Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 12 Geography Solutions Chapter 1 जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन
Bihar Board Class 12 Geography जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन Textbook Questions and Answers
(क) नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:
प्रश्न 1.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या निम्नलिखित में से कौन-सी है?
(क) 102.8 करोड़
(ख) 318.2 करोड़
(ग) 318.2 करोड़
(घ) 2 करोड़
उत्तर:
(क) 102.8 करोड़
प्रश्न 2.
निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में जनसंख्या का घनत्व सर्वाधिक है?
(क) पश्चिम बंगाल
(ख) उत्तर प्रदेश
(ग) केरल
(घ) पंजाब
उत्तर:
(क) पश्चिम बंगाल
प्रश्न 3.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार निम्नलिखित में से किस राज्य में नगरीय जनसंख्या का अनुपात सर्वाधिक है?
(क) तमिलनाडु
(ख) केरल
(ग) महाराष्ट्र
(घ) गुजरात
उत्तर:
(ख) केरल
प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
(क) चीनी-तिब्बती
(ख) आस्ट्रिक
(ग) भारतीय-आर्य
(घ) द्रविड़
उत्तर:
(ग) भारतीय-आर्य
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें।
प्रश्न 1.
भारत के अत्यंत ऊष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकाण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भू: विन्यास और जल की उपलब्धता के साथ जलवायु प्रमुख रूप से वितरण के प्रतिरूपों का निर्धारण करती है। परिणामस्वरूप उत्तर भारत के मैदानों, डेल्टाओं और तटीय मैदानों में जनसंख्या का अनुपात दक्षिणी और मध्य भारत के राज्यों के आंतरिक जिलों, हिमालय, उत्तर-पूर्वी और पश्चिमी कुछ राज्यों की अपेक्षा उच्चतर है।
प्रश्न 2.
भारत के किन राज्यों में विशाल ग्रामीण जनसंख्या है? इतनी विशाल ग्रामीण जनसंख्या के लिए उत्तरदायी एक कारण को लिखिए।
उत्तर:
बिहार और सिक्किम जैसे राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत बहुत अधिक है। गोआ और महाराष्ट्र राज्यों की कुल जनसंख्या का आधे से अधिक भाग गाँवों में बसता है। अंतर-राज्य और अंतः राज्य दोनों स्तरों पर नगरीकरण का सापेक्षिक परिमाण और ग्रामीण नगरीय प्रवास का विस्तार ग्रामीण जनसंख्या के सांद्रण को नियंत्रित करते हैं।
प्रश्न 3.
भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची क्यों है?
उत्तर:
भारत जैसे देश के संदर्भ में ऐसा समझा जाता है कि आर्थिक विकास के निम्न स्तरों वाले क्षेत्रों में सहभागिता दर ऊँची है क्योंकि निर्वाह अथवा लगभग निर्वाह की आर्थिक क्रियाओं के निष्पादन के लिए अनेक कामगारों की जरूरत पड़ती है।
प्रश्न 4.
“कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंग संलग्न है।” स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2 प्रतिशत कृषक और कृषि मजदूर हैं जबकि केवल 4.2 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 37.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर-घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण और मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं।
(ग) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दो।
प्रश्न 1.
भारत में जनसंख्या के घनत्व के स्थानिक वितरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
जनसंख्या के घनत्व को प्रति इकाई क्षेत्र में व्यक्तियों की संख्या द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। इससे भूमि के संदर्भ में जनसंख्या के स्थानिक वितरण को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिलती है। भारत का जनसंख्या घनत्व 313 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. (2001) है जो एशिया के सघनतम बसे देशों बांग्लादेश (849 व्यक्ति) और जापान (334 व्यक्ति) के बाद तृतीय स्थान पर है। 1951 ई में जनसंख्या का घनत्व 117 व्यक्ति/वर्ग किमी. से बढ़कर 2001 में 313 व्यक्ति/प्रतिवर्ग किमी. होने से विगत 50 वर्षों में 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. की उत्तरोत्तर वृद्धि हुई हैं।
अरुणाचल प्रदेश में कम से कम 13 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से लेकर दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 9340 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. तक है। उत्तरी भारत के राज्यों में केरल (819) और तमिलनाडु (480) में उच्चतर घनत्व पाया जाता है। असम (340), गुजरात (258), आंध्र प्रदेश (275), हरियाणा (477), झारखंड (338), उड़ीसा (236) में मध्यम घनत्व पाया जाता है।
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय राज्यों में (109) और असम को छोड़कर भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अपेक्षाकृत निम्न घनत्व है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपों को छोड़कर केंद्र-शासित प्रदेशों में जनसंख्या के उच्च घनत्व पाए जाते हैं। (देखें चिख 1.2)। जनसंख्या का घनत्व एक अशोधित माप है। कुल कृषित भूमि पर जनसंख्या के दबाव के संदर्भ में मानव भूमि अनुपात को बेहतर परिज्ञान के लिए कायिक और कृषीय घनत्वों को ज्ञात करना चाहिए जो भारत जैसे विशाल कृषि जनसंख्या वाले देश के लिए सार्थक है।
कायिक घनत्व = कुल जनसंख्या/निवल कृषित क्षेत्र।
कृषीय घनत्व = कुल कृषि जनसंख्या/निवल कृषित क्षेत्र। कृषि जनसंख्या में कृषक, कृषि मजदूर और उनके परिवार के सदस्य शामिल होते हैं।
प्रश्न 2.
भारत की जनसंख्या के व्यावसायिक संघटन का विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत की जनसंख्या का व्यावसायिक संघटन जिसका वास्तव में यह अर्थ है कि किसी व्यक्ति के खेती, विनिर्माण, व्यापार, सेवाओं अथवा किसी भी प्रकार की व्यावसायिक क्रियाओं में लगे होने से द्वितीय और तृतीयक सेक्टरों की तुलना में प्राथमिक सेक्टर के श्रमिकों का अनुपात अधिक है। कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2 प्रतिशत कृषक और कृषि मजदूर है जबकि केवल 4.2 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 37.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर-घरेलू उद्योगों, व्यापार, विनिर्माण और मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं। जहाँ तक देश की पुरुष और स्त्री जनसंख्या के व्यवसाय का प्रश्न है पुरुष श्रमिकों की संख्या स्त्री श्रमिकों की संख्या से तीन सेक्टरों में अधिक है (देंखे चित्र 1.4) और तालिका 1.4)
महिला श्रमिकों की संख्या प्राथमिक सेक्टर में अपेक्षाकृत अधिक है. यद्यपि विगत कुछ वर्षों में महिलाओं की द्वितीयक और तृतीयक सेक्टरों की सहभागिता में सुधार हुआ है। दिखाई दिया है (1991 में 66.85% से 2001 में 58.52%)। परिणामस्वरूप, द्वितीयक और तृतीयक सेक्टर में सहभागिता दर बढ़ी है यह श्रमिकों की खेत-आधारित रोजगारों पर निर्भरता से गैर-खेत आधारित रोजगारों पर निर्भरता को इंगित करता है। यह देश की अर्थव्यवस्था में सेक्टरीय स्थानांतरण है।
देश के विभिन्न सेक्टरों में श्रम सहभागिता दर की स्थानिक भिन्नता है। उदाहरण के तौर पर यह जानना आवश्यक है कि पिछले कुछ दशकों में भारत में कृषकों की संख्या बहुत अधिक है। दूसरी ओर आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कृषि मजदूरों की संख्या अधिक है। दिल्ली चण्डीगढ़ और पांडिचेरी जैसे अत्यधिक नगरीकृत क्षेत्रों में श्रमिकों का बहुत बड़ा अनुपात अन्य सेवाओं में लगा हुआ है। यह न केवल सीमित कृषि भूमि की उपलब्धता को बल्कि बृहत स्तर पर होने वाले नगरीकरण और औद्योगीकरण द्वारा गैर-कृषि सेक्टरों में और अधिक श्रमिकों की आवश्यकता को भी इंगित करता है।
जनसंख्या आंकड़ों के स्रोत:
हमारे देश में जनसंख्या के आँकड़ों को प्रति दस वर्ष बाद होने वाली जनगणना द्वारा एकत्रित किया जाता है। भारत की पहली जनगणना 1872 ई. में हुई थी लेकिन पहली संपूर्ण जनसंख्या 1881 ई. में संपन्न हुई थी।
Bihar Board Class 12 Geography जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन Additional Important Questions and Answers
अति लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
जनगणना से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जनसंख्या की गणना को जनगणना कहते हैं। संसार के सभी देशों में जनसंख्या सम्बन्धी आँकड़े जनगणना द्वारा एकत्रित किये जाते हैं।
प्रश्न 2.
