Bihar Board Class 12 Chemistry Solutions Chapter 15 बहुलक Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 12 Chemistry Solutions Chapter 15 बहुलक
Bihar Board Class 12 Chemistry बहुलक Text Book Questions and Answers
पाठ्यनिहित प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 15.1
बहुलक और एकलक पदों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
‘बहुलक’ (पॉलिमर) शब्द की उत्पत्ति दो ग्रीक शब्दों ‘पॉली अर्थात् अनेक और ‘मर’ अर्थात् इकाई अथवा भाग से हुई है। बहुलको को बहुत वृहत् अणु की भाँति परिभाषित किया जा सकता है, जिनका द्रव्यमान अतिउच्च (103 – 1027 u) होता है। इन्हें वृहदणु भी कहा जाता है, जो कि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के वृहत् पैमाने पर जुड़ने से बनते हैं। पुरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ कुछ सरल और क्रियाशील अणुओं से प्राप्त होती हैं, जो एकलक कहलाती हैं। ये इकाइयाँ एक-दूसरे के साथ सहसंयोजक बन्धों द्वारा जुड़ी होती हैं।
उदाहरण:
पॉलिथीन, नाइलॉन-6, 6 बैकेलाइट, रबर आदि।
प्रश्न 15.2
संरचना के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण कैसे किया जाता है?
उत्तर:
संरचना के आधार पर बहुलक अग्र तीन प्रकार के होते हैं:
1. रैखिक बहुलक:
इन बहुलकों में लम्बी और रेखीय श्रृंखलाएँ होती हैं। उच्च घनत्व पॉलिथीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि इसके उदाहरण हैं। इन्हें निम्नानुसार निरूपित करते हैं:
2. शाखित श्रृंखला बहुलक:
इन बहुलकों में रेखीय शृंखलाओं में कुछ शाखाएँ होती हैं।
उदाहरण: निम्न घनत्व पॉलिथीन। इन्हें निम्नांकित प्रकार से चित्रित करते हैं:
3. तिर्यकबन्धित अथवा जालक्रम बहुलक:
यह साधारणतः
द्विक्रियात्मक और त्रिक्रियात्मक समूहों वाले एकलकों से बनते हैं तथा विभिन्न रेखीय बहुलक श्रृंखलाओं के बीच प्रबल सहसंयोजक बन्ध होते हैं।
उदाहरणार्थ:
बैकलाइट, मेलैमीन आदि। इन बहुलकों को व्यवस्थात्मक रूप में अग्रलिखित प्रकार से प्रदर्शित करते हैं:
प्रश्न 15.3
निम्नलिखित बहुलकों को बनाने वाले एकलकों के नाम लिखिए:
उत्तर:
- हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन [H2N – (CH2)6 – NH2] तथा ऐडिपिक अम्ल [HOOC – (CH2)4 – COOH)
- कैप्रोइक अम्ल।
- टेट्राफ्लुओरोएथीन।
प्रश्न 15.4
निम्नलिखित को योगज और संघनन बहुलकों में वर्गीकृत कीजिए:
टेरिलीन, बैकालाइट, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन।
उत्तर:
योगज बहुलक:
पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन।
संघनन बहुलक: टेरिलीन, बैकालाइट।
प्रश्न 15.5
ब्यूना-N और ब्यूना-S के मध्य अन्तर समझाइए।
उत्तर:
ब्यूना-N; 1, 3-ब्यूटाडाईन और ऐक्रिलोनाइ – ट्राइल का सहबहुलक है, जबकि ब्यूना-S; 1, 3-ब्यूटाडाईन और स्टाइरीन का सहबहुलक है।
प्रश्न 15.6
निम्न बहुलकों को उनके अन्तरा-आण्विक बलों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए:
- नाइलॉन-6, 6, ब्यूना-S, पॉलिथीन
- नाइलॉन-6, निओप्रीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड।
उत्तर:
दिए गए बहुलकों को उनके अन्तराआण्विक बलों के बढ़ते क्रम में निम्नवत् व्यवस्थित किया जा सकता है –
- ब्यूना-S; पॉलिथीन; नाइलॉन-6, 6
- निओप्रीन; पॉलिवाइनिल क्लोराइड; नाइलॉन-6
Bihar Board Class 12 Chemistry बहुलक Additional Important Questions and Answers
अभ्यास के प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 15.1
बहुलक और एकलक पदों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
बहुलक:
उच्च आण्विक द्रव्यमान वाला वृहदणु है, जिसमें एकलक से व्युत्पित पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ पाई जाती हैं।
उदाहरणार्थ:
पॉलिथीन, नाइलॉन-6, 6, बैकालाइट, रबर आदि।
एकलक:
एक सरल अणु है, जो बहुलकीकृत होने में सक्षम है और इससे संगत बहुलक बनता है।
उदाहरणार्थ:
वाइनिल क्लोराइड, एथीन, फॉर्मेल्डिहाइड तथा ऐक्रिलोनाइट्राइल, फीनॉल आदि।
प्रश्न 15.2
प्राकृतिक और संश्लिष्ट बहुलक क्या हैं? प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक बहुलक:
उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले वृहदणु हैं। ये पादपों और जन्तुओं में पाए जाते हैं। प्रेटीन, स्टार्च, सेलुलोस, रेजिन, रबर और न्यूक्लीक अम्ल इसके उदाहरण हैं।
संश्लिष्ट बहुलक:
मानव-निर्मित उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले वृहदणु हैं। संश्लिष्ट प्लास्टिक, रेशे और रबर इसके अन्तर्गत आते हैं। दो विशिष्ट उदाहरण पॉलिथीन और डेक्रॉन हैं।
प्रश्न 15.3
समबहुलक और सहबहुलक पदों (शब्दों) में विभेद कर प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
समबहुलक:
ऐसे बहुलक जिनकी पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ केवल एक प्रकार की एकलक इकाइयों से व्युत्पन्न होती हैं, समबहुलक कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ:
पॉलिथीन, टेफ्लॉन, पॉलिस्टाइरीन, नाइलॉन-6 आदि।
सहबहुलक:
दो भिन्न प्रकार के एकलकों के योगात्मक बहुलकन से बनने वाले बहुलक सहबहुलक कहलाते हैं।
उदाहरण:
ब्यूना-S, ब्यूना-N, नाइलॉन-6-6 आदि।
प्रश्न 15.4
एकलक की प्रकार्यात्मकता को आप किस प्रकार समझाएँगे?
