Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र Textbook Questions and Answers, Additional Important Questions, Notes.
BSEB Bihar Board Class 12 Political Science Solutions Chapter 4 सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र
Bihar Board Class 12 Political Science सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र Textbook Questions and Answers
प्रश्न 1.
तिथि के हिसाब से इन सबको क्रम दें –
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
उत्तर:
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश – 2001
(ख) यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना – 1957
(ग) यूरोपीय एंघ की स्थापना – 1992
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना – 1994
प्रश्न 2.
‘आसियान वे’ या आसियान शैली क्या है?
(क) आसियान के सदस्य देशों की जीवन शैली है।
(ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज का स्वरूप है।
(ग) आसियान सदस्यों की रक्षा नीति है।
(घ) सभी आसियान सदस्य देशों को जोड़ने वाली सड़क है।
उत्तर:
(ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज का स्वरूप है।
प्रश्न 3.
इनमें से किसने ‘खुले द्वारा’ की नीति अपनाई?
(क) चीन
(ख) यूरोपयी संघ
(ग) जापान
(घ) अमरीका
उत्तर:
(क) चीन
प्रश्न 4.
खाली स्थान भरें –
(क) 1962 में भारत और चीन के बीच ………… और ………. को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।
(ख) आसियान क्षेत्रीय मंच के कामों में ……. और ……… करना शामिल है।
(ग) चीन ने 1972 में ……… के साथ दोतरफा संबंध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया।
(घ) …………….. योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपयी आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई।
(ङ) ………… आसियान का एक स्तंभ है जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले देखता है।
उत्तर:
(क) अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों, लद्दाख के अक्साई चिनी क्षेत्र
(ख) आर्थिक विकास को तेज करना, उसके माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक विकास
(ग) अमरीका
(घ) मार्शल योजना
(ङ) आसियान सुरक्षा समुदाय
प्रश्न 5.
क्षेत्रीय संगठनों को बनाने के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
क्षेत्रीय संगठनों के बनाने के उद्देश्य –
(क) आर्थिक विकास को तेज करना और उसक माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक विकास करना।
(ख) कानून के शासन और संयुक्त राष्ट्र के नियमों पर आधारित क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना।
प्रश्न 6.
भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर क्या असर होता है?
उत्तर:
भौगोलिक निकटता का क्षेत्रीय संगठनों के गठन पर गहरा असर पड़ता है।
- यदि क्षेत्रीय संगठनों में भौगोलिक निकटता हो तो आपस में तालमेल रखना आवश्यक होता है अन्यथा अनेक प्रकार की बाधायें उत्पन्न हो जाती हैं।
- क्षेत्रीय संगठनों के निकट होने पर एक-दूसरे की विभिन्न क्षेत्रों में सहायता आसानी से कर सकते हैं।
- इससे अहस्तक्षेप को बढ़ावा मिलता है।
- उनके बीच आवागमन के साधन आसानी से जुटाये जा सकते हैं।
प्रश्न 7.
आसियान विजन 2020 की मुख्य बातें क्या हैं?
उत्तर:
आसियान विजन 2020 की मुख्य बातें –
- अंतराष्ट्रीय समुदाय में आसियान की एक बहिर्मुखी भूमिका होगी जिससे उसको विश्व में लोकप्रियता प्राप्त हो सके।
- टकराव के स्थान पर बातचीत को महत्त्व दिया जायेगा। इसी आधार पर कम्बोडिया से टकराव को टाला गया, पूर्वी तिमोर के संकट को टाला गया।
- पूर्वी एशियाई सहयोग पर बातचीत जारी रखी जायेगी। इसलिए इसकी बैठक 1999 से जारी है।
प्रश्न 8.
आसियान समुदाय के मुख्य स्तंभों और उनके उद्देश्यों के बारे में बताएँ।
उत्तर:
आसियान समुदाय के मुख्य स्तंभ और उनके उद्देश्य –
- आसियान सुरक्षा समुदाय
- आसियान आर्थिक समुदाय
- आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय
आसियान सुरक्षा समुदाय का मुख्य उद्देश्य सैनिक टकराहट को टालना और बातचीत के द्वारा समस्या का हल निकालना है। इसके अलावा शांति, निष्पक्षता, सहयोग और अहस्तक्षेप को बढ़ावा देना है। आसियान आर्थिक समुदाय का उद्देश्य आसियान देशों का साझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना तथा इस इलाके के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करना है। आसियान सामाजिक सांस्कृतिक मुद्रा और समाज और संस्कृति में वृद्धि करना है।
प्रश्न 9.
आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से किस तरह अलग है?
उत्तर:
आज की चीनी अर्थव्यवस्था नियंत्रित अर्थव्यवस्था से निम्नलिखित प्रकार से अलग है –
- 1978 में तत्कालीन नेता देंग श्याआपेंग ने चीन में आर्थिक सुधारों और खुले द्वारा की नीति की घोषणा की।
- इस घोषणा के पश्चात् यह निश्चित किया गया कि विदेशी पंजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त किया जाय। बाजारमूलक अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए चीन में अपना तीरका अपनाया।
- चीन में शॉक थेरेपी को महत्त्व नहीं दिया बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था को क्रमबद्ध तरीके से आरंभ किया।
- कृषि का निजीकरण कर दिया गया जिसके कारण कृषि उत्पादों तथा ग्रामीण में पर्याप्त आय हुई।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी बचत को महत्त्व दिया गया जिससे ग्रामीण उद्योगों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि हुई। इस प्रकार उद्योग और कृषि दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तेज रही।
- व्यापार के नये कानून तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special Economic Zone) का निर्माण किया गया। इससे विदेशी व्यापार में अदभुत बढ़ोत्तरी हुई।
- उसने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को महत्व दिया । फलस्वरूप उसके पास विदेशी मुद्रा का विशाल भंडार हो गया है। विदेशी मुद्रा की सहायता से वह दूसरे देशों में निवेश कर रहा है।
- 2001 में चीन विश्व व्यापार संगठन में शामिल हो गया है। इस प्रकार वह दूसरे देशों में अपनी अर्थव्यवस्था खोलने में सक्षम हो गया है।
प्रश्न 10.
किस तरह यूरोपीय देशों ने युद्ध के बाद की अपनी परेशानियों सुलझाई? संक्षपे में उन कदमों की चर्चा करें जिनसे होते हुए यूरोपयी संघ की स्थापना हुई?
