Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 11 Geography Solutions Chapter 1 भूगोल एक विषय के रूप में
Bihar Board Class 11 Geography भूगोल एक विषय के रूप में Text Book Questions and Answers
(क) बहुवैकल्पिक प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किस विद्वान् ने भूगोल शब्द का प्रयोग किया?
(क) हेरोडोटस
(ख) गैलिलियो
(ग) इरेटास्थिनीज
(घ) अरस्तू
उत्तर:
(ग) इरेटास्थिनीज
प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से किस लक्षण को भौतिक लक्षण कहा जा सकता है?
(क) बंदरगाह
(ख) मैदान
(ग) सड़क
(घ) जल उद्यान
उत्तर:
(ग) सड़क
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से कौन-सा प्रश्न कार्य-कारण सम्बन्ध से जुड़ा हुआ है?
(क) क्यों
(ख) क्या
(ग) कहाँ
(घ) कब
उत्तर:
(क) क्यों
प्रश्न 4.
अनलिखित में से कौन-सा विषयकालिक संश्लेषण करता है?
(क) समाजशास्त्र
(ख) मानवशास्त्र
(ग) इतिहास
(घ) भूगोल
उत्तर:
(ग) इतिहास
प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से किस विद्वान द्वारा क्रमबद्ध भूगोल प्रवर्तित किया गया?
(क) इरेटॉस्थनीज
(ख) इम्बोल्ट
(ग) स्ट्रेबो
(घ) टॉलेमी
उत्तर:
(ख) इम्बोल्ट
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए
प्रश्न 1.
आप विद्यालय जाते समय किन महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक लक्षणों का पर्यवेक्षण करते हैं? क्या वे सभी समान हैं अथवा असमान? उन्हें भूगोल के अध्ययन में सम्मिलित करना चाहिए अथवा नहीं? यदि हाँ तो क्यों?
उत्तर:
हम विद्यालय जाते समय मानव द्वारा सृजित ग्रामों, नगरों, सड़कों, रेलों, बदंरगाहों, बाजारों एवं मानव-जनित अन्य कई महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक लक्षणों का पर्यवेक्षण करते हैं। वे सभी लक्षण असमान हैं। उन्हें भूगोल के अध्ययन में सम्मिलित करना चाहिए क्योंकि भूगोल एवं सांस्कृतिक लक्षणों के मष्य संवों को समझने का संकेत निहित होता है।
प्रश्न 2.
आपने एक टेनिस गेंद, क्रिकेट गेंद, संतरा एवं लौकी को देखा होगा। इनमें से कौन-सी वस्तु की आकृति पृथ्वी की आकृति से मिलती-जुलती है? आपने इस विशेष वस्तु को पृथ्वी की आकृति को वर्णित करने के लिए क्यों चुना?
उत्तर:
पृथ्वी का आकार भू-आम (Geoid) है, क्योंकि पूनों पर यह चपटी है। इसलिए व्यवहार में इसे संतरे की तरह गोल माना जाता है।
प्रश्न 3.
क्या आप अपने विद्यालय में वन महोत्सव समारोह का आयोजन करते हैं? हम इतने पौधा रोषा क्यों करते हैं? वृक्ष किस प्रकार पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हैं?
उत्तर:
जी हाँ, हम अपने विद्यालय में वन महोत्सव का आयोजन करते है। हम इतने पौधा रोपण इसलिए करते हैं कि वृक्ष पर्यावरणीय स्थिरता और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते है। प्रकृति के विभिन्न संघटक जीवन तथा विकास के लिए एक-दूसरे पर निर्भर करते है। स्थलाकृतियाँ, वनस्पति तथा जीव-जन्तु एक-दूसरे से मिलकर एक वातावरण का निर्माण करते हैं. जिसे पारास्थितिक तंत्र कहते हैं।वध रस पारिस्थतिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण घटक हैं। जैसे वृक्ष वाष्पोत्सर्वन की प्रक्रिया द्वारा विशाल माश में जल मुक्त करते है. इससे वर्षा वाले बादल बनते हैं। वर्षा के ऊपर ही पूरा जैवमण्डल निर्भर करता है। नक्ष उपजाऊ भूमि के अपरदन को रोकने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान देते हैं।
प्रश्न 4.
आपने हाथी, हिरण केंचुए, वृक्ष एवं घास को देखा है। ये कहाँ रहते एवं बढ़ते हैं? उस मण्डल को क्या नाम दिया गया है? क्या आप इस मण्डल के कुछ लक्षणों का वर्णन कर सकते हैं?
उत्तर:
हाथी, हिरण, केंचुआ, वृक एवं घास को हमने वनों में देखा है जहाँ वे रहते हैं, एवं बढ़ते हैं। उस जगह को जैवमण्डल का नाम दिया गया है। जीवन को आश्रय देने वाला पृथ्वी का यह घेरा हाँ जायमण्डल. स्थलमण्डल तथा जलमहल एक-दूसरे से मिलकर जीवन संभव बनाते हैं उसे जीवमण्डल कहते हैं। सजीय, जीयमण्डल के जैविक और अजैविक घटकों के बीच का सामजस्य जीवमण्डल को गतिशील और स्थिर बनाता है। जैव घटक की पोषण पद्धति के आधार पर, इसे उत्पादक, उपभोक्ता तथा अपघटक के रूप में वर्गीकृत किया गया है. उनकी भोजन बनाने की तथा उपभोग संबंधित परस्परिक क्रियायें जीवमण्डल का एक अन्य मनोरंजक लक्षण है।
प्रश्न 5.
आपको अपने निवास से विद्यालय जाने में कितना समय लगता है? यदि विद्यालय आपके घर की सड़क के उस पार होता तो आप विद्यालय पहुंचने में कितना समय लेते? आने-जाने के समय पर आपके घर एवं विद्यालय के बीच की दूरी का क्या प्रभाव पड़ता है? क्या आप समय को स्थान था, इसके विपरीत, स्थान को समय में परिवर्तित कर सकते?
उत्तर:
हमारे निवास स्थान से विद्यालय जाने में हमें पैदल एक घण्टा लगता है। यदि विद्यालय मेरे घर की सडक के उस पार होता तो गरे । पाटा 30 मिनट लगता। यदि मैं साइकिल दाग विद्यालय आऊं तो मई 20 मिनट लगते हैं। यदि मैं बस द्वारा विद्यालय जाता हूँ तो 15 मिनट लगते हैं। यदि बम विभिन्न स्थानों पर समकर जाने की बजाय सीधे जाय तो में विद्यालय 7 मिनट में पहुँच जाता हूँ। एक स्थान में दूसरे स्थान तक हम बिना रुकं गए तो हम कम समय में पहुँचते हैं। यदि हम तेज गति वाहन का प्रयोग करें तो कम से कम समय में एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँच सकते हैं।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए
प्रश्न 1.
