UNICEF) द्वारा भारत में बाल कल्याण के लिये सन् 1964 में 77300 डॉलर सहायता के रूप में मिले। तब से इस सहायता में काफी वृद्धि हो चुकी है। इस प्रकार स्पष्ट है कि सं० रा० द्वारा भारत को विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त सहायता मिली है। सं० रा० और उनकी संस्थाओं में भारत के सहयोग एवं प्रतिष्ठा के कारण अंतर्राष्ट्रीय जगत में हमारी साख बहुत बढ़ गई है।
इस प्रकार हमने पढ़ा है कि सं० रा० की स्थापना के समय से ही भारत इसका सदस्य रहा है। सं० रा० से पूर्व सहयोग, भारत का विदेश नीति का अंग रहा। साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद की रंगभेद विरोधी अपनी विदेश नीति पर आचरण करते हुए, भारत ने सं० रा० के मंच का विश्व की उन शक्तियों का पर्दाफाश करने का खूब उपयोग किया है, जो अन्य राष्ट्रों को अपना उपनिवेश बनाती है। भारत ने चैकोस्लोवाकिया, लेबनान, जोर्डन, कांगों में महाशक्तियों के हस्तक्षेप की सदैव निंदा की है। विश्व बैंक की स्थापना के उद्देश्य से सं० रा० की शांति सेना में भारत कई बार सम्मिलित हो चुका है। सं० रा० की विभिन्न एजेंसियां एवं संस्थाओं के कार्यों में भारत ने खूब रूचि ली है, इसके इस सहयोग के कारण भारत को सं० रा० से उचित सम्मान एवं विभिन्न क्षेत्रों में सहायता मिली है।
प्रश्न 11.
1991 से कौन-कौन से मुख्य परिवर्तन हुए हैं जो संयुक्त राष्ट्र संघ के परिवर्तन को प्रभावित कर रहे हैं?
उत्तर:
1991 से हुए मुख्य परिवर्तन:
- अमरीका की प्रतिद्वंद्वी महाशक्ति सोवियत संघ का पतन हो गया है।
- अमरीका विश्व का सर्वाधिक ताकतवर देश बन गया है।
- सोवियत संघ उत्तराधिकारी राज्य रूस और अमरीका में अधिक सहयोगात्मक संबंध स्थापित हो गया है।
- चीन बड़ी तेजी से एक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है, इसके समानान्तर भारत भी एक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।
- एशिया की अर्थव्यवस्था प्रत्याशित दर से प्रगति हो रही है।
- अनेक नये देश संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुए हैं। ये वे देश हैं जो सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् स्वतंत्र हुए हैं अथवा पूरी यूरोप के भूतपूर्व देश हैं।
- विश्व के सामने अनेक चुनौतियां यथा जनसंहार, गृहयुद्ध, जातीय संघर्ष, आतंकवाद, परमाण्विक प्रसार, जलवायु में परिवर्तन, पर्यावरण की हानि और महामारी उपस्थित हुई हैं।
प्रश्न 12.
संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् की सदस्यता के लिए क्या-क्या नये मानदंड सुझावों से आये हैं।
उत्तर:
सुरक्षा परिषद् की सदस्यता के नये मानदंड:
- किसी सदस्य राष्ट्र को बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में स्थापित होना चाहिए।
- उसे सैनिक दृष्टि से ताकतवर होना चाहिए जिससे वह बड़े से बड़े युद्धों का सामना कर सके।
- उस देश को लोकतंत्र और मानवाधिकारों को सम्मान देने में अग्रणी होना चाहिए।
- संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में उसका अधिक से अधिक योगदान होना चाहिए।
- उसकी जनसंख्या विशाल होनी चाहिए।
- सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए उस देश को अपने भूगोल, अर्थव्यवस्था और संस्कृति की दृष्टि से विश्व की विविधता का नेतृत्व करना चाहिए।
प्रश्न 13.