उत्तर:
युद्ध के बाद यूरोपीय देशों द्वारा अपनी परेशानियां सुलझाने के तरीके और यूरोपीय संघ की स्थापना के कदम –
- द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् विश्व में शीत युद्ध का दौर आरंभ हुआ, इससे यूरोपीय देशों को मेल मिलाप का अवसर मिल गया।
- मार्शल योजना के अंतर्गत अमरीकन ने यूरोपीय देशों के पुनर्गठन के लिए आर्थिक सहायता की।
- इसी योजना के अंतर्गत 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहायोग की स्थापना हुई जिसके माध्यम से यूरोपीय देशों को आर्थिक मदद मिली।
- 1949 में राजनैतिक सहयोग के लिए यूरोपीय परिषद् की स्थापना हुई।
- पूंजीवादी देशों के बीच आर्थिक एकीकरण बढ़ता गया और इसके परिणामस्वरूप 1957 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना हुई।
- सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् इसका तेजी से राजनीतिकरण हुआ। 1992 में इस प्रक्रिया के फलस्वरूप यूरोप संघ की स्थापना हुई।
- यूरोपीय संघ के रूप में समान विदेशी नीति और सुरक्षा नीति, आंतरिक मामलों तथा न्याय से जुड़े मुद्दो पर सहयोग और समान मुद्रा के चलन के लिए रास्ता तैयार हो गया।
प्रश्न 11.
यूरोपीय संघ को क्या चीजे एक प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाती हैं।
उत्तर:
यूरोपीय संघ को प्रभावी क्षेत्रीय संगठन बनाने वाली चीजें –
- यूरोपीय संघ की अर्थव्यवस्था 2005 में सबसे बड़ी थी। उसका सकल घरेलु उत्पाद 12000 अरब डालर से अधि क था जो अमरीका से थोड़ा अधिक था।
- इसकी मुद्रा यूरो (Euro) है जिसकी विश्व व्यापार में हिस्सेदारी अमरीकी डॉलर से तिगूनी है।
- यूरोपीय संघ की आर्थिक शक्ति का प्रभाव निकटवर्ती देशों के साथ सुदूर एशिया और अफ्रीका के देशों में भी है।
- विश्व व्यापार संगठन में भी इसका महत्त्वपूर्ण स्थान है।
- यूरोपीय संघ का राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव विस्तृत है। यूरोपीय संघ के कई सुरक्षा परिषद् के स्थायी और अस्थायी सदस्य है।
- यूरोपीय संघ सैनिक दृष्टि से दूसरा ताकतवर राज्य है। यूरोपीय संघ के दो देशों-ब्रिटेन और फ्रांस के पास परमाणु हथियार हैं।
- संचार-प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष विज्ञान की दृष्टि से विश्व में इसका दूसरा स्थान है।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन के तौर पर यूरोपयी संघ राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मामलों में हस्तक्षेप करने में सक्षम है।
प्रश्न 12.
चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौजूदा एकधुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकने की क्षमता है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने तर्को से अपने विचारों को पुष्ट करो।
उत्तर:
चीन और भारत की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में मौजूद एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती देने वाली क्षमतायें –
निचित रूप से भारत और चीन की अर्थव्यवस्था इस लायक हो गयी है कि वे एक-ध्रुवीय विश्व व्यवस्था को चुनौती दे सकती है जो निम्नलिखित तर्कों से स्पष्ट है –
- दोनों देशों ने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में आपसी सहयोग और व्यापार के लिए सीमा पर चार पोस्ट खोलने के समझौते किये हैं। निश्चित ही इससे आर्थिक ताकत बढ़ी है।
- 1999 से भारत और चीन के मध्य व्यापर 30% वार्षिक की दर से बढ़ रहा है।
- भारत और चीन के बीच 1992 का 33 करोड़ 80 लाख डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार 2006 में 18 अरब डॉलर का हो चुका है।
- विदेशों में ऊर्जा से उत्पन्न विवाद को उन्होंने आपस में हल कर लिया है।
- दोनों देशों की विश्व व्यापार संगठन के प्रति समान नीतियां है।
प्रश्न 13.
मुल्कों की शांति और समृद्धि क्षेत्रीय संगठनों को बनाने और मजबूत करने पर टिकी है। इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर:
यह कथन सत्य है कि मुल्कों की शांति और समृद्धि क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों को बनाने और मजबूत करने पर टिकी है। इसका उदाहरण दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) है। इस संगठन के देशों ने क्षेत्रीय आर्थिक संगठन पर ही विशेष जोर दिया जिसके कारण ये न केवल आर्थिक दृष्टि से अपितु राजनैतिक दृष्टि से शक्तिशाली हो गये है। वे महाशक्ति के विकल्प के रूप में खड़ा हो गया है। उसने विभिन्न देशों के साथ शांति, निष्पक्षता, सहयोग, अहस्तक्षेप को बढ़ाने की नीति पर समझौते किये हैं।
उन्होंने आपसी मतभेद तथा सम्प्रभुता के अधिकारों के सम्मान पर सहमति जताई है। ऐसा करके ही संगठन को मजबूत किया जा सकता है। यदि कोई आर्थिक दृष्टि से समृद्ध हो जाता है और सैनिक दृष्टि से कमजोर है तो उसका काम बिना क्षेत्रीय संगठन के नही चल सकता। उस पर विदेशियों की नजर लगी रहेगी। क्षेत्रीय आर्थिक संगठनों से ही कोई राष्ट्र आर्थिक दृष्टि से सम्बल हो सकता है और तभी वहां शांति स्थापित हो सकती है।
प्रश्न 14.
भारत और चीन के बीच विवाद के मामलों की पहचान करें और बताएं कि वृहत्तर सहयोग के लिए उन्हें कैसे निपटाया जा सकता है। अपने सुझाव भी दीजिए।
उत्तर:
भारत और चीन के बीच विवाद के मामले और वृहत्तर सहयोग के लिए निपटारे के तरीके –
- भारत और चीन के बीच सीमा विवाद है। इसको हल करने के लिए दोनों देशों के बीच 1981 से वार्ताओं की श्रृंखला शुरू हो गई है।
- पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के चीन सहायता दे रहा है जिससे भारत को खतरा हो सकता है। इस समस्या को भी बातचीत द्वारा हल किया जा सकता है।
- बांग्लादेश और म्यांमार का चीन के साथ सैनिक संबंध है जो दक्षिण एशिया में भारतीय हितों के खिलाफ माना जाता है। यह मुद्दा दोनों के बीच टकराव नहीं उत्पन्न कर सकता।
Bihar Board Class 12 Political Science सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र Additional Important Questions and Answers
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
यूरोपीय संघ और आसियान किस प्रकार शक्तिशाली बने?