आप अपने परिस्थान (Surrounding) का अवलोकन करने पर पाते हैं कि प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक दोनों तब्धयों में मिलता पाई जाती है। सभी वृक्ष एक ही प्रकार के नहीं होते। सभी पार एवं पक्षी जिसे आप देशो* भिन-भिन होते है। ये सभी भिन तत्व धरातल पर पाये जाते हैं। क्या अब आप यह तर्क दे सकते हैं कि भूगोल प्रादेशिक क्षेत्रीय भिनता का अध्ययन है?
उत्तर:
भूगोल अध्ययन का एक आंतरिक्षण (Interdisciplinary) विषय है। प्रत्येक विषय का अध्यायन कुछ उपागमों के अनुसार किया जाता है। इस दृष्टि से भूगोल के अध्ययन के दो प्रमुख उपागम है –
- विषय-वस्तुगत क्रमबद्ध, एवं
- प्रादेशिक।
विषय – वस्तुगत उपागम में एक तथ्य को पूरे विश्व स्तर पर अध्ययन किया जाता है। तत्पश्चात क्षेत्रीय स्वरूप के वर्गीकृत प्रकारों की पहचान की जाती है। पहले विद्वान भौतिक भूगोल पर बल देते थे। लेकिन बाद में स्वीकार कर लिया गया कि मानव धपतल का समाकलित भाग है, वह प्रकृति का अनिवार्य अंग है। उसने सांस्कृतिक विकास के माध्यम से भी योगदान दिया है। विषय-वस्तगत या क्रमबद्ध उपागम के आधार र भूगोल को विभिन शाखाओं में बाँय है-भौतिक भूगोल भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान, जल-विज्ञान तथा मृदा धगेल के विषय में जानकारी देता है।
मानव भगोलके अंतर्गत समाज जया इसकी स्थानिक/प्रादेशिक गत्यात्मकता (Dynamism) एवं समाज के वोगदान से निर्मित सांस्कृतिक तत्वों का अध्यपन आता है। जीव-भगोल के अंतर्गत वनस्पति पारितिक विज्ञान, पर्यावरण का अध्ययन अवा है। प्रादेशिक उपागम के अंतर्गत प्रादेशिक या क्षेत्रीय जानकारियों का अध्यक्त किया जाता है। उपडत ती के आधार पर हम कह सकते हैं कि भूगोल प्रादेशिक वा क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन कराता है।
प्रश्न 2.
आप पहले ही भूगोल, इतिहास, नागरिक शास्त्र एवं अर्थशास्त्र का सामाजिक विज्ञान के घटक के रूप में अध्ययन कर चुके हैं। इन विषयों के समाकलन का प्रयास उनके अंतरापृष्ठ (Interface) पर प्रकाश डालते हुए कीजिए।
उत्तर:
भूगल एक संश्लेषणात्मक (Synthesis) विषय है जो क्षेत्रीय संश्लेषण का प्रयास करता है तथा इतिहास कालिक संश्लेषण का प्रवास करता है। इसके उपगम की प्रकृति समवात्मक (Holistic) होती है। भूगोलका एक सरलेषणात्मक विषय के रूप में अनेक प्राकृतिक तथा सामाजिक विज्ञानों से अंतरापृष्ठ (Interface) संबंध है। दर्शन किसी विषय को जड़ प्रदान कर उसके क्रमशः विकास की प्रक्रिया में स्पष्ट ऐतिहासिक भूमिका प्रस्तुत करता है। सामाजिक जिन के सभी विषय यथा समाजशास्त्र, राजनीतिक विज्ञान, नागरिक भूगोल, अर्थशास्त्र जनकिकी, सामाजिक वाचता का अध्ययन करते हैं।
भूगोल की सभी शाखायें-सामाजिक भूगोल, राजनीतिक भूगोल (नागरिक शास्त्र), आर्षिक भूगोल, जनसंख्या भूगोत, अधिवास भूगोल आदि विषयों से पनिष्ठता से बड़े हैं क्योंकि इनमें से प्रत्येक में स्थानिक (Spatial) विशेषतायें मिलती हैं। राजनीतिक शास्त्र का मूल उद्देश्य राज्यक्षेत्र, जनसंख्या, प्रभुसत्ता का विश्लेषण है, जबकि राजनीतिक भूगोल एक क्षेत्रीय इकाई के रूप में राज्य तब इसको जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है।
अर्थशास्त्र अर्थव्यवस्था की मूल विशेषताओं जैसे उत्पादन, वितरण, बिनिमय एवं उपभोग का विवेचन करता है। इसी प्रकार जनसंख्या विधान भूगोल जनकिकी से निकरण से जुदा हुआ है। उपर्युक्त विवेचन से सष्ट है कि भूगोल इतिहास, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान के घटक के रूप में गहरा संबंध है।
(घ) परियोजना कार्य
प्रश्न 1.