जनसंख्या का संघटन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जनसंख्या की भौतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विशेषताओं को जनसंख्या का संघटन कहा जाता है।
प्रश्न 3.
आश्रित जनसंख्या से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जनसंख्या का बहुत बड़ा अनुपात जो कार्यरत नहीं है क्योंकि या तो कार्य करने के लिए बहुत छोटे हैं या बीमारी अथवा बुढ़ापे के कारण कार्य कर पाने में असमर्थ हैं, आश्रित जनसंख्या कहलाती है।
प्रश्न 4.
भारत में सबसे अधिक जनसंख तथा सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्य बताओ।
उत्तर:
भारत में सबसे अधिक जनसंख्या उत्तर प्रदेश राज्य में है। यहाँ कुल जनसंख्या 13,20,72,287 है। सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व पश्चिम बंगाल राज्य में है। यहाँ जनसंख्या घनत्व 766 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
प्रश्न 5.
भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से पांच बड़े राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर:
राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश।
प्रश्न 6.
जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख घटक कौन से हैं?
उत्तर:
समय के साथ-साथ किसी भी देश की जनसंख्या बढ़ती-घटती है। जनसंख्या वृद्धि तीन कारकों पर निर्भर करती है।
- जन्म दर
- मृत्यु दर
- जनसंख्या प्रवास।
प्रश्न 7.
भारत में जनसंख्या वितरण में असमानता क्यों है?
उत्तर:
क्योंकि भारत के सभी राज्यों में यातायात के साधन, प्रतिकूल जलवायु तथा रोजगार के साधन असमान हैं।
प्रश्न 8.
भारत की जनसंख्या के विभिन्न तत्त्वों में किस प्रकार विभिन्नता पाई जाती है?
उत्तर:
भारत की जनसंख्या संरचना में नृजातीय, सामाजिक तथा सांस्कृतिक दृष्टिकोण से विभिन्नता पाई जाती है।
प्रश्न 9.
भारत के तीन सर्वाधिक नगरीकृत राज्यों के नाम बताओ।
उत्तर:
महाराष्ट्र (38.73)%, तमिलनाडु (34.20%), पश्चिम बंगाल (27.39%), राज्यों में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत औसत से कम है।
प्रश्न 10.
देश में विभिन्न वर्गों के नगरों की जनसंख्या कितनी है?
उत्तर:
प्रथम वर्ग (1 लाख से अधिक) = 300 नगर
द्वितीय वर्ग (50 हजार से 1 लाख) = 345 नगर
तृतीय वर्ग (20 हजार से 50,000) = 947 नगर
चतुर्थ वर्ग = 1167
नगर पंचम वर्ग = 740 नगर
षष्ट वर्ग = 197 नगर
प्रश्न 11.
किस दशक में नगरीय जनसंख्या का अनुपात कम हुआ और क्यों?
उत्तर:
1901 से 1911 के मध्य कई प्रकार की महामारियों के कारण नगरीय जनसंख्या का अनुपात कम रहा।
प्रश्न 12.
देश के किन भागों में लिंग अनुपात कम है?
उत्तर:
सिक्किम (890), नागालैण्ड (890), हरियाणा (874), पंजाब (888), उत्तर प्रदेश (882), जम्मू-कश्मीर (890), पश्चिम बंगाल (917), राजस्थान (913), बिहार (912), अरुणाचल प्रदेश (861), तथा असम (925) है।
प्रश्न 13.
उत्पादक जनसंख्या किसे कहते हैं?
उत्तर:
जो जनसंख्या स्वयं कुछ कार्य करके अपना जीवन निर्वाह करती है। उत्पादक जनसंख्या कहलती है। भारत में लगभग 33 प्रतिशत लोग श्रमिक हैं।
प्रश्न 14.
सबसे अधिक जनसंख्या कौन-से प्रदेश की है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या सर्वाधिक है।
प्रश्न 15.
लिंग अनुपात किसे कहते हैं?
उत्तर:
प्रति हजार पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या के अनुपात को लिंग अनुपात कहा जाता है। किसी भी देश के सामाजिक विकास के लिए लिंग संरचना का ज्ञान होना आवश्यक है।
प्रश्न 16.
सहभागिता दर से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
सहभागिता दर एक अनुपात है। यह कुल जनसंख्या में कार्यरत जनसंख्या के प्रतिशत द्वारा व्यक्त किया जाता है। हरियाणा, पंजाब में सहभागिता दर कम है।
प्रश्न 17.
सन् 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में कुल कितने गाँव हैं? क्या वे सभी बसे हुए हैं?
उत्तर:
भारत में 2001 की जनगणना के अनुसार 6,38,588 गाँव हैं जिनमें से 5,93,731 गाँव बसे हुए हैं।
प्रश्न 18.
जनसंख्या संघटन में किन विषयों का अध्ययन किया जाता है?
उत्तर:
जनसंख्या संघटन में आयु व लिंग का विश्लेषण, निवास का स्थान, मानवजातीय, लक्षण, जनजातियाँ, भाषा, धर्म, वैवाहिक स्थिति, साक्षरता और शिक्षा, व्यावसायिक विशेषताओं आदि का अध्ययन किया जाता है।
प्रश्न 19.
देश की कुल जनसंख्या का 76% प्रतिशत भाग कौन-कौन से राज्यों में बसता है?
उत्तर:
तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में देश की कुल जनसंख्या का 76% भाग बसता है।
प्रश्न 20.
कौन से कारक जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करते हैं?
उत्तर:
स्थान कृषि का उद्भव और कृषि विकास, मानव बस्ती के प्रतिरूप, परिवहन जाल-तंत्र का विकास, औद्योगीकरण और नगरीकरण आदि का कारक जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करते हैं।
प्रश्न 21.
जनसंख्या की वृद्धि से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जनसंख्या की वृद्धि दो समय बिंदुओं के बीच किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की संख्या में परिवर्तन को कहते हैं।
प्रश्न 22.
जनसंख्या वृद्धि के दो घटकों के नाम बताइए।
उत्तर:
- प्राकृतिक (Natural) और
- अभिप्रेरित (Induced)
प्रश्न 23.
कौन से राज्यों में कृषकों की संख्या सबसे अधिक हैं?
उत्तर:
हिमाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे राज्यों में कृषकों की संख्या बहुत अधिक है।
प्रश्न 24.
मुख्य श्रमिक को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
मुख्य श्रमिक वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में कम से कम 183 दिन काम करता है।
प्रश्न 25.
सीमांत श्रमिक से आप क्या राय रखते हैं?