उत्तर:
- यूरोपीय संघ और आसियान दोनों ने ही अपने-अपने क्षेत्रों में चलने वाली लंबी शत्रुताओं और कमजोरियों का क्षेत्रीय स्तर पर निपटरा किया और संगठन को मजबूत किया।
- उन्होंने अपनी क्षेत्रों में अधिक शांतिपूर्ण और सहकारी क्षेत्रीय व्यवस्था विकसित करने की तथा इस क्षेत्र के देशों की अर्थव्यवस्थाओं का समूह बनाने का महत्त्वपूर्ण कार्य किया।
प्रश्न 2.
चीन ने ‘खुले द्वार’ की नीति कब चलाई और उससे उसे क्या लाभ हुए?
उत्तर:
- दिसंबर 1978 में देंग श्याओपेंग ने ‘खुले द्वार’ (Open Door) की नीति चलाई।
- इसके कारण चीन अद्भूत प्रगति के ओर आने वाले वर्षों में एक बड़ी आर्थिक ताकत के रूप में उभरा।
प्रश्न 3.
यूरोपीय संघ की स्थापना कब हुई। इसकी सामान्य नीतियाँ क्या थी?
उत्तर:
- यूरोपीय संघ की स्थापना 1992 ई. में हुई।
- इसकी समान्य नीतियां-समान विदेशी नीति और सुरक्षा नीति, आंतरिक मामलों तथा न्याय से जुड़े मामलों में सहयोग और एक समान मुद्रा का चलन।
प्रश्न 4.
यूरोपीय संघ में नये सदस्यों विशेष रूप से पूर्व सोवियत संघ के सदस्यों को शामिल करने के मामले का क्या विवाद था?
उत्तर:
- अनेक यूरोपीय देश इनको शामिल करने के. प्रश्न पर सहमत नहीं थें।
- अनेक देशों के लोग इस बात को लेकर उत्साहित नहीं थे। उनका कहना था कि जो ताकत उनकी देश की सरकार को प्राप्त थी, वह अब यूरोपीय संघ को दे दी जाए।
प्रश्न 5.
यूरोपीय संघ विश्व की एक आर्थिक शक्ति है? दो प्रमाण दीजिए।
उत्तर:
- 2005 में यह विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और इसका सकल घरेलू उत्पादन 12 हजार अरब डॉलर से ज्यादा था, जो अमरीका से भी थोड़ा अधिक था।
- इसकी मुद्रा यूरो अमरीकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा बन सकती है। विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमरीका से तीन गुनी अधिक हैं।
प्रश्न 6.
यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय का गठन कब हुआ और इसके कौन-कौन सदस्य थे?
उत्तर:
- यूरोपीय कोयला और इस्पात समुदाय की स्थापना अप्रैल 1951 को हुई।
- पश्चिमी यूरोप के छः देश-फ्रांस, पश्चिमी जर्मनी, इटली, बेल्जियम, हॉलैंड और लक्जमबर्ग थे।
प्रश्न 7.
पूर्व सोवियत संघ के कौन-कौन से देश यूरोपीय संघ में शामिल थे?
उत्तर:
मई 2004 में साइप्रस, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लताविया, लिथुआनिया, माल्टा, पौलेंड, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया यूरोपीय संघ में शामिल हुए।
प्रश्न 8.
यूरोपीय संघ ने अनेक महत्त्वपूर्ण घटनाओं को प्रभावित किया है। उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित अमरीकी नीतियों को हाल के दिनों में प्रभावित करना इसका एक उदाहरण है।
- चीन के साथ मानवाधिकारों के उल्लंघन और पर्यावरण विनाश के मामलों पर धमकी या सैनिक शक्ति का उपयोग करने की जगह कूटनीतिक, आर्थिक निवेश और बातचीत को इसकी नीति अधिक प्रभावी सिद्ध हुई है।
प्रश्न 9.
यूरोपीय संघ में मतभेद के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
- यूरोपीय संघ में सदस्य देशों में मतभेद भी थे। उदाहरण के लिए इराक पर अमरीकी हमले में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर तो उसके साथ थे लेकिन जर्मनी और फ्रांस इस हमले के खिलाफ थे।
- यूरोप के कुछ हिस्सों में यूरो को लागू करने के कार्यक्रम को लेकर असहमति थी।
प्रश्न 10.
आसियान की नींव कब और किसने रखी?
उत्तर:
- 1967 में इस क्षेत्र के पांच देशों ने बैंकाक घोषणा पर हस्ताक्षर करके आसियान की स्थापना की।
- ये देश इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर और थाइलैंड थे।
प्रश्न 11.
आसियान के झंडे का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- आसियान के झंडे में ‘आसियान’ के प्रतीक चिह्न में धान की दस बालियां दक्षिण-पूर्व के दस देशों का प्रतीक है जो आपस में मैत्री और एकता के सूत्रों में बंधे हैं।
- झंडे पर बना वृत्त आसियान की एकता का प्रतीक है।
प्रश्न 12.
आसियान शैली की विशेषतायें बताइए।
उत्तर:
- आसियान में अनौपचारिक, टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल मिलाप है। यह सर्वथा नया उदाहरण है और इससे आसियान ने काफी प्रसिद्धि प्राप्त की। इसी को ‘आसियान शैली कहा जाने लगा है।
- आसियान के क्रियाकलाप में राष्ट्रीय सार्वभौमिकता का सम्मान करना अति महत्त्वपूर्ण रहा है।
प्रश्न 13.
आसियान समुदाय कब बनाया गया? आसियान के तीन समुदाय कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
- 2003 में आसियान ने तीन आसियान समुदाय बनाये जो आसियान के तीन स्तंभ कहे जाते हैं।
- तीन समुदाय हैं –
(क) आसियान सुरक्षा समुदाय
(ख) आसियान आर्थिक समुदाय
(ग) आसियान सामाजिक-सांस्कृतिक समुदाय
प्रश्न 14.
आसियान आर्थिक समुदाय के क्या अर्थ हैं?
उत्तर:
- आसियान देशों को साझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना तथा इस क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में मदद करना प्रमुख कार्य है।
- यह संगठन इस क्षेत्र के देशों में आर्थिक विवादों को निपटाने के लिए बने वर्तमान को भी सुधारना चाहता है।
प्रश्न 15.