विश्व बैंक (World Bank) के प्रमुख कार्य बताइए।
उत्तर:
विश्व बैंक के कार्य:
- द्वित्तीय विश्व युद्ध के पश्चात् विश्व के विभिन्न देशों की पर्याप्त बर्बादी हुई थी। उन देशों के पुरनोद्धार के लिए 1945 ई० में विश्व बैंक की स्थापना हुई।
- इस बैंक का कार्यक्षेत्र विकासशील देश हैं और उनके विकास के लिए यह धन उपलब्ध करता है।
- यह बैंक मानवीय विकास (शिक्षा, स्वास्थ्य), कृषि और ग्रामीण विकास (सिंचाई और ग्रामीण सेवायें) के कार्य करता है।
- पर्यावरण सुरक्षा (प्रदूषण में कमी, नियमों का निर्माण और उन्हें लागू करना) में भी रूचि लेता है।
- यह आधारभूत ढांचा (सड़क, शहरी विकास, बिजली) में भी सुधार लाता है।
- यह विभिन्न देशों में सुशासन (कदाचार का विरोध विधिक संस्थाओं का विकास) के लिए भी कार्य करता है।
- यह अपने सदस्य देशों को आसान ऋण और अनुदान देता है । अधिक गरीब देशों को अनुदान वापस भी नहीं लेता है।
प्रश्न 14.
संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए सितंबर 2005 में सदस्यों द्वारा क्या-क्या प्रस्ताव पारित किये गये?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए उठाये जाने वाले कदम:
- एक शांति संस्थापक आयोग का गठन किया जाय।
- यदि कोई राष्ट्र अपने नागरिकों की रक्षा करने में असमर्थ हो तो इसका उत्तरदायित्व विश्व बिरादरी को स्वीकार करना चाहिए।
- मानवाधिकार परिषद् की स्थापना कार्य 19 जून, 2006 से सक्रिय रूप से होगा।
- सहस्राब्दि विकास लक्ष्य (Millenium Development Goals) को प्राप्त करने पर सहमति हुई।
- सभी प्रकार से आतंकवाद की निंदा की जाए।
- एक लोकतंत्र कोष का गठन होगा।
- न्यासिता परिषद् (Trustship Council) को समाप्त करने पर सहमति हुए।
प्रश्न 15.
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के विषय में क्या जानते हैं ?
उत्तर:
विश्व व्यापार संगठन (WTO):
- यह एक ऐसा विश्व व्यापार संगठन है जो वैश्विक व्यापार के नियमों को सुनिश्चित करता है।
- यह संगठन जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टैरिफ का उत्तराधिकारी है जो द्वित्तीय विश्व युद्ध के पश्चात् 1995 में प्रकाश में आया।
- इसके सदस्यों की संख्या 150 है। यद्यपि प्रत्येक निर्णय सर्वसम्मति से किया जाता है परंतु अमरीका, यूरोपीय संघ तथा जापान जैसी बड़ी शक्तियां विश्व व्यापार संगठन के नियमों को अपने हित के अनुसार बनाने का प्रयास करती हैं।
- विकासशील देश इन आर्थिक शक्तियों की कटु आलोचना करते हैं और मानते है कि विश्व व्यापार संगठन के नियम पारदर्शी नहीं हैं।
पश्न 16.
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का क्या स्थान है?
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थान: संयुक्त राष्ट्र में भारत के योगदान के कारण उसे बहुत सम्मान मिला है। उसकी विभिन्न एजेंसियों व आयोगों में भारत का स्थान महत्त्वपूर्ण रहा है। श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित सं० रा० की महासभा जनरल असेम्बली की अध्यक्ष चुनी गई, इसकी आर्थिक व सामाजिक परिषद् के पाँचवे अधिवेशन के अध्यक्ष भारत के श्री रामस्वामी मुदालियार चुने गये और 1962 में भारत इसका सदस्य चुना गया। सन् 1957 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की अध्यक्षा श्रीमती राजकुमारी अमृतकौर बनीं।
युनेस्को की कार्य समिति का अध्यक्ष पद डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन तथा श्री लक्ष्मण स्वामी मुदालियर ने सुशोभित किया और युनेस्को का नौंवा अधिवेशन भारत में हुआ जिसकी अध्यक्षता स्व० अब्दुल कलाम आजाद ने की। वित्तमंत्री श्री देशमुख की अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीश के पद पर स्व. श्री बी० राव नियुक्त हुए। भारत जनसंख्या आयोग व मानव अधिकारों के आयोग का सदस्य चुना गया। इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन सं० रा० का द्वितीय व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) भारत की राजधानी नई दिल्ली में हुआ और भी कितनी ही गोष्ठियों को भारत में आयोजित करने का गौरव हमें प्राप्त हुआ।
प्रश्न 17.
