Bihar Board Class 8 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 3 Chapter 18 हौसले की उड़ान Text Book Questions and Answers, Summary.
BSEB Bihar Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 18 हौसले की उड़ान
Bihar Board Class 8 Hindi हौसले की उड़ान Text Book Questions and Answers
गतिविधि
प्रश्न 1.
आप अपने पास-पड़ोस में किसी ऐसी लड़की या औरत के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए जो रूढ़ियों के विरुद्ध आवाज बुलंद की हो।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
प्रश्न 2.
वैसी महिलाओं की सूची बनाइए जिन्होंने अपने कार्यों से समाज में – एक अलग मुकाम प्राप्त किया है।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
हौसले की उड़ान Summary in Hindi
सारांश – खुबसूरत और न्यायप्रिय व्यवस्था निर्माण में शिक्षा और संघर्ष में अहम् भूमिका निभाती है और यह भूमिका यदि बेटियाँ निर्वहण करें तो समाज या देश में अवश्य बदलाव आते हैं। ऐसे ही समाज में बदलाव लाने वाली कुछ बेटियाँ बिहार में हुई हैं जो अपने-अपने ढंग से बिहार को आगे बढ़ाने का काम किया है।
गुड़िया – गुड़िया नोरव प्रखण्ड रोहतास जिला की रहने वाली है। मोअसीन इदरीसी की बेटी मुस्लिम सम्प्रदाय की बंदिशों की चिंता नहीं कर, माता-पिता को ही घर में बंद कर उत्प्रेरण केन्द्र नोखा पहुंची। बाद में उत्प्रेरण केन्द्र के बंद होने पर गाँव के ही स्कूल में अपना नामांकन करवा ली। वह पढ़-लिखकर अध्यापिका बनना चाहती है जिससे वह पढ़ने की ललक रखनेवाली छात्राओं को पढ़ा सके।
सोनी – कैमूर जिला, चेनारी प्रखंड के मथही गाँव के विष्णुशंकर तिवारी की पुत्री सोनी कैमूर जिला, एथलेटिक्स प्रतियोगिता 400 मीटर एवं 1600 मीटर की दौड़ में प्रथम स्थान पाई, बाद में राज्य स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता जमालपुर में जाकर राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया पुनः राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में चौथा स्थान प्राप्त किया। उसे विश्वास है कि देश स्तर पर वह प्रतिनिधित्व करेगी।
कदम – मुंगेर जिला, बख्तियारपुर प्रखंड के गणेशपुर मुशहरी की रहनेवाली “कदम” नरेगा में बच्चों से काम लेने वाले ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा लेकर बच्चों से काम लेना बंद करवाई। कदम पढ़-लिखकर डॉक्टर बनना चाहती है।
जैनब खानम – मथुरापुर, कहतरवा पंचायत, जिला-शिवहर निवासी 94 वर्षीय मो० अब्दुल रहेमान की पोती जैनब खानम की पढ़ाई तीसरे वर्ग के बाद छुड़ा दी गई । क्योंकि मुस्लिर सम्प्रदाय में पर्दा-प्रथा जो है । जैनब पढ़ने की बात जब भी अपने माता-पिता से करती थी तो उसके पिता मो० मंसर खान एवं माता फूल बीबी पिटती भी थी। मार खाने के बाद भी वह स्कूल जाती रही। आज वह बी० ए० की छात्रा है तथा लड़कियों के आत्मरक्षार्थ कराटे का प्रशिक्षण दे रही है।
इस प्रकार बिहार में अनेक बेटियाँ हुई हैं जो अपनी दृढ़ इच्छा से बिहार – ही नहीं देश की गौरव को बढ़ाई है।