Bihar Board Class 7 Social Science Solutions Geography Hamari Duniya Bhag 2 Chapter 1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक Text Book Questions and Answers, Notes.
BSEB Bihar Board Class 7 Social Science Geography Solutions Chapter 1 पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक
Bihar Board Class 7 Social Science पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक Text Book Questions and Answers
पाठगत प्रश्नोत्तर
I. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1.
पृथ्वी की तीनों परतों के नाम लिखिए ।
उत्तर-
पृथ्वी की तोनों परतों के नाम निम्नलिखित हैं :
- भूपर्पटी (Sial)
- मेंटल (Sima) तथा
- क्रोड (Nife)
प्रश्न 2.
पृथ्वी की कौन-सी परत पिघली अवस्था में रहती है ? और क्यों ?
उत्तर-
पृथ्वी की सबसे निचली परत पिघली अवस्था में रहती है । इसकी पिघली अवस्था में रहने का कारण है कि यहाँ अत्यधिक ताप रहता है । अत्यधिक ताप के कारण इस भाग में पाई जाने वाली वस्तुएँ (निकेल तथा लोहा) पिघल जाती हैं और तरल अवस्था में बहती रहती है ।
प्रश्न 3.
पृथ्वी की सबसे निचली परत में कौन-से तत्व अधिकता में पाये जाते हैं ?
उत्तर-
पृथ्वी की सबसे निचली परत में निम्नलिखित तत्व अधिकता में पाये जाते हैं:
- निकेल (Ni) तथा
- लोहा (Fe)
लेकिन ये तत्व वहाँ ठोस अवस्था में नहीं, बल्कि तरल अवस्था में बहते रहते हैं । यह अवस्था पृथ्वी के अन्दर का ताप तथा भारी दाब के कारण हैं।
प्रश्न 4.
पाठ के आधार पर बताइए कि पृथ्वी को रत्नगर्भा क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
पृथ्वी का रत्नगर्भा इसलिए कहा जाता है कि इसके अन्दर सोना से लेकर कोयला तथा हीरा तक बहुमूल्य खनिज पाये जाते हैं । पृथ्वी के गर्भ में खनिज तेल (किरासन, पेट्रोल, रसोई गैस), चाँदी, ताँबा, जस्ता लोहा आदि जितने बहुमूल्य खनिज हैं सब “थ्वी के अन्दर से ही निकलते हैं । यहाँ तक कि हमारे पीने का पानी भी पृथ्वी में से या पर से ही मिलता है । इसी कारण पृथ्वी को रत्नगर्भा कहा जाता है ।
प्रश्न 5.
पृथ्वी की गहराई में जाने पर गर्मी क्यों महसूस होती है ?
उत्तर-
पृथ्वी की गहराई में जाने पर गर्मी इसलिये महसूस होती है क्योंकि वहाँ अत्यधिक दाब रहता है । जैसे-जैसे पृथ्वी की गहराई में जाते हैं, वैसे-वैसे दाब बढ़ता जाता है । इसी दाब के कारण ताप बढ़ता जाता है और हमें गर्मी महसूस होती है।
II. मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
- भू-पर्पटी – पदार्थ की गाढ़ी अवस्था
- सीमा – सिलिका और एल्यूमिनियम
- सियाल – खनिज पदार्थ
- निफे – सिलिका और मैग्नेशियम
उत्तर-
- भू-पर्पटी – सिलिका और एल्यूमिनियम
- सीमा – सिलिका और मैगनेशियम
- सियाल – खनिज पदार्थ
- निफे – पदार्थों की गाढ़ो अवस्था
III. क्रियाकलाप
प्रश्न 1.
अधिक-से-अधिक खनिज पदार्थों को इकट्ठा कीजिए तथा उनका नामकरण कर कक्षा में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर-
संकेत : यह परियोजना कार्य है । छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
कोलार कहाँ है ? भारत के नक्शे में ढूंढ़िये ।
उत्तर
IV. सही विकल्प पर सही (✓) का निशान लगाइए
प्रश्न 1.