वन को एक संसाधन के रूप में एनिए, एवं
(i) भारत के मानचित्र पर विभिन्न प्रकार के वनों के वितरण को दर्शाइए।
(ii) देश के लिए बनों के आर्थिक महाच’ के विषय पर एक लेख लिखिए।
(iii) भारत में वन संरक्षण का ऐतिहासिक विवरण राजाधान एवं उत्तरांचल में “चिपको आंदोलन’ पर प्रकाश डालते ए प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
(i) (a) पर्वतीय वन
(b) उष्ण कटिबन्धीय शुष्क-महरित एवं भई-सपाहरित वन
(c) उष्ण करिबंधीय पवादीय बन
(d) शुल्क पर्णपाती वन
(e) मॅग्रोव वन
(ii) वनों का भी हमारे जीवित रहने के लिए उतना ही महत्व है, जितना जल का। हमारे देशका लगभग 22.5 प्रतिशत स्थाल भाग वन के रूप में है। वन से हमें लकडी, इंधन, चाय, खाद्य पदार्थ, फल, औषधियाँ, रेशो भावि प्राण होते है। छोटे-छोटे जीवाणुओं से लेकर शेर, चीता आदि वनों में आवास करते हैं. जीव सम्पदा।सभी वन और सौर ऊर्जा को ग्रहण करते हैं, ऑक्सीजन, वातावरण में छोड़ते हैं, उत्पादित पदार्थो को उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं वर्षा करवाते हैं तथा मृदा अपरदन को रोकते हैं।
वन प्रदूषण कम करते हैं। वे वातावरण में उपस्थित कर्मों को अवशोषित करते हैं, तब मार्बन डाइऑभमाह का अवशोषण करते हैं। वर्षों से प्रदेश की सुन्दरता बढ़ती है। हमारी पला,
साहित्य तथा संगीत भीमा विशेष महत्व सिटिक प्रवेशालाई भाव इनका प्रयोग अनुसंधान लिए किया विरें में विद्यमान चे मागी मनुष्य के लिए किस प्रकार उपयोगी सिद्ध हो सकते है. इस पर काफी अनुसंधान हो सास आवास की सुविधा श्री प्रदान करते।
(iii) विषको आन्दोलन र संरक्षण के लिए गढ़वाल क्षेत्र में सुन्दरलाल नाग द्वारा बताया गया था। इसके अंतर्गत नियों वृक्षों से चिपक गयी थी जिससे कोई भीलों को अपने स्वार्थवश न काट पायें। चिपको आन्दोलन की प्रेरणा सुन्दरलाल बहाणा को आज से लगभग 300 साल पूर्व राजस्थान में चलने गए वन संरक्षण आन्दोलन से मिली थी। इस आन्दोलन में भी औरतों पक्षों से चिपककर उनकी रक्षा की थी। खंजरी’ के नाम से प्रसिद्ध आन्दोलन में अमतादेवी विश्नोई नेताब में सियों ने पंडों की रक्षा के लिए नया से विकरकर पक्षों की रक्षा की थी।
Bihar Board Class 11 Geography निर्माण उद्योग Additional Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
किन विषय अध्ययन ने भूगोल को पतिय चरित्र दिया।
उत्तर:
सौरमण्डल पच्चीका आकार, शव्या देशान्तर।
प्रश्न 2.
अवारहवी शताब्दी में विद्यालयों में भूगोलको लोकप्रियता क्यों मिली?
उत्तर:
भूगोल का विद्यालय में एक लोकप्रिय विषय बनने का मुख्य कारण यह है कि इसके अध्ययन से पच्ची के निवासियों तथा मानों के विषय में जानकारी प्राण होती है। इससे प्राकृतिक तथा सांस्कृतिक कार होता है। इस अध्ययन से मनुष्य तथा पर्यावरण सम्बन्धों का अनुमान होता है।
प्रश्न 3.
उस भूगोलवेत्ता का नाम बताइए जिन्होंने ‘भौतिक तथा मानव भूगाल के संश्लेषण का समर्थन किया था।
उत्तर:
एच. मेकिंडर (H. J. Mac-kinder)।
प्रश्न 4.
भूगोल में कौन-सा आधुनिकतम विकास हुआ है।
उत्तर:
पूर्वसमिकीच विश्लेषण का उपयोग निरन्तर नहा है।
प्रश्न 5.
प्रकृतिक भदाय के मुख्य लक्ष्य बताएं।
उत्ता:
सरिया बनामी आदि।
प्रश्न 6.
बातावरण को कौन-से दो मुख्य भागों में बांटा जाता है।
उत्तर:
- प्राकृतिक
- मानवीय
प्रश्न 7.
भौतिक भूगोल के चार मुख्य उपक्षेत्र बताओ।
उत्तर:
- भू-आकृति विज्ञान, जलवायु विज्ञान
- जल विज्ञान
प्रश्न 8.
18 वीं शताबी में जर्मनी के दो प्रसिद्ध भूगोल-बेताओं के नाम लिखें।
उत्तर:
हम्बोला तथा रिटर।
प्रश्न 9.
भूगोल के हो स्पष्ट क्षेत्र कौन-से है।
उत्तर:
भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल।
प्रश्न 10.
भौतिक भूगोल के दो उपक्षेत्र बताएं।
उत्तर:
- भू-आकृतिक विज्ञान
- जलवायु विज्ञान
प्रश्न 11.
मानवीय भूगोल के दो उप-क्षेत्र बताओ।
उत्तर:
- आर्थिक भूगोल
- सांस्कृतिक भूगोला
प्रश्न 12.
बाबुमण्डल दशाओं का अध्ययन करने वाले दो विज्ञान बताएँ।
उत्तर:
- जलवा
- मौसम विज्ञान
प्रश्न 13.
‘मनुष्य के कार्य प्रकृति द्वारा निर्धारित होते हैं। वह किस भूगोलवेत्ता का कथन है?
उत्तर:
रैसेल (Ratael) का।
प्रश्न 14.
भूगोल किन तीन प्रमुख विषयों का अध्ययन है?
उत्तर:
- भौतिक वातावरण
- मारलीय क्रियाएं
- दोनों का अंतक्रियात्मक सम्बन्य।
प्रश्न 15.
Geography किन दो शब्दों के सुमेल वे बना है?
उत्तर:
यह शब्द ग्रीक भाषा के दो गल (Geo) पुच्ची तय ‘Graphor’ वर्णन से प्राप्त हुआ है।
प्रश्न 16.
मानव भूगोल के चार मुख्य उपक्षेत्र बताओ।
उत्तर:
- सांस्कृतिक भूगोल
- भार्षिक भूगोल
- जनसंख्या भूगोल
- ऐतिहासिक भूगोला।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
‘पृथ्वी की सतह एक सप नहीं है।’ दो उदाहरण दो।
उत्तर:
- पृथ्वी के श्रीनिक स्वरूप में भिन्नता होती है। वहाँ पर्वत, पहाड़ियाँ, पारियाँ, मैदान पठार, बन, रेगिस्तान मिलते हैं।
- यहाँ सामाजिक तथा संस्कृतिक तत्वों में भी भिन्नता है। यहाँ ग्रामों नगरों सड़को. रेलों. बाजारों के रूप में ना पाई जाती है। पृथ्वी पर मैतिक वातावरण, सम्पविक संगठन तथा सांस्कृतिक विकास में विभिन्नता पाई जाती है।
प्रश्न 2.
‘भूगोल क्षेत्रीय भिन्नता का अध्ययन है।’ स्पष्ट को।
उत्तर:
भूगोल पच्ची पर भौतिक तय समाजिक क्षेत्र में मिलताओं का अध्ययन कराता है। भूगोल उन कारकों का भी अध्ययन कराता है जो इस विभिन्नता को उत्पन करते हैं। उदाहरणार्थ: फसल का स्वरूप एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में भिन होता है। यह चिना मिट्टी, जलवायु, तकनीकी निवेश की चिन्नता के कारण प्रकार भूगोल दो तत्वों के मध्य कार्य-कारण (Cause and effect) के सम्बना को ज्ञात करने में सहायक है।
प्रश्न 3.