2040 तक चीन की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाने की आशा है। कैसे?
उत्तर:
- चीन के पड़ोसी देशों के साथ आर्थिक स्तर पर जुड़ाव हो गया है। वह पूर्व एशिया के विकास का इंजन जैसा बना हुआ है और इस कारण क्षेत्रीय मामलों में उसका प्रभाव बढ़ गया है।
- चीन की विशाल आबादी, बड़ा भूभाग संसाधन, क्षेत्रीय अवस्थिति और राजनैतिक प्रभाव इस आर्थिक वृद्धि में सोने पे सुहागा का कार्य कर रहे हैं।
प्रश्न 16.
1970 से पूर्व चीनी अर्थव्यवस्था की क्या कमियां थी?
उत्तर:
- चीन की आबादी 2-3% वार्षिक दर से बढ़ी है। बढ़ती आबादी के कारण चीन के आर्थिक विकास का लाभ सबको नहीं मिल पाया है।
- खेती का उत्पादन पर्याप्त नहीं था, जिसके अधिशेष (Surplus) से उद्योगों की आवश्यकतायें पूरी की जा सकें।
- विदेशी पूंजी की कमी थी और प्रति व्यक्ति आय भी बहुत कम थी।
प्रश्न 17.
चीन विश्व व्यापार संगठन (WTO) में कब शामिल हुआ। इससे उसको क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
- चीन 2001 में विश्व व्यापार संगठन में शामिल हुआ।
- इसके कारण चीन को दूसरे देशों में अपनी अर्थव्यवस्था खोलने का अवसर मिल गया और विश्व अर्थव्यवस्था अधिक साझीदारी का मौका मिल गया।
प्रश्न 18.
1988 के पश्चात् भारत-चीन संबंधों में क्या सुधार हुए हैं?
उत्तर:
- 1988 ई. में राजीव गांधी ने चीन का दौरा किया । फलस्वरूप इसके बाद भारत चीन संबंधों में सुधार आया है। दोनों देशों ने टकराव टालने और सीमा पर शांति और यथास्थिति बनाये रखने के उपायों की शुरूआत की है।
- दोनों देशों ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान, विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में परस्पर सहयोग और व्यापार के लिए सीमा पर चार पोस्ट खोलने के समझौते भी किए है।
प्रश्न 19.
चीन में ऐसे कौन से कार्य किये हैं जिनसे भारत को आपत्ति है?
उत्तर:
- चीन पाकिस्तान को परमाणु हथियार कार्यक्रम में मदद कर रहा है।
- उसने बांग्लादेश और म्यांमार से चीन के सैनिक संबंधों को बढ़ावा दिया है जो दक्षिण एशिया में भारतीय हितों के खिलाफ है।
प्रश्न 20.
उच्च प्रौद्योगिकी के उत्पाद बनाने वाले जापानी ब्रांडों के नाम बताइए।
उत्तर:
सोनी, पैनासोनिक, कैनन, सुजुकी, होंडा, ट्योटा, माज्दा आदि।
प्रश्न 21.
जापानी अर्थव्यवस्था की क्या विशेषता है?
उत्तर:
- जापान की अर्थव्यवस्था विश्व की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है और आश्चर्य से भरी है। उसके पास प्राकृतिक संसाधन कम है और वह अधिकांश कच्चे माल का आयात करता है। इसके बावजूद दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान ने बड़ी तेजी से प्रगति की।
- एशिया महाद्वीप के देशों में अकेला जापान ही समूह 8 के देशों में शामिल है।
लघु उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सामने कौन-कौन सी समस्यायें थीं?
उत्तर:
द्वितीय युद्ध के पश्चात् यूरोप की समस्यायें-यद्यपि द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों (जिसमें अधिकांश यूरोपीय देश शामिल थे) की विजय हुई परंतु यूरोपीय देशों के बहुत अधिक हानि हुई। उनके सामने निम्नलिखित समस्यायें उत्पन्न हुई –
- विभिन्न यूरोपीय देशों के सामने यह समस्या थी कि वह अपनी पुरानी शत्रुता को शुरु करें या छोड़े।
- उनको यह भी निर्णय करना था कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सकारात्मक योगदान करने वाले सिद्धांतों और संस्थाओं के आधार पर उन्हें अपने संबंधों को नये प्रकार से बनाना चाहिए या नहीं।
- युद्ध ने उन अनेक मान्यताओं और व्यवस्थाओं को नष्ट कर दिया था जिसके आधार पर यूरोपीय देशों को अपासी संबंध बने थे।
- यूरोप के अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था नष्ट हो गयी उन्हें पुनर्निर्माण भी करना था।
प्रश्न 2.
यूरोपीय संघ के निर्माण के विभिन्न चरणों का परीक्षण कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय संघ के निर्माण के चरण –
- मार्शल योजना के अंतर्गत 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन स्थापना हुई। जिसके माध्यम से यूरोपयी देशों को आर्थिक सहायता प्राप्त हुई।
- 1949 में राजनीतिक सहयोग के लिए यूरोपीय परिषद् की स्थापना हुई।
- पूंजीवादी देशों के बीच आर्थिक एकीकरण बढ़ता गया और इसके परिणामस्वरूप 1957 में यूरोपीय आर्थिक समुदाय का गठन हुआ।
- सोवियत संघ के विघटन के पश्चात् इसका तेजी से राजनीतिकरण हुआ। जिसके फलस्वरूप 1992 में यूरोपीय संघ की स्थापना हुई।
प्रश्न 3.
यूरोपीय संघ के राजनीतिकरण का विवरण दीजिए।
उत्तर:
- एक समय तक यूरोपीय संघ आर्थिक व्यवस्था करने वाली संस्था थी परंतु तेजी से राजनैतिक स्वरूप लेता गया।
- अब यूरोपीय संघ एक विशाल राष्ट्र के समान कार्य करने लगा है। इसके बावजूद भी इसका अपना कोई संविधान नहीं है। संविधान बनाने में सफलता नहीं मिली।
- इसका अपना झंडा, राष्ट्रगान, स्थापना दिवस और अपनी मुद्रा है।
- विदेशी नीति के संबंधों में इसने पर्याप्त सीमा तक साझी विदेश और सुरक्षा नीति भी बना ली है।
- यूरोपीय संघ ने सहयोग के क्षेत्र में विस्तार के लिए अपने संघ में नये सदस्य देशों को शामिल किया, हालांकि संघ के कई देशों ने इसका विरोध किया। उनका कहना था कि जो ताकत उनके देश की सरकार को प्राप्त थी वह अब यूरोपीय संघ को दे दी जायेगी।
प्रश्न 4.