निफे होता है :
(क) सिलिका
(ख) मैग्नेशियम
(ग) लोहा
(घ) सोना
उत्तर-
(ग) लोहा
प्रश्न 2.
भू-पर्पटी में ऊपरी हिस्सा कहलाता है :
(क) सियाल
(ख) सीमा
(ग) परत
(घ) मेंटल
उत्तर-
(क) सियाल
प्रश्न 3.
क्रोड हैं:
(क) पृथ्वी की उपरी परत
(ख) पृथ्वी की निचली परत
(ग) खनिज तेल
(घ) ठोस पदार्थ
उत्तर-
(ख) पृथ्वी की निचली परत
Bihar Board Class 7 Social Science पृथ्वी के अन्दर ताँक-झाँक Notes
पाठ का सार संक्षेप
पृथ्वी के अन्दर ताक-झांक का अर्थ है कि छात्र यह जान सके कि इसकी भीतरी बनावट क्या है और कहाँ क्या-क्या मिलता है ? हमारी य.. सोच कि पृथ्वी के अन्दर केवल मिट्टी है. सही नहीं है । पृथ्वी के अन्दर मिट्टी तो है हो, इसके अन्दर पानी भी है, जिसे हम पीने के अलावा अनेक काम में लाते हैं।
पृथ्वी के अन्दर अनेक प्रकार के बहुपयोगी और बहुमूल्य खनिज पाये जाते हैं । कोयला, हीरा, सोना, चाँदी, ताँबा, जस्ता, टीन, खनिज तेल आदि अनेक खनिज इसके उदाहरण हैं । पृथ्वी के अन्दर कहीं-कहीं पत्थरों के चट्टान भी पाये जाते हैं, जिस कारण वहाँ नल फँसाना कठिन होता है । रचना के अनुसार पृथ्वी के तीन भाग हैं। ऊपर में सियाल, बीच में मेंटल तथा सबसे नीचे क्रोड।
(i) सियाल-सियाल को भू-पर्पटी भी कहा जाता है ।भू-पर्पटी पर ही कृषि कार्य होता है और पेड़-पौधे उगते हैं। यही नहीं, पानी के अलावा सभी खनिज पदार्थ सियाल क्षेत्र में ही पाये जाते हैं
(ii) मेंटल-मेंटन पृथ्वी के बीर का भाग है । इसे सीमा (SIMA) भी कहा जाता है । इसी भाग से सिलिका (Si) और मैग्नेशियम (Ma) पाये जाते हैं, जो हमारे अनेक वैज्ञानिक उपयोग में आते हैं । ज्वालामुखी मेंटल से ही फूटा करते हैं । इस कारण हम कह सकते हैं कि पृथ्वी के अन्दर आग और पानी दोनों हैं।
(iii) क्रोड-क्रोड पृथ्वी के सबसे नीचे अवस्थित है । इस परत में निकेल . (Ni) और लोहा (Fe) पिघली अवस्था में इधर-से-उधर तैरते रहते हैं। भारी दबाव के कारण यहाँ ताप की इतनी अधिकता रहती है कि निकल और लोहा, जो कि प्रसिद्ध धातु हैं, पिघल कर तैरती अवस्था में पाये जाते हैं ।
निकेल का वैज्ञानिक सूत्र ‘Ni” है तथा लोहा का ‘Fe’: जिस कारण इसे निफे (NIFE) नाम भी दिया गया है। . पृथ्वी के अन्दर से इतने बहुमूल्य खनिजों, पानी और इसपर उपजने वाले फल-फूलों के कारण इसे ‘रत्नगर्भा’ भी कहा गया है। इस पृथ्वी पर ही हम जन्म लेते हैं और इसी में दफनाये या इसी पर जलाये जाते हैं. इस अर्थ में यह हमारी माँ के समान है । हम इसे धरती माता कहकर इसका नमन भी करते हैं । “नमस्कार हे धरती माता, तुमको बारम्बार माता, तुमको बारम्बर ।”