भगोल विषय में पच्ची के किन चार परिमण्डलों का अध्ययन होता है?
उत्तर:
- स्थल मण्डल
- जस पाठल
- वायुमण्डल
- जैव मण्डल
प्रश्न 4.
हमें भूगोल क्यों पढ़ना चाहिए?
उत्तर:
पृथ्वी मनुष्य का घर है। वहाँ हमारा जीवन अनेक रूपों से प्रभावित होता है। हम आसपास के संसाधनों पर निर्भर करते हैं। हम तकनीकों द्वारा प्राकृतिक संसाधन भूमि, मा, जल का उपयोग करने गए अपच आगार प्राप्त करते हैं। हम मौसमी शाके अनुसार अपना जीवन समायोजित करते है। इसलिए भूगोल का अध्ययन आवश्यक है।
प्रश्न 5.
भूगोल पच्ची पर विविधताओं को सम्माने के लिए क्षमता प्रदान करता है। दो उदाहरण दो।
उत्तर:
पृथ्वी पर भौतिक वातावरण, सामाजिक संगठन तथा सांस्कृतिक विकास में विविधता मिलती हैं।
- आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक तथा भौगोलिक सूचना नत्र (G.LS) ग्लोब पर स्थिति शात करने में सहायक हैं।
- संगणक मानचित्र कला (Computer Cartography) मानचित्र बनाने में कुशलता प्रदान करती है।
प्रश्न 6.
भौतिक भूगोल किस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों के मयांकन सहायक?
उत्तर:
भौतिक पूल प्रकृतिक संसाधनों के मूल्यांकन एवं प्रबंधन सीधा विषय के रूप में विकसित होतास उद्देश्य की पूर्ति हो भौतिक पर्यावरण वंगालमयसम्मयों को समझना आवश्यक।तिक पर्यावरण संसाधन प्रदान करतीवं सं साधनों का उपयोग करते हुए अपन आर्मिक एवं सांस्कृतिक विकास सुनिश्चिातानीकी की सहायता से संसाधनों के बदले उपयोग में विश्व में पारिस्थतिक असन्तुलन अपन कर दिया है। अतएव सतत विकास (Sustainable development) के लिए मैतिक चालवाण का जन नितान्त आवश्यक जोतिक भूगल के महत्व को रेखांकित करता है।
प्रश्न 7.
विश्व एक परस्पर निर्भर है। व्याख्या करें।
उत्तर:
विश्व एक प्रदेश दूसरे प्रदेश से उड़े है तथा एक-दूसरे पर निर है। वर्तमान विश्व को एक वैश्विक मास (Global Village) को संज्ञा दी जा सकती है। परिवार के बीच साधनातीर काकी -दृश्य माध्यमों (Audio – visual) सुचना तकनीको कह को बहर समृद्ध का दिया है। प्रकृतिक विज्ञान तथ साजिक विज्ञान एक-खरे र रिचर।
प्रश्न 8.
भूगोल की परिभाषा लिखें।
उत्तर:
पूर्गाल की परिभाषा (Definition of Geography) – पूस पीक विक्षन है (Geography is the science of the Earh)। भूगोल को औजी पवायोग्राफी’ कहा गता है। ज्योपासी राम पूनी भाषा के जी (Ge) तथा ‘चाको’ (Gerpho) शब्दों से मिलकर बना है। (Geography = Ge + Grapho) ‘जी’ (Ge) का अर्थ है ‘पनी का मान करना। जिस प्रकार असनका मूल माल्य है, -गर्भ विज्ञान चट्टान का अमर वनस्पति विज्ञान पेड़-पौधों से इतिहास समय से सम्बन्धित भूगोल ‘स्थान’ से सम्बन्धित है। ‘पृथ्वी-जाल व भूतल का अध्ययन है। भूगोल पृथ्वी को मानव निवास स्थान पाकर उसका अध्ययन करता है (Geography studies the Earth as home of man)।
प्रश्न 9.
भूगोल को ज्ञान का भण्डार क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
प्राचीनकाल में गीत अध्ययन का मुख्य उद्देश्य पलीकेचारे में सामान्य ज्ञान प्राप्त करना ही बाब शाम यात्रियों, व्यापारियों, वेषकों तथा विजेताओं को कचाओं न. आधारित पाकिएबीमाकार तथा रेशन्ता, और मालरिकी जनकली का सपकेश पुरोल निगम अनर्गत किया। पृथ्वी के बारे में जानकारी अधिकतर विषयों से प्रजटलरोतको ज्ञानका भण्डारात।
प्रश्न 10.
‘भौतिक पर्यावरण एक मंच प्रदान करती सिपापाव कार्य को स्पष्ट करें।
उत्तर:
मफेल पच्ची पर भौतिक पर्यावरण तथा सांस्कृतिक लक्षणों के मध्य सम्मका अध्यक्त। अनेकामों में समानता तथा कई में असमाता पाई जाती। भगोल भौतिक वातावरण तथा मानवअन्योन्यक्रिया का अध्ययन है। एक लेखनके अनुहार चौतिक पर्यावरण एक मंच प्रस्तुत करता पर मानव समाज अपने विकाससमाचाकरता. आकनियाँ आश्चर प्रदान करती। जिस पर मानवीय क्रियाएँ होती हैं। गानों परषि , पता, पर खनन, पशुपालन, पर्वतों सेभनि निकलती हैं। जलवाप मारवघरों के प्रकार, सस, भोजन, वनस्पति को प्रभावित करता है।
प्रश्न 11.
भूगोलापानी पुच्ची का अध्ययन किस प्रकार करता है?
उत्तर:
भूगल पवार्यता अध्ययन करता है। पृथ्वी भी पचायतको मातिापायी है। इसलिए इस अध्ययन अनेक प्रकृतिक विज्ञान जैसे-भौमिको मया विद्यार, समुद्र पिताल, वनस्पति शास्त्र, जीवन ग्ज्ञिान, मैसम न्जिान महापक हैं। अन्य सामाजिक विज्ञान, अर्थशास्त्र, इतिहास. समाज शास्त्र, राजनीतिक विज्ञान -विज्ञान की पराल की बचाता का अध्ययन करते हैं। भूगोल सभी प्राकृतिक तथा सामाजिक विपनों से सुचनाधार प्राप्त करके संश्लेषण करता है।
प्रश्न 12.
भूगोल हमें एक अच्छा नागरिक बनने में कसे सहायता करता है?
