Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 7 जीवन का आधार : पर्यावरण Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 7 जीवन का आधार : पर्यावरण
Bihar Board Class 7 Social Science जीवन का आधार : पर्यावरण Text Book Questions and Answers
अभ्यास के प्रश्नोत्तर
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
वृक्षों की संख्या-वृद्धि के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
वृक्षों की संख्या-वृद्धि के लिए हमें संकल्पबद्ध होना पड़ेगा । हमें । संकल्प लेना होगा कि प्रत्येक वर्ष हम कुछ-न-कुछ वृक्ष अवश्य रोपेंगे और उसकी देखभाल करेंगे, बहुत नहीं तो कम-से-कम वर्ष में 5 वृक्ष । फलदार वृक्ष हो तो बहुत अच्छा, पत्तेदार वृक्ष तो पर्यावरण के लिए प्राण माने जाते हैं। हम न तो वृक्ष काटेंगे और न किसी को काटने देंगे । पशओं से रक्षा के लिए हम वृक्षों की घेराबन्दी कर देंगे।
प्रश्न 2.
नदियों के जल को स्वच्छ बनाने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं ?
उत्तर-
नदियों के जल को स्वच्छ रखने के लिए हम गाँव-नगर के नाले ‘नलियों को नदियों तक पहुँचने के पहले ही रोक कर गन्दे जल की सफाई करके नदियों में छोड़ेंगे । नदी तट पर अवस्थित कारखानों पर दबाव डालेंगे कि कारखानों के कचरा की सफाई कर ही उसके जल को नदी में छोड़ें । मृत पशुओं के शव को नदी में नहीं बहाने देंगे । इस काम के लिए एक संगठन खड़ा करना होगा और नदी तट के सभी गांवों में उसकी शाखाएँ संगठित करनी होंगी।
प्रश्न 3.
उन क्रियाकलापों की सूची बनाइए जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है?
उत्तर-
वे क्रियाकलाप निम्नांकित हैं जिनसे पर्यावरण को नकसान पहँचता है:
- खनिज ईंधनों से चलने वाली सवारियों के साधनों से निकलने वाले धुएँ से।
- खनिज कोयला जलाने वाले कल-कारखानों से निकले धुएँ से ।
- आवाज करनेवाले कारखानों तथा मोटर-वाहनों के कर्कश हॉर्न की आवाज से ।
- पेड़-पौधों की अंधा-धुंध कटाई से ।।
- नदी, तालाब, कुआँ आदि के जल को गंदा करने से ।
- पॉलीथीन के उपयोग से ।
प्रश्न 4.
पॉलीथीन के विकल्प क्या-क्या हो सकते हैं ?
उत्तर-
रद्दी कागज के ठोंगा के साथ जूट के थैला, कपड़े का थैला या इसी प्रकार किसी प्रकार के थैला पॉलीथीन के विकल्प हो सकते हैं।
प्रश्न 5.
पता कीजिए कि कितने घरों का बेकार पानी बाहर गली या सड़क पर गिरता है । कितने घरों का पानी सोख्ता गड्ढे में गिरता है ?
उत्तर-
मेरे गाँव के किसी भी घर का पानी गली या सड़क पर नहीं गिरता । सभी ने कोई-न-कोई व्यवस्था कर रखी है । गली में जो घर हैं उनका पानी नाली में गिरता है । नाली का पानी मुख्य सड़क के बड़े नाले में गिरता है, जो गाँव के बाहर दक्षिण में अवस्थित एक गड्ढे में एकत्र होता है जो कुछ घर लाने से सम्बद्ध नहीं हैं, उन्होंने सोख्ता गड्ढा बना रखा है और घर का पानी उसी में गिराते हैं ।
प्रश्न 6.
शहरी एवं ग्रामीण पर्यावरण में क्या-क्या अंतर दिखाई पड़ते हैं?
उत्तर-
शहरी पर्यावरण दमघोंटू रहता है, जबकि गाँव का पर्यावरण खुला-खुला होता है । शहरों में पेड़-पौधों की कमी होती है जबकि गाँवों में अपेक्षाकृत अधिकता है। शहरों में छोटे-बड़े वाहनों की रेलमपेल है वहीं गाँवों में खनिज तेल चालित वाहन एक-दुकं ही दिख पड़ते हैं । गाँवों में सायकिल, बैलगाड़ा, टमटम ही अधिक दिखते हैं ।
प्रश्न 7.
प्रदूषण के क्या कारण हैं ? इनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर-
अधिक भीड़-भाड़ में पेट्रोल-डीजल चालित वाहन चलाने से उनके द्वारा निकले धुएँ से वायु प्रदूषण होता है । मशीनों, वाहनों, हॉर्न, लाउडस्पीकरों द्वारा निकले कर्कश आवाज से ध्वनि प्रदूषण होता है । नदियों में गन्दगी मिलाने, तालाबों में कपड़ा साफ करने और पशुओं को नहलाने, कुएं के निकट कचड़ा एकत्र करने से जल प्रदूषण होता है ।
प्रदूषण का हमारे जीवन पर प्रभाव-वाय प्रदुषण से श्वास रोग होता है, जबकि ध्वनि प्रदूषण से कान की बीमारी होती है और कभी-कभी बहरेपन का शिकार भी होना पड़ता है । जल प्रदूषण से पेट की बीमारियाँ होती हैं । खास कर डायरिया का प्रकण बढ़ता है।।
प्रश्न 8.
हम ग्लोबल वार्मिग को कैसे कम कर सकते हैं ?
