Bihar Board Class 9 Social Science Solutions Disaster Management आपदा प्रबन्धन Chapter 11 मानवीय गलतियों के कारण घटित Text Book Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 9 Social Science Disaster Management Solutions Chapter 10 मानवीय गलतियों के कारण घटित
Bihar Board Class 9 Disaster Management मानवीय गलतियों के कारण घटित Text Book Questions and Answers
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
इनमें से कौन परमाणु ऊर्जा केन्द्र है ?
(क) केगा
(ख) वाराणसी
(ग) दिल्ली
(घ) मेरठ
उत्तर-
(क) केगा
प्रश्न 2.
हिरोशिमा किस देश में है ?
(क) भारत
(ख) जापान
(ग) चीन
(घ) ताईवान
उत्तर-
(ख) जापान
प्रश्न 3.
परमाणु विस्फोट से बचने के लिए सर्वप्रथम प्रतीक चिह्न का ‘विकास किसने किया है ?
(क) टोकियो विश्वविद्यालय
(ख) केम्ब्रिज विश्वविद्यालय
(ग) केलिफोर्निया विश्वविद्यालय
(घ) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर-
(ग) केलिफोर्निया विश्वविद्यालय
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
परमाणु ऊर्जा क्या है ?
उत्तर-
यूरेनियम और प्लूटोनियम जैसे खनिजों को परिष्कृत कर रिएक्टर के माध्यम से नाभिकीय विखंडन कराया जाता है जिससे ऊर्जा की प्राप्ति होती है। इसी को परमाणु उर्जा कहते हैं।
प्रश्न 2.
विश्व में सर्वप्रथम परमाणु बम किस देश पर गिराया गया था?
उत्तर-
जापान पर।
प्रश्न 3.
भारत के किस राज्य में परमाणु परीक्षण किया गया?
उत्तर-
राजस्थान के पोखरन में ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रेडियेशन से क्या-क्या हानि होती है ? मनुष्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों की जानकारी दें।
उत्तर-
रेडियेशन से मनुष्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव निम्नलिखित
- रेडियेशन के प्रभाव से जीवों में अनुवांशिक पदार्थ (Genetic Materials) में उत्परिवर्तन की दर में वृद्धि होती है जिससे हड्डी का टी० वी०, कैंसर, शारीरिक विकृतियाँ तथा अंगों के समुचित विकास में असमानताएँ भी उत्पन्न हो जाती हैं।
- पराबैगनी किरणों के प्रभाव से त्वचा संबंधी रोग भी हो सकते हैं।
- नाभिकीय विस्फोटों से ओजोन की सुरक्षा-परत का क्षय होता है।
- रेडियोधर्मी पदार्थों के रेडियेशन से रक्त कैंसर, बंध्यता, दृष्टि-दोष आदि रोग हो सकते हैं!
प्रश्न 2.
परमाणु ऊर्जा से क्या लाभ है ? वर्णन करें।
उत्तर-
परमाणु ऊर्जा का विकास विज्ञान की विशिष्ट उपलब्धियों में से एक है। इसके अंतर्गत यूरेनियम और प्लूटोनियम जैसे खनिजों को परिष्कृत कर रियेक्टर के माध्यम से नाभिकीय विखंडन कराया जाता है जिसमे ऊर्जा की प्राप्ति होती है । यह ऊर्जा आर्थिक-सामाजिक विकास को नः ति दे सकता है । यथा-बिजली का उत्पादन, गाड़ियाँ चलाई जा सकती ‘ आदि कार्य किये जा सकते हैं।
11.2 रासायनिक आपदा
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
भोपाल में रासायनिक गैस रिसाव कब हुआ था ?
(क) 1984
(ख) 1990
(ग) 1930
(घ) 2004
उत्तर-
(क) 1984
प्रश्न 2.
तूतीकोरिन में 1997 ई0 में गैस रिसाव से कौन-सी बीमारी उत्पन्न हुई थी?
(क) उल्टी होना
(ख) सर्दी एवं खांसी
(ग) उल्टी होना एवं छाती में जलन
(घ) मस्तिष्क ज्वर
उत्तर-
(ग) उल्टी होना एवं छाती में जलन
प्रश्न 3.
अम्लीय वर्षा का सर्वाधिक प्रभाव कहाँ पड़ा है ?
(क) पटनां महानगर
(ख) दामोदर घाटी क्षेत्र
(ग) उत्तरी बिहार
(घ) असम घाटी क्षेत्र
उत्तर-
(ख) दामोदर घाटी क्षेत्र
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किस देश द्वारा गैस के प्रयोग से यहूदियों को मारा गया था ?