उत्तर:
प्रायः यह समझा जाता है कि इतिहास, नागरिक शास्त्र तथा अन्य सामाजिक विज्ञान हमें अच्छा नागरिक बनाने में सहायता करते हैं। भूगोल भी इसी उरद की पूर्ति करता है।
इसके अध्ययन द्वारा हमें भौतिक पर्यावरण तथा मानवीय क्रियाओं के सम्बन्ध (Man environment relation) की जानकारी होती है।
- भूगोल हमें भू-मण्डल पर अपने मिति के बारे में जानकारी देते हए संसार के अन्य देश के साथ सम्बन्ध स्थापित करने के बारे में अवगत कराता है। अतः भूगोल का अध्यापन एक अन्तर्राष्ट्रीय भावना को जन्म देता है।
- भूगोल मानव भूगोल का आधार है। इससे हमें संसार की विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक तक्ष आर्थिक समस्याएं हल करने में सहायता मिलती है।
- भूगोल मानवीय कल्याण के लिए विश्व साधनों के उचित उपयोग में सहायता करता है।
- भूगोस हमें विभिन्न देशों के विकास स्तर (Stage of development) में अन्तर क कारण समझने में सहायता करता है, इस प्रकार अन्य सामाजिक शास्त्रों की भांति एक अच्छा नागरिक बनने में सहायता करता है।
प्रश्न 13.
भूगोल के अध्ययन में तबादका महत्व बलाएँ।
उत्तर:
भूगोल का अध्ययन दो उपागमों के आधार पर किया जाता है –
- विषय वस्तुगत उपागम (Systematic Approach)
- प्रादेशिक उपागम (Regional Approach)
1. विषय वस्तुगत उपागम (Systematic Approach)-इस उपागम में एक वष्य का पूरे विश्व स्तर पर अध्ययन किया जाता है। इसके पश्चात् क्षेत्रीय स्वरूप के बाँकृत प्रकारों की पहचान की जाती है। उदाहरणार्थ यदि कोई प्राकृतिक बनस्पति के अध्ययन में रुचि रखता है, तो सर्वप्रथम विश्व स्तर पर उसका अध्ययन किया जायेगा, फिर प्रकारात्मक वर्गीकरण जैसे-विषुवत् रेखीय सदाबहार बन, नाम लकड़ी वाले कोणधारी वर अथवा मानसूनी वन इत्यादि की पहचान उनका विवेचन तथा सीनकन करना होगा।
2. प्रादेशिक उपागम (Regional Approach)-प्रादेशिक उपागम में विश्व को विभिन पदानक्रमिक स्तर के प्रदेशों में विभक्त किया जाय और फिर एक विशेष प्रदेश में सभी भौगोलिक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है। ये प्रदेश प्राकृतिक राजनतिक चा निर्दिष्ट (मित) प्रदेश हो सकते हैं। एक प्रदेश में तथ्यों का अध्ययन समता से विविधता में एकता की खोज कर हए किया जाता है।
दैतवाद का महत्त्व-दैतवाद भरोल की एक मुख्य विशेषता है। इसका प्रारम्भ से ही विषय में प्रवर्तन हो चुका है। बैतवाद (दिया) अध्ययन में महल रिये जाने वाले पक्ष पर निर्भर करते हैं। पहले निदान भौतिक भूगोत पर बल देते थे परनवार में स्वीकार किया गया था कि मानव धरातलका समकलित भागमा प्रकृति का अनिवार्य अंग है। उसने सांस्कृतिक विकास के माध्यम से भी योगदान दिया है। इस प्रकार मनवीय क्रियाओं पर बल देने के साथ मानव भूगोल का विकास हुआ।
प्रश्न 14.
मानव प्रकृति का वास है।” इस कथन की व्याख्या कौटि।
उत्तर:
मनुष्य तथा प्रकृति के घनिष्ठ सम्बन्ध है। प्रकृति के विभिन्न लक्षण ये भूमि की बनावट, जलवायु, मिट्टी, पदार्थ, जल तथा वनस्पति मनुष्य के रहन-सहन तथा आदिक सामाजि क्रियाओं पर प्रभाव डालते हैं। प्रकृति मनुष्य के कार्य एवं जीवन को निश्चित पा निर्धारित करती है। इस विचारधारा को नियतिवार (determinism) कहा जाता है। जैसे रैसेल के अगसार “मानव अपने बातावरण की उपज है। (Man is the product of environment)। दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि मानव प्रकृति का दास है।
मानव जीवन प्राकृतिक साधनों पर आधारित है। मानव वातावरण को एक सीमा तक ही बदल सकता है। उसे वातावरण के साथ समायोजन करना आवश्यक है। इस प्रकार मनुष्य तथा प्रकृति एक – दूसरे के सहयोगी के रूप में कार्य करते हैं। इस प्रतिक्रिया द्वारा ही सम्पूर्ण जीवन प्रभावित होता है। इस प्रकार मनुष्य तथा प्रकृति के साबन्धों को देखकर प्रकृति में मनष्य (Man in Nature) कहना ही उचित है। जैसे कि विख्यात भूगोलवेता विडाल-डि-बनाश (Vidal – de -Blach) ने कहा है ‘प्रकृति मानव को मंच प्रदान करती है और यह मनुष्य पर निर्भर है कि बह इस पर कार्य करे।’ (Nature provides the stage and it is for man to act on it.)
प्रश्न 15.
क्रमबद्ध भूगोल से क्या अभिप्रायजसकी उप-शाखाओं के नाम लिखें।
उत्तर:
भूगोल में भू-पृष्ठ का अध्ययन दो विधियों द्वारा किया जाता है –
(क) क्रमबद्ध भूगोल
(ख) क्षेत्रीय भूगोल।
क्रमबद्ध भूगोल (Systematic Geography) – विशिष्ट प्रकृतिक अथवा समरिक घटनाओं से पृष्ठ पर उत्पन्न होने वाले क्षेत्रीय प्रतिरूपों तथा संरचनाओं का अध्ययन क्रमबद्ध भूगोल कहलाता है। इस संदर्भ में किसी एक भौगोलिक कारक को चन कर (जैसे जलवाय) अध्ययन किया जाता है। भगोल के उस कारक के क्षेत्रीय वितरण के कारण तथा प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। मुख्य उद्देश्य जलवायु तथा जलवायके प्रकार होते है। कृषि का अध्ययन कृषि प्रदेशों द्वारा किया जाता है। इस प्रकार यह किसी एक परक का विस्तृत अध्ययन होता है। साधारणतः क्रमबद्ध भूगोल को चार प्रमण शाखाओं में बांटा गया है
- भू-आकृतिक भूगोल-परम्परा अनुसार इसे भौतिक भगोल कहते है।
- मानव-भूगोल-इसे संस्कृतिक भूगोल भी कहते है।
- जैव-भगोल-इसमें पर्यावरण भगोल शामिल है।
- भौगोलिक विधियाँ और तकनीकें-यह विधियों मानचित्र बनाने में प्रयोग की जाती हैं।
प्रश्न 16.