हयूमन राइट्स वॉच क्या है?
उत्तर:
ह्यूमन राइट्स वॉच:
- यह मानवाधिकारों का समर्थन करने वाला और उनसे संबंधित अनुसंधान करने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी संगठन है।
- यह अमरीका का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन है।
- यह मानवाधिकारों के उल्लंघन की ओर मीडिया का ध्यान आकर्षित करता है।
- इसने बारूदी सुरंगों पर रोक लगाने के लिए, बाल सैनिकों का प्रयोग रोकने के लिए और अंतर्राष्ट्रीय दंड न्यायालय स्थापित करने के लिए अभियान चलाने में सहायता की है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
1. संयुक्त राष्ट्र में भारत की भूमिका (India’s Role in the United Nations):
संयुक्त राष्ट्र का चार्टर बनाने में भारत ने भाग लिया। भारत की ही सिफारिश पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने चार्टर में मानव अधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं को बिना किसी भेदभाव के लागू करने के उद्देश्य से जोड़ा। सान फ्रांसिस्को सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधि श्री सं० राधास्वामी मुदालियर ने इस बात पर जोर दिया कि युद्धों को रोकने के लिए आर्थिक और सामाजिक न्याय का महत्त्व सर्वाधिक होना चाहिए। भारत संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाले प्रारंभिक देशों में से एक था।
2. संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता बढ़ाने में सहयोग (Co-operation for increasing the membership of United Nations):
संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनने के लिए भारत ने विश्व के प्रत्येक देश को कहा है। भारत ने चीन, बांग्लादेश, हंगरी, श्रीलंका, आयरलैंड और रूमानिया आदि देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
3. आर्थिक और सामाजिक समस्याओं को सुलझाने में सहयोग (Co-operation for solving the Economic and Social problems):
भारत ने विश्व की सामाजिक व आर्थिक समस्याओं को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के माध्यम से एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने हमेशा आर्थिक रूप से पिछड़े हुए देशों के आर्थिक विकास पर बल दिया है और विकसित देशों से आर्थिक मदद और सहायता देने के लिए कहा है।
4. निःशस्त्रीकरण के बारे में भारत का सहयोग (India’sco-operation to U.N. for the disarmament):
संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर में महासभा और सुरक्षा परिषद् दोनों के ऊपर यह जिम्मेदारी डाल दी गई है कि निःशस्त्रीकरण के द्वारा ही विश्व-शांति को बनाया जा सकता है और अणु-शक्ति का प्रयोग केवल मानव कल्याण के लिए होना चाहिए। भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने अक्टूबर 1987 में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में बोलते हुए पुनः पूर्ण परमाण्विक निःशस्त्रीकरण की अपील की थी।
संयुक्त राष्ट्र संघ के राजनीतिक कार्यों में भारत का सहयोग (India’s co operation in the political function of theUnited Nations):
भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सुलझाई गई प्रत्येक समस्या में अपना पूरा-पूरा सहयोग दिया ये समस्याएं निम्नलिखित हैं –
(क) कोरिया की समस्या (Korean problems):
जब उत्तर कोरिया ने दक्षिणी कोरिया पर आक्रमण कर दिया तो तीसरे विश्व युद्ध का खतरा उत्पन्न हो गया क्योंकि उस समय उत्तरी कोरिया रूस के और दक्षिण कोरिया अमेरिका के प्रभाव क्षेत्र में था। ऐसे समय में भारत की सेना कोरिया में शांति स्थापित करने के लिए गई। भारत ने इस युद्ध को समाप्त करने तथा दोनों देशों को युद्धबंदियों के आदान-प्रदान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
