BSEB Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई
Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 5 जीवन की मौलिक इकाई Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
Bihar Board Class 9 Science जीवन की मौलिक इकाई InText Questions and Answers
प्रश्न शृंखला # 01 (पृष्ठ संख्या 66)
प्रश्न 1.
कोशिका की खोज किसने और कैसे की ?
उत्तर:
कोशिका की खोज 1665 में रॉबर्ट हुक ने वृक्ष की छाल से प्राप्त कॉर्क में स्वनिर्मित सूक्ष्मदर्शी द्वारा की।
प्रश्न 2.
कोशिका को जीवन की संरचनात्मक व क्रियात्मक इकाई क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
प्रत्येक कोशिका एक स्वायत्त इकाई के रूप में कार्य करती है तथा जीवन की सभी मूलभूत क्रियाओं को स्वतन्त्र रूप से संचालित करती है। इसी कारण इसे जीवन की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई कहते हैं।
प्रश्न श्रृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 68)
प्रश्न 1.
CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ कोशिका में कैसे | अन्दर तथा बाहर जाते हैं ? इस पर चर्चा करें।
उत्तर:
कोशिका में CO2 तथा पानी जैसे पदार्थ विसरण तथा परासरण द्वारा कोशिका के अन्दर तथा बाहर जाते हैं। जब किसी कोशिका में CO2) की सान्द्रता बाह्य वातावरण से अधिक हो जाती है तो उसी समय उच्च सान्द्रता से निम्न सान्द्रता की ओर विसरण द्वारा CO2 कोशिका के बाहर निकल जाती है। किसी कोशिका में पानी की कमी होने पर या उसे तनु विलयन में रखने पर जल के अणु बाह्य माध्यम से कोशिका के भीतर परासरण द्वारा चले जाते हैं।
प्रश्न 2.
प्लाज्मा झिल्ली को वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली कुछ पदार्थों को अन्दर अथवा बाहर आने-जाने देती है तथा अन्य पदार्थों की गति को रोकती है। इसलिए इसे वर्णात्मक पारगम्य झिल्ली कहते हैं।
प्रश्न शृंखला # 03 (पृष्ठ संख्या 70)
प्रश्न 1.
क्या आप निम्नलिखित तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों को भर सकते हैं जिससे कि प्रोकैरियोटी तथा – यूकैरियोटी कोशिकाओं में अन्तर स्पष्ट हो सके।
उत्तर:
प्रश्न श्रृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 73)
प्रश्न 1.
क्या आप दो ऐसे अंगकों का नाम बता सकते हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है ?
उत्तर:
माइटोकॉण्ड्रिया तथा प्लास्टिड्स ऐसे कोशिका अंगक हैं जिनमें अपना आनुवंशिक पदार्थ होता है।
प्रश्न 2.
यदि किसी कोशिका का संगठन किसी भौतिक अथवा रासायनिक प्रभाव के कारण नष्ट हो जाता है, तो क्या होगा?
उत्तर:
कोशिका नष्ट हो जायेगी।
प्रश्न 3.
लाइसोसोम को आत्मघाती थैली क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
लाइसोसोम में पाचक एन्जाइम्स पाये जाते हैं। कोशिकीय उपापचय में व्यवधान के कारण जब कोशिका क्षतिग्रस्त या मृत हो जाती है तो उसके लाइसोसोम फट जाते हैं तथा उसके पाचक एन्जाइम्स अपनी ही कोशिका का पाचन कर देते हैं। इसलिए इन्हें आत्मघाती थैली’ कहते हैं।
प्रश्न 4.
कोशिका के अन्दर प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर:
खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका पर पाये जाने वाले राइबोसोम में प्रोटीन का संश्लेषण होता है।
क्रियाकलाप 5.2 (पृष्ठ संख्या 65)
प्रश्न 1.
क्या सभी कोशिकाएँ आकार तथा आकृति की दृष्टि से एक जैसी दिखाई देती हैं ?