“भूगोल प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञान दोनों ही व्याख्या करें।
उत्तर:
भूगोल एक समकलन का विज्ञान है। भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल के विभिन्न पक्षों का अध्यवन करके किसी क्षेत्र का एक भौगोलिक चित्र प्रस्ता किया जात है। भौतिक बातावरण का अध्यपन करने के लिए प्राकृतिक विज्ञान जैसे भौतिकी, रसायन विज्ञान आदि बहुत उपयोगी हैं। सामाजिक विज्ञान में मानवीय क्रियाओं भौतिक तत्वों का कृषि, मानव बस्तियों आदि पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन किया जाता है। इस प्रकार पुगोल प्राकृतिक तथा सामाजिक विज्ञानों को परस्पर जोड़ता है तो दोनों वर्ग के विज्ञान में गिना जाता है।
प्रान 17.
‘भूगोल को समाकलन एवं संश्लेषण का विज्ञान कड़ा जाता है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
भूगोल का विज्ञान की कई शाखाओं से निकट का सम्बन्ध है। विभिन्न शाखाओं के कई तलों का अध्ययर भूगोल में उपयोगी होता है। इसमें केवल उन्ही घटकों का अध्ययन किया जाता है जो हमारे उद्देश्य के लिए प्रासंगिक हो। विभिन्न घटकों को आपस में संयुक्त रूप में अध्ययन करने को क्रिया को समाकलन कहते हैं। इन विभिन्न घटकों को संयुक्त (Composite) तथा सश्लिष्ट रूप (Synthetic form) में सम्झना अधिक उपयोग तथा महत्वपूर्ण होता है।
भूगोल को समाकलन एवं संश्लेषण का विज्ञान (Science of Integration of Synthesis) कहा जाता है। विभिन्न शाखाओं के अंश भौगोलिक अध्ययन में सहायक होते है। वह घरक अलग-अलग पहचाने जाते हैं। इन घटकों को आपस में संयुक्त करने को ही समाकलन कहा जाता है। किसी भी प्रदेश के धरातल, कपि, यातायात, जलवान अदि के अलग-अलग मानचिों में सम्बन्ध स्थापित करने से का उपयोगी परिणाम निकल पाते हैं।
प्रश्न 18.
भौतिक भूगोल की विषय वस्तु का वर्णन करें।
उत्तर:
यहाँ भूगल की इस शाखा के महत्व को बताना युकिा संगा होगा। भौतिक भूगोल में भूखण्ड (भू-आकृतियाँ, प्रवाह, उच्चावच), वायुमण्डल (इसकी बनावट, संरचना तत्व एवं मौसम तथा जलवायु तापक्रम, वायुपाय, वायु वर्षा, जलवायु के प्रकार इत्यादि) जलमण्डल में संबद्ध तत्व जैव मण्डल (जीव स्वरुप-मास तथा नद) जीव एवं उनके पोषक प्रक्रम जैस-पाय शृंखला पारिस्पैतिक प्राचल (Ecological parameters) एवं परिस्थिति सन्तुलन) का सम्मिलित प्राचत (Ecological parameters) एवं पारिस्थितिक सन्तुलन का अध्ययन सम्मिलित होता है। मिट्टियाँ मृदा-निर्माण प्रक्रिया के माध्यम को निर्मित होती है क्या वे मूल चट्टान, जलवायु जैविक प्रक्रिया एवं कालावधि पर निर्भर करती है। कालावधि मिदियों को परिपक्वता प्रदान करती तथा मृदा धाविका (Profile) के विकास में सहायक होती हैं। माना के लिए प्रत्येक तत्व महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 19.
“भूगोल भू-पृष्ठ पर बदलते हए लक्षणों का अध्ययन है।” व्याख्या करें।
उत्तर:
भू-पृष्ठ निरंतर बदल रहा है, कभी धीरे-धीरे तथा अदृश्य रुप में तो कभी बड़ी शीघ्रता से और दृश्य रूप में मान्यता प्राकतिक लक्षण जैसे-पा, नदियाँ गीरों आदि धीरे-धीरे परिवर्तित होते हैं. जबकि सांस्कृतिक लक्षण जैसे भवन, सहर्क, फसलें आदि शीघ्रता से बदलते हैं। भूगोल इन बदलते हुए लक्षणों की उत्पति तथा प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है वो इन लक्षणों को वर्तमान स्वरूप में लाने और बारित करने के लिए उत्तरदायी है। इन लक्षणं की अवस्थिति तथा व्यवस्थाओं का मानवों के ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है, उसका भी अध्ययन करता है।
प्रश्न 20.
क्षेत्रीय भूगोल से क्या अभिप्राय उसकी शाखाओं के नाम लिखें।
उत्तर:
बोजीय भूगोल किसी क्षेत्रका समूचा अध्ययर होता है। इसे किसी क्षेत्र, राज्य या नदी घाटी के अध्ययन से आरम्भ किया जा सकता है। फिर इसे विभिन्न विधियों द्वारा अध्यायन किया जाता है। प्रत्येक प्रदेश या क्षेत्र का एक समूचे अध्ययन (Total Setting) के रूप में अध्ययन किया जाता है। प्रदेशों का आधार केवल एक अकेला कारक जैसे उच्चावच वर्षा, बनस्पति साक्षरता हो सकता है। इसी प्रकार बहकारक प्रदेश भी हो सकते हैं। प्रशासनिक क्षेत्र को भी एक प्रदेश लिया जा सकता है। योजना प्रदेश भी बनाए जाते हैं। क्षेत्रीय भूगेल की निम्नलिखित प्रमुख उप-शवाई हैं-
- प्रादेशिक अध्ययन
- प्रादेशिक विश्लेषण
- प्रादेशिक विकास
- योजना प्रदेश
प्रश्न 21.