उत्तर:
सीमांत श्रमिक वह व्यक्ति है जो एक वर्ष में 183 दिनों से कम दिन काम करता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
जनसंख्या संकेन्द्रण सूचकांक क्या है? यह जनसंख्या वितरण को किस प्रकार प्रभावित करता है।
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वितरण असमान है। प्रत्येक राज्य की जनसंख्या का देश की कुल जनसंख्या के अनुपात को जनसंख्या संकेन्द्र सूचकांक कहते हैं। संकेन्द्रण सूचकांक से अभिप्राय है-देश की कुल जनसंख्या में किसी राज्य की जनसंख्या का अनुपात। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश की जनसंख्या का संकेन्द्रण सूचकांक है।
उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या = 1387 लाख
भारत की कुल जनसंख्या = 8479 लाख
= 16.6 प्रतिशत
संकेन्द्रण सूचकांक नागालैण्ड में 0.1 प्रतिशत, मेघालय में 0.19 प्रतिशत जम्मू-कश्मीर में 0.87 प्रतिशत है। पश्चिम बंगाल में 8 प्रतिशत है। पंजाब तथा हरियाणा में कृषि विकसित राज्यों में 1.9 प्रतिशत तथा 2.4 प्रतिशत है। इस प्रकार संकेन्द्रण सूचकांक देश में जनसंख्या घनत्व के क्षेत्रीय वितरण के असमान रूप को स्पष्ट करता है।
प्रश्न 2.
अन्य देशों से भारत की जनसंख्या की तुलना करो।
उत्तर:
भारत अपने 32 लाख 87 हजार वर्ग वर्ग किलोमीटर भौगोलिक क्षेत्रफल के कारण आकार की दृष्टि से संसार में सातवें स्थान पर है। क्षेत्रफल की दृष्टि से आस्ट्रेलिया, ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, कनाडा तथा रूस भारत से बड़े हैं। आकार में यह कनाडा का लगभग एक तिहाई एवं चीन के लिए तिहाई भाग से थोड़ा अधिक है। परन्तु जनसंख्या की दृष्टि से इसका स्थान ऊपर है। भारत की जनसंख्या रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया तथा ब्राजील की सम्मिलित जनसंख्या से अधिक है।
प्रश्न 3.
उच्च तथा निम्न जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्र कौन से हैं और क्यों?
उत्तर:
जलवायु की प्रतिकूल दशाओं के कारण उत्तर तथा उत्तर-पूर्व के पहाड़ी राज्यों में जनसंख्या का घनत्व बहुत कम है। सिक्किम में 57, नगालैंड में 73, जम्मू-कश्मीर में 76, मेघालय में 78 मणिपुर में 82, अरुणाचल प्रदेश में 10, मिजोरम में 33, हिमाचल प्रदेश में 92 है। इन राज्यों में पर्वतीय धरातल, वनों का अधिक विस्तार, यातायात-साधनों की कमी तथा प्रतिकूल जलवायु होने के कारण जनसंख्या घनत्व कम है। उत्तरी मैदान में पंजाब से पश्चिम बंगाल की मेखला में अधिक घनत्व है। इसके अतिरिक्त जनांकिकीय, सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, ऐतिहासिक कारकों का योगदान जनसंख्या के घनत्व पर काफी प्रभाव डालता है।
प्रश्न 4.
भारत में घनत्व में निरन्तर वृद्धि क्यों हो रही है?
उत्तर:
भारत में घनत्व 1921 से लगातार बढ़ रहा है।
प्रत्येक जनगणना में वृद्धि के कारण जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है, परन्तु क्षेत्रफल में वृद्धि नहीं होती है। देश का क्षेत्रफल वहीं का वहीं रहता है। जनसंख्या घनत्व कुल जनसंख्या का अनुपात होता है इसलिए जनसंख्या की सघनता बढ़ रही है। भारत के लोग अत्यधिक कृषि पर निर्भर है। इसलिए कृषि में वृद्धि न होने के कारण भी ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है। इसे कम करने के लिए अर्थव्यवस्था में विविधता आवश्यक है।
प्रश्न 5.
जनसंख्या वृद्धि के आधारभूत घटक कौन-से है?
उत्तर:
जनसंख्या वृद्धि समय के साथ-साथ निरन्तर होती रहती है। जनसंख्या वृद्धि तीन कारकों पर निर्भर करती है –
- जन्म दर (Birth rate)
- मुत्यु दर (Death rate)
- जनसंख्या (Migration)
जन्म दर अधिक होने से जनसंख्या बढ़ती है, जबकि मृत्यु दर बढ़ने से जनसंख्या घटती है। जन्म दर तथा मृत्यु दर के अन्तर को प्राकृतिक वृद्धि कहां जाता है। जब जन्म दर मृत्यु दर से अधिक होती है। तो उसे घनात्मक प्राकृतिक विधि कहा जाता है। दूसरे देशों में प्रवास के कारण जनसंख्या कम होती है। दूसरे देशों से आने वाले लोगों या अप्रवास के कारण जनसंख्या में वृद्धि होती है। जनसंख्या में होने वाले इस परिवर्तन को जनसंख्या वृद्धि कहा जाता है।
प्रश्न 6.
भारत में 1971 से 1981 तक हुई जनसंख्या वृद्धि का उल्लेख करो।
उत्तर:
भारत में 1971 से 1981 के बीच हुई जनसंख्या वृद्धि 24.69 प्रतिशत रही। नगरीय जनसंख्या में 46.22 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि गाँवों की जनसंख्या में 19.23 प्रतिशत वृद्धि हुई। सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि चण्डीगढ़ संघ राज्य में 75 प्रतिशत की दर से हुई है। सबसे अधिक वृद्धि सिक्किम में 50 प्रतिशत हुई. जबकि सबसे कम वृद्धि तमिलनाडु में 17.2 प्रतिशत हुई। सिक्किम, नागालैण्ड, असम, मणिपुर, मेघालय तथा त्रिपुरा में जनसंख्या वृद्धि 30 प्रतिशत रही। देश की औसत वृद्धि से कम वृद्धि आन्ध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब, तमिलनाडु तथा पश्चिम बंगाल में है।
प्रश्न 7.
भारत में जनसंख्या के असमान वितरण के कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
क्षेत्रफल के आधार पर भारत संसार का सातवाँ बड़ा देश है, जबकि जनसंख्या की दृष्टि से इसका दूसरा स्थान है। भारत में जनसंख्या वितरण बहुत असमान हैं । देश में प्राकृतिक तथा आर्थिक दशाओं की विभिन्नता के कारण जनसंख्या के वितरण तथा घनत्व में बहुत विभिन्नता है।
गंगा:
सतलुज के उपजाऊ मैदान में देश के 23 प्रतिशत क्षेत्र में 52 प्रतिशत जनसंख्या का संकेन्द्रण है जबकि हिमालय के पर्वतीय भाग में 13 प्रतिशत क्षेत्र में केवल 2 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। केन्द्र-शासित प्रदेश दिल्ली में जनसंख्या का ‘नत्व 6319 है। जबकि अरुणाचल प्रदेश में केवल 10 है सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है जहा 13 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। भारत में जनसंख्या का घनत्व, धरातल, मिट्टी के उपजाऊपन, वर्षा की मात्रा तथा जल सिंचाई पर निर्भर करता है। भारत मूलतः कृषि प्रधान देश है। इसलिए अधिक घनत्व उन प्रदेशों में पाया जाता है। जहाँ भूमि की कृषि उत्पादन क्षमता अधिक है। जनसंख्या का घनत्व वर्षा की मात्रा पर निर्भर करता है। औद्योगिक क्षेत्रों में भी जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 8.
जन्म दर तथा जनसंख्या वृद्धि दर में क्या अन्तर हैं?
उत्तर:
प्रश्न 9.
