Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य

Bihar Board Class 9 Hindi Book Solutions Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य Questions and Answers, Notes.

BSEB Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य

Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य Questions and Answers

क्रिया के जिस रूपांतर से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए गए। विधान का प्रधान विषय कर्ता है, कर्म है अथवा भाव है, उसे ‘वाच्य’ कहते हैं। वाच्य के भेद
वाच्य के तीन भेद हैं.
(1) कर्तृवाच्य, (2) कर्मवाच्य, (3) भाववाच्य।

Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य

1. कर्तृवाच्य-वाक्य में जहाँ कर्ता प्रधान हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार हो, उसे ‘कर्तृवाच्य’ कहते हैं। जैसे
लड़का दौड़ता है। लड़के दौड़ते हैं।

इन वाक्यों में कर्ता के बारे में कुछ बताया गया है। अत: ये वाम्य कर्तृवाच्य के हैं। कर्तृवाच्य की क्रिया सकर्मक और अकर्मक दोनों हो सकती हैं। जैसे-
अशोक पत्र लिखता है। (सकर्मक कर्तृवाच्य)
अशोक हँसता है। (अकर्मक कर्तृवाच्य)

2. कर्मवाच्य-जिस वाक्य में क्रिया कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के लिंग . और वचन के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। जैसे
हम से सुन्दर चित्र देखे गए। मोहन से गीत गाया नहीं जाता है।
कर्मवाच्य के वाक्यों में वाक्य का कर्ता कर्म ही होता है। वाक्य में या तो कर्त्ता का कथन होता ही नहीं,यदि होता भी है तो महत्व नहीं दिया जाता है।
कर्मवाच्य का प्रयोग अनेक रूपों में किया जाता है-

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1. जब क्रिया का कर्ता अज्ञात हो। जैसे-
काम किया गया होगा।
गाना गाया गया होगा।
2. जब कर्ता को प्रकट करने की कोई आवश्यकता न हो। जैसे
कवि-सम्मेलन में कविता पढ़ी जाएगी।
दीपावली की छुट्टी की जाएगी।
3. जब वाक्य की भाषा कानूनी हो। जैसे
ग्रीष्मावकाश घोषित किया जाएगा।
4. जब अधिकार या गर्व या दर्प प्रकट करना हो। जैसे
इस गम्भीर मामले की पूरी छानबीन की जाए।

3. भाववाच्य-जिस वाक्य में क्रिया न तो कर्ता के अनुसार हो और न कर्म के अनुसार, उसे ‘भाववाच्य’ कहते हैं। इसमें क्रिया सदा एकवचन, पुल्लिंग और अन्य पुरुष में रहती है। जैसे-
तुमसे आगे बढ़ा क्यों नहीं जाता ? मुझसे बैठा नहीं जाता।

कुछ अन्य उदाहरण-

(क) अब मुझसे चला नहीं जाता।
(ख) सीता से वन में चला नहीं जाता।
(ग) लड़कियों से खेला नहीं जाता।

Bihar Board Class 9 Hindi व्याकरण वाच्य

उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि

  1. भाववाच्य में प्राय: अशक्तता प्रकट करने के लिए ही क्रिया प्रयुक्त होती है।
  2. क्रिया में एक से अधिक पद होते हैं।
  3. मुख्य क्रिया अकर्मक होती है। इस प्रकार का प्रयोग ‘भावे प्रयोग’ कहलाता है।

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