मानव ने प्रकृति के साथ अनक्ल न (Adaptation) तथा आपरिवर्तन (Modification) द्वारा सम्ता कर लिया है। व्याख्या करें।
उत्तर:
पृथ्वी मानव का घर है। आदिम मानव समान प्रकृति वा पर्यावरण पर सीधे तौर पर निर्भर था। मानव प्रकृति का एक अंग है तब वह भी प्रकति पर अपनी छाप छोड़ता है। मनन ने तकनीकी खोजों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके प्रकृति के बंधन को डीला किया है। मानव ने ऐसी तकनीक विकसित की है जो सीमित क्षेत्र में जलवायु को अपरिवर्तित कर देती हैं। जैसे-मानानकलक (Air conditioner) वायु शीतक आदि । वर्षा, भूमिगत जल पटक, प्रस्तर (Aquifer) को पुनरावेशित करके कृषि आदि के लिए जल प्राप्त करना । समदी बोत्रों में तेल तथा मैंगनीज पिड प्राप्त काला, मृदा को पुनः नयीकरणीय बनाकर कृषि को स्थापित करन इत्यादि। इस प्रकार मानय ने प्रकृति से समझौता किया है।
प्रश्न 22.
वातावरण एवं मानव के अन्योन्यक्रिया का वर्णन करें।
उत्तर:
मानव और वातावरण में एक अटूट सम्बन्ध है। मानस बालय में प्रकृति की उपल है क्या आ कुछ मा परिवर्तन करता है। मानव विपरीत भौतिक परिमितियों के साथ सदा प्रयत्नशील हा एक कविता संक्षेप में मानस संचाच सिमानालाप के माध्यम से इस सम्बन्धको मल किया गया है। आपने मिट्टी का पूजन किया मैंने कप का निर्माण किया आपने पत्रिकाएर किया मैंने दीपक बनाया, आपरेचरम पहाडी भू-भाग एवं मरुस्थलोका राजन किया मैंने फलों की स्यारी तथा बाग बगीचे बनाए । इस प्रकार मानव ने तकनीकी की लापता से एक स्वतन्त्र साप छोडी तथा प्रकृति के सागसाधावनाओं का सुजन किया। भूगोल इसी अनक्रियात्मक सम्बन्ध का अध्ययर करता है।
प्रल 23.
निम्नलिखित शब्दों की परिभाषाएँ दें –
- भौतिक विज्ञान
- जैव-भूगोल
- भू-आकृति
- जलवायु विज्ञान
- जल-विज्ञान
- मृदया- भूगोल
- बनापति भूगोल
- प्राणि भूगोल
- मानव पारिस्थितिकी
- पर्यावरण भूगोल।
उत्तर:
- भौतिक विज्ञान (Physiography) – पह वास्तव में मैतिक भूगोल है जो -पृष्ठ -आकारों का पर करत है।
- जैव-भूगोल (Bio-Geography) – यह पर्यावरण पर्थमजीव-जन्तुओं का अध्यक्त।
- भू-आकृतिक विज्ञान (Geo morphology) – अकारों का अध्यन
- जालवायु विज्ञान (Climatology) – यह जलवायु तथा इसके तत्वों का अपन।
- जल-विज्ञान hydrology) – यह महासागरों, नदियों हिम नदियों आदि जल की भूमिका का अध्ययन है।
- पदा-भूगोल (Soil Geography) – मृदा भूगल मृदा के निर्माण, प्रा या लिलाण का अध्यायन है।
- बनायी भूगोल (Plant Geography) – यह परदेशमा चार मैदानों के वितरण का विज्ञान
- प्राणि भूगोल (zoo Geography) – यह बीच जनुओं और सूक्ष्म जीवाणुओं के
- मानव याशियतिकी (Human Ecology) – मामी बालो सम्बयों का अध्ययन करतो।
- पर्यावरण भूगोल (Environmental Geography) – जीवन पर्यावरण की गुणवता तथा मानव उसके प्रभाव का अध्ययन है।
प्रश्न 24.
भौतिक भूगोल के महत्त्व का वर्णन करें।
उत्तर:
भौतिक भूगोल का महत्त-भौतिक भूगोल में सभी त्यों को सम्मिलित किया गया है जो प्राकृतिक उथलमाण, वागमण्डल, जलमण्डल एवं रमाला सलमण्डल में भू-आकृति शमित। वायुमण्डल का सम्बन्ध सभी जीवन वस्तु जैसे-बड़-पौधे, पशुओं सूक्ष्म जीव और मनुष्य अध्ययन से है। मथा भौतिक भूगोल में अध्ययन किए जाने वाले इन चारों तत्वों यामाहाका उत्पाद है।
पर्यावरण निर्धारणहरका सामाजिक निर्धारण के विद्वान एक ऐसी मनोति को जन्म दिया जिसने प्राकृतिक पर्यावरण-भूमि, जल, वायु मुदा, वनस्पति, पशु आदि को कंवस आधिक प्रगति प्राप्तकरलेबले सपना देखा। समापनका हर कांजनेय किया बस गई इससे वायु सहित लगभग सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन का विनाश प्रदूषण और अधाय मानव ने महसूस किया कि पृथ्वी पर प्रकृतिक संसाधन जीवन को आधार मान करते हैं। उनके निास से पथ्वी पर समस्त जीवन समाप हो सकता है। पान्नु पर्यावरण संकट से उत्पन ह, नवीन परिस्थिति को देखते हुए भूगोल फिर से अपने भौतिक आधार पर सौट आया।
प्रश्न 25.
भूगोल तथा प्रादेशिक भूगोल में अनार स्पष्ट करो।
उत्तर:
मबद्ध भूगोत तथा प्रादेशिक भूगोल अन्तर:
प्रश्न 26.
प्राकृतिक वातावरण तथा समा वातावरण में अना समट करें।
उत्तर:
प्राकृतिक वातावरण तथा समग्र जतावरण में अन्तर –
प्रश्न 27.
भूगोल को सभी विद्वानों का जनक क्यों कहते हैं?
उत्तर:
भूगोल को सभी विद्याओं का जनक कहा जाता है इसके निम्नलिखित कारण हैं
- आज भूगोल मात्र एक ऐसा विषय शेष है जो भूतनी मानिक रूपरेखा की परिवर्तनशीलता को समझाने हेतु सभी प्राकृतिक तथा मानव विज्ञान के विद्वानों को एक प्लेटफार्म पर लाता है।
- यह एक अन्नविषयक तथा समाकलात्मक (विभिन्न विषयों को जोड़ने वाला) विज्ञान है, जिसकी अनेक शाखायें हैं।
- भौगोलिक शब्दावली में दिक, स्थान भूपृष्ठ के सोने का सामूहिक स्वरूप है जिससे प्रतिरूपों तथा संरचनाओं का जन्म होता है और जो जीवन विशेष कर मार जीवन को आधार प्रदान करते है।
प्रश्न 28.