भारत के जिला स्तर पर जनसंख्या घनत्व का उल्लेख कारण सहित स्पष्ट करें।
उत्तर:
भारत के 162 जिलों में जनसंख्या की वास्तविक सघनता देखने को मिलती है, जिसमें जनसंख्या घनत्व 400 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक पाया जाता है। इन जिलों में वे जिले भी शामिल हैं। जिसमें नगरीकरण की दर कोलकाता, चण्डीगढ़ जैसे नगर केन्द्रों के कारण बहुत अधिक रही है। पहले ही बताया जा चुका है कि कोलकाता में प्रति वर्ग किलोमीटर 23,669 व्यक्ति रहते हैं। इसी प्रकार चेन्नई में 21.811 व्यक्ति, मुम्बई में 16,434 हैदराबाद में 14,248, दिल्ली में 6,319 तथा चण्डीगढ़ में 5,620 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर में रहते हैं।
इसके अतिरिक्त माही, कानपुर तथा बंगलौर में भी अधिक घनत्व है। यहाँ देश की 5 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है। नगरीकरण से मानव सघनता बढ़ती है। इसके सामाजिक परिणाम भी स्पष्ट हैं। नगरों में आवास तथा अच्छे जीवन के लिए न्यूनतम सामाजिक सुविधाओं की पूर्ति असाध्य समस्या बनी रहती है, विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए। औसत रूप से इन जिलों में जनसंख्या घनत्व 6888 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है। भारत के उत्तरी मैदान में पश्चिम बंगाल से पंजाब तक जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक है। हुगली, हावड़ा, उत्तर चौबीस परगना, नादिया, मुर्शिदाबाद, वैशाली, मुजफ्फरपुर, कूच बिहार, सीतामढ़ी, सिवान, देवरिया गोरखपुर, जोनपुर तथा बलिया आदि जिलों में 700 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक घनत्व पाया जाता है। केरल में भी इसी प्रकार जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है।
प्रश्न 10.
भारत के नगरों को कितने वर्गों में बांटा गया है? प्रत्येक वर्ग की जनसंख्या बताइए।
उत्तर:
भारत के नगरों को 6 भागों में बांटा गया है –
प्रश्न 11.
ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय बस्तियों का वर्णन करो।
उत्तर:
भारत की अधिकांश जनसंख्या गाँवों में रहती है। ग्राम एक राजस्व इकाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय इकाई बस्ती है जो 30 या 50 व्यक्तियों या इससे भी कम की जनसंख्या वाले छोटे पल्लियों (हैलमेट) में बन सकती है। इसके अलावा मध्यम एवं बड़े आकार के गाँवों का समूह भी पाया जाता है जिसमें कई सौ से कई हजार लोग बसते हैं। ग्रामीण जनसंख्या की एक सामान्य विशेषता है यह है कि यहाँ सभी लोग कृषि तथा उससे सम्बद्ध कार्यों पर निर्भर होते हैं। जैसे-पशुपालन, वनों से संग्रहण तथा कुटीर उद्योग। भारत की जनसंख्या प्रमुखतः ग्रामीण है क्योंकि यहाँ की 73.87 प्रतिशत जनसंख्या छोटे या बड़े गाँवों में रहती है।
प्रश्न 12.
भारत में किन प्रान्तों में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत अधिक है?
उत्तर:
भारत में कम नगरीकरण वाले राज्यों में बहुत से जिले ग्रामीण हैं क्योंकि वहाँ जनसंख्या का बहुत बड़ा भाग गाँवों में रहता है। असम के घेमाजी जिले में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात 98.14 प्रतिशत है। बिहार के गोपालगंज जिले में कुल जनसंख्या का 94.31 प्रतिशत ग्रामीण जनसंख्या है। मध्य प्रदेश के बस्तर और झबुआ जिलों में ग्रामीण जनसंख्या का अनुपात क्रमश: 92.87 प्रतिशत तथा 92 प्रतिशत है। राजस्थान के जालौर जिले में भी ग्रामीण जनसंख्या लगभग 92 प्रतिशत है।
प्रश्न 13.
देश की अर्थव्यवस्था पर ग्रामीण जनसंख्या का क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
ग्रामीण अर्थव्यवस्था का उच्च अनुपात यह प्रदर्शित करता है कि अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर निर्भर है तथा परम्परागत सामाजिक ढाँचे में परिवर्तन नहीं आया है। यह वास्तविकता बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान, के लिए निश्चित रूप से सत्य है। ये राज्य आर्थिक दृष्टिकोण से अविकसित है तथा यहाँ औद्योगीकरण के फलस्वरूप बड़े पैमाने पर नगरीकरण नहीं हो पाया है। ग्रामीण जनसंख्या के उच्च अनुपातों वाले अन्य राज्य उत्तर तथा पूर्व के पहाड़ी और वनाच्छादित प्रदेशों में स्थित हैं। इन प्रदेशों में आर्थिक विकास और नगरीकरण दोनों की ही गति धीमी है।
प्रश्न 14.
भारत के किन प्रान्तों की सम्मिलित नगरीय जनसंख्या इसके कुल नगरीय जनसंख्या की आधी है?
उत्तर:
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल तथा आन्ध्र प्रदेश राज्यों में देश की लगभग आधी शहरी जनसंख्या निवास करती है। तीन राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, एवं पश्चिम बंगाल में नगरीकरण का स्तर एक महत्वपूर्ण प्रवृत्ति का द्योतक है। आंतरिक राज्यों में पंजाब में सर्वाधिक नगरीकरण हुआ है-29.55 प्रतिशत। भारत की कुल नगरीय जनसंख्या की आधी से अधिक जनसंख्या केवल पाँच राज्यों में पाई जाती हैं। ये राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल तथा आन्ध्र प्रदेश हैं। अन्य पाँच राज्यों बिहार, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्था में भारत की 29.81 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या पाई जाती है। इस प्रकार दोनों को मिलाकर इन दस राज्यों में भारत की 82.10 प्रतिशत नगरीय जनसंख्या रहती है।
प्रश्न 15.
भारत की नगरीय जनसंख्या की अन्य देशों से तुलना किजिए।
उत्तर:
1991 की जनगणना के अनुसार भारत में नगरीय जनसंख्या का अनुपात 25.7 प्रतिशत है तथा कुल शहरी जनसंख्या 21.7 करोड़ है। संयुक्त राज्य अमेरिका तथा सोवियत संघ की नगरीय जनसंख्या का अनुपात इससे कम है। रूस में शहरी जनसंख्या 16.1 करोड़, संयुक्त राज्य अमेरिका में 16.1 करोड़ चीन में 16 करोड़, तथा भारत में 21.7 करोड़ है। नगरीय जनसंख्या का कुल जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में भारत का विशेष स्थान नहीं है। ब्रिटेन में 78%, कनाडा में 73%, संयुक्त राज्य अमेरिका में 70%, ब्राजील में 68%, मिस्र में 44% तथा पाकिस्तान में 29% लोग नगरों में रहते हैं, इस प्रकार भारत में जनसंख्या का अनुपात विश्व की दृष्टि से बहुत कम है।
प्रश्न 16.
भारत के 10 लाख से अधिक आबादी वाले नगरों के नाम तथा जनसंख्या बताओ।
उत्तर:
प्रश्न 17.
नगरीय जीवन की मुख्य समस्याएँ क्या हैं?
उत्तर:
भारत की जनसंख्या ग्रामीण एवं नगरीय, दोनों क्षेत्रों में वितरित है। ग्रामीण अधिवास का जनसंख्या पर अपना विशिष्ट प्रभाव है जो नगरीय अधिवास से भिन्न है। यह सामान्यतः ज्ञात तथ्य है कि गाँव के लोग अपने व्यवसाय, जीवन पद्धति, विचारों तथा सांसारिक दृष्टिकोण में नगर के लोगों से भिन्न होते हैं। दूसरी ओर, नगरीय जनसंख्या, नगरीय जीवन पद्धति से अनुकूलित होती है जहाँ जीवन की गति तीव्र तथा सामाजिक सम्बन्ध औपचारिक होते हैं। नगरीय जीवन की अपनी समस्याएँ हैं, जैसे-आवास एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी, सामाजिक सुविधाओं तथा यातायात की सुलभता की कम, नगरों की भीड़ आदि नगरीय पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने के साथ-साथ सामाजिक तनाव को जन्म देती है।
प्रश्न 18.