उत्तर:
किसी अंग विशेष की सभी कोशिकाएँ आकार तथा आकृति में एक जैसी दिखती हैं परन्तु विभिन्न अंगों में इनका आकार तथा आकृति भिन्न-भिन्न होती है।
प्रश्न 2.
क्या सभी कोशिकाओं की संरचना एक जैसी दिखाई देती है ?
उत्तर:
हाँ, सभी कोशिकाओं की मूलभूत संरचना एक जैसी दिखाई देती है।
प्रश्न 3.
क्या पादप के विभिन्न भागों में पायी जाने वाली कोशिकाओं में कोई अन्तर है ?
उत्तर:
नहीं।
प्रश्न 4.
हमें कोशिकाओं में क्या समानताएँ दिखाई देती हैं ?
उत्तर:
सभी कोशिकाओं में कोशिका भित्ति, केन्द्रक तथा जीवद्रव्य पाया जाता है। इसके अतिरिक्त सभी में एक ही प्रकार के कोशिकांग पाये जाते हैं।
Bihar Board Class 9 Science जीवन की मौलिक इकाई Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
पादप कोशिका तथा जन्तु कोशिका में तुलना कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
प्रोकैरियोटी कोशिकाएँ यूकैरियोटी कोशिकाओं से किस प्रकार भिन्न होती हैं ?
उत्तर:
प्रश्न शृंखला 03 के अन्तर्गत प्रश्न 1 का उत्तर देखें।
प्रश्न 3.
यदि प्लाज्मा झिल्ली फट जाए अथवा टूट जाए तो क्या होगा?
उत्तर:
प्लाज्मा झिल्ली बाह्य वातावरण से गैसों तथा अन्य पदार्थों को विसरण द्वारा कोशिका में पहुँचाती है। इसके फट जाने अथवा टूट जाने पर इन पदार्थों में परिवहन का नियमन नहीं हो पायेगा तथा कोशिका का कोशिकाद्रव्य बाह्य वातावरण के सीधे सम्पर्क में आ जायेगा जिससे कोशिका की मृत्यु हो जायेगी।
प्रश्न 4.
यदि गॉल्जी उपकरण न हो तो कोशिका के जीवन में क्या होगा?
उत्तर:
गॉल्जी उपकरण कोशिका में बने पदार्थों का संचय, रूपान्तरण तथा पैकेजिंग का कार्य करते हैं। इनके उपस्थित न होने पर ये क्रियाएँ नहीं हो पायेंगी।
प्रश्न 5.
कोशिका का कौन-सा अंगक बिजलीघर है और क्यों ?
उत्तर:
माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहते हैं क्योंकि ये विभिन्न जैविक क्रियाओं को चलाने के लिए ऊर्जा ATP (ऐडिनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में प्रदान करते हैं। ATP कोशिका की ऊर्जा है जिसका उपयोग कोशिका नये रासायनिक यौगिकों को बनाने तथा यान्त्रिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए करती है।
प्रश्न 6.
कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड तथा प्रोटीन का संश्लेषण कहाँ होता है ?
उत्तर:
कोशिका झिल्ली को बनाने वाले लिपिड का संश्लेषण चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका द्वारा तथा प्रोटीन का संश्लेषण खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका पर उपस्थित राइबोसोम्स में होता है।
प्रश्न 7.
अमीबा अपना भोजन कैसे प्राप्त करता है ?
उत्तर:
अमीबा एककोशिकीय जीव है। इसके जीवन की सभी क्रियाएँ एक कोशिका द्वारा ही पूरी होती हैं। जब यह किसी भोज्य पदार्थ के सम्पर्क में आता है तो उसकी प्लाज्मा झिल्ली उस भोज्य पदार्थ को चारों ओर से घेर लेती है और धीरे-धीरे अपने भीतर ले लेती है। इस क्रिया को एण्डोसाइटोसिस कहते हैं। इस प्रकार एक खाद्य रिक्तिका बन जाती है। इसका पाचन लाइसोसोम द्वारा होता है।
प्रश्न 8.