(ख) स्वेज नहर की समस्या (Problems concerned with Suez Canal):
जुलाई 1956 के बाद में मिस्र ने स्वेज नहर के राष्ट्रीयकरण की घोषणा कर दी। इस राष्ट्रीयकरण से इंग्लैंड और फ्रांस को बहुत अधिक हानि होने का भय था अतः उन्होंने स्वेज नहर पर अपना अधिकार जमाने के उद्देश्य से इजराइल द्वारा मित्र पर आक्रमण करा दिया। इस युद्ध को बंद कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने सभी प्रयास किए। इन प्रयासों में भारत ने भी पूरा सहयोग दिया और यह युद्ध बंद हो गया।
(ग) हिंद-चीन का प्रश्न:
सन् 1954 में हिन्द-चीन में आग भड़की। उस समय ऐसा लगा कि संसार की अन्य शक्तियां भी उसमें उलझ जाएंगी। जिनेवा में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय कान्फ्रेंस में भारत ने इस क्षेत्र की शांति स्थापना पर बहुत बल दिया।
(घ) हंगरी में अत्याचारों का विरोध:
जब रूसी सेना ने हंगरी में अत्याचार किए तो भारत ने उसके विरुद्ध आवाज उठाई। इस अवसर पर उसने पश्चिमी देशों के प्रस्ताव का समर्थन किया, जिसमें रूस से ऐना न करने का अनुरोध किया गया था।
(ङ) चीन की सदस्यता में भारत का योगदान:
विश्व-शांति की स्थापना के संबंध में भारत का मत है कि जब तक संसार के सभी देशों का प्रतिनिधित्व संयुक्त राष्ट्र में नहीं होगा वह प्रभावशाली कदम नहीं उठा सकता। भारत के 26 वर्षों के प्रयत्न स्वरूप संसार में यह वातावरण बना लिया गया। इस प्रकार चीन सुरक्षा परिषद् का स्थायी सदस्य भी बन गया है।
(च) नए राष्ट्रों की सदस्यता:
भारत का सदा प्रयत्न रहा है कि अधिकाधिक देशों को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनाया जाए। इस दृष्टि से नेपाल, श्रीलंका, जापान, इटली, स्पेन, हंगरी, बल्गारिया, ऑस्ट्रिया, जर्मनी आदि को सदस्यता दिलाने में भारत ने सक्रिय प्रयास किया।
(छ) रोडेशिया की सरकार:
जब स्मिथ ने संसार की अन्य श्वेत जातियों के सहयोग से रोडेशिया के निवासियों पर अपने साम्राज्यवादी शिकंजे को कसा तो भारत ने राष्ट्रमंडल तथा संयुक्त राष्ट्र के मंचों से इस कार्य की कटु आलोचना की।
(ज) विभिन्न पदों की प्राप्ति:
भारत की सक्रियता का प्रभाव यह है कि श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित को साधारण सभा की अध्यक्ष चुना गया। इसके अतिरिक्त मौलाना आजाद यूनेस्को के प्रधान बने, श्रीमती अमृत कौर विश्व स्वास्थ्य संघ की अध्यक्षा बनीं। डा. राधाकृष्णनन आर्थिक व सामाजिक परिषद् के अध्यक्ष चुने गए। सर्वाधिक महत्व की बात भारत को 1950 में सुरक्षा परिषद् का अस्थायी सदस्य चुना गया था।
अब तक छः बार 1950, 1967, 1972, 1977, 1984 तथा 1992 में भारत स्थायी सदस्य चुना गया। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में स्व० श्री बी० राव न्यायाधीश चुने गए। श्री के० पी० एस० मेनन कोरिया समस्या के संबंध में स्थापित आयोग के अध्यक्ष चुने गए थे। निष्कर्ष-भारत विश्व-शांति व सुरक्षा को बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सहयोग देता रहा है और भारत को अटल विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र विश्व-शांति को बनाए रखने का महत्त्वपूर्ण यंत्र है। पं० जवाहरलाल ने एक बार कहा था, “हम संयुक्त राष्ट्र के बिना विश्व की कल्पना भी नहीं कर सकते।”
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
I. निम्नलिखित विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए:
प्रश्न 1.
