Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions
Bihar Board Class 12th Hindi Book Solutions प्रतिपूर्ति Chapter 3 पेशगी
पेशगी कहानी का सारांश हेनरी लोपेज (1937)
प्रश्न-
पेशगी शीर्षक कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-
हेनरी लोपेज द्वारा लिखित कहानी “पेशगी” में तथाकथित सभ्य समाज द्वारा शोषण एवं उत्पीड़न का अत्यन्त स्वभाविक एवं संवेदनशील चित्रण है। संपन्नता तथा विपन्नता के बीच की विस्तृत खाई की सफल प्रस्तुति है प्रस्तुत कहानी “पेशगी”। कितना अन्तर है मालकिन तथा उसकी धाया (नौकरानी) के पारिवारिक जीवन में। वस्तुतः यह समाज में व्याप्त असमानता की ओर संकेत करता है।
कहानी ‘पेशगी’ अफ्रीकी देश कांगों के सामाजिक जीवन की विसंगति पर प्रकाश डालती है। संभ्रान्त और फ्रांसीसी परिवार से इनका संबंध है। उस परिवार में कारमेन नामक एक अफ्रीकी मूल की नौकरानी काम करती है। उस बंगले का चौकीदार फार्डिनांड नामक वयोवृद्ध है। मालकिन इस पूरी महानी में “मैडम” कहकर संबोधित किया है। अतः मैडम उसके नाम का पर्याय हो गया है। मालकिन की एक नन्हीं सी पुत्री “फ्रैंक्वा” है जो अपनी माँ के दुलार में कुछ जिद्दी एवं चिड़चिड़ी हो गई है। कारमेन (नौकरानी) उसको बहुत प्यार करती है तथा उसे हमेशा खुश देखना चाहती है। दिनभर उसकी छोटी लड़की फ्रैंक्वा की देखभाल में कारमेन का समय बीतता है।
इसके अतिरिक्त उस बंगले के अन्य कार्य भी उसे करने पड़ते हैं। अक्वा अक्सर मचल जाती है किसी बात पर अड़ जाती है। उस समय नौकरानी कभी-कभी डाँटकर तथा कभी स्नेह तथा ममतापूर्ण शब्दों से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए समझाती है, क्योंकि बच्ची के प्रति उसका वात्सल्य उमड़ पड़ता है। अपने बेटा हेक्टर के समान ही वह फ्रैंक्वा को मानती है। कारमेन को अपने गाँव माकेलेकेले बंगले पर पहुँचाने में एक घंटा से अधिक समय लग जाता था। लेकिन जब तक फ्रैंक्वा सो नहीं जाती थी तब तक वह उसे लोरी सुनाकर घुमाती रहती थी।
चाहे रात अधिक भी बीत जाए अपने घर लौटने के लिए। मालकिन कभी-कभी नाराज होकर कुछ कटु शब्द बोल दिया करती थी। चौकीदार फार्डिनॉड का कहना है कि मैडम (मालकिन) के पति जब उन्हें पीटते हैं तो वह नौकर नौकरानियों पर अपना गुस्सा उतारती है। कारमेन कभी गैरहाजिर नहीं होती, उसे भय रहता है कि यदि वह अनुपस्थित हुई तो नौकरी से निकाल दी जाएगी। इस आशय की चेतावनी मैडम उसे दे चकी है।
इस प्रकार लेखक ने सामाजिक विषमता का बड़ा मार्मिक वर्णन इस कहानी में किया है। एक ओर संभ्रांत फ्रेंच परिवार है तो दूसरी ओर अफ्रीकी कबिलाई परिवार जो दरिद्रता शोषण एवं उत्पीड़न का साक्षी है।