परासरण क्या है?
उत्तर:
परासरण ऐसी क्रिया है जिसमें अर्द्धपारगम्यं झिल्ली (प्लाज्मा झिल्ली) द्वारा अलग किये गये भिन्न सान्द्रता वाले दो विलयनों में जल अथवा किसी दूसरे विलायक के अणुओं का विसरण कम सान्द्रता वाले विलयन से अधिक सान्द्रता वाले विलयन की ओर होता है।
प्रश्न 9.
निम्नलिखित परासरण प्रयोग करेंछिले हुए आधे-आधे आलू के चार टुकड़े लो, इन चारों को खोखला करो जिससे कि आलू के कप बन जाएँ। इनमें से एक कप को उबले आलू में बनाना है। आलू के प्रत्येक कप को जल वाले बर्तन में रखो। अब
(a) कप ‘A’ को खाली रखो,
(b) कप ‘B’ में एक चम्मच चीनी डालो
(c) कप ‘C’ में एक चम्मच नमक डालो, तथा
(d) उबले आलू से बनाए गए कप ‘D’ में एक चम्मच चीनी डालो।
आलू के इन चारों कपों को दो घण्टे तक रखने के पश्चात् उनका अवलोकन करो तथा निम्न प्रश्नों के उत्तर दो
(i) B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल क्यों एकत्र हो गया ? इसका वर्णन करो।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है ?
(iii) ‘A’ तथा ‘D’ आलू के खाली भाग में जल एकत्र क्यों नहीं हुआ ? इसका वर्णन करो।
उत्तर:
(i) ‘B’ तथा ‘C’ के खाली भाग में जल एकत्र हो गया क्योंकि उनके खाली भाग में चीनी एवं नमक होने के कारण बाहरी वातावरण से उसकी सान्द्रता अधिक हो गई, जिससे जल परासरण द्वारा उनके भीतर गया।
(ii) ‘A’ आलू इस प्रयोग के लिए नियन्त्रित सेट-अप का कार्य कर रहा है।
(iii) ‘A’ आलू में पानी एकत्र नहीं हुआ क्योंकि वह भीतर से खाली था। उसने इस प्रयोग में एक नियन्त्रित सेट-अप की तरह कार्य किया।
‘D’ आलू के खाली भाग में भी जल नहीं एकत्र हुआ क्योंकि आलू को उबालने से उसकी प्लाज्मा झिल्ली नष्ट हो गयी जबकि परासरण के लिए अर्द्धपारगम्य झिल्ली का होना आवश्यक है, अतः यहाँ परासरण की क्रिया नहीं हुई।
प्रश्न 10.
कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु किस प्रकार के कोशिका विभाजन की आवश्यकता होती है तथा इसका औचित्य बताइए?
उत्तर:
कायिक वृद्धि एवं मरम्मत हेतु समसूत्री विभाजन की आवश्यकता होती है। इस विभाजन का औचित्य जीवों के आकार में वृद्धि, विभिन्न टूट-फूट की मरम्मत करना, घावों को भरना तथा केन्द्रक-कोशिकाद्रव्य अनुपात को सन्तुलित बनाए रखना है।
प्रश्न 11.
युग्मकों के बनने के लिए किस प्रकार का कोशिका विभाजन होता है ? इस विभाजन का महत्व बताइए।
उत्तर:
युग्मकों के बनने के लिए अर्धसूत्री कोशिका विभाजन होता है। इस कोशिका विभाजन द्वारा गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका की आधी हो जाती है जो नई पीढ़ी में युग्मक संलयन द्वारा पुनः मातृ कोशिका के समान हो जाती है। इस प्रकार ये पीढ़ी-दर-पीढ़ी स्थिर बनी रहती है। इस कोशिका विभाजन द्वारा नये संयोजन बनते हैं।