यूरोपीय संघ की आर्थिक, राजनैतिक कूटनीतिक तथा सैनिक प्रभाव की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय संघ का प्रभाव –
- इसकी मुद्रा यूरो अमरीकी डॉलर के प्रभुत्व के लिए खतरा है।
- 2005 में यह विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और इसका सकत घरेलु उत्पाद 12 हजार डालर से अधिक था जो अमरीका से थोड़ा अधिक था।
- विश्व व्यापार में इसकी हिस्सेदारी अमरीका से तीन गुनी ज्यादा है और इसके चलते यह अमरीका और चीन से व्यापारिक विवादों में पूरे रोब के साथ बात करता है।
- इसकी आर्थिक शक्ति का प्रभाव इसके पड़ोसी देशों पर ही नहीं, बल्कि एशिया और अफ्रीका के सुदूर देशों पर भी है।
- यह विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठनों के अंदर एक महत्त्वपूर्ण समूह के रूप में कार्य करता है।
प्रश्न 5.
यूरोपीय संघ की सैनिक ताकत का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
यूरोपीय संघ की सैनिक ताकत का मूल्यांकन –
- सैनिक ताकत के हिसाब से यूरोप संघ विश्व की सबसे बड़ी सेना है।
- इसका कुल रक्षा बजट अमरीका के बाद सबसे अधिक है।
- यूरोपीय संघ के दो देशों – ब्रिटेन और फ्रांस के पास परमाणु हथियार है और अनुमान है कि इनके जखीरे में लगभग 550 परमाणु हथियार हैं।
- अंतरिक्ष विज्ञान और संचार प्रौद्योगिकी के मामले में भी यूरोपीय संघ का विश्व में दूसरा स्थान है।
प्रश्न 6.
यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों में किन बातों को लेकर मतभेद है?
उत्तर:
यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों में मतभेद –
- अधिराष्ट्रीय संगठन के तौर पर यूरोपीय संघ आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक मामलों में दखल देने में सक्षम हैं। परंतु अनेक मामलों में इसके सदस्य देशों की अपनी विदेश और रक्षा नीति है जो कई बार एक दूसरे के खिलाफ होती है।
- इराक पर अमरीकी हमले में ब्रिटेन में प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर तो उसके साथ थे लेकिन जर्मनी और फ्रांस इसके खिलाफ थे।
- यूरोपीय संघ के कई नए सदस्य देश भी अमरीकी गठबंधन में थे।
- यूरोप के कुछ भागों में यूरो को लागू करने के कार्यक्रम को लेकर काफी नाराजगी है। यही कारण है कि ब्रिटेन की पूर्व प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर में ब्रिटेन को यूरोपीय बाजार से अलग रखा।
- डेन्मार्क और स्वीडन ने मास्ट्रिस्ट संधि और साझी यूरोपयी मुद्रा यूरो का प्रतिरोध किया इससे विदेशी और रक्षा मामलों में काम करने की यूरोपीय संघ की क्षमता सीमित होती है।
प्रश्न 7.
दक्षिण पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) के निर्माण के क्या कारण थे? अथवा, आसियान निर्माण के पूर्व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की दशा का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व और उसके दौरान एशिया का यह भाग कई बार यूरोपीय और जापानी उपनिवेशवाद का शिकार हुआ और उसे पर्याप्त क्षति सहनी पड़ी।
- द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसे राष्ट्र निर्माण, आर्थिक पिछड़ापन और गरीबी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
- शीत युद्ध के दौरान किसी एक महाशक्ति के साथ जाने के दबावों को भी झेलना पड़ा।
- बांडुग सम्मेलन और गुट-निरपेक्ष आंदोलन आदि के माध्यम से एशिया और तीसरी दुनिया के देशों में एकता कायम करने के प्रयास अनौपचारिक स्तर पर सहयोग और मेलजोल कराने के मामले में कारगर नहीं हो रहे थे।
- ऐसी स्थिति में दक्षिण-पूर्व एशिया देशों ने आसियान का गठन किया।
प्रश्न 8.
आसियान की स्थापना कैसे हुई। इसके क्या उद्देश्य थे?
उत्तर:
आसियान की स्थापना और इसके उद्देश्य –
- 1967 ई. में दक्षिण पूर्व एशिया के पांच देशों-इडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस सिंगापुर, और थाइलैंड ने बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर करके आसियान की स्थापना की।
- इसका मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास को तेज करना और उसके माध्यम से सामाजिक और सांस्कृति विकास करना था।
- कानून के शासन और संयुक्त राष्ट्र के नियमों पर आधारित क्षेत्रीय शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देना भी इसका अन्य उद्देश्य था।
- यूरोपीय संघ के समान खुद को अधिराष्ट्रीय संगठन बनाने या उसके समान अन्य व्यवस्थाओं को हाथ में लेने का उसका लक्ष्य नहीं था।
- यह राष्ट्रों के बीच अनौपचारिक, टकरावरहित और सहयोगात्मक मेल मिलाप रखना सबसे बड़ा उद्देश्य था।
- राष्ट्रीय सार्वभौमिकता का सम्मान करना भी इसका महत्त्वपूर्ण उद्देश्य था।
प्रश्न 9.
आसियान सुरक्षा समुदाय का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
आसियान सुरक्षा समुदाय –
- आसियान सुरक्षा समुदाय का मुख्य उद्देश्य विवाद को सैनिक टकराहट से बचाना और बातचीन के द्वारा सहमति लाना है।
- 2003 तक आसियान के सदस्य देशों ने कई समझौते किए जिनके द्वारा प्रत्येक देश ने शांति, निष्पक्षता, सहयोग, अहस्तक्षेप को बढ़ावा देने पर बल दिया।
- उन्होंने राष्ट्रों के आपसी अंतर तथा सम्प्रभुता के अधिकारों को सम्मान करने पर अपनी वचनबद्धता प्रकट की।
- आसियान के देशों की सुरक्षा और विदेशी नीतियों में तालमेल बनाने के लिए 1994 में आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना की गई।
प्रश्न 10.