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतीक चिह्न में किसका मानचित्र है?
(अ) विश्व का मानचित्र
(ब) अमरीका का मानचित्र
(स) चीन का मानचित्र
(द) फ्रांस का मानचित्र
उत्तर:
(अ) विश्व का मानचित्र
प्रश्न 2.
यह किसका कथन है कि हथियार लड़ाने से बढ़िया है कि जबान से लड़ाई की जाए।
(अ) हिटलर
(ब) लेनिन
(स) चर्चिल
(द) महात्मा गांधी
उत्तर:
(स) चर्चिल
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में कौन समूह का स्थायी सदस्य नहीं है?
(अ) अमरीका
(ब) जापान
(स) रूस
(द) भारत
उत्तर:
(द) भारत
प्रश्न 4.
आई एम एफ (IMF) का पूर्णरूप क्या है?
(अ) इंडिया म्यूचुअल फंड
(ब) इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड
(स) इंडोनेशिया म्यूचुअल फंड
(द) इंटरनेट मिटींग फंड
उत्तर:
(ब) इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड
प्रश्न 5.
सान फ्रांसिस्को में संयुक्त राष्ट्र संघ का अंतर्राष्ट्रीय संगठन बनाने का सम्मेलन कब हुआ।
(अ) अप्रैल-मई 1945
(ब) अगस्त 1941
(स) फरवरी 1945
(द) अक्टूबर 1945
उत्तर:
(अ) अप्रैल-मई 1945
प्रश्न 6.
भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में कब शामिल हुआ?
(अ) अप्रैल-मई, 1945
(ब) 26 जून, 1945
(स) 24 अक्टूबर 1945
(द) 30 अक्टूबर 1945
उत्तर:
(द) 30 अक्टूबर 1945
प्रश्न 7.
2006 तक संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने सदस्य राष्ट्र हैं?
(अ) 191
(ब) 192
(स) 193
(द) 194
उत्तर:
(ब) 192
प्रश्न 8.
निम्नलिखित में कौन सं० रा0 संघका महासचिव नहीं रहा है?
(अ) बुतरस बुतरस घाली
(ब) कोफी ए. अन्नान
(स) डेग हैमरशोल्ड
(द) कुर्त वाल्डहीम
उत्तर:
(स) डेग हैमरशोल्ड
प्रश्न 9.
संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में सर्वाधिक योगदान किसका है?
(अ) ब्रिटेन
(ब) जर्मनी
(स) अमरीका
(द) जापान
उत्तर:
(स) अमरीका
प्रश्न 10.
वीटो का अधिकार किसको है?
(अ) महासभा के सदस्य राष्ट्रों को
(ब) सुरक्षा परिषद् के स्थाई सदस्यों को
(स) सुरक्षा परिषद् के अस्थाई सदस्यों को
(द) अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायाधीशों को
उत्तर:
(ब) सुरक्षा परिषद् के स्थाई सदस्यों को
प्रश्न 11.
अमरीका क्या नहीं कर सकता?
(अ) अपने हित के विरुद्ध कार्यों को ‘वीटो’ पावर से रोक सकता है
(ब) विश्व के राष्ट्रों में फूट डाल सकता है
(सं) विरोधी राष्ट्र का दमन कर सकता है
(द) विकासशील राष्ट्रों को ताकतवर बना सकता है
उत्तर:
(द) विकासशील राष्ट्रों को ताकतवर बना सकता है
II. मिलान वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर
निम्नलिखित स्तम्भ (अ) का मिलान स्तम्भ (ब) से कीजिए।
उत्तर:
(1) – (ii)
(2) – (v)
(3) – (i)
(4) – (viii)
(5) – (ii)
(6) – (vii)
(7) – (vi)
(8) – (iv)