भौतिक भूगोल तथा जैव भूगोल में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर:
भौतिक भूगोल तथा जैव गोल में अन्नर –
प्रश्न 29.
भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल में अंतर बतायें।
उत्तर:
भौतिक पूोल-इसाय प्राकृतिक वातावरण को विहोचता वितरण चिनताओं और जटिलता अध्ययन किया जाता है। इसके चार प्रमुख विभाग –
- आकृतिक विज्ञान
- समुद्र विज्ञान
- जलवायु विज्ञान और
- वनस्पति एवं जन्तु भूगोल।
मानव भूगोल – नसमें अनुमके विधिन कार्यकलापों, आर्थिक, राजनीतिक एतिहासिक, समाजिक और सांस्कृतिक एवं स्वयं मनुष्य के वितरण और उसके आवास का अध्ययन भौतिक बातमरण के संदर्भ में किया जाता है। इसके कई उपविभाग है जिसमें प्रमुख जनसंख्या भूगोल, आवासीय भूगोल, संसाधन भूगोल आदि हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
भूगोल एक प्राकृतिक एवं मानवीय विज्ञान है।’ व्याख्या करें।
उत्तर:
प्राचीन समाज में मानव और प्रकृति के बीच की अंतःक्रिया एक-दूसरे के साथ प्रावध रूप में घों पर जैसे-जैसे समय गुजरता गया, अनुभवों के संचय में विभिन्न प्रकार की संस्कृतियों को जन्म दिया। संस्कृतियों केवल मानव और प्रकृति के बीच क्रियाओं का ही नहीं बल्कि बिभिन्न प्राकृतिक और सांस्कृतिक पर्यावरण में रहने वाले लोगों के बीच होने वाली: क्रियाओं का भी परिणाम हैं। यह एक निस्तर विकासशील तथा परिवर्तनशील घटना है। यही कारण है कि समान प्रकृतिक वातावरण में हमेश एक ही प्रकार की संस्कृति और सध्यता नहीं, मिलती। इसलिए वह मुष्ठ जिसका अध्ययन भूगोलवेता करता है, एक समान नहीं है।
इसके अतिकमा सांस्कृतिक दोनों ही लक्षणं में शान अंतर है। इस प्रकार भूगोल एक प्राकृतिक तथा मालोष विज्ञान है, जो भूपृष्ठ को आकृति, और विभिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं को जम सेवाले, प्राकृतिक और मानवीय दोनों ही कारकों एवं प्रक्रियाओं का अध्यक्त करता है। यह भोप प्रतिरूप तथा मोचन को जानने के लिए -लक्षणों का वर्गीकरण तथा चित्रण करता है। यह वर्तमान प्राप को बदलने में कार्यरत कारकों तथा प्रक्रियाओं की पहचान भी कराया इनसे होने वाले संभावित परिण की भविष्यवाणी भी करता है।समा भूगोल इन प्रमों का उत्तर देने का प्रयास करता है
- भूपृष्ठ पर कौन-कौग में प्रकृतिक तथा सांस्कृतिक लक्षण है?
- ये किस प्रकार मास्तित्व में आए?
- किस प्रकार वितरित और ऐसे क्यों हैं?
- एक-दूसरे से संबंधित हैं?
- क्या इनका पर्तमान वितरण-प्रतिरूप मानव कल्याण के अनुकूल है।
- रूपांतरित करने के लिए क्या किया जा सकता है।
- प्रस्तावित परिवर्तनों का माना पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस प्रकार पूल एक विज्ञान प्रकृति और मानव के बीच गतिशील अनक्रियाओं के परिणामस्वरूप उत्पन गाम लक्षणों को स्थानिक व्यवस्था का अध्ययन करता है।
प्रश्न 2.
“भूगोल के अनेक उप-विषय विज्ञान पर आधारित है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए। अघवा, भूगोल का अन्य विषयों से क्या सम्बन्ध हैं?
उत्तर:
मानवीय विकास भौतिक तत्त्वों के सदुपयोग पर आधारित है। इसलिस भूगोल भौतिक वातावरण तथा सामाजिक वातावरण के विभिन्न तत्त्वों का अध्ययन करता है। भूगोल काफी हद तक प्राकृतिक विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान दोनों पर निर्भर है। कई उप-विषयों (Allied Sciences) में भूगोल अन्य विज्ञान शाखाओं के निकट है। प्राकृतिक विज्ञान के अन्तर्गत भूगोल तथा अन्य विषयों का निम्नलिखित सम्बन्ध है –
1. जीव – भू विस्तार विज्ञान (Chrological Science) – इस विज्ञान का मुम सम्बन्ध क्षेत्रीय अध्ययन (Study of an area) प्रादेशिक अध्ययन से होता। नितान (Astronomy) तथा भूगोल मिलकर जीव-विवार विज्ञान की रचना करते हैं। गया विज्ञान में कई विषय, को-औरमण्डल, पच्ची का आकार, अक्षांश-देशाला भूगोल को एक विज्ञान का रूपरे।
2. कालानुक्रमिक विज्ञान (Chronological Science) – तिहास में समय का तत्व महत्वपूर्ण होता है।तिहास भूगोलके समय के साथ सामन्य स्थापित करता सो प्राचीन काल से लेकर वर्तमाम तक मानवीय विकास को समझने में सहायता मिलती है । इस विज्ञान से भू-संघटनाओंकामानुसार अध्ययन किया जाता है।
3. क्रमबद्ध विज्ञान (Systematic Science) – सके मा पृथ्वी की घरकों का अब अपर किया जाता है। भौतिक विज्ञान, रसायन विधान, पारि विकार ज्या प्रांग विधान किसी प्रदेश के मानव एवं कावरणमयों को सर कर समझनेसहायता करते हैं। यह अमन वर्गकरण (Classification System) के आचरम किया जाता है।
4. अर्थशास्त्र से सम्बन्ध (Relation with Economics Science) – मनुष्य के अधिक कल्याण मनदेशिक विकास सम्बन्धी समाना अध्ययन के लिए भूगोत का सम्बन्ध अर्थशालो किटतम तम उपयोगी होत जाता है।
5. अन्य विज्ञानों से सम्बन्ध – भूगोल के उप-विषय अन्न विज्ञानों निकर हैं, जैसे- आकृतिक विज्ञान का भूगर्ण विज्ञान से निकर का सम्बम। आर्थिक भूगोल का अर्थशास्त्र से सम्मान भूगोल का प्रामी विज्ञान से गहरा सम्बनी,स्था राजनीतिक भगोरण का राजनीतिक सिरसावा है।