भारत और आसियान के संबंधों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय आसियान संबंध –
- आसियान की वर्तमान आर्थिक शक्ति से चीन और भारत दोनों आकर्षित हुए है।
- भारत और चीन दोनों का एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश बढ़ रहा है। ऐसे में आसियान के साथ संबंध स्थापित करना प्रासंगिक है।
- आरंभिक वर्षों में भारतीय विदेशी नीति ने आसियान पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया परंतु हाल के वर्षों में भारत ने अपनी नीति सुधारने का प्रयास किया है।
- भारत ने दो आसियान देशों-सिंगापुर और थाइलैंड के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया है।
- भारत ने आसियान के साथ ही मुक्त व्यापार संधि करने की कोशिश की हैं।
प्रश्न 11.
चीन ने 1949 में हुई साम्यवादी के बाद औद्योगिक अर्थव्यवस्था का आधार किस प्रकार तैयार किया?
उत्तर:
- चीन की अर्थव्यवस्था सोवियत मॉडल पर आधारित थी और पूंजीवादी दुनिया से उसका संबंध समाप्त हो गया था एसे में उसने अपने संसाधनों से ही औद्योगिक आधार तैयार किया।
- इसने विकास का जो मॉडल अपनाया उसमें खेती से पूंजी लेकर सरकारी बड़े उद्योग खड़े करने पर जोर था।
- चीन के पास विदेशी बाजारों की तकनीक और समानों को खरीद के लिए विदेशी मुद्रा की कमी थी। इसलिए चीन में आयतित सामानों को धीरे-धीरे से घरेलू स्तर पर ही तैयार करवाना शुरू किया।
- इस मॉडल ने चीन को अभूतपूर्व स्तर पर औद्योगिक अर्थव्यवस्था खड़ी करने का आधार बनाने के लिए सम्पूर्ण संसाधनों का इस्तेमाल करने दिया।
प्रश्न 12.
1970 में चीन ने क्या-क्या आर्थिक सुधार किये?
उत्तर:
1970 में चीन के आर्थिक सुधार –
- इस समय चीन की आर्थिक स्थिति खराब थी। इस स्थिति ने निपटने के लिए चीन ने अपनी नीतियों में विशेष परिवर्तन किये।
- उसने 1972 में अमरीका से संबंध स्थापित किया और उसने एकांतवास को तोड़ा।
- 1973 में चीनी प्रधानमंत्री चाऊ-एन-लाई ने कृषि उद्योग, सेना और विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आधुनिकीकरण के चार प्रस्ताव रखे।
- 1978 में तत्कालीन चीनी नेता देंग श्याओपेंग ने चीन में अधिक सुधारों और ‘खुले द्वारा की नीति’ की घोषणा की।
- अब चीन का उद्देश्य यह हो गया कि विदेशी पूंजी और प्रौद्योगिकी के निवेश से उच्चतर उत्पादकता को प्राप्त किया जाए।
- चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को चरणबद्ध तरीके से आरंभ किया। सर्वप्रथम 1982 में खेती का निजीकरण किया गया और उसके बाद 1998 में उद्योगों को भी इन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। अनेक व्यापारिक अवरोधों को हटाया गया।
प्रश्न 13.
चीन की नई आर्थिक नीतियों का क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर:
चीन की नई आर्थिक नीतियों का प्रभाव-चीन ने 1970 के बाद नई आर्थिक नीतियों को अपनाया जिसका अच्छा प्रभाव पड़ा जो निम्नलिखित है –
- उसकी अर्थव्यवस्था जड़ता से ऊपर उठी। कृषि के निजीकरण के कारण कृषि उत्पादों तथा ग्रामीण आय में आशा के अनुरूप सफलता मिली।
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी बचत बढ़ गई और इससे ग्रामीण उद्योगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई। उद्योग और कृषि दोनों ही क्षेत्रों में चीन की अर्थव्यवस्था की वृद्धि-दर तेज रही।
- व्यापार के नये कानून तथा विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) के निर्माण से विदेशी व्यापार में अदभूत वृद्धि हुई।
- चीन संपूर्ण विश्व में विदेशी निवेश के लिए सर्वाधिक आकर्षक देश बनकर उभरा।
- चीन के पास विदेशी मुद्रा का भरपूर भंडार है और इसके बूते चीन दूसरे देशों में निवेश कर रहा है।
- 2001 में चीन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में प्रवेश किया और दूसरे देशों को अपने देश में निवेश का द्वारा खोल दिया।
प्रश्न 14.
चीनी अर्थव्यवस्था की कुछ कमियों की ओर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
चीनी अर्थव्यवस्था की कमियां-यद्यपि चीनी अर्थव्यवस्था में अद्भुत सुधार हुआ है परंतु अब भी इसकी अनेक कमियां हैं जो निम्नलिखित है –
- सुधारों का लाभ सभी लोगों को नहीं प्राप्त हो सका है। चीनी में बेरोजगारी बढ़ी है और लगभग 10 करोड़ लोग बेरोजगार है।
- यहां महिलाओं को काम नहीं मिलता है और भारी संख्या में बेरोजगार है।
- पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है।
- आर्थिक विषमता को बढ़ावा मिला है। गांव और शहर तथा तटीय और मुख्य भूमि पर रहने वाले लोगों के बीच आर्थिक फासला बढ़ता जा रहा है।
प्रश्न 15.
क्या क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर चीन आर्थिक शक्ति बनकर उभरा है, विवेचन कीजिए।
उत्तर:
आर्थिक शक्ति के रूप में चीन का उभार –
- वस्तुतः आर्थिक दृष्टि से सभी देश चीन को लोहा मानने लगे हैं। इसका कारण चीन की अर्थव्यवस्था का बाहरी दुनिया से जुड़ाव और पारस्परिक निर्भरता है।
- चीन का अपने व्यावसायिक साझीदारों पर जबर्दस्त प्रभाव है। इसीलिए जापान, अमरीका आसियान और रूस आदि सभी चीन से व्यापार करना चाहते है और अपनी विवादों को भुला चुके हैं।
- ऐसी आशा की जा रही है कि चीन और ताइवान से मतभेद समाप्त हो जायेंगे और ताइवान इसकी अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ जायेगा। इससे
- चीन की आर्थिक स्थिति और मजबूत हो जायेगी।
- 1997 को वित्तीय संकट के बाद आसियान देशों को अर्थव्यवस्था को संभालने में चीन का उभार काम आया है।
- चीन ने लेटिन अमरीका और अफ्रीका में निवेश और मदद की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रश्न 16.