उत्तर:
एकलक की प्रकार्यात्मकता एक अणु में आबन्धी स्थितियों की संख्या है।
उदाहरण:
एथीन प्रोपीन, स्टाइरीन, ऐक्रिलोनाइट्राइल की प्रकार्यात्मकता एक है तथा एथिलीन ग्लाइकाल 1, 3-ब्यूटाइडाईन, ऐडिपिक अम्ल, हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन की प्रकार्यात्मकता दो होती है।
प्रश्न 15.5
बहुलकन पद (शब्द) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
एक अथवा अधिक एकलकों की सहसंयोजक बन्धों द्वारा पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के एक साथ शृंखलित होने से बनने वाले उच्च आण्विक द्रव्यमान वाले बहुलक बनने की प्रक्रिया बहुलकन (polymerization) है।
प्रश्न 15.6
(NH-CHR-CO)n एक समबहुलक है या सहबहुलक?
उत्तर:
चूँकि [NH-CHR-CO]n इकाई एकल एकलक इकाई से प्राप्त होती है, अतः यह एक समबहुलक है।
प्रश्न 15.7
आण्विक बलों के आधार पर बहुलक किन संवर्गों में वर्गीकृत किए जाते हैं?
उत्तर:
विभिन्न बहुलकों की श्रृंखलाओं के मध्य उपस्थित आण्विंक बलों के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया जा सकता है:
- प्रत्यास्थ बहुलक,
- रेशे,
- तापसुघट्य बहुलक और,
- तापदृढ़ बहुलका।
प्रश्न 15.8
संकलन और संघनन बहुलकन के मध्य आप किस प्रकार विभेद करेंगे?
उत्तर:
संकलन और संघनन बहुलकन के मध्य विभेद (Difference between Addition and Condensation Polymerization):
प्रश्न 15.9
सहबहुलकन पद (शब्द) की व्याख्या कीजिए और दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सहबहुलकन एक बहुलकन अभिक्रिया है जिसमें एक से अधिक प्रकार की एकलक स्पीशीज के मिश्रण का बहुलकन एक सहबहुलक बनाने के लिए किया जाता है। सहबहुलक को न केवल श्रृंखला वृद्धि बहुलकन से बनाया जा सकता है, अपितु पदश: वृद्धि बहुलकन से भी बनाया जा सकता है। अतः सहबहुलक में एक ही बहुलकन शृंखला में प्रत्येक एकलक की अनेक इकाइयाँ होती हैं।
उदाहरण:
ब्यूना-S; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा स्टाइरीन का सहबहुलक है, और ब्यूना-N; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा ऐक्रिलोनाइट्राइल का सहबहुलक है।
प्रश्न 15.10
एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.11
तापसुघट्य और तापदृढ़ बहुलकों को प्रत्येक के दो उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
तापसुघट्य बहुलक-ये रेखीय या किंचित शाखित लम्बी श्रृंखला अणु होते हैं, जिन्हें बार-बार तापन द्वारा मृदुलित और शीतलन द्वारा कठोर बनाया जा सकता है। इन बहुलकों के अन्तराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों और रेशों के मध्यवर्ती होते हैं। पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि कुछ सामान्य तापसुघट्य हैं।
तापदृढ़ बहुलक-ये बहुलक तिर्यकबद्ध अथवा अत्यधिक शाखित अणु होते हैं, जो साँचों में तापन से विस्तीर्ण तिर्यकबन्ध हो जाते हैं और दोबारा दुर्गलनीय बन जाते हैं। इनका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। कुछ सामान्य उदाहरणबैकलाइट, यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन आदि हैं।
प्रश्न 15.12
निम्नलिखित बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक लिखिए:
- पॉलिवाइनिल क्लोराइड
- टेफ्लॉन
- बैकेलाइट।
उत्तर:
- पॉलिवाइनिल क्लोराइड का एकलक CH2 = CH – Cl (वाइनिल क्लोराइड) है।
- टेफ्लॉन का एकलक CF2 = CF2 (टेट्राफ्लुओरोएथिलीन) है।
- बैकालाइट के बनने में प्रयुक्त होने वाले एकलक HCHO (फॉर्मेल्डिहाइड) और C6H5OH (फीनॉल) हैं।
प्रश्न 15.13
मुक्त मूलक योगज बहुलकन में प्रयुक्त एक सामान्य प्रारम्भक का नाम और संरचना लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 15.14
रबर अणुओं में द्विबन्धों की उपस्थिति किस प्रकार उनकी संरचना और क्रियाशीलता को प्रभावित करती है?