उत्तर-
जर्मनी के द्वारा गैस के प्रयोग से यहूदियों को मारा गया।
प्रश्न 2.
कीटनाशक में किस रासायनिक पदार्थ का प्रयोग होता है ?
उत्तर-
कीटनाशक में मिथाइल आइसोसायनेट तथा हाइड्रोजन साइनाइड रसायन का प्रयोग होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गैस रिसाव होने पर किस प्रकार की सावधानी रखनी चाहिए?
उत्तर-
गैस रिसाव की स्थिति में वहाँ मौजूद लोगों को स्पष्ट दिशा निर्देश देने की जरूरत है कि वे वायु की उल्टी दिशा में जायें।
गैस रिसाव पर लोगों को यथाशीघ्र मास्क लगा लेना चाहिए।
सभी कर्मचारियों की एक निश्चित अंतराल पर चिकित्सों द्वारा जाँच होनी चाहिए। कारखानों में सायरन की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि तत्काल सभी को सूचित किया जा सके ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
रासायनिक आपदा के अन्तर्गत आनेवाली समस्याओं का वर्णन
उत्तर-
औद्योगिक विकास के साथ-साथ रासायनिक पदार्थों के उत्पादन से जुड़ी तीन समस्याएँ आती हैं
(i) विषैले रासायनिक उत्पाद से उत्पन्न छिपी हुई आपदाएँ ।
(ii) रासायनिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उत्पन्न आपदाएँ ।
(iii) रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उत्पन्न आपदाएँ।
(i) विषैले रासायनिक उत्पाद से उत्पन्न छिपी हुई आपदाएँइसका सर्वाधिक प्रभाव कृषि उत्पाद पर देखने को मिलता है । रासायनिक खाद और कीटनाशक के प्रयोग से न सिर्फ मृदा के सूक्षम जीवों का विनाश होता है बल्कि उत्पाद विषैली हो जाता है । इसके अलावा कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती है जो जान लेवा सावित होती है। इससे अम्लीय वर्षा का डर बना रहता है विशेषकर महानगरों में।
(ii) रासायनिक युद्ध सामग्री के उपयोग से उत्पन्न आपदाएँरासायनिक आयुध के अंतर्गत विविध जहरीले गैसों के प्रयोग के साथ-साथ विस्फोटक पदार्थों में भी ऐसे गैस सन्निहित होते हैं जिनके प्रभाव से त्वचा में जलन और गलने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है । मृत्यु भी हो जाती है।
(iii) रासायनिक औद्योगिक इकाइयों में रिसाव और कचरे से उत्पन्न आपदा-गैस रिसाव बड़ी आपदा का रूप लेता है। भोपाल गैस रिसाव (1984) इसका प्रमाण है । पुनः 1999 में तमिलनाडु के तूतीकोरिन गैस रिसाव के उदाहरण हैं।
11.3 जैविक आपदा
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहुविकल्पीय प्रश्न :
प्रश्न 1.
डेंगू बीमारी का क्या कारण है ?
(क) आग लगने से
(ख) एक बर्तन में अधिक समय तक पानी रहने से
(ग) बाढ़ आने से
(घ) गंदे भोजन से।
उत्तर-
(ग) बाढ़ आने से
प्रश्न 2.
एंथेक्स क्या है ?
(क) अति सूक्ष्म जीव
(ख) युद्धपोत
(ग) जंगली जानवर
(घ) युद्ध का एक अस्त्र
उत्तर-
(ख) युद्धपोत
प्रश्न 3.
भारत में एड्स से लगभग कितने लोग प्रभावित हैं ?
(क) 25 लाख
(ख) 30 लाख
(ग) एक करोड़
(घ) 50 लाख
उत्तर-
(ख) 30 लाख
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्लेग और हैजे का क्या कारण है ?
उत्तर-
प्लेग-वायरल नामक विषाणु से होता है।
हैजा-विब्रियो कॉमा नामक जीवाणु से होता है।
प्रश्न 2.
एड्स की बीमारी के कारणों को बताएँ।
उत्तर-
एड्स की बीमारी जैविक वायरस का फैलाव वंशानुगत तथा दूषित रक्त को चढ़ाने तथा माता के द्वारा बच्चों को होता है । यह बड़ों में गलत एवं असंयमित यौन-संबंध से होता है।
प्रश्न 3.