‘लिंग अनुपात’ किसे कहते हैं? देश के किन भागों में लिंग अनुपात अधिक तथा किन भागों में कम है?
उत्तर:
प्रति हजार पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या के अनुपात को लिंग अनुपात करते हैं। भारत में लिंग अनुपात निरन्तर कम होता जा रहा है। सन् 1901 में यह अनुपात 972 प्रति हजार था जबकि 1991 में वह 929 हो गया। कम लिंग अनुपात वाले राज्य – सिक्किम, नागालैण्ड, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मेघालय, गोआ, केरल। अधिक लिंग अनुपात वाले राज्य-उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, मेघालय, गोआ, केरल।
प्रश्न 19.
‘सहभागिता दर’ से आपका क्या अभिप्राय है? वर्णन करो।
उत्तर:
सहभागिता दर श्रम दर का एक अनुपात है। यह कुल जनसंख्या में कार्यरत जनसंख्या के प्रतिशत द्वारा व्यक्ति किया जाता है कि किसी जनसंख्या में श्रमिकों का अनुपात एक दर के द्वारा व्यक्त किया जाता है जिसे सहभागिता दर कहते हैं। यह कुल जनसंख्या में श्रमिकों के अनुपात को प्रतिशत में व्यक्त करता है। सहभागिता दर पुरुषों एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग परिकलित की जा सकती है। श्रमिक या ‘कामगार’ की परिभाषा किसी अर्थव्यवस्था की आवश्यकतानुसार अलग-अलग हो सकती है। जो व्यक्ति वर्ष में 183 दिन तक लाभकारी कार्य करे उसे मुख्य कामगार तथा जो कामगार इससे कम दिनों तक रोजगार प्राप्त करते हैं उन्हें सीमान्त कामगार कहते हैं। पंजाब तथा हरियाणा में ‘सहभागिता दर’ न्यूनतम है।
प्रश्न 20.
- अपने राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश की व्यावसायिक संरचना के बारे में आँकड़े एकत्र कीजिए।
- आंकड़ों को वृत्त आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
1. सारणी-भारत:
व्यावसायिक संरचना के आँकड़े
2.
चित्र: व्यावसायिक संरचना के आँकड़े
प्रश्न 21.
उच्च लिंग अनुपात के गुच्छों के नाम बताइये।
उत्तर:
उच्च लिंग गुच्छे राज्य
प्रश्न 22.
आश्रित जनसंख्या के अधिक अनुपात से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं?
उत्तर:
भारत में 67% व्यक्ति आश्रित हैं जो 33% श्रमिक लोगों पर आश्रित हैं। शहरों में शिक्षित बेरोजगारों के कारण श्रमिकों की संख्या कम है। भारत में आश्रित लोगों के अधिक अनुपात के कई प्रभाव देखने में आए हैं –
- देश में प्रति व्यक्ति उत्पादन नीचा रहता है।
- आश्रितं वर्ग द्वारा अधिक उपभोग के कारण देश में बचत बहुत कम होती है।
- कम श्रमिकों के कारण राष्ट्रीय पूँजी निर्माण की गति धीमी है।
- नगरों में शिक्षित बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है।
- शिक्षा विकास जनसंख्या वृद्धि से धीमा रह जाता है।
- देश में अशिक्षित आश्रितों की संख्या बढ़ती जा रही है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
‘जनसंख्या घनत्व से आप क्या समझते हैं? जनसंख्या घनत्व किन तत्त्वों पर निर्भर करता है? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर:
किसी प्रदेश की जनसंख्या और भूमि के क्षेत्रफल के अनुपात को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। इससे किसी प्रदेश में लोगों की सघनता का पता चलता है। यह घनत्व प्रति वर्ग मील या प्रति वर्ग किलोमीटर द्वारा प्रकट किया जाता है। एक वर्ग किमी. या एक वर्ग मील में औसत रूप से जितने लोग रहते हैं, जनसंख्या का घनत्व कहलाता है। भारत में जनसंख्या का वितरण बहुत असमान है। भारत में जनसंख्या घनत्व में क्षेत्रीय प्रतिरूप में पर्याप्त विभिन्नताएँ पाई जाती हैं।
जनसंख्या घनत्व खाद्य पदार्थों की सुविधा, रोजगार के अवसरों आदि की प्राप्ति पर निर्भर करता है। प्राकृतिक सुविधाओं का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है परन्तु कई प्रकार के भौतिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा ऐतिहासिक कारण मिलकर जनसंख्या के घनत्व पर प्रभाव डालते हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल घने बसे राज्य हैं परन्तु हिमाचल, सिक्किम, नागालैण्ड, अरुणाचल विरल जनसंख्या वाले प्रदेश हैं। जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक हैं –
1. जलवायु तथा धरातल:
किसी देश में पर्वत, मैदान तथा पठार, तापमान तथा वर्षा जनसंख्या घनत्व पर स्पष्ट प्रभाव डालते हैं। मैदानी प्रदेशों में कृषि, जल सिंचाई, यातायात, व्यापार तथा जीवन-निर्वाह की सुविधाओं के कारण घनी जनसंख्या मिलती है। संसार की 80 प्रतिशत जनसंख्या मैदानों में निवास करती है। गंगा का मैदान घनी जनसंख्या वाला क्षेत्र है। मानसूनी जलवायु के प्रदेशों में घनी जनसंख्या मिलती है। यहाँ पर्याप्त वर्षा कृषि के लिए उपयुक्त है।
2. कृषि:
अधिक कृषि उत्पादक क्षेत्रों में अधिक जनसंख्या होती है। चावल उत्पन्न करने वाले क्षेत्रों में साल में तीन फसलों के कारण अधिक लोगों का निर्वाह होता है। इसलिए उत्तरी मैदौन में जनसंख्या अधिक है।
3. उद्योग:
औद्योगिक विकास से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। औद्योगिक नगरों के निकट बहुत सी बस्तियां बस जाती हैं तथा जनसंख्या अधिक हो जाती है। दामोदर घाटी में औद्योगिक विकास के कारण ही जनसंख्या अधिक है। इन क्षेत्रों में अधिक व्यापार के कारण भी जनसंख्या अधिक होती है।
4. यातायात के साधन:
यातायात के साधनों की सुविधा के कारण उद्योगों, कृषि तथा व्यापार का विकास होता है। जिससे जनसंख्या अधिक होती है।
5. नगरीय विकास:
किसी नगर के विकास के कारण उद्योग, व्यापार तथा परिवहन का विकास होता है। शिक्षा, मनोरंजन आदि सुविधाओं के कारण नगरों में तेजी से जनसंख्या बढ़ जाती है।
प्रश्न 2.