उत्तर:
संरचना की दृष्टि से प्राकृतिक रबर एक रेखीय सिस-1, 4-पॉलिआइसोप्रीन है तथा इसे आइसोप्रीन इकाइयों के 1,4-बहुलकन से प्राप्त किया जाता है। इस बहुलक में द्विआबन्ध आइसोप्रीन इकाइयों के C2 और C3 के मध्य स्थित होते हैं। द्विआबन्ध का सिस अभिविन्यास दुर्बल अन्तराआण्विक बलों द्वारा प्रभावी आकर्षण के लिए शृंखलाओं को समीप नहीं आने देता। अत: प्राकृतिक रबर अर्थात् सिस-पॉलिआइसोप्रीन की कुण्डलित संरचना होती है और वह प्रत्यास्थता प्रदर्शित करता है।
प्रश्न 15.15
रबर का वल्कनीकरण के मुख्य उद्देश्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
रबर का वल्कनीकरण:
प्राकृतिक रबर उच्च ताप (>335K) पर नर्म और निम्न ताप (<283K) पर भंगुर हो जाता है एवं उच्च जल अवशोषण क्षमता प्रदर्शित करता है।
यह अध्रुवीय विलायकों में घुलनशील है और ऑक्सीकरण कर्मकों के आक्रमण के प्रति प्रतिरोधी नहीं है। इन भौतिक गुणों में सुधार के लिए वल्कनीकरण की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया में अपरिष्कृत रबर को सल्फर और उपयुक्त योगजों के साथ 373K से 415K के ताप परास के मध्य गर्म किया जाता है। वल्कनीकरण से द्विबन्धों की अभिक्रियाशील स्थितियों पर सल्फर तिर्यक बन्ध बनाता है और इस प्रकार रबर कठोर हो जाता है।
प्रश्न 15.16
नाइलॉन-6 और नाइलॉन-6, 6 में पुनरावृत्त एकलक इकाइयाँ क्या हैं?
उत्तर:
नाइलॉन-6 की पुनरावृत्त एकलक इकाई [NH(CH2)5-CO] है। नाइलॉन-6 ,6 बहुलक की पुनरावृत्त एकलक इकाई दो एकलकों हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन और ऐडिपिक अम्ल से व्युत्पित होती है जिसकी संरचना निम्नवत् होती है:
[NH – (CH2)6 – NH – CO(CH2)4 – CO]
प्रश्न 15.17
निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों का नाम और संरचना लिखिए:
- ब्यूना-S,
- ब्यूना-N,
- डेक्रॉन,
- निओप्रीन।
उत्तर:
प्रश्न 15.18
निम्नलिखित बहुलक संरचनाओं के एकलक की पहचान कीजए:
उत्तर:
बहुलक बनाने वाले एकलक निम्नलिखित हैं:
1. डेकेनोइक अम्ल [HOOC(CH2)8 COOH] और हेक्सा मेथिलीनडाइऐमीन [H2N(CH2)6NH2]
प्रश्न 15.19
एथीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल से डेक्रॉन किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर:
एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेपथैलिक अम्ल के बहुलीकरण द्वारा 420-460K पर जिंक ऐसीटेट तथा ऐन्टिमनी ट्राइऑक्साइड के उत्प्रेरकीय मिश्रण की उपस्थिति कराने पर डेक्रॉन बनाया जाता है।
प्रश्न 15.20
जैवनिम्नीय बहुलक क्या हैं? एक जैवनिम्नीय ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
ऐसे बहुलकों को जो एक समय बाद जीवाण्विक निम्नीकरण के फलस्वरूप स्वयं ही विघटित हो जाते हैं; जैवनिम्नीय बहुलक कहते हैं।
उदाहरण:
पॉलि-β-हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को-β-हाइड्रॉक्सी-वैलेरेट (PHBV):
यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनोइक अम्ल और 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनोइक अम्ल के सहबहुलकन से प्राप्त होता है। PHBV का उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों और औषधों के नियन्त्रित मोचन में भी होता है। पर्यावरण में PHVB का जीवाण्विक निम्नीकरण हो जाता है।