हिपेटाइटिस बीमारी के कारणों को बताएँ।
उत्तर-
हिपेटाइटिस बीमारी सूक्ष्म जीवाणु और वायरस के शरीर में संक्रमण से होती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
जैविक आपदा कितने प्रकार के हैं ? उनका संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर-
जैविक आपदा चार प्रकार के हैं।
(i) प्रथम वर्ग में उन बीमारियों को रखा गया है जिसका कारण सूक्ष्म जीवाणु तथा वायरस होते हैं। जिनसे चिकेन पॉक्स, हिपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं । इनसे तात्कालिक बचाव के लिए ग्लब्स, मास्क आदि का सतत् प्रयोग करना चाहिए।
(ii) इस जैविक आपदा में वैसी बीमारियों को रखा गया है जिसकी . उत्पत्ति का कारण सूक्ष्म जीवाणु तथा वायरस हैं । इस वर्ग में हिपेटाइटिस . A, B और C इन्फ्लूएंजा, लाइम डिजिज मिजिल्स, चिकेन-पॉक्स और एड्स जैसी बीमारियाँ संभव हैं।
(iii) जैविक आपदा के तीसरे वर्ग में वैसे सूक्ष्म जीवाणु और वायरस को रखा गया है जो मानव समूह के लिए विनाशकारी आपदा ला सकती है। इसके अंतर्गत एंथ्रेक्स, पश्चिमी नील वायरस, वेनेजुएलियन एन्सेफ्लाइटिस, स्मॉल पाक्स, ट्यूवरोक्लोसिस वायरस, रिफ्टबैली बुखार, येलो बुखार तथा मलेरिया, हैजा, डायरिया प्रमुख हैं। यह साधारणतः गरीब देशों की बीमारियाँ हैं ।
(iv) चौथे स्तर की जैविक आपदा के अंतर्गत अति विनाशकारी वायरस को रखा जाता है। इसके अंतर्गत वायरस वोलिवियन तथा अर्जेंटियन बुखार तथा बर्ड फ्लू, एडस (HIV), डेंगू बुखार, माखर्ग बुखार, एबोला इत्यादि प्रमुख हैं।
प्रश्न 2.
जैविक अस्त्र क्या है ? इससे उत्पन्न समस्याओं का वर्णन करें।
उत्तर-
नवीन युद्ध तकनीकी के अंतर्गत जैविक अस्त्रों को सम्मिलित किया गया है। इसे भारी विनाश का अस्त्र (Weapon of Mass . Destruction) कहा गया है। इसका विकास जापानियों ने किया लेकिन जैविक अस्त्रों का वास्तविक प्रयोग 2001 ई० में संयुक्त राज्य अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर आतंकी हमले के बाद आरम्भ हुआ। एंथ्रेक्स डाक सेवा के द्वारा अथवा अज्ञात व्यक्तियों के द्वारा पहुँचाया जाने लगा । वास्तव में जैविक आपदा का कारण एक सूक्ष्म जीवाणु हैं।
जैविक अस्त्रों के अंतर्गत उपयोग में लाये जाने वाले और अन्य जीवाणु भी हैं जो रुग्णता लाने वाले जीवाणु है।
इससे उत्पन्न समस्याएँ-(i) जैविक अस्त्र के प्रयोग से इसके सूक्षम जीवाणु श्वसन क्रिया के द्वारा शरीर के अंदर जहर उत्पन्न करता है और वह सूक्ष्म त्रासदी को जन्म देते हैं। इसे गंदा बम (Dirty Bomb) कहा . गया है। (ii) दूसरी समस्या है इससे रुग्णता आती है। शरीर धीरे-धीरे क्षीण होने लगता है।
प्रश्न 3.
जैविक आपदा से बचाव के उपाय बताएँ।
उत्तर-
जैविक आपदा से बचाव के लिए आपदा जोखिम प्रबंधन की जरूरत है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित बातें हैं –
- गर्म जल पीना एवं स्वच्छ भोजन ग्रहण करना चाहिए ।
- आवश्यक कीटनाशक दबावों का छिड़काव तथा प्रशासनिक प्रतिबद्धता आवश्यक है।
- अनजान व्यक्ति द्वारा दिये गये किसी भी प्रकार के डिब्बे को हाथ लगाने या छूने की जरूरत नहीं क्योंकि इसमें एंथ्रेक्स की संभावना हो सकती है।
- किसी अनजान वस्तु को छूने के लिए ग्लब्स का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- डॉग एक्वाइड (कुत्ते के दल) की मदद से जैविक अस्त्रों की जगह की पहचान की जा सकती है।
- जैविक अस्त्रों के विरुद्ध अत्यन्त कठोर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध . लगाना चाहिए।