जनसंख्या की दृष्टि से भारत में सन् 1921 और सन् 1951 सबसे महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर:
भारत में इस शताब्दी में जनसंख्या की बड़ी तीव्र गति से बढ़ रही है। सन् 1901 से सन् 1981 तक के समय में जनसंख्या तिगुनी हुई है। जनसंख्या वृद्धि में कई उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। सन् 1901 से 1921 तक जनसंख्या में बहुत कम वृद्धि हुई थी। इन वर्षों में जनसंख्या में केवल 129 लाख की वृद्धि हुई। सन् 1921 में जनसंख्या 0.3 प्रतिशत की दर से कम हुई है।
इसका मुख्य कारण था कि देश के विभिन्न भागों में अकाल, (1920), प्लेग जैसी महामारियों (1918) तथा विश्व युद्ध (1914) के कारण बहुत से लोगों की मृत्यु हुई, जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि में कमी आई। परन्तु सन् 1921 के पश्चात् जनसंख्या धीमी और निश्चित गति से बढ़ती रही है। इसलिए 1921 को जनसंख्या वृद्धि के इतिहास में एक महान विभाजन का वर्ष कहा गया है। जैसा कि अग्रलिखित आँकड़ों से स्पष्ट है।
सन् 1921 के सन् 1951 तक जनसंख्या धीमी परन्तु निश्चित गति से बढ़ती रही। 1951 के अन्त तक यह वृद्धि 1.3 प्रतिशत की दर से हुई। 1921 से 1951 तक 30 वर्षों में जनसंख्या में लगभग 11 करोड़ की वृद्धि हुई। 1951 का वर्ष इसलिए महत्त्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसके पश्चात् जनसंख्या में बड़ी तेजी से वृद्धि हुई है। 1951 तक जनसंख्या वृद्धि के पहले चरण का अन्त हो गया। 1961 से 1991 तक तीस वर्ष के समय में लगभग जनसंख्या दोगुनी हो गई और कुल जनसंख्या 43 करोड़ से बढ़कर 84 करोड़ हो गई है। यह वृद्धि (1901 से 1991)
प्रश्न 3.
- 1951 के पश्चात् अपने राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश की जनसंख्या वृद्धि के विषय में जानकारी एकत्र कीजिए।
- आँकड़ों को दंड आरेख द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
- जनसंख्या वृद्धि के करणों पर एक प्रतिवेदन तैयार कीजिए।
उत्तर:
1. सारणी: जनसंख्या की दशकीय वृद्धि (1951-2001)
2. भारत (जनसंख्या की दशकीय वृद्धि) 1951-2001
चित्र: 1951 के बाद जनसंख्या वृद्धि
3. सारणी: भारत: जनसंख्या वृद्धि के कारण (1911-2001) (जन्मदर, मृत्युदर और नैसर्गिक वृद्धि)
प्रश्न 4.
- जनसंख्या के जिलास्तर के आँकड़े तैयार कीजिए।
- वर्णमात्री मानचित्रण विधि से आँकड़ों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
1. तालिका : जिला स्तर पर जनसंख्या के आँकड़े
2. वर्णमात्री मानचित्रण विधि:
चित्र: जनसंख्या वितरण (राज्य स्तर पर)
प्रश्न 5.
विगत 100 वर्षों में भारत में जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सन् 1901 में भारत की जनसंख्या 28.34 करोड़ थी जो बढ़कर 2001 में 102.7 करोड़ हो गई। इस प्रकार विगत एक शताब्दी में 78.862 करोड़ व्यक्ति बढ़ गए हैं। 1911 और 1921 के बीच की अवधि में जनसंख्या थोड़ी सी घटी थी। इसके पश्चात् 1981 तक जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। सन् 1981 के बाद जनसंख्या में कमी आनी शुरू हुई थी। इस प्रकार भारत के जनांकिकीय इतिहास को चार अवस्थाओं में विभाजित किया गया है।
1. धीमी वृद्धि की अवधि (1921 से पूर्व):
1921 के पूर्व की भारत की जनसंख्या के अध्ययन को जनांकिकीय विभाजक कहा जाता है।
चित्र: जनसंख्या की दशकीय वृद्धि 1901-2001
2. निरंतर वृद्धि की अवधि-1921 से 1951 तक जनसंख्या में वृद्धि हुई। इसका कारण स्वास्थ्य सेवाओं में विकास था, जिसके कारण महामारियों द्वारा होने वाली मृत्यु दर में कमी आई।
3. तीव्र वृद्धि की अवधि (1951 से 1981 तक)-इस अवधि में लगभग भारत की जनसंख्या दुगुनी हो गई। जनसंख्या में यह वृद्धि लगभग 2.20 प्रतिशत थी जो अभूतपूर्व विकास कार्यों में तेजी तथा चिकित्सा सुविधाओं में सुधार के कारण आई।
प्रश्न 6.
जनसंख्या के घनत्व में प्रादेशिक प्रतिरूपों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
किसी प्रदेश की जनसंख्या और भूमि के क्षेत्रफल के अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहते हैं। इससे किसी प्रदेश में लोगों की सघनता का पता चलता है। जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग मील या प्रति वर्ग किलोमीटर द्वारा प्रकट किया जाता है। एक वर्ग किलोमीटर या एक वर्ग मील में औसत रूप से जितने लोग रहते हैं, जनसंख्या का घनत्व कहलाता है। भारत में जनसंख्या का स्थानिक वितरण बहुत असमान है। जनसंख्या की वास्तविक सघनता भारत के 162 शेष जिलों में देखी जाती है। जिनमें जनसंख्या का घनत्व 400 व्यक्ति वर्ग किलोमीटर से अधिक पाया जाता है। इनमें वे जिलें भी शामिल हैं। जिनमें नगरीकरण की दर कोलकाता, चण्डीगढ़ जैसे नगर के केन्द्रों के कारण बहुत अधिक रही है।
कोलकाता में प्रति वर्ग किमी. 23,669 व्यक्ति रहते हैं।
चेन्नई में प्रति वर्ग किमी. 21,811 व्यक्ति रहते हैं।
मुंबई में प्रति वर्ग किमी. 16134 व्यक्ति रहते हैं।
हैदराबाद में प्रति वर्ग किमी. 14,248 व्यक्ति रहते हैं।
दिल्ली में 6319 तथा चण्डीगढ़ में 5,620 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. रहते हैं। इसके अतिरिक्त माही, कानपुर तथा बंगलौर में भी अधिक घनत्व है। यहाँ देश की 5 प्रतिशत जनसंख्या रहती है। नगरीकरण से मानव सघनता बढ़ती है। नगरों में आवास तथा अच्छे जीवन के लिए न्यूनतम सामाजिक सुविधाओं की पूर्ति असाध्य समस्या बनी रहती है, विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए। औसत रूप से इन जिलों में जनसंख्या घनत्व 6888 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है।
भारत के उत्तरी मैदान में पश्चिम बंगाल तक जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक है। हुगली, हावड़ा, उत्तरी चौबीस परगना, नादिया, मुर्शिदाबाद, वैशाली, मुजफ्फरपुर, कूच बिहार, सीतामढ़ी, सिवान, देवरिया, गोरखपुर, जौनपुर तथा बलिया आदि जिलों में 700 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. से अधिक घनत्व पाया जाता है। केरल में भी इस प्रकार जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक है। कृषि पर निर्भरता के द्वारा इस उच्च घनत्व की व्याख्या की जा सकती है।
प्रश्न 7.
भारत में किस भाग में श्रमिकों की संख्या कम तथा किस भाग में श्रमिकों की संख्या अधिक है? इस असमानता का क्या कारण है?