उत्तर-
ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए हमें अपनी सुविधाओं में । कटौती करनी होगी। फ्रीज, एसी, खनिज तेल चालित वाहनों का उपयोग कम करना पड़ेगा । हमें वे सब उपाय अपनाने पड़ेंगे, जिनसे ओजन परत की क्षति नहीं होने पाये और सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुँच पाएँ ।
II. क्रियाकलाप
प्रश्न 1.
सीमा को शहर जाने के क्रम में पर्यावरण की जो चीजें नजर आई उन्हें निम्नलिखित स्तंभ में सचीबद्ध कीजिए:
उत्तर-
मानव निर्मित पर्यावरण- | प्राकृतिक पर्यावरण- |
हरे-भरे खेत, बाग-बगीचे | उड़ती चिड़ियाँ |
खिले फूल | ठंडी हवा |
बस, ऑटो रिक्शा | धूप |
सजी दुकानें | गंगा नदी का किनारा |
गाड़ियों का धुआँ | सोंस (डॉल्फिन) |
गाड़ियों का हॉर्न | गर्मी |
बड़े मकान | कार्बन डाइऑक्साइड |
कूड़ा-कचरा | वायुमंडल |
नाली-नाला | सूर्य की किरणें |
प्रश्न 2.
आपके आस-पास पर्यावरण में जो चीजें पाई जाती हैं उन्हें उचित स्तंभों में लिखिए :
उत्तर-
मानव निर्मित- | प्राकृतिक-सांस्कृतिक- |
घर | नदी |
स्कूल | पहाड़ |
टेबुल, कुर्सी | सूर्य |
सायकिल | चन्द्रमा |
बैलगाड़ी | गर्मी, जाड़ा, बरसात |
फसल | जंगल |
खलिहान | मैदान |
सड़क | पर्व-त्योहार |
रेल | शादी-विवाह |
पुल | तीर्थ-यात्रा और मंदिर |
III. सही विकल्प पर सही (✓) का निशान लगाएँ।
प्रश्न 1.
जल प्रदूषण हो रहा है :
(क) पौधो के कटाव से
(ख) वाहन चलाने से
(ग) पानी पीने से
(घ) पानी में दूषित पदार्थ मिलने से
उत्तर-
(घ) पानी में दूषित पदार्थ मिलने से
प्रश्न 2.
पानी की शुद्धता हो सकती है:
(क) मच्छर पालने से
(ख) तोता पालने से
(ग) बत्तख पालने से
(घ) मछली पालने से
उत्तर-
(घ) मछली पालने से
प्रश्न 3.
बढ़ती जनसंख्या के कारण हो रहा है
(क) वृक्षों का तेजी से कटाव
(ख) भवनों का निर्माण
(ग) आधारभूत संरचना का निर्माण
(घ) इनमें सभी
उत्तर-
(घ) इनमें सभी
प्रश्न 4.
पर्यावरण संरक्षण के लिए किया जाना चाहिए :
(क) खूब पौधे लगाना
(ख) गंदे जल की उचित निकासी का प्रबंध
(ग) गाड़ियों का कम उपयोग
(घ) इनमें सभी
उत्तर-
(घ) इनमें सभी
Bihar Board Class 7 Social Science जीवन का आधार : पर्यावरण Notes
पाठ का सार संक्षेप
शहरों, नगरों और महानगरों में भीड़-भाड बढ़ती जा रही है। यातायात के साधनों में ऑटोमोबाइल की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। एक तो मोटर कार और मोटर साइकिलों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होती जा रही है और दूसरे सड़कों की चौड़ाई पहले जैसी ही है । इस कारण ये खनिज तेल चालित सवारियाँ सड़कों पर चलती नहीं, बल्कि रेंगती है ।
इसका फल होता है सड़कों पर धुआँ-ही-धुआँ दिखाई देता है । इससे पैदल चलने वालों तक की परेशानी बढ़ती है । आँखों में जलन होने लगती है। साँस लेने में कठिनाई होने लगती है ‘ तात्पर्य कि वायु बुरी तरह प्रदूषित हो जाती है । गाड़ियों से निकले ईंधन की आवाज और हॉनों की कर्कश आवाज से ध्वनि प्रदूषण में वृद्धि होती है । नदियाँ लागों के गलत उपयोग के कारण प्रदूषित होने लगी
हैं । गंगा नदी जैसी पवित्र नदी का जल भी प्रदूषित हो चला है । पॉलिथीन मिश्रित कूड़ा-कचरा से भूमि भी प्रदूषित होने लगी है । इस प्रकार हम देखते हैं कि हमारा पर्यावरण कई तरह से प्रदूषित हो रहा है, जैसे
- वायु प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- जल प्रदूषण तथा
- भूमि प्रदूषण ।
देश में उद्योग-धंधों की वृद्धि से कारखानों की वृद्धि होने लगी है । उनकी चिमनियों से रात-दिन धुआँ निकलते रहता है। पहले जहाँ पेड़-पौधों के कारण हरियाली रहती थी वहीं आज कंकड़-ईंट-सीमेंट का जगल दिखाई देता है । एक तो पेड़-पौधों की कमी और दूसरे यातायात के साधन, फ्रिज, एसी, जेनरेटर के अबाध उपयोग से ताप में वृद्धि होती जा रही है । यह किसी एक शहर, राज्य या देश की बात नहीं है । यह बात सम्पूर्ण विश्व की समस्या बन गई है। इसी कारण इसे भूमंडलीय तापन (ग्लोबल वार्मिंग) कहा जा रहा है। यदि सही कहा जाय तो इसका जिम्मेदार स्वयं मानव ही है।