ब्रिटिश शासन से पूर्व भारत और चीन के संबंधों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
- ब्रिटिश शासन से पूर्व भारत और चीन में घनिष्ट संबंध नहीं था और एक दूसरे को सामानान्तर विकास करते रहे और महाशक्ति के रूप को कार्य करते रहे तथा दोनों का प्रभाव क्षेत्र लगभग बराबर था।
- चीन का कई पड़ोसी देशों पर अधिकार था। वे उसका प्रभुत्व स्वीकार करते थे और उसे भेंट देते थे तथा शांति से रहते थे।
- चीनी राजवंशों ने लंबे समय तक शासन किया और मंगोलिया, कोरिया, हिंदचीन और तिब्बत उसके अधीन थे। भारत में अनके राजवंशों ने शासन किया और उनके अपने साम्राज्य विस्तृत थे। कई अन्य देश भी भारतीय साम्राज्य में शामिल थे।
- भारत और चीन दोनों का अपने साम्राज्य में राजनैतिक प्रभाव के साथ-साथ आर्थिक धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव भी था।
- दोनों शक्तिशाली देश थे परंतु प्रभाव-क्षेत्र को लेकर कभी आपस में नही टकराये। फलस्वरूप दोनों को एक दूसरे के विषय में अधिक जानकारी नहीं थी।
प्रश्न 17.
जापान की प्रमुख राजनैतिक और आर्थिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जापान की प्रमुख राजनैतिक और आर्थिक विशेषतायें:-
- द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् जापान ने बड़ी तेजी से उन्नति की है। उसकी अर्थव्यवस्था विश्व की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। एशिया महाद्वीप के देशों में अकेला जापान ही समूह 8(G-8) के देशों में शामिल है।
- परमाणु बम की भयंकरता झेलने वाला जापान एकमात्र देश है।
- जापान संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में 20% का योगदान देता है। इसी दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है।
- उसकी सेना अत्याधिक शक्तिशाली है। उसका सैन्य व्यय 10% है।
- 1951 से जापान का अमरीका के साथ सुरक्षा गठबंधन है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
भारत और चीन के संबंधों का विवेचन कीजिए।
उत्तर:
भारत और चीन का संबंध-भारत-चीन संबंध प्राचीन काल में ही स्थापित हो गये थे। ईसा पूर्व से ही भारत और चीन में व्यापारी आने-जाने लगे थे और बौद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार के साथ ही संबंध और अधिक घनिष्ठ हो गये। लेकिन बाद में मुगलकाल और ब्रिटिश काल में इन संबंधों में शिथिलता आ गई। सन 1949 में चीन में साम्यवादी शासन की स्थापना हुई और भारत उसे मान्यता देने वाले प्रथम देशों में एक था। उसके पश्चात् काफी समय तक चीन व भारत के संबंध मित्रतापूर्ण रहे।
सन् 1962 में चीन ने सीमा विवाद को लेकर भारत पर अचानक ही आक्रमण कर दिया और नेफा (NEFA) तथा लद्दाख के एक बहुत बड़े क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। यह क्षेत्र आज तक चीन के अधिकार में है। चीन के इस कार्य की समस्त संसार ने निंदा की और भारत को कई देशों से सहायता प्राप्त हुई। इसके परिणामस्वरूप 21 नबम्बर 1962 को चीन ने स्वयं ही अपनी ओर से युद्ध-बंदी की घोषणा कर दी। 10 दिसंबर, 1962 को कोलम्बों में दोनों देशों के बीच शांति स्थापना के कुछ सुझाव पेश किए परंतु चीन ने उन्हें अस्वीकार कर दिया। इस प्रकार दोनों के संबंध बहुत ही तनावपूर्ण रहे।
सन् 1976 तक भारत तथा चीन के आपसी संबंध तनावपूर्ण रहे। उस वर्ष चाऊ-एन-लाई तथा माऊ (Mao) दोनों की मृत्यु हो गई जिसक पश्चात् दोनों देशों के संबंधों में कुछ सुधार हुआ। 15 अप्रैल, 1976 को श्री के. आर. नारायण को बीजिंग में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया और चीन ने भी नई दिल्ली ने अपना राजदूत भेजा।
सन् 1980 में इंदिरा गांधी दोबारा प्रधानमंत्री बनी और उन्होंने चीन के साथ भारत संबंधों को सुधारने का प्रयत्न जारी रखा। 15 अगस्त, 1984 को भारत तथा चीन के बीच एक व्यापार संबंधी समझौता हुआ। सन् 1986 में दोनों देशों के बीच सीमा-विवाद को हल करने के लिए फिर बातचीत हुई परंतु इसका कोई विशेष परिणाम नहीं निकला सन् 1988 में भारत में प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी पांच दिन की यात्रा पर चीन पहुंचे। पिछले लगभग 34 वर्षों में किसी भी प्रधानमंत्री की यह पहली चीन यात्रा थी। सन् 1989 में दोनों देशों के संयुक्त कार्यदल की बैठक हुई। उसी वर्ष चीन के उपप्रधानमंत्री भारत आए और उन्होनें भारतीय नेताओं के साथ बातचीत की।
सन् 1991 के अंतिम दिनों में चीन के प्रधानमंत्री ली पेंग (Li-Peng) भारत की 6 दिन की यात्रा पर आए और दोनों देशों के बीच समझौते किए गए।
- सीमा विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने का निर्णय लिया गया।
- व्यापार संबंधी समझौता किया गया।
- मुंबई तथा संघाई में राजदूत कार्यालय खोलने का समझौता किया गया।
1999 में भारत और चीन के बढ़ते व्यापार की दर (30% प्रतिवर्ष) से दोनों प्रभावित हुए है और दोनों में मधुरता आई है। भारत और चीन के बची 1992 का 33 करोड़ 80 लख डॉलर का व्यापार 2006 में बढ़कर 18 हजार अरब डॉलर हो चुका है। दोनों की विश्व व्यापार संगठन के प्रति समान नीतियां है। 1998 में भारत के परमाणु परीक्षण के प्रति चीन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की। चीन ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और बर्मा से सैनिक संबंध से भारत को थोड़ी किरकिरी जरूर है। दोनों देशों के बीच नेताओं और अधिकारियों का आवागमन जारी हे और सीमा-विवाद के विषय में बातचीत चल रही है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1.
तिथि के हिसाब से इन सबको क्रम दें –
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
(ख) यूरपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थापना
उत्तर:
(क) विश्व व्यापार संगठन में चीन का प्रवेश
(ख) यूरपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना
(ग) यूरोपीय संघ की स्थापना।
(घ) आसियान क्षेत्रीय मंच की स्थाना
प्रश्न 2.