उत्तर:
भारत में 33% लोग लाभकारी कार्य तथा उत्पादक व्यवसायों में लगे हुए हैं। इसे देश की श्रमिक शक्ति कहा जाता है। 45% से अधिक श्रमिकों वाले क्षेत्र को अधिक श्रमिक वाला क्षेत्र तथा 30% से कम श्रमिकों वाले क्षेत्र को कम श्रमिक वाला क्षेत्र कहा जाता है।
1. अधिक श्रमिक बल वाले क्षेत्र:
इन प्रदेशों में 45-60 प्रतिशत लोग कामगार हैं। हिमालय प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी पहाड़ी प्रायद्वीप के छोटे-छोटे आन्तरिक प्रदेशों में श्रमिक बल अधिक है। फिर भी इन प्रदेशों में आर्थिक विकास कम हुआ है। कारण-कठोर वातावरण के कारण श्रमिकों को स्थानान्तरण का अवसर नहीं मिलता। कृषि व्यवसाय में भी आधुनिकता नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति जीवन निर्वाह के लिए कामगार है। बाहर से आने वाले श्रमिकों के कारण भी श्रमिक बल अधिक हो जाता है। खानों, उद्योगों, वनों तथा चाय बागानों में काम करने वाले नियमित तथा अनियमित श्रमिकों के कारण श्रमिक बल अधिक हो जाता है।
2. कम श्रमिक बल वाले प्रदेश:
इन क्षेत्रों में श्रमिक संख्या कुल जनसंख्या का 25 से 35% है। असम घाटी, बड़े नगरों के पास औद्योगिक केन्द्र, उड़ीसा, गुजरात, राजस्थान में श्रमिक बल कम है।
कारण:
पिछले कुछ समय से ग्रामीण क्षेत्रों से नगरों की ओर श्रमिकों का स्थानान्तरण कम हो गया है। पढ़े-लिखे लोगों को भी नियमित रोजगार प्राप्त नहीं है। इस कम श्रमिक बल के कारण उत्पादन स्तर भी नीचा है। असम में चाय बागान में बाहर से आने वाले श्रमिकों की कमी हो गई है। केरल के कुछ श्रमिकों के बाहर चले जाने के कारण भी श्रमिकों की संख्या कम हो गई है। गुजरात राज्य में भी ग्रामीण क्षेत्रों से कम लोग नगरों में काम करने जाते हैं।
प्रश्न 8.
अंतर स्पष्ट कीजिए –
- मुख्य तथा सीमांत कामगार।
- कार्यशील आयुवर्ग तथा प्रजनक आयुवर्ग।
- थमिक और तृतीयक आर्थिक क्रियाकलाप।
उत्तर:
1. मुख्य कामगार तथा सीमांत कामगार। मुख्य कामगार –
- जो कामगार 1 वर्ष में 183 दिनों तक आर्थिक दृष्टि से लाभकारी कार्यों में लगे रहते हैं उन्हें मुख्य कामगार कहते हैं।
- कामगारों की कुल जनसंख्या में अधिक अनुपात एक विकसित अर्थव्यवस्था का द्योतक होता है।
- एक मुख्य कामगार पर औसत रूप से भारत में दो लोग आश्रित हैं। मुख्य कामगार नगरीय क्षेत्र में अधिक हैं।
सीमांत कामगार:
- जो कामगार 1 वर्ष में 183 दिनों से कम दिनों तक रोजगार पाते हैं उन्हें सीमांत कामगार कहते हैं।
- सीमांत कामगारों का आर्थिक अनुपात एक विकासशील अर्थव्यवस्था को प्रकट करता है।
- सीमांत कामगार प्रायः ग्रामीण क्षेत्र में अधिक संख्या में हैं जहाँ कृषि कार्य मौसमी होती है।
2. कार्यशील आयुवर्ग प्रजनक आयुवर्ग में अंतर कार्यशील:
- इस वर्ग की आयु सीमा 15 से 49 वर्ष है।
- यह वर्ग आर्थिक दृष्टि से अधिक क्रियाशील है।
- इसे प्रौढ़ आयुवर्ग कहते हैं।
प्रजनक आयुवर्ग:
- कुल जनसंख्या के केवल 56.7% भाग 15 से 49 वर्ष की आयुवर्ग में है।
- जैव दृष्टि से यह आयुवर्ग सबसे अधिक प्रजनक है।
- यह भी प्रौढ़ आयुवर्ग कहलाता है।
3. प्राथमिक क्रियाकलाप और तृतीयक क्रियाकलाप में अंतर प्राथमिक क्रियाकलाप:
- इस वर्ग में कृषि कार्य करने वाले लोग आते हैं।
- कृषि की प्रधानता इस वर्ग का मुख्य लक्षण है।
- स्त्री कामगारों का रुझान प्राथमिक क्षेत्र में है।
- कृषि कामगारों का अनुपात घट रहा है।
तृतीयक क्रियाकलाप:
- गैर कृषि क्रियाकलाप, तृतीयक प्रकार के क्रियाकलाप हैं।
- विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, भण्डारण और संचार तथा अन्य सेवाएँ तृतीयक क्रियाकलाप वर्ग में शामिल हैं।
- गैर-कृषि कार्यों में स्त्रियों की संख्या कम है।
- तृतीयक क्षेत्र के कामगारों का अनुपात बढ़ रहा है। इससे घरेलू उद्योगों का महत्त्व बढ़ रहा है।
प्रश्न 9.
विगत शताब्दी में भारत में लिंग अनुपात की प्रवृत्ति की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
किसी भी देश के सामाजिक विकास के लिए लिंग संरचना का ज्ञान होना आवश्यक है। प्रति हजार पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या के अनुपात को लिंग अनुपात कहा जाता है। भारत में लिंग अनुपात निरंतर कम होता जा रहा है। सन् 1901 में यह अनुपात 972 प्रति हजार पुरुष था जबकि 1991 में यह संख्या घट कर 929 हो गई है। भारत में केवल केरल राज्य में ही स्त्रियों की संख्या पुरुषों से अधिक है। यहाँ एक हजार पुरुषों के पीछे 1040 स्त्रियाँ हैं।
यह प्रवृत्ति हमारी सामाजिक बुराइयों के कारण है। भारत में जनसंख्या की लिंग संरचना पर कई तत्त्वों का विशेष प्रभाव पड़ा है। हमारे समाज में पुरुषों को अधिक महत्त्व देने की प्रथा है। स्त्रियों को समान अधिकार दिलाने के लिए शिक्षा का प्रचार तथा विवाह योग्य आयु को बढ़ाना आवश्यक है। स्त्रियों की स्थिति, स्वास्थ्य और शिक्षा की उपेक्षा होती है। प्रत्येक आयुवर्ग में पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों की अधिक मृत्यु होती है। प्रसव के दौरान स्त्रियों की मृत्यु के कारण लिंग अनुपात और भी कम हो जाता है।
कई प्रदेशों में श्रमिक पुरुषों के बाहर प्रवास से भी स्त्रियों का अनुपात बढ़ जाता है। मध्य प्रदेश उड़ीसा और आन्ध्र प्रदेश राज्यों में बड़ी संख्या में बाहर से आकर काम करने वाली स्त्रियों के कारण लिंग अनुपात बढ़ गया है। कई औद्योगिक प्रदेशों में अप्रवासी पुरुषों की अधिकता के कारण जनसंख्या में लिंग अनुपात कम रह जाता है। इस प्रकार भारत में लिंग अनुपात दक्षिण से उत्तर की ओर तथा पूर्व से पश्चिम की ओर घटता जाता है।
प्रश्न 10.
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद के वर्षों के नगरीकरण के प्रतिरूप का वर्णन करो।
उत्तर:
नगर की परिभाषा प्रायः
जनगणना के अनुसार की जाती है। नगर में वे सभी क्षेत्र होते हैं जहाँ नगरपालिकाएँ आदि स्थापित हों, जनसंख्या कम से कम 5000 हो तथा 75% श्रमिक वर्ग ऐसी क्रियाओं में लगे हो जो कृषि से सम्बन्धित न हो। भारत वास्तव में ग्रामों का देश है। गाँव ही भारतीय संस्कृति के आधार रहे हैं। भारत की नगरीय जनसंख्या का आकार विशाल है। 1991 की जनसंख्या के अनुसार देश में 21 करोड़ 70 लाख लोग नगरों में रहते हैं। यह जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका की नगरीय जनसंख्या के लगभग बराबर है। भारत का संसार में नगरीय जनसंख्या की दृष्टि से पहला स्थान है। परंतु भारत में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत अन्य देशों की तुलना में कम है। जैसे –
नगरीय जनसंख्या में वृद्धि-भारत की जनसंख्या की तीव्र वृद्धि के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या में भी वृद्धि हुई है। पिछले 80 वर्षों में (1901-1981) देश की कुल जनसंख्या में 3 गुना वृद्धि हुई है जबकि इसी समय में नगरीय जनसंख्या 6 गुणा अधिक हो गई है।
1901 से 1961 तक नगरीय जनसंख्या में वृद्धि हुई है। परंतु 1961 से 1981 तक नगरीय जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। यह जनसंख्या 7.8 करोड़ से बढ़कर 15.6 करोड़ हो गई है। नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत 17.9 से बढ़कर 23.3 हो गया। 1991 में नगरीय जनसंख्या 25.7 थी।
प्रश्न 11.
भारत की जनसंख्या की व्यावसायिक संरचना के मुख्य लक्षणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
व्यवसाय का अर्थ है, वह कार्य पेशा या व्यापार जिससे व्यक्ति अपनी रोजी-रोटी कमाता है। व्यवसाय को तीन वर्गों में बाँटा गया है –
प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक।
सन् 2001 में देश के दो तिहाई से अधिक मुख्य कामगार कृषि कार्यों में लगे हुए थे। इसके विपरीत गैर कृषि कार्यों में कामगारों का अनुपात मात्र 12.1 प्रतिशत ही था। श्रम शक्ति में 38.72% किसान तथा 29.09% खेतिहर मजदूर थे। लिंग के अनुसार स्त्री कामगारों का रुझान प्राथमिक क्षेत्र में है। 71.9 प्रतिशत से भी अधिक स्त्री कामगार कृषि कार्यों में रत हैं, जबकि पुरुष कामगारों का प्रतिशत 51.8% है। गैर कृषि कार्यों में 28.1 प्रतिशत स्त्री कामगार लगी हुई है, इसके विपरीत इन क्षेत्रों में पुरुष कामगारों का प्रतिशत 47.8% है।
कृषि कामगारों का अनुपात घट रहा है। कृषीय क्षेत्र से गैर कृषीय क्षेत्र में यह अंतरण एक शुभ संकेत है। लेकिन यह बात भी उल्लेखनीय है कि घरेलू उद्योगों का महत्त्व बढ़ रहा है। इस वर्ग के कामगारों की संख्या 1971 के 3.52% से बढ़ कर 2001 में 4.07% हो गई है। गैर कृषि क्षेत्रों में यह परिवर्तन अच्छा संकेत है। विनिर्माण, व्यापार, परिवहन, भण्डारण और संचार तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत लोगों को गैर-कृषि कामगारों के वर्ग में शामिल किया जाता है। देश में तृतीयक कामगारों का अधिक अनुपात मुख्य रूप से नगरीकृत जिलों तक ही सीमित है। विभिन्न व्यवसायों में कामगारों के अनुपात में भारी अंतर पाया जाता है। कृषीय श्रमिक मुख्य रूप से देश के कमजोर वर्ग से आते हैं तथा इन्हें वर्ष के अधिकतर दिनों में अपूर्ण रोजगार ही मिल पाता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
किस दशक में नगरीय जनसंख्या अनुपात कम हुआ है?
(A) 1901-1911
(B) 1911-1921
(C) 1921-1931
(D) 1931-1941
उत्तर:
(A) 1901-1911
प्रश्न 2.
किस दशक में नगरीय जनसंख्या में वृद्धि सर्वाधिक थी?
(A) 1951-1961
(B) 1961-1971
(C) 1971-1981
(D) 1931-1941
उत्तर:
(C) 1971-1981
प्रश्न 3.
भारत के जनसंख्या पिरामिड का आधार कैसा है?
(A) चौड़ा आधार
(B) संकरा आधार
(C) (A) और (B) दोनों
(D) कोई नहीं
उत्तर:
(A) चौड़ा आधार
प्रश्न 4.
जो व्यक्ति वर्ष में 183 दिन लाभकारी कार्य करता है उसे क्या कहते हैं?
(A) मुख्य कामगार
(B) सीमांत कामगार
(C) श्रमजीवी
(D) उत्पादक
उत्तर:
(A) मुख्य कामगार
प्रश्न 5.
कम श्रमिक बल वाले प्रदेशों में कुल श्रमिक जनसंख्या कितनी है?
(A) 25 से 40%
(B) 25 से 35%
(C) 30 से 40%
(D) 30 से 35%
उत्तर:
(B) 25 से 35%
प्रश्न 6.
भारत में कितने प्रतिशत लोग आश्रित है?
(A) 69%
(B) 73%
(C) 67%
(D) 70%
उत्तर:
(C) 67%
प्रश्न 7.
भारत में श्रमिकों का प्रतिशत कितना है?
(A) 33%
(B) 67%
(C) 68%
(D) 44%
उत्तर:
(A) 33%
प्रश्न 8.
श्रमजीवी वर्ग की आयु सीमा क्या है?
(A) 15 से 49 वर्ष
(B) 15 से 59 वर्ष
(C) 60 वर्ष से अधिक
(D) 15 से 29 वर्ष
उत्तर:
(B) 15 से 59 वर्ष
प्रश्न 9.
प्रति हजार पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या को क्या कहते हैं?
(A) लिंग अनुपात
(B) श्रमिक अनुपात
(C) सहभागिता
(D) कोई भी नहीं
उत्तर:
(A) लिंग अनुपात
प्रश्न 10.
प्रजनन आयुवर्ग की सीमा क्या है?
(A) 15 से 59 वर्ष
(B) 15 से 49 वर्ष
(C) 40 से 49 वर्ष
(D) 50 से 59 वर्ष
उत्तर:
(B) 15 से 49 वर्ष
प्रश्न 11.
क्षेत्रफल और जनसंख्या के अनुपात को क्या कहते हैं?
(A) जनसंख्या सूचकांक
(B) संकेन्द्रण
(C) जनसंख्या वितरण
(D) जनसंख्या घनत्व
उत्तर:
(D) जनसंख्या घनत्व
प्रश्न 12.
1991 में उत्तर प्रदेश की जनसंख्या कितनी थी?
(A) 13, 20, 72, 287
(B) 6, 63, 04, 854
(C) 5, 56, 38, 318
(D) 7, 87, 06, 719
उत्तर:
(A) 13, 20, 72, 287
प्रश्न 13.
2001 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या कितनी है?
(A) 102.8 करोड़
(B) 84 करोड़
(C) 100 करोड़
(D) 90 करोड़
उत्तर:
(A) 102.8 करोड़
प्रश्न 14.
भारत में सबसे पहली जनगणना कब की गई थी?
(A) 1772 में
(B) 1872 में
(C) 1901 में
(D) 1921 में
उत्तर:
(B) 1872 में
प्रश्न 15.
किस अवधि में जनसंख्या वृद्धि में ह्रास हुआ?
(A) 1921 से 1951 तक
(B) 1901 से 1911 तक
(C) 1911 से 1921 तक
(D) 1981 से 2001 तक
उत्तर:
(D) 1981 से 2001 तक
प्रश्न 16.
1981-1990 तक भारत में जनसंख्या वृद्धि दर कितनी है?
(A) 2.35 प्रतिशत
(B) 5 प्रतिशत
(C) 24.69 प्रतिशत
(D) 17.2 प्रतिशत
उत्तर:
(A) 2.35 प्रतिशत
प्रश्न 17.
1991 की जनगणना के अनुसार भारत में श्रमिक पुरुषों की संख्या कितनी है?
(A) 51.62 प्रतिशत
(B) 50 प्रतिशत
(C) 67 प्रतिशत
(D) 14 प्रतिशत
उत्तर:
(A) 51.62 प्रतिशत