तिथि के हिसाब से निम्न सभी को ठीक क्रम दें –
(क) चीन ने भारत पर आक्रमण किया।
(ख) शीतयुद्ध का अंत हुआ।
(ग) दो ध्रुवीय व्यवस्था टूट गई।
(घ) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई।
उत्तर:
(क) चीन ने भारत पर आक्रमण किया
(ख) शीतयुद्ध का अंत हुआ
(ग) दो ध्रुवीय व्यवस्था टूट गई
(घ) यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना हुई
प्रश्न 3.
‘आसियान वे’ या आसियान शैली क्या है?
(क) आसियान के सदस्य देशों की जीवन शैली है
(ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज का स्वरूप है
(ग) आसियान सदस्यों की रक्षा नीति है
(घ) सभी आसियान सदस्य देशों को जोड़ने वाली सड़क है
उत्तर:
(ख) आसियान सदस्यों के अनौपचारिक और सहयोगपूर्ण कामकाज का स्वरूप है
प्रश्न 4.
सार्क अथवा दक्षेस क्या है?
(क) यह राष्ट्रसंघ लीग ऑफ नेशन्स का एक अंग (Organ) था जो समाप्त हो गया है
(ख) यह संयुक्त राष्ट्रसंघ (UNO) की एक एजेंसी है
(ग) यह एक दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन अथवा संघ है
(घ) यह भारत और चीन का सैन्य गुट है
उत्तर:
(ग) यह एक दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संगठन अथवा संघ है
प्रश्न 5.
मार्शल योजना के नाम से जाना जाता है –
(क) संयुक्त राज्य अमेरिका ने द्वितीय महायुद्ध के बाद यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन है के लिए जो जबरदस्त मदद की थी
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूरोपीय देशों पर जो अपना सैन्य वर्चस्व स्थापित किया था।
(ग) संयुक्त राज्य अमेरिका ने जो यूरोपीय देशों पर अपना सांस्कृतिक वर्चस्व स्थापित किया था।
(घ) उपर्युक्त में कोई नहीं।
उत्तर:
(क) संयुक्त राज्य अमेरिका ने द्वितीय महायुद्ध के बाद यूरोप की अर्थव्यवस्था के पुनर्गठन है के लिए जो जबरदस्त मदद की थी
प्रश्न 6.
इसमें किसने ‘खुले द्वार’ की नीति अपनाई?
(क) चीन
(ख) यूरोपीय संघ
(ग) जापान
(घ) अमेरिका
उत्तर:
(क) चीन
प्रश्न 7.
यूरोपीय संघ के झंडे में सितारों की संख्या है –
(क) 20
(ख) 12
(ग) 30
(घ) 5
उत्तर:
(ख) 12
प्रश्न 8.
रिक्त स्थानों को भरें –
(क) 1992 में भारत और चीन के बीच ……….. और ……… को लेकर सीमावर्ती लड़ाई हुई थी।
(ख) आसियान क्षेत्रीय मंच के कामों में …………. और कामा म …………….. और …………….. करना शामिल है।
(ग) चीन 1972 में …………. के साथ दोतरफा सम्बन्ध शुरू करके अपना एकांतवास समाप्त किया।
(घ) ………… योजना के प्रभाव से 1948 में यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन की स्थापना
(ङ) ………….. आसियान का एक स्तम्भ है जो इसके सदस्य देशों की सुरक्षा के मामले देखता है।
उत्तर:
(क) अरुणाचल, लद्दाख
(ख) आर्थिक विकास तेज करना, सामाजिक और सांस्कृतिक प्राप्त
(ग) अमेरिका
(घ) मार्शल
(ङ) सुरक्षा समुदाय
प्रश्न 9.
यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना हुई –
(क) 1957 में
(ख) 1992 में
(ग) 2005 में
(घ) 2006 में
उत्तर:
(क) 1957 में
प्रश्न 10.
दक्षेस की स्थापन कब हुई?
(क) 1985 में
(ख) 1980 में
(ग) 1990 में
(घ) 2008 में
उत्तर:
(क) 1985 में
प्रश्न 11.
पूर्वी जर्मनी में लोगों ने बर्लिन दीवार गिराई थी –
(क) 1946 ई. में
(ख) 1947 ई. में
(ग) 1989 ई. में
(घ) 1991 ई. में
उत्तर:
(ग) 1989 ई. में
प्रश्न 12.
लेनिन का जीवन काल माना जाता है –
(क) 1870-1924
(ख) 1870-1954
(ग) 1870-1934
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(क) 1870-1924
प्रश्न 13.
दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश कौन सा है?
(क) भारत
(ख) पाकिस्तान
(ग) श्रीलंका
(घ) बाग्लादेश
उत्तर:
(क) भारत
प्रश्न 14.
पहला परमाणु परीक्षण भारत में कब किया गया था?
(क) 1971
(ख) 1974
(ग) 1980
(घ) 1985
उत्तर:
(ख) 1974
प्रश्न 15.
सार्क का गठन कब हुआ?
(क) 1980
(ख) 1985
(ग) 1990
(घ) 1995
उत्तर:
(ख) 1985
प्रश्न 16.
सार्क के सदस्य देशों में निम्नलिखित में कौन नहीं है?
(क) मालदीव
(ख) श्रीलंका
(ग) नेपाल
(घ) म्यांमार
उत्तर:
(घ) म्यांमार
प्रश्न 17.
चीन द्वारा विदेश व्यापार हेतु खुले द्वार की नीति कब अपनाई गई?
(क) 1975
(ख) 1978
(ग) 1985
(घ) 1990
उत्तर:
(ख) 1978
प्रश्न 18.
विश्व मानवाधिकार दिवस कब मनाया जाता है?
(क) 26 जनवरी
(ख) 15 अगस्त
(ग) 1 मई
(घ) 10 दिसम्बर
उत्तर:
(घ) 15 अगस्त
प्रश्न 19.
साम्यवादी चीन का उदय कब हुआ?
(क) 1949
(ख) 1939
(ग) 1957
(घ) 1849
उत्तर:
(क) 1949
प्रश्न 20.
दक्षिण एशिया में सबसे बड़ा देश कौन-सा है?
(क) भारत
(ख) पाकिस्तान
(ग) श्रीलंका
(घ) बाग्लादेश
उत्तर:
(घ) पाकिस्तान
II. मिलान वाले प्रश्न एवं उनके उत्तर
निम्नलिखित सतंभ (अ) का मिलान स्तंभ (ब) से कीजिए।
उत्तर:
(1) – (v)
(2) – (i)
(3) – (vi)
(4) – (vii)
(5) – (ii)
(6) – (iii)
(7) – (iv)